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Showing posts with the label स्वास्थ-शिक्षा-व्यापार

अर्श दिवस: आयुर्वेद में बवासीर का उपचार

आधुनिक समय में अनियमित जीवनशैली (आहार विहार) से उत्पन्न होने वाले रोगों में अर्श रोग (बवासीर) प्रमुख है, जो मुख्य रूप से मल मार्ग से संबंधित होता है। आयुर्वेद के ग्रंथों में इसका वर्णन सभी संहिताओं में मिलता है। विशेष रूप से, अष्टांग आयुर्वेद में शल्य तंत्र के जनक आचार्य सुश्रुत ने अर्श रोग का विस्तृत वर्णन किया है। आचार्य ने इस रोग को शत्रु के समान कष्ट देने वाला बताया है। अर्श रोग को गुदामांसाकुर और गुदकिलक के नाम से भी जाना जाता है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में इसे पाइल्स या हेमोरॉयड्स कहा जाता है।  अर्श रोग के कारण अर्श रोग के उत्पन्न होने के कई कारण होते हैं, जिनमें गरिष्ठ भोजन, बासी भोजन, अधिक मद्यपान, एक ही जगह पर ज्यादा बैठना, समय पर भोजन न करना, अपच होने पर भी भोजन करना, गर्भावस्था में होने वाले हार्मोनल परिवर्तन और आनुवांशिक कारण प्रमुख हैं। इसके अलावा, अधिक तला-भुना भोजन, मांसाहार, मसालेदार आहार, और मैदा तथा बेसन से बने उत्पाद भी इस रोग को बढ़ावा दे सकते हैं। अर्श रोग के लक्षण अर्श रोग के प्रमुख लक्षणों में गुदामार्ग में दर्द, मलत्याग में कठिनाई, कठिन मल के साथ रक्त आन...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 21 नवम्बर को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 21 नवम्बर 2024 गुरूवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा।  बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक / बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 24 अक्टूबर को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 24 अक्टूबर 2024 गुरूवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

निःशुल्क दमा रोग चिकित्सा शिविर सफलता पूर्वक संपन्न

उज्जैन। 16 अक्टूबर 2024 को शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर डॉ. प्रकाश जोशी एवं इंद्रा नगर मित्र मंडली द्वारा इंदिरा नगर में 27वां निःशुल्क दमा रोग चिकित्सा शिविर आयोजित किया गया। पिछले 27 वर्षों से डॉ. जोशी दमा रोगियों के लिए इस शिविर का आयोजन कर रहे हैं।  इस बार शिविर का आयोजन एलआईजी 2-172 में किया गया, जहां गुजरात, बिहार, राजस्थान, महाराष्ट्र समेत मध्य प्रदेश के अन्य जिलों से भी रोगियों ने चिकित्सा लाभ प्राप्त किया। शिविर में 450 से अधिक रोगियों ने निःशुल्क चिकित्सकीय परामर्श लिया। शरद पूर्णिमा की रात औषध युक्त खीर का निर्माण चंद्रमा की रोशनी में किया गया। आयुर्वेद के त्रिदोष सिद्धांत के अनुसार दमा के रोगों में वात, पित्त और कफ का संतुलन आवश्यक है। शरद ऋतु में पित्त दोष का प्रकोप होता है, इसलिए रोगियों को रात्रि जागरण करवा कर औषध युक्त खीर का सेवन कराया गया। इस दौरान बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा सुंदरकांड का गायन किया गया और आयुर्वेद महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने भजन संध्या का आयोजन किया।  शाम 7 बजे से महाविद्यालय के विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. प्रकाश जोशी, डॉ. निरंजन सराफ ...

