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Showing posts with the label स्वास्थ-शिक्षा-व्यापार

विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु सीयूईटी के माध्यम से रिकार्ड पंजीयन हुआ

विक्रम विश्वविद्यालय में नवीन सत्र में प्रारम्भ हुई ऑनलाइन प्रवेश की प्रक्रिया    उज्जैन। राष्ट्रीय स्तर पर नेशनल टेस्टिंग एजेंसी -  एन.टी.ए द्वारा आयोजित संयुक्त विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा – सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से प्रवेश के इच्छुक देश भर के अनेक राज्यों से अभ्यर्थियों ने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं तथा संस्थानों के विभिन्न पाठ्यक्रमों में शैक्षणिक सत्र 2024-25 में प्रवेश हेतु रिकार्ड पंजीयन कराया है। विक्रम विश्वविद्यालय में एमपी ऑनलाइन के माध्यम से प्रवेश की प्रक्रिया प्रारम्भ हो गई है। विक्रम विश्वविद्यालय में मेरिट के आधार पर तथा एनटीए द्वारा आयोजित सीयूईटी परीक्षा के माध्यम से पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों तथा स्नातकोत्तर के 59 पाठ्यक्रमों में प्रवेश की प्रक्रिया प्रारंभ हो रही है। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रमों की बढ़ती मांग तथा लोकप्रियता का ही परिणाम है कि शैक्षणिक स़त्र 2024-25 में एन. टी. ए. द्वारा आयोजित सी. यू. ई. टी. परीक्षा के माध्यम से स्नातक के 29 पाठ्यक्रमों हेतु कुल 77,460 तथा स्नातकोत्तर के 59 पाठ्

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 16 अप्रैल को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें । प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रू.50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ. पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा । उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

माय हेल्थ, माय राइट - मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार

स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2024 प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी विश्व स्वास्थ्य दिवस 7 अप्रैल 2024 को मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है माय हेल्थ, माय राइट - मेरा स्वास्थ्य, मेरा अधिकार। विश्व स्वास्थ्य संगठन आयुर्वेद के सिद्धांतों को मान्यता प्रदान करता है, जो आयु का ज्ञान करता है उसे आयुर्वेद कहते हैं। आयुर्वेद जीवन का विज्ञान है। स्वास्थ्य देखभाल की प्राचीन और व्यापक पद्धतियों में से एक है जो समग्र स्वास्थ्य पर ध्यान देता है। चरक संहिता का प्रारंभ ही दीर्घ जीवन की कामना से हुआ है, शरीर इंद्रियां मन व आत्मा के संयोग को आयु कहते हैं। आयुर्वेद स्वास्थ्य को दोष ( शरीर की नियामक एवं कार्यात्मक इकाई) धातु संरचनात्मक इकाई ,मल (उत्सर्जन इकाई) और अग्नि (पाचन और चयापचय कारक) के संतुलन की स्थिति के साथ-साथ आत्मा के साथ मन की स्वस्थ स्थिति में उनके सामंजस्य पूर्ण संबंध के साथ परिभाषित करता है। स्वस्थ रहने पर ही मनुष्य धर्म अर्थ काम और मोक्ष चार पुरुषार्थों को प्राप्त कर सकता है। रोग इस कल्याणकारी और मूल स्वरूप आरोग्य जीवन को नष्ट करने वाले हैं। जो मनुष्य विशेष कर युवा है, शारीरिक मानसिक रोगों स

नये-नये आविष्कार की आवश्यकता है, नई-नई बीमारियों के लिए - डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय

डॉ. अमित शर्मा द्वारा ब्रेन और स्पाईनल कार्ड का प्रेक्टीकल करवाया गया गर्भ शारीर पर सारगर्भित व्याख्यान डॉ. सरोज पाटिल, पुणे द्वारा दिया गया पंचकर्म सीएमई के अंतर्गत डॉ. हरिमोहन शुक्ला द्वारा शरीर का कायाकल्प कैसा करें से संबंधित व्याख्यान दिया उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि संस्था में पंचकर्म एवं रचना शारीर विभाग में सी.एम.ई. कार्यक्रम के समापन समारोह के अंतर्गत पंचकर्म विभाग में अंतिम दिन के वक्ता डॉ. हरिमोहन शुक्ला, प्रोफेसर, आयुर्वेद महाविद्यालय, रायपुर ने कार्याकल्प कैसा किया जाये पर अपना व्याख्यान दिया। इसी प्रकार रचना शारीर विषय में सीएमई कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम वक्ता के रूप में डॉ. अमित शर्मा, प्रोफेसर, आयुर्वेद महाविद्यालय, नई दिल्ली ने स्पाइनल कार्ड एवं ब्रेन के डिसेक्शन के बारे में बताया।  आयुर्वेद महाविद्यालय, पुणे के प्रधानाचार्य डॉ. सरोज विनय पाटिल द्वारा गर्भ शारीर के बारे में विस्तृत व्याख्यान दिया।  कार्यक्रम का समापन विक्रम विश्वविद्यालय , उज्जैन के कुलपति महो

