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Showing posts from November, 2023

भारत मात्र धर्म, दर्शन, तत्वज्ञान एवं श्रेष्ठ जीवन मूल्यों में ही नहीं, अपितु ज्ञान, विज्ञान, कला, कौशल में भी अग्रणी रहा है - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

कुलपति प्रो पांडेय ने प्राचीन भारत में ज्ञान विज्ञान की परंपरा पर विशिष्ट व्याख्यान दिया  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने दिनांक 28 नवंबर को भोपाल के शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में प्राचीन भारत में ज्ञान विज्ञान की परंपरा विषय पर विशिष्ट व्याख्यान दिया उज्जैन।  दिनांक 28 नवंबर को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा भोपाल के शासकीय हमीदिया कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय में प्राचीन भारत में ज्ञान विज्ञान की परंपरा विषय पर विशिष्ट व्याख्यान दिया गया। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि भारत में ज्ञान विज्ञान की परंपरा प्राचीन काल से रही है। भारत उपासना पंथों की भूमि, मानव जाति का पालक, भाषा की जन्म भूमि, इतिहास की माता, पुराणों की दादी एवं परंपरा की परदादी है।  उन्होंने कहा कि मनुष्य के इतिहास में जो भी मूल्यवान एवं सृजनशील सामग्री है, उसका भंडार अकेले भारत में ही है। अपनी बात को बढ़ाते हुए माननीय कुलपति जी ने कहा कि इतिहास में भारत मात्र धर्म, दर्शन, तत्वज्ञान एवं श्रेष

क्षिप्रा तट स्थित चित्रगुप्त घाट पर भगवान को लगाया अन्नकुट का भोग

कायस्थ समाज ने की भगवान की महाआरती  उज्जैन । कायस्थ समाज के अराध्य भगवान श्री चित्रगुप्त को कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान अन्नकूट का भोग लगा कर महाआरती की गई। इस अवसर पर हजारों की तादाद में लोग दीप दान करने आए, उनको प्रसाद वितरण किया  गया। कार्तिक पूर्णिमा को कायस्थ समाज एक उत्सव के रूप में मनाता है। समाज के लोगो ने घाट पर दीप दान भी किया। भगवान चित्रगुप्त जी का पूजन व महाआरती पुजारी जगदीश चंद्र दुबे , मयंक दुबे , कौशल दुबे के आचार्यत्व में की गई ।  कायस्थ समाज के अध्यक्ष दिनेश श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि, कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर सोमवार को शाम 5 बजे कायस्थ समाज के द्वारा छोटे पुल क्षिप्रा तट स्थित चित्रगुप्त घाट पर अन्नकूट का भोग लगाया गया। 56 तरह के पकवान की सुगंध से दीप दान करने आने वाले श्रद्धालुओं की मंदिर पर दर्शन करने के लिए कतार लगी रही। दीपदान से बड़ी घाट की रौनक हजारों की संख्या में क्षिप्रा तट स्थित चित्रगुप्त घाट पर लोग दीपदान करने पधारे जिससे घाट की रौनक देखने में बड़ा मनोरम लग रहा था ।  महाआरती एवं अन्नकूट की व्यवस्था संजय श्रीवास्तव , अशीष अष्ठाना,  चंद्र मोहन श्रीवास

श्री गुरुनानक प्रकाश पर्व पर विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

गुरुनानक देव जी के संदेशों को आत्मसात करते हुए सिक्ख  मानवता की रक्षा के लिए निर्मित हुए हैं – श्री सुरेंद्रसिंह अरोरा  सदैव प्रकाश देते रहेंगे गुरुनानक देव जी के विचार – कुलपति प्रो पांडेय   श्री गुरु नानक देव जी की वाणी और विश्व – आध्यात्मिकता पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न   श्री गुरुनानक प्रकाश पर्व पर विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, गुरुनानक अध्ययन पीठ एवं ललित कला अध्ययनशाला द्वारा श्री गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। आयोजन के मुख्य अतिथि जत्थेदार सरदार श्री सुरेंद्रसिंह जी अरोरा, सरदार श्री सुरेंद्र सिंह जी नारंग, संभागीय प्रवक्ता, सिख समाज, सरदार श्री सुरजीत सिंह जी डंग, संभागीय अध्यक्ष, मध्य प्रदेश - छत्तीसगढ़ केंद्रीय श्री गुरु सिंघ सभा, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, सरदार श्री कंवलदीप सिंह ठकराल, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा ने गुरु नानक वाणी के