शरद पूर्णिमा पर दमा रोगियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन

शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर षोडश कलायुक्त चन्द्रमा की अमृत वर्षा करेगी दमा रोग की चिकित्सा उज्जैन। शरद पूर्णिमा की चांदनी रात में अमृत वर्षा होगी, और इसी के साथ दमा रोग की चिकित्सा की जाएगी। इंदिरा नगर सहयोगी मित्र मंडल एवं डॉ. प्रकाश जोशी के सौजन्य से शरद पूर्णिमा के पावन पर्व पर दमा रोगियों के लिए नि:शुल्क चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यह शिविर 16 अक्टूबर को सायंकाल 7:30 बजे से इंदिरानगर 172 एलआईजी सेकंड पर आयोजित होगा। शिविर संयोजक डॉ. प्रकाश जोशी ने बताया कि इस चिकित्सा शिविर की विशेषता यह है कि रोगी को रात भर शिविर स्थल पर रात्रि जागरण अनिवार्य होगा। बाल भक्त हनुमान मंडल द्वारा रात्रि 8 बजे से सुंदर काण्ड पारायण आयोजित किया जाएगा। प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में 4 बजे औषधि युक्त खीर का वितरण किया जाएगा।  औषधि खीर के लिए 100 से 500 मीटर पैदल चलना अनिवार्य है। तत्पश्चात प्रात: 6 बजे से कर्ण वेधन चिकित्सा प्रारंभ की जाएगी। कर्ण वेधन के बाद भूख लगने पर एक दिन मूली के पत्तों की सब्जी और रोटी खाना अनिवार्य है, तथा 15 दिन तक मूंग की दाल रोटी लेना अनिवार्य होगा। गुड़, तेल और खट...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में “स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 26 सितम्बर को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 26 सितम्बर 2024 गुरूवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

विक्रम यूनिवर्सिटी को हायर एजुकेशन रिव्यू मैगज़ीन द्वारा भारत में शीर्ष 10 सबसे सम्भावनापूर्ण मानविकी और सामाजिक विज्ञान संस्थान 2024 के रूप में चुना गया

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन को हायर एजुकेशन रिव्यू मैगज़ीन द्वारा भारत में शीर्ष 10 सबसे होनहार मानविकी और सामाजिक विज्ञान संस्थान 2024 के रूप में चुना गया है। पत्रिका के अगले अंक में भारत में मानविकी और सामाजिक विज्ञान पर प्रकाश डाला जाएगा, जहाँ वे भारत में शीर्ष 10 सबसे आशाप्रद मानविकी और सामाजिक विज्ञान कॉलेज - 2024 की सूची प्रकाशित करेंगे। बेंगलुरु, भारत से प्रकाशित हायर एजुकेशन रिव्यू पत्रिका है, जिसका उद्देश्य भारत अलग अलग क्षेत्रों के छात्रों को शैक्षणिक संस्थानों के बारे में वस्तुनिष्ठ जानकारी प्रदान करना है। हायर एजुकेशन रिव्यू प्रत्येक अंक में विशेषज्ञ सलाह और कैरियर मार्गदर्शन, उच्च अध्ययन और अन्य प्रासंगिक विषयों पर जानकारी लाकर छात्रों की उच्च शिक्षा की आवश्यकता को पूरा करने का निरंतर प्रयास कर रहा है। हायर एजुकेशन रिव्यू मैगज़ीन के अगले अंक में भारत में मानविकी और सामाजिक विज्ञान पर प्रकाश डाला जाएगा, जहाँ वे भारत में शीर्ष 10 सबसे होनहार मानविकी और सामाजिक विज्ञान कॉलेज - 2024 की सूची प्रकाशित करेंगे। इस अंक में संस्थाओं द्वारा प्रस्तुत किए जाने वाले कार्यक्रमों...

विश्वविद्यालय संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश आवेदन की तिथि दिनांक 20 सितम्बर तक बढ़ाई गई

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक/स्नातकोत्तर/प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/पी.जी. डिप्लोमा (फार्मेसी अध्ययनशाला के बी. फार्मा एवं एम. फार्मा. पाठ्यक्रम छोडकर) प्रथम वर्ष/सेमेस्टर में सीयूईटी एवं सीधे प्रवेश हेतु रिक्त सीटों पर प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश आवेदन की तिथि दिनांक 20 सितम्बर 2024 निर्धारित की गई है।  प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला/संस्थान/विभाग से सम्पर्क कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश एवं शुल्क जमा करा सकेंगे। शैक्षणिक सत्र 2024-25 के अन्तर्गत स्नातक/स्नातकोत्तर द्वितीय/तृतीय/चतुर्थ/पंचम/ षष्टम/ सप्तम/अष्टम सेमेस्टर/वर्ष के विद्यार्थी ऑनलाईन के माध्यम से अनिवार्य रूप से दिनांक 20 सितम्बर 2024 तक शुल्क जमा कर सकते हैं। इस आशय की अधिसूचना विश्वविद्यालय द्वारा जारी की गई है।

