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ड्रोन तकनीक का उपयोग समाज के व्यापक हित में हो - प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल द्वारा ड्रोन व ड्रोन संचालन विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का प्रमुख उद्देश्य ड्रोन टेक्नोलॉजी के बारे में सभी से जानकारी साझा करना, ड्रोन के विभिन्न उपयोग एवं संचालन के विषय में जागरूकता बढ़ाना तथा ड्रोन संबंधित सरकार के नियम व योजनाओं की जानकारी प्रदान करना था। सभी ने इस नवीन विषय को उत्सुकता के साथ सुना व अपनी जिज्ञासाओं का समाधान विषय विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त किया। कार्यशाला का मुख्य आकर्षण का केंद्र ड्रोन का मॉडल तैयार करना था। इस प्रायोगिक कार्य में सभी ने भाग लिया व अपने हाथों से ड्रोन मॉडल बनाया तथा उसको रिमोट की सहायता से उड़ाया । विषय विशेषज्ञ श्री यशराज ने बहुत ही रोचक पद्धति से विषय की जटिलता को आसान बनाया व सभी को सरलता के साथ समझाया। संस्थान के निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने इस क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार में सक्रिय भागीदारी के लिए सभी को प्रेरित किया। उन्होंने विभिन्न संस्थानों की विशेषज्ञता वाले ड्रोन क्लब बनाने पर जोर दिया है। आगे उन्होंने बताया कि कृषि, ड्रोन आधारित परिसर निगरानी और किसानों के लिए एमएसपी क

नई पीढ़ियों के लिए तार्किक और भावनात्मक निर्णय लेने के बीच संतुलन आवश्यक

पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान में वारविक विश्वविद्यालय,लंदन (यूके) की पूर्व छात्रा का विशिष्ट व्याख्यान उज्जैन । आईआईसी प्रकोष्ठ, पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान, विक्रम  विश्वविद्यालय, उज्जैन ने छात्रों के लिए नई उभरती अर्थव्यवस्था में निर्णय लेते समय तर्क और भावनाओं को संतुलित करने के सामयिक मुद्दे पर एक सत्र की मेजबानी की। युवा पीढ़ी से जुड़े विभिन्न मनोविज्ञान आधारित निर्णय लेने और करिअर के मुद्दों पर भी चर्चा की गई। सुश्री वसुंधरा जैन सत्र वक्ता और उभरती लेखिका का संस्थान संकाय सदस्य, डॉ नयनतारा डामोर एवं डॉ सन्ध्या सक्सेना ने भारतीय परंपरानुरूप स्वागत किया और डॉ धर्मेंद्र मेहता, निदेशक ने लेखक के बारे में परिचय दिया।  सुश्री वसुंधरा जैन युवा लेखक वारविक विश्वविद्यालय,लंदन (यूके) मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल अजमेर, सेंट मैरी उज्जैन की प्रतिभाशाली छात्रा हैं। वसुंधरा की हाल ही में रिलीज़ हुई किताब "द लॉजिकल रोमांटिक: रैशनल टूल्स फॉर ग्रेट रिलेशनशिप" में ऐसे टूल हैं जिनका उपयोग युवा स्वयं को समझने और रोजमर्रा की स्थितियों में बेहतर निर्णय लेने के ल

राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं प्रो शर्मा का सारस्वत सम्मान 20 अक्टूबर को

पुस्तक तथा संचेतना समाचार पत्र का विमोचन उज्जैन में                राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं हिंदी परिवार इंदौर की इकाई उज्जैन द्वारा दिनांक 20 अक्टूबर, गुरुवार सायं 4:00 बजे प्रेस क्लब, कालिदास अकादमी के सामने सारस्वत सम्मान समारोह, राष्ट्रीय संगोष्ठी एवं विमोचन कार्यक्रम आयोजित होगा। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव एवं कार्यक्रम प्रभारी डॉ  प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय संरक्षक डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा कला संकायाध्यक्ष, हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के साहित्य, संस्कृति एवं क्षेत्र में बहुआयामी अवदान के लिए उनका सारस्वत अभिनन्दन करते हुए राष्ट्र गौरव सम्मानोपाधि अर्पित की जाएगी। इस समारोह में राष्ट्रीय सचिव एवं पूर्व कार्यालय प्रभारी अभिभाषक श्रीमती प्रभा बैरागी का अभिनंदन भी किया जायेगा। इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार कवि झाबुआ के श्री यशवंत भंडारी, राष्ट्रीय संयोजक की नव प्रकाशित पुस्तक क्षणिकाएं और हाइकु संग्रह समंदर में मोती एवं संचेतना समाचार पत्र के विशेषांक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया जाएगा। साथ ही र

