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Showing posts from January, 2020

मरेगी नदी, तो मरोगे तुम

नर्मदा जयंती - नर्मदा महोत्सव   भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 31, 2020, 20:47 IST यह निर्विवाद सत्य है कि विश्व के प्राचीनतम धर्मग्रंथ वेदों, पुराणों और उपनिषदों ने संपूर्ण मानव समाज के अर्थपूर्ण जीवन निर्वाह के लिये आदर्श आचार संहिता दी है। मनुष्य का जीवन शांत रहे, इसके लिये जरूरी है कि प्रकृति के सभी घटक संतुलित और शांत रहें। आज पूरा विश्व प्रकृति को सँवारने के लिये चिंतित है। प्रकृति संरक्षण के जितने भी कानून हैं, उन सभी का उद्गम वेदों में है। अथर्व-वेद तो प्रकृति आराधना की अमूल्य कृति है। इसमें स्पष्ट कहा गया है- 'यस्यामन्नं व्रीहियवौ यस्या इमाः पंच कृष्टयः/भूम्यै पर्जन्यपल्यै नोमोSत्तु वर्षमेदसे.' अर्थात भोजन और स्वास्थ्य देने वाली सभी वनस्पतियाँ इस भूमि पर उत्पन्न होती हैं। पृथ्वी सभी वनस्पतियों की माता और मेघ पिता हैं क्योंकि वर्षा के रूप में पानी बहाकर वे पृथ्वी में गर्भाधान करते हैं। 'पृथ्वी सूक्त' में कहा गया है 'माता भूमि: पुत्रोहम पृथ्वीव्या:' यानी पृथ्वी मेरी माता है और मै उनका पुत्र हूँ। वेदों के अध्ययन से यह भी सुस्पष्ट है कि जब पृथ्वी हमारी माँ है तो इ

घर बैठे शासकीय दस्तावेज मिलने से अचंभित हुए मेहूल और श्री कैलाश ऐरन

 खुशियों की दास्ताँ मुख्यमंत्री ने लाभान्वित आवेदकों से किया ऑनलाइन संवाद भोपाल : सोमवार, जनवरी 27, 2020, 14:31 IST   मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ द्वारा प्रारंभ की गई 'द्वार प्रदाय सेवा' के अन्तर्गत लाभान्वित मेहूल बंसल और श्री कैलाश ऐरन घर बैठे शासकीय दस्तावेज मूल निवासी का प्रमाण-पत्र पाकर बेहद खुश हुए। इन लाभान्वित आवेदकों को आज घर पर ही मूल निवासी का प्रमाण-पत्र डिलेवरी बॉय के माध्यम से पहुंचाया गया। इन्होंने कल दोपहर में ही ऑनलाइन आवेदन किया था। लाभान्वित आवेदकों से मुख्यमंत्री ने ऑनलाइन चर्चा की। उन्होंने 'द्वार प्रदाय सेवा' के अन्तर्गत प्रारंभ हुई घर-पहुँच सेवा को ऑनलाइन भी देखा। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ से ऑनलाइन संवाद में स्कीम नंबर 71 गुमास्ता नगर निवासी मेहूल बंसल ने कहा कि मैंने कल दोपहर में आवेदन किया था। इतनी जल्दी मुझे अपना प्रमाण-पत्र मिल जायेगा,  यह विश्वास नहीं हो रहा है। मैं आश्चर्यचकित हूँ। सरकार और जिला प्रशासन ने यह बहुत ही अच्छी सेवा प्रारंभ की है। इसके लिये उन्होंने मुख्यमंत्री और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। मेहूल बंसल ने कहा कि लग रहा है कि