बी.एस.सी. (अनार्स) बायोटेक्नोलॉजी पाठ्यक्रम में लगातार तीसरी बार सीटें फुल

प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में प्रवेश लेने के लिए उमड़ी विद्यार्थियों की भीड़  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में प्रवेश लेने हेतु विद्यार्थियों की भीड़ उमड़ी। गौरतलब हैं की गत दो वर्षों से विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में शत प्रतिशत प्रवेश हुए हैं। इस वर्ष भी इस पाठ्यक्रम की सभी सीटें भर गई हैं। विभागाध्यक्ष डॉक्टर सलिल सिंह ने बताया कि आगे सीटें बढ़ाने की प्रक्रिया प्रारंभ कर दी गई हैं। उन्होंने बताया कि विभाग के शिक्षक सदैव इसी प्रयास में रहते हैं कि विद्यार्थियों को उत्कृष्ट शिक्षा के साथ-साथ अच्छी से अच्छी ट्रेनिंग फैसिलिटी भी दी जाए जिससे विद्यार्थी लाभान्वित हो सके। उन्होंने बताया कि विभाग समय-समय पर विद्यार्थियों के लिए सेमिनार, कॉन्फ्रेंस और ट्रेनिंग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।  इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विभाग के शिक्षकों बधाई देते हुए कहा कि वे सब मिलकर इसी प्रकार से विभाग को उच्च स्तर पर ले जाएँ।  विद्यार्थियो...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 3 अगस्त को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 03 अगस्त 2024 शनिवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक / बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

विक्रम विश्वविद्यालय में संचालित विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश तिथि में वृद्धि

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा रिक्त सीटों पर प्रवेश तिथि में वृद्धि के संबंध में अधिसूचना जारी की गयी है जिसमें लिखा गया है कि, विक्रम विश्वविद्यालय, के समस्त विभागाध्यक्षों/निदेशकों को सूचित किया जाता है कि, शैक्षणिक सत्र 2024-25 में स्नातक/स्नातकोत्तर/प्रमाण पत्र/डिप्लोमा/पी.जी. डिप्लोमा (फार्मेसी अध्ययनशाला के पाठ्यक्रम छोडकर) प्रथम वर्ष/सेमेस्टर में CUET एवं सीधे प्रवेश हेतु प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश की तिथि दिनांक 31 अगस्त 2024 निर्धारित की जाती है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि, प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला/संस्थान/विभाग से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश एवं शुल्क जमा करा सकेंगे।

राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत "ग्राम-चक" में वृद्ध सफल आयुर्वेद जन स्वास्थ्य शिविर का आयोजन

सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीणजनों ने परामर्श एवं निःशुल्क आयुर्वेद औषधियों का लिया लाभ उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालयीन महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि भारत सरकार आयुष मंत्रालय के राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम का शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय उज्जैन को नोडल केन्द्र बनाया गया है। जिसमें राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत उज्जैन ब्लॉक के ग्रामीण क्षेत्र एवं उज्जैन के अधीनस्थ क्षेत्रों में विगत 4 माह से महाविद्यालय द्वारा राष्ट्रीय आयुष मिशन जन स्वास्थ्य कार्यकम का निरंतर संचालन किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत - 1. वयोमित्र (वृद्धावस्था की देखभाल एवं शारीरिक दुर्बलता, अस्थियों एवं मांसपेशियों से संबंधित रोग),  2. आयुर्विद्या (प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य की दृष्टि से दिनचर्या की गतिविधि से अवगत कराना एवं योगाभ्यास सिखाना साथ ही वहां के शिक्षकों को आयुर्वेदीय औषधियों के पौधों के बारे में जानकारी देकर वृक्षारोपण कराया जाना) आदि कार्य सम्पादित किये जा चुके हैं।  3. स...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन" कार्यक्रम 10 जून को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 10 जून 2024 सोमवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रु. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा। उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय परिसर में "योग रखे निरोग" थीम आधारित निःशुल्क योगाभ्यास कार्यक्रम आयोजित