संस्कृत भाषा जैसी वैज्ञानिक भाषा में भविष्य में रोजगार की अनेक संभावनाए निहित - प्रो. रमेशचन्द्र पंडा

विक्रम विश्वविद्यालय में विशष्ट व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न उज्जैन। संस्कृत, ज्योतिर्विज्ञान एवं वेद अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. डी.डी. बेदिया ने की तथा अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि, इस प्रकार की व्याख्यानमाला का निरतंर आयोजन किया जावेगा जिससे की समस्त विषयों के विद्यार्थी लाभानवित हो सकें। मुख्य वक्ता महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति जी प्रो. रमेशचन्द्र पंडा ने कहा कि, संस्कृत भाषा जैसी वैज्ञानिक भाषा में भविष्य में रोजगार की अनेक संभावनाए निहित है । संस्कृत भाषा को लेकर यूपीएससी, शैक्षणिक संस्थाओं और निजी संस्थानों में रोजगार के पर्याप्त अवसर है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गोपालकृष्ण शुक्ल ने किया और आभार डॉ. सर्वेश्वर शर्मा ने माना। इस अवसर पर अध्ययनशाला के डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ. विष्णुप्रसाद मीना एवं डॉ. महेन्द्र पण्डया तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।

मधुमेह में लाभकारी जौ के आटे की रोटी और गिलोय के पत्तों की सब्जी

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि आयुर्वेद चिकित्सा परिषद, नई दिल्ली के आदेशानुसार सप्तम राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस के अंतर्गत महाविद्यालय में छात्र-छात्राओं हेतु तीन दिवसीय रंगोली, पेंटिंग, कविता, कहानी, आयुर्वेदीय व्यंजन शैफ प्रतियोगिता दिनांक 12, 13 एवं 14 अक्टूबर - 2022 को सम्पन्न हुई।  इन प्रतियोगिताओं में रंगोली प्रतियोगिता के अंतर्गत विभिन्न स्वास्थ्य के लिये लाभकारी अन्न जैसे जौ, मूंग, लाल रंग के चावल (शालि चावल) आदि से अत्यंत सुंदर रंगोली छात्रा पल्लवी किरार के द्वारा बनाई गई जिसका शीर्षक उत्तम पोषण- देश रौशन रखा गया जिसे प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रदाय किया गया।  इसी प्रकार आयुर्वेदीय व्यंजन शैफ प्रतियोगिता के अंतर्गत मधुमेह रोग में किस प्रकार की भोजन की थाली होनी चाहिए ऐसी थाली छात्रा विदुषी पुरोहित के द्वारा निर्मित की गई जिसे प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। उक्त थाली में जौ के आटे की रोटी, आंवले का अचार, गिलोय के पत्तों की भाजी तथा खड़ी या साबुत मूंग से निर्मित दाल तथा अदरक, लहसुन, आंवले, सेंधा नमक, जी

बायोटेक्नोलॉजी में बी एससी में प्रवेश लेने के लिए लगी विद्यार्थियों की भीड़

उपलब्ध संसाधनों के आधार पर सीटें बढ़ाने पर किया जाएगा विचार विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित बी. एससी. (ऑनर्स) बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने हेतु छात्रों की रुचि में भारी वृद्धि हुई है। 200 से अधिक छात्रों ने इस पाठ्यक्रम में प्रवेश हेतु आवेदन किया है। सी. यू. ई. टी. परिणाम आने के पश्चात् इस पाठ्यक्रम में प्रवेश लेने के लिए छात्रों का रुझान अधिक होने के कारण समस्त सीटें भर गई हैं। प्रवेश हेतु निरन्तर दबाव आने के कारण निर्धारित सीट में वृद्धि हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन से संपर्क साधा जा रहा है। गौरतलब है, कि इस पाठ्यक्रम के व्यापक बहुउद्देशीय, रोजगारपरक होने के कारण विद्यार्थियों का रुझान इस ओर अधिक है। प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों को नियमानुसर प्रवेश दिए जाने हेतु, निर्धारित सीट संख्या में वृद्धि के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन से निवेदन किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि बी. एससी. बायोटेक्नोलॉजी के छात्रों ने गत एक वर्ष के समय में कई महत्वपूर्ण उत्पाद बन

हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई शुरू करने वाला पहला राज्य बना मध्य प्रदेश

भोपाल में आयोजित ऐतिहासिक कार्यक्रम का विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ जीवंत प्रसारण माननीय केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी द्वारा हिंदी भाषा में मेडिकल के पाठ्यक्रम का शुभारंभ भोपाल में 16 अक्टूबर को किया गया। उन्होंने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में हिंदी में एमबीबीएस की तीन पुस्तकों एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायोकेमिस्ट्री का विमोचन किया। इस कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों के मध्य किया गया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से मातृभाषा को विशेष महत्व मिल रहा है। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने नई शिक्षा नीति के माध्यम से मेडिकल एवं टेक्नीकल शिक्षा को हिंदी एवं मातृभाषाओं के माध्यम से दिए जाने की संकल्पना की, जिसे मध्यप्रदेश शासन ने मेडिकल विषय की किताबों को हिंदी में लाकर महत्वपूर्ण कार्य किया है। सबसे पहले मेडिकल की शिक्षा हिन्दी में प्रारम्भ करके मुख्यमंत्री श्री शिवराजसिंह चौहान जी ने श्री मोदी जी की इच्छा

नैक पीयर टीम द्वारा निरीक्षण के दौरान महत्त्वपूर्ण सहयोग के लिए सभी सुधीजनों के प्रति कुलपति प्रो पांडेय एवं कुलसचिव डॉ पुराणिक ने हार्दिक आभार व्यक्त किया

नैक द्वारा निरीक्षण के अवसर पर अविस्मरणीय मार्गदर्शन और सहयोग करने वाले सभी सुधीजनों के प्रति आभार ज्ञापित किया कुलपति एवं कुलसचिव ने उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में पांच सदस्यीय नैक पीयर टीम द्वारा मूल्यांकन एवं प्रत्यायन के लिए दिनांक 13 से 15 अक्टूबर तक किए गए तीन दिवसीय निरीक्षण का समापन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय और कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने सभी प्रबुद्धजनों और सुधीजनों के प्रति उनके महत्त्वपूर्ण मार्गदर्शन एवं सहयोग के लिए हार्दिक आभार ज्ञापित किया। उन्होंने अविस्मरणीय मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रदेश के माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, माननीय पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ सत्यनारायण जटिया, माननीय संसद सदस्य श्री अनिल फिरोजिया, माननीय विधायक श्री पारस चंद्र जैन एवं सभी जनप्रतिनिधियों के प्रति आभार व्यक्त किया। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद के सम्मान्य सदस्य सर्वश्री राजेश सिंह कुशवाह, श्री सचिन दवे, श्री विनोद यादव, श्री संजय नाहर, श्रीमती ममता बैण्डवाल, श्रीमती कुसुमलता निंगवाल

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ हिंदी विमर्श का आयोजन

हिन्दी में ज्ञान के प्रकाश पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न उज्जैन। माननीय गृह एवं सहकारिता मंत्री, भारत सरकार द्वारा हिंदी भाषा में मेडिकल के पाठ्यक्रम का शुभारंभ भोपाल, मध्यप्रदेश से 16 अक्टूबर को किया जा रहा है। इस कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में एक दिवस पूर्व 15 अक्टूबर को विक्रम विश्वविद्यालय में हिंदी विमर्श का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय की हिंदी अध्ययनशाला एवं पत्रकारिता और जनसंचार अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक थे। कार्यक्रम में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ अजय शर्मा, डॉ अमृता शुक्ला आदि ने विषय के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि मातृभाषा के माध्यम से शिक्षा देने से बच्चों का मस्तिष्क विकसित होता है। इसका संबंध हमारे मनोविज्ञान से है। मेडिकल, इंजीनियरिंग आदि सभी क्षेत्रों की पढ़ाई हिंदी माध्यम से हो, इस दिशा में भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा कि

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