क़ुदरत के हुस्न का अनमोल ख़ज़ाना -ओरछा

विशेष लेख भोपाल : सोमवार, जनवरी 27, 2020, 14:39 IST एक सप्ताह पहले ही ओरछा गया था। इस धार्मिक -ऐतिहासिक -प्राकृतिक तीर्थ ने इस बार मन मोह लिया। पहले अक्सर रामराजा सरकार के दर्शन करने जाया करता था। एक श्रद्धालु की तरह। शायद मेरे अवचेतन में यह कहानी गहरे बैठी हुई है कि रामराजा तो बुंदेलखंड के ओरछा में विराजे हैं ,बेतवा नदी के तट पर। ओरछा में राम जी के दर्शन तो मैंने किशोरावस्था में क़रीब पैंतालीस - छियालीस बरस पहले ही कर लिए थे। इस अदभुत तीर्थ में आते ही ऐसा लगता है, मानों किसी अन्य लोक में आ गए हैं।आपको याद दिला दूँ कि ओरछा की रानी गणेश कुँअरि राम की बड़ी भक्त थीं। वे अयोध्या के मुख्य राम आवास से श्रीराम,सीता और लक्ष्मण की प्रतिमाएँ एक क़ाफ़िले की शक़्ल में लाई थीं। यही प्रतिमाएँ राजा मधुकरशाह की रानी कुँअरि गणेश अवधपुरी से ओरछा लाईंl इन प्रतिमाओं को उन्होंने अपने रानी महल में प्रतिष्ठित कराया था।तबसे यही रानी महल भगवान् राम का आज तक मंदिर बना हुआ है।  मेरे अवचेतन में ओरछा नाम लेते ही एक फ़िल्म के अनेक दृश्य उभरते हैं। सबसे पहला लाखों श्रद्धालुओं का बेतवा में डुबकी लगाते हुए दृश्य उभरता है

सरकार ने स्वयं सुनिश्चित की सामाजिक सरोकारों में भागीदारी

विशेष लेख भोपाल : मंगलवार, जनवरी 21, 2020, 11:42 IST प्रदेश की नई सरकार ने आम आदमी की समस्याओं को प्राथमिकता देकर राजनीति में सामाजिक सोच के महत्व को स्थापित किया है। अब प्रदेश में सामाजिक सरोकरों के प्रति संवेदनशीलता का वातावरण निर्मित हुआ है। नई सरकार ने समाज के गरीब, कमजोर, निर्धन, निराश्रित, वरिष्ठजन और दिव्यांगों की आवश्यकताओं को समझते हुए सामाजिक सुरक्षा के दायरे को व्यापक आकार दिया है। सहायता राशि में बढ़ोत्तरी प्रदेश के बुर्जुगों, कल्याणियों और दिव्यांगों की आर्थिक आवश्यकताओं को समझते हुए सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि को दो गुना बढ़ाकर 300 से 600 रूपये प्रतिमाह कर दिया है। इसी प्रकार, बेटियों के विवाह के खर्च की चिंता में सहभागी होते हुए सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना में सरकारी सहायता को 28 हजार से बढ़ाकर 51 हजार रूपये कर दिया है। इस आर्थिक सहायता के लिए आय-सीमा के बधंन को भी समाप्त कर दिया गया है।    प्रदेश की नई सरकार ने मुख्यमंत्री कन्या विवाह/निकाह योजना को कन्या हितैषी आकार भी दिया है। अब बेटियों की शादी में कुल सहायता राशि में से गृहस्थी की स्थापना के

जेलों में सुधार, सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की शुरूआत

विशेष लेख भोपाल : रविवार, जनवरी 12, 2020, 17:54 IST राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार देश में जेलों की क्षमता से अधिक कैदियों की मौजूदगी समस्या बन गई है। मध्यप्रदेश ने जेलों की इस समस्या का निदान कर लिया है। नई राज्य सरकार ने प्रारम्भ में 10 नई जेल बनाने का निर्णय लिया है। इसके मुताबिक केन्द्रीय जेल इंदौर और सब जेल गाडरवारा, कुक्षी तथा मैहर एवं खुली जेल रीवा सहित जिला जेल बैतूल, रतलाम, राजगढ़, मुरैना और मन्दसौर में नई जेल बनाई जा रही हैं। वीडियो कॉन्फ्रेंस से कैदियों की पेशी राज्य सरकार ने जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग उपकरण लगवाये हैं। अब जेल से ही कैदी कोर्ट रूम में हाजरी लगाकर अपना पक्ष रख सकेंगे। इस व्यवस्था से कैदियों को कोर्ट ले जाने-लाने का खर्चा बचेगा और उनकी सुरक्षा की चिन्ता से भी मुक्ति मिलेगी। जेलों का आधुनिकीकरण राज्य सरकार ने छिन्दवाड़ा में नये जेल कॉम्पलेक्स (संकुल) के निर्माण के लिए करीब 225 करोड़ की मंजूरी दी है। इससे प्रदेश में पहली बार एक ही संकुल में केन्द्रीय जेल, जिला जेल तथा खुली कॉलोनी स्थित होगी। इंदौर में नयी केन्द्रीय जेल के नि

