🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल। आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल ने अनुसंधान को व्यावहारिक उपयोग में परिवर्तित करने की दिशा में एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। संस्थान ने तीन सोया-आधारित कार्यात्मक मिल्क चॉकलेट प्रक्रिया तकनीकों का व्यावसायिक उपयोग हेतु लाइसेंस प्रदान किया है। इन नवीन तकनीकों का विकास डॉ. समलेश कुमारी, सोयाबीन प्रसंस्करण एवं उपयोग उत्कृष्टता केंद्र (सीईएसपीयू), आईसीएआर–सीआईएई, भोपाल द्वारा किया गया है। ये तकनीकें कार्यात्मक एवं वीगन-अनुकूल चॉकलेट्स के विकास में एक महत्वपूर्ण नवाचार हैं, जो स्वास्थ्य और स्वाद का अद्भुत संयोजन प्रस्तुत करती हैं। लाइसेंस प्राप्त प्रक्रिया तकनीकें निम्नलिखित हैं: प्रीबायोटिक मिल्क चॉकलेट प्रोबायोटिक मिल्क चॉकलेट सिनबायोटिक मिल्क चॉकलेट इन नई संरचनाओं में सोया की पोषक संपन्नता को प्रोबायोटिक्स और प्रीबायोटिक्स के स्वास्थ्यवर्धक गुणों के साथ जोड़ा गया है, जिससे उपभोक्ताओं को कार्यात्मक एवं पौध-आधारित कन्फेक्शनरी उत्पादों के रूप में एक स्वस्थ विकल्प उपलब्ध होगा। इन तकनीकों को एम/एस महाबाय...