डिसेक्शन ऑफ ब्रेन की रचनाओं पर प्रकाश डाला डॉ. रीता मारवा ने

रचना शारीर विषय को कैसा पढ़ाया जाये तथा ग्रंथि शारीर पर अपना सारगर्भित व्याख्यान दिया डॉ. राकेश शर्मा ने नस्यकर्म पर विस्तृत व्याख्यान डॉ. रम्या अलक्कल ने दिया डॉ. गोपेश ने रक्तमोक्षण कैसा किया जाये पर दिया व्याख्यान  उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि आज दिनांक 15.03.2024 शुक्रवार को राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान जोधपुर से पधारे डॉ. रीता मारवाह, प्रोफेसर, पंडित खुशीलाल आयुर्वेद महाविद्यालय, भोपाल ने डिसेक्शन ऑफ ब्रेन की रचनाओं पर प्रकाश डाला व सारगर्भित व्याख्यान दिये। प्रथम सत्र में ही पंचकर्म सीएमई कार्यक्रम के अंतर्गत डॉ. रम्या अलक्कल ने नस्यकर्म पर सारगर्भित व्याख्यान दिया । द्वितीय सत्र में डॉ. राकेश शर्मा, प्रोफेसर, सर्वपल्लवी राधाकृष्णन आयुर्वेद विश्वविद्यालय, जोधपुर ने सीएमई कार्यक्रम के अंतर्गत ग्रंथी शारीर और रचना शारीर विषय को कैसा पढ़ाया जाये इस पर विस्तृत व्याख्यान दिया।  सीएमई पंचकर्म के द्वितीय सत्र में डॉ. गोपेश ने रक्तमोक्षण कैसे किया जाये व इसमें क्या-क्या सावधानियां र

रोगानुसार वस्ति का प्रयोग - डॉ. उमाशंकर निगम

विभिन्न वस्तियों की कार्यमुक्ता के संबंध में डॉ. अनंतराम शर्मा ने विशेष व्याख्यान दिये । स्रोतसशारीर एवं प्रेक्टीकल ऑफ मर्मशारीर पर डॉ. पंकज गुप्ता, ओएसडी, आयुष विभाग द्वारा विशिष्ट व्याख्यान दिया गया डिसेक्शन पर डॉ. प्रदीप कुमार चौहान द्वारा विस्तृत व्याख्यान दिया गया उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि आज दिनांक 13.03.2024 बुधवार को आयोजित सीएमई में पंचकर्म के अंतर्गत वमन (उल्टी कराना), विरेचन (मल त्याग), अनुवासन (स्नेह वस्ति), निरूह वस्ति (आस्थापन वस्ति) एवं नस्य कर्म का अन्तभाव होता है। सीएमई कार्यक्रम में डॉ. उमाशंकर निगम, पूर्व प्राचार्य शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन ने अपने व्याख्यान में कहा कि इनमें वस्ति चिकित्सा सर्वश्रेष्ठ कही गई है। वैसे तो वातज रोगी (Neurological disorders) के लिए यह श्रेष्ठ चिकित्सा है परन्तु वस्तिकर्म से पित्तज, कफज, रक्तज आदि रोगों के लिये लाभकारी है। वस्ति चिकित्सा से लकवा, सियाटिका, कम्पवात आदि जैसे असाध्य रोगों की चिकित्सा की जा सक

शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय में विशिष्ट व्याख्यान सम्पन्न

डॉ. प्रीति चतुर्वेदी द्वारा स्वेदन कर्म पर व डॉ. अजीत ओझा द्वारा पंचकर्म के आधारभूत सिद्धांतों पर व्याख्यान दिया डॉ. उत्कृष्ट कल्याणकर द्वारा कला एवं डिसेक्शन ऑफ एबडामन पर विशिष्ट व्याख्यान दिया डॉ. स्वाति बेडेकर द्वारा प्लास्टीनेशन टेक्नीक पर व्याख्यान दिया उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि, आज दिनांक 12.03.2024 मंगलवार को शासकीय आयुर्वेद महाविद्यालय, ग्वालियर के वरिष्ठ डॉ. उत्कर्ष कल्याणकर एवं विशिष्ट विशेषज्ञ डॉ. स्वाति बेडेकर ने प्लास्टीनेशन तकनीक के बारे में विस्तृत रूप से बताया।  डॉ. कल्याणकर ने डिसेक्शन ऑफ एबडामन को बताते हुए नाभि मर्म और कला शारीर पर विशिष्ट व्याख्यान दिया।  इसी प्रकार सीएमई में पंचकर्म के बारे में डॉ. अजीत ओझा ने पंचकर्म के आधारभूत सिद्धांतों पर विशिष्ट व्याख्यान दिया साथ ही डॉ. प्रीति चतुर्वेदी ने स्वेदन कर्म पर व्याख्यान दिया। उक्त जानकारी सीएमई के सचिव डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा एवं डॉ. योगेश वाणे द्वारा जानकारी दी गई।

