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अधिकारियों का मूल दायित्व जनसेवा एवं राज्य के विकास में योगदान देना है - ए. पी. सिंह, प्रमुख सचिव, विधानसभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । आज नरोन्हा् प्रशासन अकादमी के माध्यम से मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित राज्य सेवा के वर्ष 2019-20 के 120 प्रशिक्षु-अधिकारियों के बैच को श्री ए. पी. सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा विधान सभा के मानसरोवर सभागार में संबोधित कर उक्त उद्गार व्यक्त किये गये।  प्रमुख सचिव श्री सिंह द्वारा शासन के विभागों की सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों को विधि-निर्माण, बजट, प्रश्न आदि विधान सभा की प्रक्रिया के संबंध में जानकारी देने के साथ उल्लेख किया गया कि, शासकीय सेवा के लिए चयनित युवा अधिकारियों का मूल दायित्व अपने अधिकारों का उपयोग जनसेवा के लिए एवं राज्य के विकास के लिए करना है। विधान सभा, प्रदेश की जनता द्वारा निर्वाचित विधायी संस्था है। इसी के माध्यम से कार्यपालिका को शासन व्यवस्था संचालित करने हेतु विधान एवं बजट उपलब्ध कराया जाता है। विधायिका के प्रतिनिधि ही शासन की नीतियों एवं निर्णयों का विश्लेषण कर कार्यपालिका पर नियंत्रण रखते हैं। इसलिए विधायिका को तत्परता से जानकारी देना एवं उसके जन-प्रतिनिधि सदस्यों की गरि

सेल्फ मोटिवेटेड, सेल्फ ड्रिवन और हैप्पी टीचर्स ही शिक्षा के क्षेत्र में परिवर्तन ला सकते हैं - प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी विशिष्ट श्रेणी का दर्जा मिलने के बाद निटर भोपाल पीएचडी एवं पोस्ट ग्रेजुएट प्रोग्राम वर्तमान सत्र से ऑफर कर रहा है। इन सभी प्रोग्राम की टीचिंग लर्निंग प्रोसेस, लर्निंग बाय डूइंग, लर्निंग बाय रिसर्च, प्रोजेक्ट एवं प्रॉब्लम बेस्ड लर्निंग पर आधारित होगी।  आज टीचर्स को सम्बोधित करते हुए निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने कहा कि हमारा उद्देश्य है कि हमारे यहाँ से निकलने वाला स्टूडेंट्स अपने नॉलेज के आधार पर जाना जाये न की डिग्री के आधार पर। स्टूडेंट्स की अपेक्षाओं पर खरा उतरना एक अच्छे शिक्षक की निशानी है। आज समाज में सेल्फ मोटिवेटेड, सेल्फड्रिवेन और हैप्पी टीचर्स की आवश्यकता है जो समाज में एक बड़ा परिवर्तन ला सकें। टीचर्स को अपने कार्य एवं विषय के साथ जस्टिस करना चाहिए। उनको नए-नए प्रयोग एवं इनिशिएटिव लेना चाहिए। राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने हमें अपार अवसर प्रदान किये हैं। रिसर्च वह हो जो डिग्री तक सीमित न रहकर उपयोगी हो। टीचर्स कागजी कार्यवाही की जगह स्टूडेंट्स की लर्निंग पर फोकस करें। एजुकेशन की फील्ड में नित नए नवाचार हो रहे हैं। हमें लीक से हट