उज्जैन। माननीय संभागायुक्त महोदय / अध्यक्ष, महाविद्यालयीन कार्यकारिणी समिति उज्जैन संभाग उज्जैन के निर्देश पर "योग रखे निरोग" थीम पर मंगलनाथ मार्ग स्थित महाविद्यालय परिसर में कनक श्रृंगा ओपन स्टेज तथा भरपूर हरियाली से परिपूर्ण मैदान पर प्रतिदिन निःशुल्क योगाभ्यास प्रशिक्षित योगाचार्य के निर्देशन में प्रातः 06:00 से 07:30 बजे तक उज्जैन शहरवासियों को उत्तम स्वास्थ्य के लिये आयोजित किया जा रहा है। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि स्वास्थ्य रक्षा में प्राचीनकाल से ही योग की उपादेयता प्रमाणित है। कोरोना के बाद वर्तमान संदर्भ में हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, मोटापा, डायबिटीज तथा कैंसर जैसी व्याधियों की रोकथाम के लिये योगाभ्यास महत्वपूर्ण उपाय है। मंगलनाथ मार्ग पर प्रातः भ्रमण के लिये आने वाले हर आयुवर्ग के पुरूष एवं महिलाओं तथा छोटे बच्चों को आयुर्वेद एवं योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने की दृष्टि से संस्था द्वारा सतत निःशुल्क योगाभ्यास योग विशेषज्ञ के निर्देशन में कराया जा रहा है साथ ही योगाभ्यास ह...

अधिक से अधिक विद्यार्थियों को कैरियर मार्गदर्शन और जॉब अवसर उपलब्ध कराना विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व - कुलगुरु प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा जॉब फेयर, करियर मार्गदर्शन और प्रतिभा सम्मान का आयोजन 24 एवं 25 मई को उज्जैन में  उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा संचालित विश्वविद्यालय चलो अभियान के अंतर्गत 24 और 25 मई 2024 को जॉब फेयर, करियर काउंसलिंग और 12 वी में सर्वोच्च अंकों के साथ उत्तीर्ण प्रतिभाशाली विद्यार्थियों का सम्मान किया जाएगा।  विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने बताया कि इस करियर काउंसलिंग एवं जॉब फेयर आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को उचित करियर मार्गदर्शन एवं जॉब अवसर दिलाना है। साथ ही युवाओं के भविष्य के लिए करियर की राह आसान करना विश्वविद्यालय का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को करियर मार्गदर्शन दिलवाना विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने यह भी कहा कि ये एक ऐसा अवसर है जिसमें विश्वविद्यालय के सभी विषय और सभी विभाग एक ही पटल पर आ कर अपने विभाग में संचालित पाठ्यक्रमों की जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचा सकेंगे। उन्होंने बताया कि इसी दौरान 12 वी में विद्यालय स्तर पर सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों का भी ...

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता के लिए 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस घोषित किया है

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने उच्च रक्तचाप के प्रति जागरूकता के लिए 17 मई को विश्व उच्च रक्तचाप दिवस घोषित किया है  शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद महाविद्यालय के डॉ प्रकाश जोशी ने बताया कि, धूम्रपान वसा युक्त पदार्थों का सेवन मोटापा शराब का सेवन अत्यधिक मानसिक परिश्रम शारीरिक परिश्रम का न करना वृद्धावस्था मानसिक तनाव जैसे चिंता व्याकुलता अनुवांशिकता के कारण यह समस्या भारत में लगातार बढ़ती जा रही है। यदि सिर के पीछे और गर्दन में दर्द हो थोड़े से परिश्रम से ही थकावट लगे नींद ना आना चक्कर आना सीने में दर्द की समस्या आंखों से देखने में परिवर्तन होना दिल का जोर जोर से धड़कना जैसे लक्षण देखें तब तत्काल अपने नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं । आयुर्वेद चिकित्सा अधिकारी डॉ जितेंद्र जैन ने बताया कि यदि व्यक्ति का सिस्टोलिक रक्तचाप 140mm of hg से अधिक है और डायस्टोलिक रक्तचाप 90 mmof hg (युवा अवस्था में 84 mm of hg  से अधिक हो) तब उच्च रक्तचाप से ग्रसित मानना चाहिए। प्रत्येक मोटे व्यक्ति के लिए तथा मधुमेह रोगी के लिए अपना ब्लड प्रेशर नियमित रूप से जांच करवाना चाहिए। उच्च रक्तचाप रोगी  व्यक्ति के बच्च...