वर्ष 2019 में हुई ग्राम स्तर से प्रदेश के समग्र विकास की शुरूआत

विशेष लेख   भोपाल : शनिवार, जनवरी 11, 2020, 12:12 IST मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार का विश्वास है कि, ग्राम स्तर पर व्यवहारिक योजना निर्माण से प्रदेश के समग्र विकास को आवश्यक गति दी जा सकती है। इसलिये ग्राम स्तर पर विद्यमान परिस्थितियों और जरूरतों के मुताबिक समग्र और समावेशी विकास के लिए योजनाएँ बनाने पर जोर दिया गया। सरकार ने विकास के विजन को प्राथमिकता दी, जिससे राज्य की समृद्धि का लक्ष्य तय हो सका। आर्थिक विश्लेषण और सांख्यिकी, शासकीय योजनाओं को व्यवहारिक और वैज्ञानिक आधार प्रदान करते हैं। सामाजिक विकास हो अथवा अधोसंरचना निर्माण, हर गतिविधि में वास्तविकता से रू-ब-रू कराना तथा कार्यों के लिए लक्ष्य और समय-सीमा निर्धारित करने में इनका महत्वपूर्ण योगदान है। इस क्षेत्र में राज्य योजना आयोग और आर्थिक एवं सांख्यिकी विभाग दिशा सूचक का काम कर रहे हैं। ग्राम विकास योजना प्रदेश में पहली बार वर्ष 2019 में आजीविका, अधोसंरचना, शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, नागरिक अधिकार संरक्षण आदि क्षेत्रों को ध्यान में रखकर ग्राम विकास की योजना तैयार की गई। इस प्रक्रिया से विभिन्न जिलों की व

कृषि उद्यमिता लायेगी कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन

विशेष लेख कृषि उद्यमिता लायेगी कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था में बड़ा परिवर्तन   भोपाल : शनिवार, जनवरी 11, 2020, 21:09 IST 'वैसे तो गुजर-बसर करने के लिए खेती करने से काम चल जाता है, लेकिन कृषि उद्यमिता वास्तव में मध्य प्रदेश की कृषि आधारित अर्थ-व्यवस्था में एक बड़ा बदलाव ला सकती है-'' यह कहना है प्रगतिशील किसान संतोष यादव का। वे खरगोन जिले के कसरावद ब्लॉक के अहीर धामनोद में रहते है। उन्होंने हाल ही में कर्नाटक के तुमकुर में प्रधान मंत्री के हाथों कृषि कर्मण पुरस्कार प्राप्त किया। उन्हें 2016-17  के दौरान गेहूँ उत्पादन के लिए यह पुरस्कार मिला है। संतोष यादव के खेत से गेहूँ का उत्पादन 44 क्विंटल प्रति एकड़ आंका गया था। धामनोद में उनकी खेती दस एकड़ में है। यह परिवार के चार सदस्यों के बीच विभाजित है। उनका बड़ा बेटा योगेश 10 वीं कक्षा में पढ़ता है जबकि बेटी तनुश्री 8 वीं कक्षा में है। वे बताते है कि , 'मेरे पास एक ट्यूबवेल और एक पारंपरिक कुआं है। मेरे खेत के लिए काफी है। इसके अलावा, तीन भैंस, दो बैल और एक गाय है। बैल अभी भी उपयोगी हैं क्योंकि बरसात में मशीनें काम नही कर पाती। इन्ह