केन्द्रीय बजट के माध्यम से आम जनता के हितों की आपूर्ति संभव है

उज्जैन। अर्थशास्त्र अध्ययनशाला में आयोजित बजट परिचर्चा में विभिन्न क्षेत्रों के आमंत्रित अतिथि वक्ताओं ने बजट के संदर्भ में अपने-अपने विचार व्यक्त किये। बजट परिचर्चा को संबोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरू प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा कि बजट का संबंध सभी वर्ग के व्यक्तियों तथा विद्यार्थियों से होता है। इसलिए इस प्रकार की परिचर्चा सभी वर्ग के लिए लाभकारी होती है।  बजट परिचर्चा को संबोधित करते हुए बैंक ऑफ इण्डिया के प्रबन्धक श्री मुकेश कुमार जी ने बताया कि प्रस्तुत बजट बैंकिंग सेक्टर के लिए बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।  इसी क्रम में यूको बैंक के प्रबन्धक श्री घनश्याम दास बैरागी ने उन सभी योजनाओं को प्रस्तुत किया जो विद्यार्थी वर्ग के लिए अत्यन्त लाभकारी हो सकती हैं।  बजट परिचर्चा के तहत प्रो राजकुमार नीमा ने बजट के माध्यम से यह बतलाने का प्रयास कि बजट के तहत् आय तथा रोजगार में वृद्धि संभव हो सकती है। जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र के महाप्रबन्धक श्री अतुल वाजपेयी ने बताया कि प्रस्तुत बजट एमएसएमई सेक्टर को एक नई उंचाई प्रदान कर सकता है।  बजट परिचर्चा के माध्यम

भारतीय संस्कृति का हमारे वर्षों के असंख्य कष्ट और संघर्षों को सहते हुए आज तक जीवित रहना इसके आधार तत्वों की शाश्वतता एवं वैज्ञानिकता का प्रमाण है - कुलगुरू प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा समाजशास्त्र विषय के विविध संदर्भ विषय पर व्याख्यान         उज्जैन। हाल ही के समय में विभिन्न विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा पर विभिन्न संगोष्ठी एवं व्याख्यान के आयोजन किए जा रहे हैं। इसी शृंखला में डॉ वी आर अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय, महू द्वारा भारतीय ज्ञान परंपरा : समाजशास्त्र विषय के विविध संदर्भ विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 24 एवं 25 जुलाई 2024 को किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने प्रमुख वक्ता के रूप में अपना व्याख्यान दिया। अपने वक्तव्य में माननीय कुलगुरु जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति का हमारे वर्षों के असंख्य कष्ट और संघर्षो को सहते हुए आज तक जीवित रहना इसके आधार तत्वों की शाश्वतता एवं वैज्ञानिकता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि भारतीय ऋषि मुनि मूल स्वरूप से चिंतक थे। उन्होंने मानव जीवन और सृष्टि के हर पहलू, रीति- रिवाज़ के सहारे सत्य को समाज के सामने उद्घाटित किया हैं। हमारी सं

राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत शासकीय माध्यमिक विद्यालय ग्राम सोड़ंग योग, वृक्षारोपण एवं छात्र-छात्राओं को स्वस्थ रहने के उपाये बताये

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालयीन महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि भारत सरकार आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम का शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन को नोडल केन्द्र बनाया गया है।  जिसमें राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उज्जैन ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र एवं उज्जैन के अधीनस्थ क्षेत्रों में विगत 4 माह से महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम का निरंतर संचालन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत आज दिनांक 25.07.2024 को आयुर्विद्या (प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य की दृष्टि से दिनचर्या की गतिविधियों से अवगत कराते हुये उनको योगाभ्यास सिखाया गया। साथ ही घरेलू आयुर्वेदिक औषधियों के पौधों का वृक्षारोपण कराया गया तथा औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में शिक्षकों को ट्रेनिंग दी गई और वहा के छात्र-छात्राओं को त्राओं को औषधीय पौधों के उपयोग के बारे में बताया गया।  उक्त कार्यक्रम में शासकीय माध्यमिक विद्यालय सोडंग के प्राचार्य श्री प्रेमनारायण परमार ने राष