आई.आई.पी.एस. (एमबीए) विभाग में एक बार फिर से केंपस ड्राइव का आयोजन

उज्जैन। इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीस (आई.आई.पी.एस. / एमबीए) विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अरिहंत कैपिटल मार्केट लिमिटेड द्वारा केंपस ड्राइव का आयोजन किया गया जिसमें अरिहंत कैपिटल मार्केट लिमिटेड से आए श्री अनिरुद्ध शर्मा (कॉरपोरेट ट्रेनर एंड डेवलपमेंट ऑफिसर) द्वारा दो दिवसीय केंपस ड्राइव का आयोजन किया गया।  प्रथम दिवस कैरियर गाइडेंस सेमिनार एवं द्वितीय दिवस इंटर्नशिप और चयन प्रक्रिया संपन्न हुई। इस प्रक्रिया में लगभग संस्था के 100 विद्यार्थियों ने भाग लिया।  संस्था के डायरेक्टर डॉ. एस. के. मिश्रा ने बताया कि, संस्था में लगातार कई कंपनियां आ रही है, साथ ही कई विद्यार्थियों का चयन भी हो रहा है , अल्प समय में उद्योग जगत में आया आई.आई.पी.एस विभाग बहुत ही तेजी से अपनी पहचान बनाता जा रहा है। शुभम चौऋषिया ने बताया कि, कार्यक्रम के शुभारंभ में अतिथियों का स्वागत संस्था के समन्वयक डॉ. नागेश पाराशर एवं आभार डॉ. टीना यादव द्वारा दिया गया। इस अवसर पर संस्था के शिक्षक डॉ. नेहा वर्मा एवं डॉ. निधी चौहान भी मौजूद रहे।

श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर राष्ट्रीय संगोष्ठी, दिनांक 25 नवम्बर 2023, शनिवार, दोपहर 12:30 बजे होगी

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला में गुरुनानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में सम्पन्न होगा। आयोजन के अतिथि जत्थेदार सरदार श्री सुरेंद्रसिंह जी अरोरा, सरदार श्री सुरेंद्र सिंह जी नारंग संभागीय प्रवक्ता सिख समाज उज्जैन, सरदार श्री सुरजीत सिंह जी डंग, संभागीय अध्यक्ष मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ केंद्रीय श्री गुरु सिंघ सभा होंगे। संगोष्ठी का विषय है: श्री गुरु नानक देव जी की वाणी और विश्व - आध्यात्मिकता। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने दिनांक 25 नवम्बर 2023, शनिवार, दोपहर 12:30 बजे, वाग्देवी भवन, देवास रोड, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में आयोजित इस महत्वपूर्ण आयोजन में समस्त सुधीजनों से गरिमामयी उपस्थिति का निवेदन किया है।

शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन में शोध कार्य हेतु एथिकल कमेटी की मीटिंग संपन्न

उज्जैन। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय उज्जैन में स्नातकोत्तर विषयों में संचालित एमडी पाठ्यक्रम विभाग कायचिकित्सा,द्रव्यगुण एवं रचना शारीर में सत्र 2022- 23 में प्रवेशित एमडी अध्येताओं के द्वारा विभिन्न रोगों एवं औषधियों पर जारी नए शोध कार्य पर सिनॉप्सिस प्रेजेंटेशन संस्थागत एथिकल समिति के समक्ष किया गया। कुल 10 एमडी अध्येताओं ने महाविद्यालय के संदीपनी सभागृह में अपने अपने शोध कार्य का डिजिटल प्रस्तुतिकरण किया।  प्राचार्य डॉ जे पी चौरसिया ने बताया कि इस दौरान एथिकल समिति के अध्यक्ष एवं पूर्व प्राचार्य डॉ श्यामलाल शर्मा, महाविद्यालय कायचिकित्स के विभागाध्यक्ष डॉ ओपी व्यास, सामाजिक विज्ञान शोध संस्थान की प्रोफेसर  डॉ मनु गौतम , वरिष्ठ कानून विशेषज्ञ श्री अजीत कुमार मिश्रा, असिस्टेंट प्रोफेसर आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज डॉ रुचि बघेल, रोग निदान विभागाध्यक्ष डॉ अजय कीर्ति जैन,महाविद्यालय  द्रव्यगुण विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ सुनीता डी राम, पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ नृपेंद्र मिश्र, समिति सदस्य डॉ शिरोमणि मिश्रा एवं डा अजितपाल सिंह चौहान प्रधानाचार्य इन्दौर भी उपस्थित रहे।  अध्येताओं

कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में हुई विद्वत् संगोष्ठी में विद्वानों ने रखे कालिदास के बहुआयामी अवदान पर विचार

कालिदास स्मृति प्रसंग सम्पन्न कालिदास स्मरण प्रसंग में हुई देव प्रबोधनी पर विद्वत् संगोष्ठी, वागर्चन एवं महाकवि कालिदास की प्रतिमा पर पुष्पांजलि कालिदास संस्कृत अकादमी के अभिरंग नाट्यगृह में हुई विद्वत् संगोष्ठी में विद्वानों ने रखे कालिदास के बहुआयामी अवदान पर विचार उज्जैन।  आज देवप्रबोधनी एकादशी के अवसर पर मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद् कालिदास संस्कृत अकादमी एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त संयोजन से कालिदास स्मृति प्रसंग का आयोजन किया गया। कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन के निदेशक डॉ. गोविन्द गन्धे ने यह जानकारी देते हुए बताया कि प्रातः 9ः00 बजे महाकवि कालिदास की आराध्या माँ गढ़कालिका मंदिर पर वागर्चन की विधि सम्पन्न हुई। इस अवसर पर विद्वानों द्वारा कालिदास विरचित श्यामलादण्डकम् का पाठ किया गया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति, माननीय डॉ. बालकृष्ण शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के प्रभारी कुलपति माननीय डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति, माननीय प्रो. सी.जी. विजयकुमार मेनन, कालिदास संस्कृत अकादमी के निदेशक डॉ गो

कालिदास स्मृति प्रसंग, देव प्रबोधिनी एकादशी 23 नवम्बर 2023 गुरुवार को उज्जैन में

उज्जैन। मध्यप्रदेश शासन के तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन द्वारा देवप्रबोधिनी एकादशी, 23 नवम्बर, 2023 को कालिदास स्मृति प्रसंग का आयोजन किया जा रहा है।  प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, सचिव ,कालिदास समिति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, इस कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रातः 9ः00 बजे  गढ़कालिका मंदिर पर वागर्चन एवं प्रातः 11ः00 बजे कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन  परिसर में महाकवि कालिदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण, तत्पश्चात् अभिरंग नाट्यगृह में  कालिदास साहित्य पर केन्द्रित संगोष्ठी आयोजित है।

विक्रम विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अरविंद शुक्ला के असामयिक निधन से शोक की लहर व्याप्त

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक डॉक्टर अरविंद शुक्ला के मंगलवार की सुबह असामयिक दुखद निधन से शोक की लहर व्याप्त हो गई। उनके दुखद निधन पर विक्रम विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बुधवार को दोपहर में हुई शोक सभा में श्रद्धांजलि अर्पित की गई। शोकसभा में कुलसचिव श्री प्रज्वल खरे, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह आदि सहित बड़ी संख्या में विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी, कर्मचारी एवं विद्यार्थी सम्मिलित रहे।  मंगलवार की मध्याह्न में प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों, शिक्षकों, कर्मचारियों, शोधार्थियों, विद्यार्थियों ने उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की।  डॉ शुक्ला 54 वर्ष के थे। उनका अंतिम संस्कार रीवा जिले में उनके गृह नगर में किया गया। डॉ शुक्ला का जन्म 27 जुलाई 1969 को रीवा में हुआ था। उज्जैन में 1996 में उच्च अध्ययन के लिए आये डॉ शुक्ला ने पीएचडी प्रोफेसर शरद श्रीवास्तव के मार्गदर्शन में प्राणिकी एवं जैव प्र

