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Showing posts from February, 2024

विक्रमोत्सव 2024 के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय में होंगी विक्रमादित्य पर केंद्रित संगोष्ठी, व्याख्यान एवं परिचर्चा

विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में होगा विक्रमादित्य के योगदान और युग परिवेश पर मंथन  उज्जैन। महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ स्वराज संस्थान संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव 2024 के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं और संस्थानों में दिनांक 1 मार्च से 12 मार्च तक सम्राट विक्रमादित्य के योगदान और उनके युग परिवेश से संबंधित विभिन्न विषयों पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान, संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया जाएगा। इन व्याख्यानमालाओं एवं संगोष्ठियों के माध्यम से सम्राट विक्रमादित्य की न्याय व्यवस्था, विक्रमादित्य युगीन अर्थव्यवस्था,  संस्कृति, पुरातत्व, लोकाख्यान, विज्ञान और तकनीकी, ज्योतिर्विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, राजत्व, साहित्य, आदि से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञ विद्वान प्रकाश डालेंगे। ये कार्यक्रम प्रतिदिन दोपहर 12 बजे आयोजित किए जा रहे हैं।  यह जानकारी देते हुए मुख्य समन्वयक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने बताया कि 1 मार्च से 9 अप्रैल तक विक्रमादित्य, उनके युग, भारत उत्कर्ष, नव जागरण और भारत

शहीदों की स्मृति में आयोजन युवा पीढ़ी को प्रेरणा हेतु ज़रूरी - प्रमुख सचिव विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 🙏 भोपाल । आज आजादी के अमृत काल में शहीद सैनानियों के सम्मान में स्वाधीनता आंदोलन का बुन्देलखण्ड के जलियांवाला गोलीकाण्ड  स्मारक  स्थल सिंहपुर जिला छतरपुर  से श्री अवधेश प्रताप सिंह प्रमुख सचिव मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा बागेश्वरधाम में शहीदों की स्मृति में आयोजित होने वाले महा यज्ञ के लिए कलश यात्रा का शुभारम्भ किया गया।   श्री सिंह ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि, अगर पूजे न गए शहीद तो ये पंथ कौन अपनायेगा.. इसलिए पूर्वज शहीदों की स्मृति में ऐसे आयोजन सतत होना चाहिए जिससे समाज और युवा पीढ़ी को आज़ादी के लिए बलिदान देने वालों की जानकारी व प्रेरणा मिले। चरणपादुका सिंहपुर से बागेश्वर धाम के शहीद सैनिक स्मृति यज्ञशाला हेतु कलश यात्रा का आयोजन  शंकरलाल सोनी संयोजक, चरण पादुका सेवा समिति, स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी संगठन छतरपुर के‌ तत्वावधान में तथा श्री बालयोगी योगेश्वर जी, श्रृंगारी महाराज, संतोष गांगेले समाजसेवी, आनंद शर्मा वकील, अरविंद यादव सरपंच, विजय यादव एवं गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति में किया गया। चरण पादुका स्मार

विक्रम विश्वविद्यालय कार्यपरिषद एवं सभा की बैठक सम्पन्न

बैठक में बजट वित्तीय वर्ष 2024-25 के पुनरीक्षित वित्तीय अनुमानों तथा बजट वित्तीय वर्ष 2025-26 के मूल वित्तीय अनुमानों एवं वास्तविक आय-व्यय विचारोपरांत पारित हुआ उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 29 फरवरी 2024 को सम्पन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की। बैठक में कार्यपरिषद् के सदस्य श्री राजेश सिंह कुशवाह, श्री वरूण गुप्ता, श्रीमती मंजूषा मिमरोट, श्री संजय वर्मा, श्रीमती कुसुमलता निंगवाल, श्री संजय नाहर, डॉ. अरुणा सेठी, डॉ. मंसूर खान, डॉ. उमा शर्मा, डॉ. हर्षा क्षीरसागर, अतिरिक्त संचालक डॉ. एच.एल. अनिजवाल, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा श्री राघवेन्द्र पाल सिंह एवं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा उपस्थित थे। बजट का सारांश प्रभारी वित्त नियंत्रक डॉ. डी.के. बग्गा ने प्रस्तुत किया। कुलपति जी द्वारा पुष्पगुच्छ अर्पित कर नवनियुक्त कार्यपरिषद् सदस्यों का स्वागत किया गया। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कार्यपरिषद् की बैठक दिनांक 29.02.2024 को मध्याह्न 12.00 बजे तत्पश्चात सभा की बैठक दोपहर 12.30 बजे एवं तत्पश्चात कार्यपरिषद् की बैठक दि

विद्यार्थियों ने विज्ञान दिवस पर कुलपति को स्व निर्मित प्रोडक्ट भेट किए, कुलपति ने कहा विज्ञान दिवस का यह सबसे अनूठा तोहफा - कुलपति प्रो पाण्डेय

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया गया जिसमें विद्यार्थियो द्वारा कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय को स्व निर्मित उत्पाद भेंट किए गए। भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय भौतिकशास्त्री सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी.वी. रमन) द्वारा “रमन प्रभाव” की खोज के स्मरण में मनाया जाता है। यह अवसर हमारे वैज्ञानिक समुदाय के योगदानों की सराहना करने और देश के विकास में उनके योगदान के विषय में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए भी एक मंच के रूप में कार्य करता है। इस वर्ष साइंस डे की थीम ''विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक'' रखी गई है। इसी क्रम में विक्रम विश्वविद्यालय की प्रणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा दिनांक 28 फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस बनाया गया। इन अवसर पर विभाग द्वारा विद्यार्थियों के लिए एक साइंस क्विज का आयोजन किया गया। गौरतलब है कि इस विभाग के विद्यार्थियों ने पहले भी अलग-अलग उत्पाद बनाए हैं। इसी क्रम में इस विभाग के विद्यार्थियों बी.एस सी बा

भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध संदर्भ पर हुई दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला

वनस्पति विज्ञान का प्रचलन भारत में वैदिक काल से, विश्व के प्रथम विनस्पति शास्त्री और विष वैज्ञानिक थे भगवान शिव - कुलपति प्रो पाण्डेय उज्जैन। भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध संदर्भ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन मध्यप्रदेश शासन उच्च शिक्षा विभाग एवं मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी द्वारा दिनांक 27 और 28 फरवरी 2024 को शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल में हुआ, जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने वनस्पति विज्ञान एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने हिंदी साहित्य विषय पर केंद्रित सत्रों में व्याख्यान दिए। उनके साथ ही अनेक शिक्षाविदों ने भाग लिया।  भारतीय ज्ञान परंपरा के विविध संदर्भ पर दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 27 और 28 फरवरी 2024 को शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय, भोपाल में हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दिनांक 27 फरवरी 2024 को प्रातः 10:00 बजे शासकीय सरोजिनी नायडू कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय के मुख्य सभागृह में हुआ। कार्यक्रम की अध्यक्षता मध्यप्रदेश के माननीय राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने की। मुख्य अतिथ

डॉ. सी. वी. रमन हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं - डॉ सी सी त्रिपाठी

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर कार्यक्रम आयोजित भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल ने गत वर्ष विज्ञान दिवस पर एक अभिनव पहल करते हुए देश क़े प्रमुख प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों क़े जीवन एवं उनके द्वारा की गयी महवपूर्ण अनुसन्धान कार्य को संकलित कर एक स्थायी दीर्घा का निर्माण किया था। आज निटर में विभिन्न प्रदेशों से आये हुए टीचर्स एवं इंटर्नशिप पर आये हुए स्टूडेंट्स ने इस दीर्घा का भ्रमण किया । आज के कई अनुसन्धान इन प्राचीन वैज्ञानिकों की शोध एवं आविष्कार पर आधारित है। वर्ष भर देशभर से निटर भोपाल ट्रेनिंग के लिए आने वाले शिक्षकों, विधार्थियों एवं विशिष्ठ अथितियों ने इस दीर्घा का भ्रमण किया है एवं यहाँ संकलित जानकारियों की सराहना की है। विभिन्न संस्थानों एवं शिक्षकों ने यहाँ से प्रेरणा लेकर अपने संस्थानों में इसी तरह के प्रयोग किये हैं जो साइंस के स्टूडेंट्स के लिए के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हैं।   निटर निदेशक डॉ सी सी त्रिपाठी ने अपने सन्देश में कहा कि देश क़े इन सभी वैज्ञानिकों क़े अतुल्य योगदान को आगे की पीढ़ी के लिए सहेजना व देश भर से आने वाले शिक्षकों एवं विद्यार्थियों तक पहुँच

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर विशेष । विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वह सदैव तर्कपूर्ण तरीके से सोचता रहे और शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे इस सोच को आकर देते रहें - कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय

उज्जैन। भारत में प्रत्येक वर्ष 28 फरवरी को भारत में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है। यह दिन भारतीय भौतिकशास्त्री सर चंद्रशेखर वेंकट रमन (सी. वी. रमन) द्वारा रमन प्रभाव की खोज के स्मरण में मनाया जाता है। यह अवसर हमारे वैज्ञानिक समुदाय के योगदानों की सराहना करने और देश के विकास में उनके योगदान के विषय में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए भी एक मंच के रूप में कार्य करता है।  इस वर्ष साइंस डे की थीम ''विकसित भारत के लिए स्वदेशी तकनीक'' रखी गई है। इस दिवस का लक्ष्य भारत में स्वदेशी प्रौद्योगिकियों के विकास और उपयोग को बढ़ावा देना है, जो आत्मनिर्भरता और सतत विकास को बढ़ावा देगा। विज्ञान के विद्यार्थी के लिए यह आवश्यक है कि वह सदैव तर्क पूर्ण तरीके से सोचता रहे और शिक्षकों का यह दायित्व है कि वे इस सोच को आकर देते रहें। आज के युग में विज्ञान एवं वैज्ञानिक सोच की आवश्यकता आत्मनिर्भर भारत में भी है। विक्रम विश्वविद्यालय ने हमेशा माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत की संकल्पना को साकार करने की दिशा में अथक प्रयास किए है। इसी शृंखला में विश्वविद्यालय ने व

विकसित भारत 2047: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ: भाषा, साहित्य, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न, श्रेष्ठ प्राध्यापक एवं अध्येता अवार्ड समारोह हुआ

विकसित भारत के लिए आवश्यक है कि राष्ट्र का सर्वांगीण विकास हो – कुलपति प्रो मेनन समग्र विकास के लिए गुलामी की मानसिकता से मुक्त होना जरूरी – कुलपति प्रो पांडेय  अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन हुआ विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में विकसित भारत 2047: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ: भाषा, साहित्य, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न, श्रेष्ठ प्राध्यापक एवं अध्येता अवार्ड समारोह हुआ  उज्जैन। अक्षरवार्ता अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका एवं संस्था कृष्ण बसंती द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में विक्रम विश्वविद्यालय के माधव भवन स्थित शलाका दीर्घा सभागार में अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन हुआ। यह संगोष्ठी  विकसित भारत 2047: चुनौतियाँ एवं संभावनाएँ: भाषा, साहित्य, शिक्षा, ज्ञान-विज्ञान और संस्कृति के परिप्रेक्ष्य पर केंद्रित थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। मुख्य अतिथि महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो सी जी विजयकुमार मेनन एवं सारस्वत अत

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