मां द्वारा घर में लगाए पेड़ से जन्में पौधों का माँ की ही स्मृति में रोपण

भोपाल। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, भोपाल के प्रो. संजय अग्रवाल एवं श्रीमती रचना गुप्ता ने अपनी माता जी स्व. सरोज अग्रवाल द्वारा घर में लगाये गए एक आम के वृक्ष से जन्में 5 पौधों को संस्थान परिसर में रोपित किया। स्व. सरोज अग्रवाल पर्यावरण के प्रति काफी सजग थीं और उन्होंने अपने घर पर विभिन्न पेड़-पौधे लगाए थे।  स्वर्गीय श्रीमती सरोज अग्रवाल इस अवसर पर संस्थान निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा कि, आज का कार्यक्रम अपनी माँ के प्रति व्यक्ति की सच्ची श्रद्धांजलि और सम्मान है। "एक पेड़ माँ के नाम" एक बहुत ही अर्थपूर्ण और संवेदनशील अभियान है। हम सभी नियमित रूप से इन रोपित पौधों के विकास की निगरानी की जिम्मेदारी भी निभाएं।  श्रीमती वंदना त्रिपाठी ने कहा कि परिवार के लिए ये एक भावनात्मक क्षण है जब माँ के हाथों से लगाये गए वृक्ष से तैयार पौधे को माँ की ही याद में परिवार द्वारा लगाये जा रहे है। इस अवसर पर प्रो. संजय अग्रवाल के परिवार सदस्य उपस्थित थे।

पठन- पाठन, शोध एवं अनुसंधान शैक्षणिक संस्थानों की नींव अतः इनका पोषण संस्थानों की प्राथमिकता होना चाहिए- कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय में शीघ्र ही प्रारंभ होंगे डेयरी तकनीकी एवं वैल्यू एडिशन से संबंधित पाठ्यक्रम उज्जैन। पिछले कुछ समय में विक्रम विश्वविद्यालय में कई शासकीय और गैर शासकीय संस्थानों के सहयोग से कई नवीन पाठ्यक्रम प्रारंभ किए गए हैं। इसी शृंखला में अब डेयरी तकनीकी और वैल्यू एडिशन से संबंधित और भी पाठ्यक्रम खोले जाने हैं। इसी उद्देश्य से बुधवार दिनांक 24 जुलाई 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने पशुपालन महाविद्यालय, महू के प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष डॉक्टर नरेन्द्र नायक एवं नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय के संचालक डॉ आर के बघेलवाल के साथ चर्चा की। चर्चा के उपरांत माननीय कुलगुरु जी ने बताया कि इस चर्चा का मूल उद्देश्य विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी तकनिकी एवं वैल्यू एडिशन के पाठ्यक्रम शुरू करने हेतु प्रयोगशाला एवं अन्य की जानकारी प्राप्त करने का था, उन्होंने कहा कि पठन- पाठन, शोध एवं अनुसंधान शैक्षणिक संस्थानों की नींव है अतः इनका पोषण संस्थानों की प्राथमिकता होना चाहिए। अपनी बात को बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि पशुपालन महाविद्यालय

जलचर, नभचर, थलचर तीनों प्रकार के जीवों के लिए महत्वपूर्ण होता है पौधा - प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा

एक पौधा अपनी मां के नाम के अंतर्गत हुआ विक्रम विश्वविद्यालय में पौधरोपण उज्जैन। देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मध्य प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में महत्वपूर्ण अभियान चलाया जा रहा है। एक पौधा अपनी मां के नाम लगाकर प्रकृति की रक्षा करें।  जिला विधिक प्राधिकरण एवं महिला विकास एवं सर्वधर्म कल्याण समिति के द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के छात्रावास परिसर में एक पौधा अपनी मां के नाम के अभियान के तहत वृक्षारोपण किया गया। कार्यक्रम के  मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा थे।  पौधरोपण कार्यक्रम में छात्रावास परिसर में डॉक्टर शैलेंद्र कुमार शर्मा एवं उपस्थित लोगों द्वारा पौधे लगाए गए। प्रो शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा कि हम जो पौधा लगा रहे हैं बड़ा होने तक उनकी देखरेख करना अनिवार्य है। कोई भी पौधा जलचर, नभचर, थलचर तीनों प्रकार के जीवों की रक्षा करता है। इस कारण सभी को एक पौधा अपनी मां के नाम लगाकर प्रकृति की रक्षा करें और पर्यावरण को बचाएं। भारत माता जब प्रसन्न और प्रमुदित होती हैं पक्षियों की गूंज सुनाई देती

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