विक्रम विश्वविद्यालय में नवीन सत्र में प्रारम्भ हुई ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया, तीस से अधिक विद्यार्थियों ने करवाया ऑनलाइन पंजीयन

विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु सीयूईटी के माध्यम से हुआ रिकार्ड पंजीयन उज्जैन| विक्रम विश्वविद्यालय में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से रोजगारोन्मुखी तथा कौशल विकास से जुड़े ढाई सौ से अधिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। अब तक नए सत्र में  सीधे प्रवेश के लिए तीस से अधिक विद्यार्थियों ने ऑनलाइन पंजीयन करवाया है। इन पाठ्यक्रमों में यूजी, पीजी, डिप्लोमा, पीजी डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट कोर्स सम्मिलित हैं। इसी प्रकार राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी -  एन.टी.ए द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा – सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से प्रवेश के इच्छुक देश भर के अनेक राज्यों से अभ्यर्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं तथा संस्थानों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु रिकार्ड पंजीयन कराया है। विक्रम विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर तथा एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा के माध्यम से पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्र...

विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु सीयूईटी के माध्यम से रिकार्ड पंजीयन हुआ

विक्रम विश्वविद्यालय में नवीन सत्र में प्रारम्भ हुई ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया    उज्जैन। राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी -  एन.टी.ए द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा – सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से प्रवेश के इच्छुक देश भर के अनेक राज्यों से अभ्यर्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं तथा संस्थानों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु रिकार्ड पंजीयन कराया है। विक्रम विश्वविद्यालय में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। विक्रम विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर तथा एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा के माध्यम से पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों तथा स्नातकोत्तर के 59 पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की बढ़ती मांग तथा लोकप्रियता का ही परिणाम है कि शैक्षणिक स़त्र 2024-25 में एन. टी. ए. द्वारा आयोजित सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों हेतु कुल 77,460 तथा स्नातकोत...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 16 अप्रैल को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें । प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रू.50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ. पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा । उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

माय हेल्थ, माय राइट - मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार

स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2024 प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2024 को मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है माय हेल्थ, माय राइट - मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार। विश्व स्वास्थ्य संगठन आयुर्वेद के सिद्धांतों को मान्यता प्रदान करता है, जो आयु का ज्ञान करता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है। स्वास्थ्य देखभाल की प्राचीन और व्यापक पद्धतियों में से एक है जो समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। चरक संहिता का प्रारंभ ही दीर्घ जीवन की कामना से हुआ है, शरीर इंद्रियां मन व आत्मा के संयोग को आयु कहते हैं। आयुर्वेद स्वास्थ्य को दोष ( शरीर की नियामक एवं कार्यात्मक इकाई) धातु संरचनात्मक इकाई ,मल (उत्सर्जन इकाई) और अग्नि (पाचन और चयापचय कारक) के संतुलन की स्थिति के साथ-साथ आत्मा के साथ मन की स्वस्थ स्थिति में उनके सामंजस्य पूर्ण संबंध के साथ परिभाषित करता है। स्वस्थ रहने पर ही मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष चार पुरुषार्थों को प्राप्त कर सकता है। रोग इस कल्याणकारी और मूल स्वरूप आरोग्य जीवन को नष्ट करने वाले हैं। जो मनुष्य विशेष कर युवा है, शारीरिक मानसिक रोगों स...

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