सुदूर अंचलों तक उच्च शिक्षा व्यवस्था की पहल

विशेष लेख   भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 10, 2020, 12:25 IST भारत का उच्च शिक्षा तन्त्र अमेरिका और चीन के बाद विश्व का सबसे बड़ा उच्च शिक्षा तंत्र है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस तंत्र को सशक्त बनाने की पहल शुरू की है। यह प्रयास किया जा रहा है कि प्रदेश के विश्वविद्यालय, महाविद्यालय इतने सक्षम और सर्व-सुविधा सम्पन्न बनें कि हमारे छात्र-छात्राओं को यहाँ उच्च शिक्षा की सभी विश्व-स्तरीय सुविधाएँ मिलें। भारतीय विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने विदेश नहीं जाना पड़े बल्कि विदेशी छात्र-छात्राएँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिये मध्यप्रदेश की ओर आकर्षित हों। प्रदेश में पहली बार वर्ष 2019 में तहसील और ग्राम स्तर तथा सुदूर आदिवासी अंचल तक गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा सुविधा उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस दौरान हर स्तर पर महाविद्यालयों में अधोसंरचना विकास के कार्यों को बढ़ावा दिया गया जिससे विद्यार्थियों में उच्च शिक्षा के प्रति रुचि पैदा हो। राज्य सरकार ने उच्च शिक्षा को कम्युनिकेशन स्किल और रोजगार से जोड़कर विद्यार्थियों को रोजगार की समस्या से निजात दिलाने की व्यवस्था स्थापित की है। प्रद

आध्यात्म के माध्यम से प्रदेशवासियों को भारतीय संस्कृति से जोड़ने की पहल

विशेष लेख   भोपाल : गुरूवार, जनवरी 9, 2020, 11:57 IST आध्यात्म वास्तव में मनुष्य में विकास की लालसा को गति प्रदान करने का सशक्त माध्यम है। यह औसत से ऊपर उठकर जीने का विवेकपूर्ण तरीका भी है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार ने इस शाश्वत सत्य को जन-मानस में संचारित करने के लिये वर्ष 2019 में आध्यात्म विभाग का गठन किया। प्रदेश में धर्मस्व, धार्मिक न्यास और आनंद विभाग के बिखरे स्वरूप को आध्यात्म विभाग में समाहित कर प्रदेशवासियों को भारतीय संस्कृति से जोड़े रखने की अहम शुरूआत पिछले वर्ष ही प्रदेश में हुई। मध्यप्रदेश, भारतीय संस्कृति की अमिट धरोहरों से परिपूर्ण एवं समृद्ध राज्य है। यहाँ देश के 12 ज्योतिर्लिंग में से दो ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर और ओंकारेश्वर प्रतिष्ठापित हैं। राज्य सरकार ने दोनों ज्योर्तिलिंग को विश्व पर्यटन केन्द्र के स्वरूप में विकसित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने ओंकार सर्किट योजना में महाकाल-महेश्वर के साथ ओंकारेश्वर विकास योजना को भी मंजूरी दी है। महाकाल मंदिर विकास विस्तार योजना विश्व प्रसिद्ध मध्यप्रदेश के भगवान महाकाल मंदिर के विकास और विस्तार की 300 कर

राशन उपभोक्ताओं के लिये अंतर्राज्यीय पोर्टेबिलिटी व्यवस्था लागू मंत्री श्री प्रद्युमन सिंह तोमर ने दी उपलब्धियों और नवाचारों की जानकारी

भोपाल : बुधवार, जनवरी 8, 2020, 16:59 IST खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री श्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने बताया है कि जनवरी 2020 से प्रदेश में राशन उपभोक्ताओं की सुविधा के लिये "अंतर्राज्यीय पोर्टेबिलिटी व्यवस्‍था लागू की जा रही है। इस व्यवस्‍था में प्रदेश के उपभोक्ता देश के 11 राज्यों आन्ध्रप्रदेश, गोवा, गुजरात, हरियाणा, झारखंड, कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना और त्रिपुरा में भी अपना राशन प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही, इन 11 राज्यों के उपभोक्ता मध्यप्रदेश में राशन ले सकेंगे। श्री तोमर ने बताया कि इस योजना में उपभोक्ता राशन पूर्व निर्धारित मात्रा में पूर्व निर्धारित दर गेहूँ 2 रुपये, चावल 3 रुपये और मोटा अनाज एक रुपये प्रति किलोग्राम पर प्राप्त कर सकेंगे। "वन स्टेट-वन राशन" योजना मंत्री श्री तोमर ने बताया कि राज्य सरकार ने सार्वजनिक वितरण प्रणाली से अधिकाधिक उपभोक्ताओं को लाभन्वित करने के लिये अक्टूबर 2019 से प्रदेश में "वन स्टेट-वन राशन" योजना लागू की है। उन्होंने बताया कि केन्द्र सरकार इस योजना को लागू करने पर अभी सिर्फ विचार कर रही है