विश्वविद्यालय के डॉ सक्सेना को पेटेंट में हेटट्रिक

पोर्टेबल पर्यावरण डेटा मॉनिटरिंग बॉक्स का इंडियन पेटेंट प्राप्त किया उज्जैन। स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एन्ड टेक्नोलॉजी, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के समन्वयक डॉ विष्णु कुमार सक्सेना ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विषय में शोध करने के उपरांत पोर्टेबल पर्यावरण डेटा मॉनिटरिंग बॉक्स का इंडियन पेटेंट करवाने में सफलता प्राप्त की है। डॉ सक्सेना द्वारा यह तीसरा इंडियन पेटेंट प्राप्त किया गया है।  जैसे-जैसे मानव जनसंख्या, औद्योगिक गतिविधियाँ और ऊर्जा की खपत बढ़ती जा रही है, पर्यावरण निगरानी रिपोर्ट की सटीकता और पर्यावरण निगरानी प्रक्रिया की लागत-प्रभावशीलता को बढ़ाने के लिए उन्नत, स्वचालित निगरानी अनुप्रयोगों और उपकरणों का निरंतर विकास महत्वपूर्ण होता जा रहा है,  इसी को ध्यान में रखते हुए पोर्टेबल पर्यावरण डेटा मॉनिटरिंग बॉक्स के एक नए डिज़ाइन के आविष्कार में एक हाथ से पकड़े जाने योग्य उपकरण, एक सिंकिंग उपकरण, एक जल गुणवत्ता निगरानी उपकरण और एक नियंत्रक शामिल है। हवा की गुणवत्ता, पानी की गुणवत्ता और मिट्टी की स्थिति जैसे पर्यावरणीय मापदंडों का पता लगाने और मापने के लिए फेरिक ऑक्साइड नैनो से

शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन में आयुष विभाग अंतगर्त भारत सरकार के भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से दो नवीन विषयों, पंचकर्म में एम. डी. एंव प्रसूति तंत्र में एम.एस. (स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम) प्रारंभ करने की अनुभति प्राप्त

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन में आयुष विभाग अंतगर्त भारत सरकार के भारतीय चिकित्सा पद्धति राष्ट्रीय आयोग से दो नवीन विषयों, पंचकर्म में एम. डी. एंव प्रसूति तंत्र में एम.एस. (स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम) प्रारंभ करने की अनुभति प्राप्त हो गई है । इसी सत्र 2023-24 से ही दोनो विषयो में स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम में 3-3 सीटो पर छात्र प्रवेश प्राप्त कर सकेगें । प्रधानाचार्य डा. जे. पी. चौरसिया ने बताया कि महाविद्यालय में पूर्व से 03 विषयो में स्नाकोत्तर पाठ्यक्रमं संचालित है । 02 नवीन विषयो में मान्यता प्राप्त होने से अब 05 विषयो की 17 सीट्स पर स्नाकोत्तर पाठ्यक्रम में प्रवेश दिये जा सकेगें। उन्होने बताया कि प्रमुख सचिव आयुष एवं आयुक्त आयुष श्रीमति सोनाली पोंछे तथा संभागायुक्त उज्जैन संभाग उज्जैन के विशेष प्रयास एवं मार्गदर्शन से 02 नवीन विषयो में मान्यता प्राप्त करना संभव हो सका। महाविद्यालय में 20 वर्ष पश्चात नवीन विषयों में स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की मान्यता प्राप्त हुई है।

विधायिका एवं महालेखाकार के कार्य संवैधानिक दायित्वों के निर्वहन परस्पर अनुपूरक हैं – प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

राज्य स्तरीय ऑडिट सप्ताह प्रारंभ 🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल, सोमवार, 20 नवम्बर, 2023 । महालेखाकार मध्य प्रदेश द्वारा 20 से 24 नवंबर, 2023 तक आयोजित ऑडिट सप्ताह का आज शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में श्री अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश विधान सभा द्वारा महालेखा परीक्षक एवं महालेखाकार के विभिन्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों की उपस्थिति में किया गया। इस अवसर पर श्री ए.पी. सिंह, प्रमुख सचिव, मध्य प्रदेश विधान सभा के द्वारा मध्य प्रदेश एकाउन्टेंट जनरल (ऑडिट) ऑफिस के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को संबोधित करते हुए उल्लेख किया कि, संसदीय प्रणाली का आधार निर्वाचित विधायिका के प्रति शासन चलाने वाली कार्यपालिका का उत्तरदायी होना है। कार्यपालिका का यह उत्तरदायित्व (Accountability) सभा के सदस्यों द्वारा विधायी प्रक्रिया के तहत विधान सभा के सत्र के समय प्रश्न, ध्यानाकर्षण, बजट की मांगो पर चर्चा आदि के माध्यम से शासन की नीतियों और कार्यक्रमों का विश्लेवषण कर सुनिश्चित किया जाता है। परन्तु विधान सभा का सत्र न होने पर यही कार्यपालिका की एकाउन्टबिलिटी के निर्धारण का का

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