सीएमई प्रोग्राम का हुआ शुभारंभ, अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया

सीएमई प्रोग्राम का हुआ शुभारंभ, अन्य राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया सीएमई कार्यकम के प्रथम वक्ता के रूप में रचनाशारीर विषय के वरिष्ठ आचार्य एवं पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. हरि हृदय अवस्थी, चिकित्सा विज्ञान संस्थान, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी के द्वारा शरीर रचना विषय के स्थूल, सूक्ष्म, कारण शरीर एवं चेतना धातु निर्विकार आत्मा के क्षेत्र में शोध विधि एवं तंत्र शारीर नाड़ियां, षडचक एवं स्वर चिकित्सा के क्षेत्र में शोध विधि   पर विशिष्ठ व्याख्यान दिया उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि संस्था में पंचकर्म एवं रचनाशारीर विभाग अंतर्गत आयोजित सीएमई कार्यकम में प्रदेश एवं अन्य राज्यों के शिक्षकगण शामिल हुए।  कार्यकम का उ‌द्घाटन समारोह में श्रीमती कलावती यादव, सभापति, नगर पालिक निगम उज्जैन, श्री अनिल जैन कालूहेड़ा, विधायक, पूर्व मंत्री श्री पारस चन्द्र जी जैन, डॉ. ईश्वर सिंह सिसोदिया, डॉ. अनिल जैन, अधीक्षक डॉ. ओ.पी. शर्मा, एवं डॉ. हेमन्त मालवीय आरएमओ उपस्थित थे। सीएमई कार्यकम के प्रथम वक्

रचना शारीर और पंचकर्म विभाग में सीएमई कार्यक्रम का आयोजन 11 से 16 मार्च तक होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालयीन चिकित्सालय में प्रातः 10:00 बजे रचना शारीर एवं पंचकर्म विभाग में सीएमई कार्यक्रम संपादित होगा जिसमें 60 प्रतिभागी भाग लेंगे। प्रदेश के साथ-साथ अन्य राज्यों के शिक्षक भी सहभागिता लेने आएंगे। कार्यक्रम के शुभारंभ में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय एवं प्रधानाचार्य डॉक्टर जे.पी. चौरसिया, डॉक्टर हरिहर अवस्थी एवं डॉक्टर निशा थालेराव का व्याख्यान सीएमई कार्यक्रम में होगा ।  कार्यक्रम के सचिव डॉ योगेश वाणे एवं डॉ नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि, रचना शरीर सीएमई कार्यक्रम महाविद्यालय में संपादित होगा तथा पंचकर्म सीएमई का कार्यक्रम महाविद्यायीन चिकित्सालय में सम्पन्न होगा। उक्त जानकारी महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं सीईओ डॉ जे.पी. चौरसिया द्वारा दी गयी।

एनआईटीटीटीआर भोपाल को मिला डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा

उत्कृष्टता के हर मापदंड पर खरा उतरने का प्रयास करेगा हमारा संस्थान - प्रो सी सी त्रिपाठी भोपाल । शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार द्वारा एनआईटीटीटीआर भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा प्रदान किया गया है। निटर भोपाल को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्ज़ा विशिष्ट श्रेणी (Distinct Category) संस्थान के रूप में मिला है। निटर भोपाल अपने नए अधिदेश के अनुसार लीडरशिप के सिद्धांतों को प्रदर्शित करते हुए महिलाओं के नेतृत्व वाले विकास, टेक्निकल टीचर्स की क्षमता संबंर्धन, हरित और सतत विकास,अद्वितीय और इमर्जिंग एरिया में ट्रेनिंग, टीचिंग और रिसर्च में इनोवेशन के लिए समर्पित संस्थान के रूप में कार्य करेगा।  निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार को धन्यवाद देतु हुए कहा कि, निटर भोपाल हर क्षेत्र में उत्कृष्टता के मापदंड पर खरा उतरने का प्रयास करेगा। हमारे हर प्रोग्राम टेक्निकल एजुकेशन ,टीचर्स एवं स्टूडेंट्स फोकस्ड होंगे जिसके माध्यम से देश में क्वालिटी टीचर्स जो इंडस्ट्री रेडी इंजीनियरर्स तैयार कर सकें के लिए केंद्रित होंगे। यहाँ से डिग्री लेने वाले स्टूडेंट्स को इमर्जिंग टेक्नॉलजी के साथ-सा

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