संस्कृत भाषा जैसी वैज्ञानिक भाषा में भविष्य में रोजगार की अनेक संभावनाए निहित - प्रो. रमेशचन्द्र पंडा
विक्रम विश्वविद्यालय में विशष्ट व्याख्यान का आयोजन सम्पन्न
उज्जैन। संस्कृत, ज्योतिर्विज्ञान एवं वेद अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विभागाध्यक्ष डॉ. डी.डी. बेदिया ने की तथा अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि, इस प्रकार की व्याख्यानमाला का निरतंर आयोजन किया जावेगा जिससे की समस्त विषयों के विद्यार्थी लाभानवित हो सकें।
मुख्य वक्ता महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन के पूर्व कुलपति जी प्रो. रमेशचन्द्र पंडा ने कहा कि, संस्कृत भाषा जैसी वैज्ञानिक भाषा में भविष्य में रोजगार की अनेक संभावनाए निहित है । संस्कृत भाषा को लेकर यूपीएससी, शैक्षणिक संस्थाओं और निजी संस्थानों में रोजगार के पर्याप्त अवसर है। कार्यक्रम का संचालन डॉ. गोपालकृष्ण शुक्ल ने किया और आभार डॉ. सर्वेश्वर शर्मा ने माना। इस अवसर पर अध्ययनशाला के डॉ. एस. के. मिश्रा, डॉ. विष्णुप्रसाद मीना एवं डॉ. महेन्द्र पण्डया तथा बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।
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