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विक्रम विश्वविद्यालय में कलिदास प्रसंग पर विशेष व्याख्यान का आयोजन

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संस्कृत वेद एवं ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला में 22 अक्टूबर 2024 को प्रातः 11:30 बजे कालिदास प्रसंग  पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलगुरु विक्रम विश्वविद्यालय। कार्यक्रम में प्रमुख अतिथि के रूप में प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा उपस्थित रहेंगे, जबकि मुख्य वक्ता के रूप में महामहोपाध्याय डॉ. गोविंद गन्धे, निदेशक कालिदास संस्कृत अकादमी, अपने विचार साझा करेंगे। विशेष अतिथि के रूप में प्रो. अंजना पांडे, विभागाध्यक्ष अंग्रेजी अध्ययनशाला, उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम का संयोजन प्रो. बी के आंजना, विभागाध्यक्ष संस्कृत वेद एवं ज्योतिर्विज्ञान अध्ययनशाला द्वारा किया जा रहा है। इस व्याख्यान में भाग लेने के लिए सभी विद्यार्थियों और विद्वानों को सादर आमंत्रित किया गया है।  यह कार्यक्रम कालिदास की अद्वितीय कृतियों और उनके योगदान पर प्रकाश डालने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा। सभी से अनुरोध है कि समय पर उपस्थित होकर इस ज्ञानवर्धक कार्यक्रम का हिस्सा बनें।

विक्रम विश्वविद्यालय में विद्यार्थी हित में पूर्ण स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना का प्रयास किया जाएगा - सभापति श्रीमती कलावती यादव

छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर का आयोजन हुआ उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योतमा छात्रावास में छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर के साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ का व्याख्यान का आयोजन किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय के आधारशिला दिवस के अवसर पर विद्योतमा एवं रमाबाई अम्बेडकर छात्रावास की छात्राओं के लिए छात्राओं के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण एवं उपचार शिविर के साथ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मीनू निगम का विशेष व्याख्यान कराया गया। डॉक्टर निगम ने छात्राओं से चर्चा करते हुए उन्हें स्त्री रोग एवं उसके कारण के बारे में जानकारी दी। डॉक्टर निगम ने छात्राओं को पर्सनल हाइजीन के महत्व और उसे रखने के तरीकों के बारे में बताया। डॉक्टर निगम ने छात्राओं से कहा कि पढ़ाई में पूर्णतः ध्यान देने के लिए ये आवश्यक है कि वे अपना पर्सनल हाइजीन बनाए रखें तभी वे स्वस्थ रह पाएँगी। विद्योतमा छात्रावास की वार्डन प्रोफेसर अंजलि श्रीवास्तव एवं विद्यार्थी संकाय विभाग के संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर एस के मिश्रा ने बताया कि सोमवार दिनांक 21 अक्टूबर को विद्योतमा और रमाबाई

युवा उत्सव 2024: वाणिज्य अध्ययन शाला में आयोजित हुई विविध प्रतियोगिताएँ

  अपनी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए एक बेहतरीन अवसर - डॉ. भारल  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की वाणिज्य अध्ययन शाला में युवा उत्सव 2024 के अंतर्गत अनेक प्रतियोगिताओं का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र कुमार भारल ने की, जिन्होंने युवा उत्सव के महत्व को बताते हुए कहा कि, इसमें सहभागिता कर अकादमिक के साथ-साथ अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभाओं को आगे बढ़ा सकते है। विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए यह एक बेहतरीन अवसर बताया और सभी को शुभकामनाएं दीं। डॉ. भारल ने विद्यार्थियों को प्रेरित करते हुए कहा कि इस प्रकार के उत्सव न केवल उनकी रचनात्मकता को उजागर करते हैं, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास और नेतृत्व कौशल भी प्रदान करते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों से अनुरोध किया कि वे इन अवसरों का सदुपयोग करें और अपने करियर में आगे बढ़ें। युवा उत्सव प्रभारी डॉ. अनुभा गुप्ता ने जानकारी दी कि विभिन्न विधाओं में प्रतियोगिताएँ आयोजित की गई हैं, जिनमें से चयनित विद्यार्थी अंतर विभागीय स्तर पर अपने विभाग का प्रतिनिधित्व करेंगे। प्रतियोगिताओं के परिणाम इस प

भारत फिर से नयी ज्योति प्रज्वलित करेगा इस सदी में – प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा

इक्कीसवीं सदी की चुनौतियां : हिंदी भाषा और साहित्य पर अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न  राष्ट्रीय शिक्षा संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं संस्थाध्यक्ष डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा के जन्म दिवस के अवसर पर सम्पन्न इस संगोष्ठी का विषय इक्कीसवीं सदी की चुनौतियां और हिंदी भाषा और साहित्य था। संगोष्ठी में कई राज्यों के विद्वानों ने भाग लिया।  अपना व्याख्यान देते हुए प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि इक्कीसवीं सदी में मानवीय सभ्यता के सामने अनेक चुनौतियां हैं। स्वाभिमान, ज्ञान, नीति, तप जैसे जीवन मूल्य ऐसा लगता है धीरे-धीरे गुफा में चले जा रहे हैं। भारत को इन्हें बचाकर बाहर लाना होगा। साहित्य, शिक्षा और संस्कृति का दायित्व है कि नैतिकता, सत्य और धर्म को जीवन्त रखें। मानवता, प्रेम और भाईचारे अंधी गुफा से बाहर निकाल कर फिर से नई दुनिया को रचना है। भौतिकता, युद्ध और आतंक के बीच भारत वर्तमान सदी में फिर से नयी ज्योति प्रज्वलित करेगा । वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेश चंद शुक्ल शरद आलोक ऑस्लो, नार्वे ने कहा कि हमें अपने अपने हिस

विक्रम विश्वविद्यालय विश्व स्तर पर जाना जाए, इसके लिए समग्र प्रयास आवश्यक – मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव

कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तदनुसार 20 अक्टूबर 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस मनाया गया    विक्रम विश्वविद्यालय की स्थापना के 68 वर्ष पूर्ण होने पर सम्राट विक्रमादित्य के मूर्ति शिल्प पर अर्पित की गई पुष्पांजलि    उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का आधारशिला दिवस कार्तिक कृष्ण चतुर्थी तदनुसार 20 अक्टूबर 2024, रविवार को मनाया गया।  आधारशिला दिवस के शुभ अवसर पर प्रातः विक्रमादित्य मूर्ति शिल्प पर पुष्पांजलि एवं जलाभिषेक तथा कार्यपरिषद् कक्ष में स्थित सम्राट विक्रमादित्य एवं नवरत्नों के चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई।  शलाका दीर्घा सभागार में विश्वविद्यालय के शलाका पुरुषों के छाया चित्रों पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। विक्रम विश्वविद्यालय के स्वर्ण जंयती सभागृह में आयोजित संगोष्ठी में भोपाल से माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऑनलाइन माध्यम से सम्बोधित किया। सारस्वत अतिथि हैदराबाद के आध्यात्मिक मिशन के ग्लोबल हेड एवं आध्यात्मिक गुरु श्री कमलेश भाई पटेल, विशिष्ट अतिथि साहित्यकार पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित एवं कार्यपरिषद सदस्य श्री राजेशसिंह कुशवाह थे।  का

राजयोग निजी व व्यवसायिक जीवन में संतुलन के लिए बहुत ही उपयोगी : श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 माउंट आबू । माउंट आबू में राजयोग एजुकेशन व रिसर्च फाउंडेशन ब्र.कु.ईश्वरीय विश्व विद्यालय के तत्वावधान में आयोजित बृहद आध्यात्मिक समागम  कार्यक्रम में श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा पत्नी डॉ प्रतिमा के साथ शामिल हुए।  इस तीन दिवसीय समागम में देश विदेश से क़रीब 28000 प्रबुद्ध साधक शामिल हुए।  इस आयोजन में राज योग की गहन अनुभूति के साथ वर्तमान समय में आध्यात्मिक सशक्तिकरण हेतु प्रसिद्ध अनुभवी राजयोगी वक्ताओं द्वारा जीवन में दिव्यता कैसे लायें, प्रभु पसंद और लोक पसंद कैसे बनें, अव्यक्त स्थिति द्वारा परमात्मा से मिलन आदि विषयों पर वरिष्ठ राजयोगी बृजमोहन भाई, मृत्युंजय भाई, राजयोगिनी ऊषा दीदी, जयंती दीदी, बी के सूरज भाई द्वारा गीता ज्ञान और स्व-परिवर्तन से विश्व परिवर्तन पर  प्रभावी उद्बोधन दिये गये। इसी आयोजन में  मध्य प्रदेश विधान सभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह को कार्य क्षेत्र में उत्कृष्ट दायित्व व देश प्रदेश के लिए असाधारण योगदान हेतु दिल्ली में हाल में प्राप्त सिविल सेवा के  प्रतिष्ठित अशोक अवार्ड

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