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Showing posts with the label धार्मिक-पर्यटन-यात्रा

विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे पांच राज्यों के 12 विद्यार्थियों ने बनाई शिव-विवाह की मनोहारी रंगोली

विक्रम विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे पांच राज्यों के 12 विद्यार्थियों ने बनाई शिव-विवाह की मनोहारी रंगोली महाशिवरात्रि पर्व पर श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में साढ़े तीन क्विंटल रंगों से बनाई गई रंगोली ने श्रद्धालुओं को मोहित किया उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की ललित कला अध्ययनशाला के प्रतिभाशाली युवा कलाकारों ने श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर में मुख्य शिखर के सामने शिव विवाह प्रसंग की मनोहारी रंगोली बनाई, जिसे हजारों श्रद्धालुओं ने देखा।  महाशिवरात्रि पर्व के दौरान महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग परिसर में विक्रम विश्वविद्यालय के ललित कला अध्ययनशाला के बारह विद्यार्थियों ने महाकवि कालिदास के कुमारसम्भव के श्लोक पर आधारित 25 बाय 25 फीट, 650 वर्ग फीट की शिव विवाह की रंगोली बनाई। इसमें 25 रंगों का उपयोग किया गया, जो साढ़े तीन क्विंटल से अधिक थे।  रंगोली चित्रण करने वाले विश्वविद्यालय के ललित कला के @th3sketchers समूह के विद्यार्थी कलाकारों में सुश्री लक्ष्मी कुशवाह, नंदिनी प्रजापति, मुकुल सिंह, आदित्य चौहान, अक्षित शर्मा, पंकज सेहरा, जगबंधु महतो, अलका कुमारी, प्रिंस परमार, चांदनी डिगर

बेंगलुरु में होगा अखिल भारतीय कला साधक संगम

उज्जैन। संस्कार भारती द्वारा चार दिवसीय अखिल भारतीय कला साधक संगम दिनांक 1 फरवरी 2024 से 4 फरवरी 2024 तक का आयोजन आर्ट ऑफ लिविंग इंटरनेशनल सेंटर बेंगलुरु में आयोजित किया जा रहा है। जिसमें देश भर के 2500 से अधिक कलाकार व प्रतिनिधि भाग लेंगे। कला साधक संगम का उदघाटन दिनांक 01 फरवरी को मेसुर के महाराजा श्री यदुवीरा कृष्णदत्ता चामराजा वाडियार के मुख्य आतिथ्य में होगा, इस अवसर पर पद्मश्री मंजम्मा जोगथी प्रख्यात लोक कला गायक, डॉ श्री विक्रम संपथ इतिहासविद, लेखक एवं रायल हिस्टोरिकल सोसाइटी के फैलो सदस्य, पंडित श्री रवीद्र यवागल विख्यात तबला वादक एवं विजयनगर साम्राज्य के वंशज कृष्णदेवराया अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। कला साधक संगम में होने वाले कार्यक्रमों की जानकारी देते हुवे प्रांतीय प्रचार प्रमुख श्री गोपाल महाकाल ने बताया कि, सम्पूर्ण कार्यक्रम चार दिवसीय होने वाला है जिसमें प्रथम दिवस 01 फरवरी को नॉर्थ ईस्ट लोकनृत्य का कार्यक्रम होगा। दूसरे दिन सुबह सामाजिक समरसता का कला व साहित्य में योगदान विषय पर सेमिनार का आयोजन होगा। दोपहर को सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा जिसमें संस

प्रमुख सचिव श्री सिंह ने परिजनों संग श्री श्याम बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया

🚩🚩 द्वारा, शुभम राधेश्याम चौऋषिया 🚩🚩 खाटू (सीकर-राजस्थान), गुरुवार, 29 जून, 2023 । मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव श्री अवधेश प्रताप सिंह जी अपनी धर्मपत्नी प्रोफेसर प्रतिमा सिंह व वरिष्ठ पत्रकार श्री राधेश्याम चौऋषिया के साथ प्रातः जयपुर पहुँचे तथा वहाँ से गुरुवार, 29 जून, 2023 आषाढ़ मास, शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी के शुभ दिन ख़ाटूश्यामजी में श्री श्याम बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त किया।  इस अवसर पर प्रमुख सचिव के साथ राजस्थान विधानसभा के प्रोटोकॉल ऑफिसर श्री ओमप्रकाश शर्मा, श्री भरत शर्मा, श्री श्याम मंदिर कमेटी के मैनेजर श्री संतोष शर्मा एवं सीकर जिला प्रोटोकॉल अधिकारी आदि साथ में उपस्थित थे ।  मन्दिर कमेटी ऑफिस में मैनेजर श्री शर्मा ने प्रमुख सचिव महोदय को श्री खाटूश्यामजी के बनने वाले दिव्य-भव्य मन्दिर की कार्य योजना की डिजाइन भी बताई और विस्तृत जानकारी से अवगत कराया । श्री खाटूश्यामजी में श्री श्याम मन्दिर कमेटी के मैनेजर श्री संतोष शर्मा ने विधानसभा के प्रमुख सचिव (युगल दंपति) श्री सिंह व पत्रकार श्री चौऋषिया से विधिवत पूजा-अर्चना करवाई, श्री श्याम बाबा की मो

सनातनी 15 मंत्र, जो हमें सीखना चाहिए

🍁🍁🍁🍁🍁🍁🍁 1. भगवान महादेव मंत्र-           ॐ त्र्यम्बकं यजामहे,            सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् ,            उर्वारुकमिव बन्धनान्,            मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !! 2. भगवान गणेश मंत्र-              वक्रतुंड महाकाय,               सूर्य कोटि समप्रभ               निर्विघ्नम कुरू मे देव,               सर्वकार्येषु सर्वदा !! 3. श्री हरि विष्णु मंत्र-            मङ्गलम् भगवान विष्णुः,            मङ्गलम् गरुणध्वजः।            मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः,            मङ्गलाय तनो हरि:!! 4. भगवान ब्रह्मा मंत्र-              ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा,               नमस्ते परमात्ने ।               निर्गुणाय नमस्तुभ्यं,               सदुयाय नमो नम:!! 5. भगवान श्री कृष्ण-                वसुदेवसुतं देवं,                कंसचाणूरमर्दनम्।                देवकी परमानन्दं,                कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम!!* 6. भगवान श्री राम मंत्र-               श्री रामाय रामभद्राय,                रामचन्द्राय वेधसे ।               रघुनाथाय नाथाय,                सीताया पतये नमः !! 7.श्री देवी दुर्गा मंत्र-    

पंचकेदार (पाँच केदार) हिन्दुओं के पाँच शिव मंदिरों का सामूहिक नाम है, जानिए कहा है स्थित पंचकेदार और इनसे जुड़ी कुछ किंवदन्तियों के बारे में

पंचकेदार (पाँच केदार) हिन्दुओं के पाँच शिव मंदिरों का सामूहिक नाम है। ये मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड राज्य के गढ़वाल क्षेत्र में स्थित हैं। इन मन्दिरों से जुड़ी कुछ किंवदन्तियाँ हैं जिनके अनुसार इन मन्दिरों का निर्माण पाण्दवों ने किया था। भगवान शंकर पांडवों को दर्शन नहीं देना चाहते थे, इसलिए वे अंतरध्यान होकर केदार में जा बसे। पांडव उनका पीछा करते-करते केदार पहुंच गए। भगवान शंकर ने बैल का रूप धारण कर लिया और वे अन्य पशुओं के बीच चले गए। पांडवों को संदेह हुआ तो भीम ने अपना विशाल रूप धारण कर लिया। भीम ने दो पहाड़ों पर पैर फैला दिए। अन्य सब गाय-बैल तो निकल गए पर भगवान शंकर रूपी बैल पैर के नीचे से जाने को तैयार नहीं हुए। भीम बैल पर झपटे तो बैल भूमि में अंतरध्यान होने लगा। तब भीम ने बैल की त्रिकोणात्मक पीठ का भाग पकड़ लिया। भगवान शंकर पांडवों की भक्ति और दृढ़ संकल्प देख कर प्रसन्न हो गए। उन्होंने दर्शन देकर पांडवों को पाप मुक्त कर दिया। उसी समय से भगवान शंकर बैल की पीठ की आकृति-पिंड के रूप में श्री केदारनाथ में पूजे जाते हैं। माना जाता है कि जब भगवान शंकर बैल के रूप में अंतरध्यान हुए तो

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