पर्यटन स्थलों को मिली अंतर्राष्ट्रीय पहचान

विशेष लेख     भोपाल : बुधवार, जनवरी 8, 2020, 11:58 IST मध्यप्रदेश ने पर्यटन के क्षेत्र में पिछले एक साल में राष्ट्रीय स्तर पर 16 पुरस्कार हासिल कर देशभर में अपनी पहचान कायम की है। राज्य सरकार ने इस दौरान पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये नवाचारों को प्राथमिकता दी। वन प्रक्षेत्रों में पर्यटन सुविधाओं को सरल और सहज तरीके से उपलब्ध कराने की पहल की गई। पर्यटन स्थलों के संरक्षण और संवर्धन को प्राथमिकता दी गई। अधोसरंचना विकास के कार्यों को तेजी से पूर्ण कराने पर ध्यान केन्द्रित किया गया। प्रदेश के नगरों, महानगरों के साथ देश और विदेशों में रोड-शो कर निवेशकों को प्रदेश में निवेश के लिये प्रोत्साहित किया गया। इससे पर्यटन के क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर निर्मित हुए और राजस्व में भी बढ़ोत्तरी का सिलसिला शुरू हुआ। पिछले एक साल में निवेशकों के लिये व्यापक, सरल एवं पारदर्शी पर्यटन नीतियाँ बनाई गईं। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर महानगर से प्रदेश के पर्यटन स्थलों के लिये हेलीकाप्टर सुविधा शीघ्र शुरू करने का निर्णय लिया गया। राज्य सरकार की नवाचारी पर्यटन नीति-2019 में हॉट एयर बैलून, वाइल्ड लाइफ रिसोर्ट,

संस्कृति और पुरा-सम्पदा के संरक्षण का एक साल

विशेष लेख भोपाल : मंगलवार, जनवरी 7, 2020, 11:39 IST मध्यप्रदेश देश का हृदय स्थल होने के साथ विभिन्न आंचलिक और पारम्परिक संस्कृतियों, कलाओं और पुरातत्व के मामले में भी समृद्ध है। प्रदेश की यह अमूल्य पहचान विकास की अंधी दौड़ में कही गुम हो गई थी। कमल नाथ सरकार ने अपने प्रारंभिक एक साल में इस पहचान को पुन: स्थापित करने के साथ उसके सरंक्षण-संवर्धन की भी बहुआयामी कोशिशें की हैं। पिछले कई वर्षों से रुकी साहित्य कला, चित्रकला, रंगमंच आदि क्षेत्रों में पुरस्कार और सम्मान की परम्परा को नई सरकार ने पुनर्जीवित किया। साहित्य में हिन्दी के साथ उर्दू साहित्य, के लिये भी पुरस्कार इस दौरान स्थापित किये गये। राज्य शिखर सम्मान से विभिन्न क्षेत्रों की विभूतियों को अलंकृत किया गया। लता मंगेशकर अलंकरण समारोह को भी पूर्ण भव्यता के साथ करने का निर्णय लिया गया। प्रदेश के स्थापना दिवस के मौके पर भोपाल सहित जिला मुख्यालयों पर गरिमामय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये। महापुरूषों का स्मरण देश के नव-निर्माण के प्रणेता महापुरूषों को भी राज्य सरकार ने इस अरसे में याद किया और सम्मान भी दिया। राष्ट्रपिता महात्मा

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