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Showing posts from July, 2023

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र संपूर्ण विश्व के साथ जोड़ते हैं- प्रो. शर्मा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था कथा सम्राट - मुंशी प्रेमचंद और भारतीय समाज की चुनौतियां। संगोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा,  हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक,  विक्रम विश्वविद्यालय,  उज्जैन ने अपना व्याख्यान देते हुए कहा कि प्रेमचंद से जुड़ना लोकतंत्र से जुड़ना है। संवैधानिक मूल्यों के साथ खड़ा होना है। उनमें गहरी वैचारिक दृढ़ता थी, उन्होंने दबाव या प्रलोभनों से समझौता नहीं किया। समकालीन विमर्शों के मूल सूत्र प्रेमचंद के यहां मौजूद हैं। उन्हें पूर्वनिर्धारित वाद या विचारधारा के दायरे में बांधा नहीं जा सकता है। देश आजाद है, पर व्यापक बदलावों के बावजूद  स्त्रियों, वंचितों और किसानों की दुरावस्था, अन्याय और शोषण जारी है। प्रेमचंद कथा साहित्य में इन विसंगतियों का तीखा प्रतिकार दिखाई देता है।  समारोह के अध्यक्ष डॉ. शहाबुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख, पुणे ने अध्यक्षीय भाषण में कहा प्रेमचंद को सच्ची भारतीयता की पहचान हैं।  विशिष्ट वक्ता राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ . हरिसिंह पाल  महामंत्री नागरी लिपि परिषद, दिल्ली

परिवार और समाज की संकल्पना को साकार करते हैं प्रेमचंद – कुलपति प्रो पांडेय

  प्रेमचंद के कथा साहित्य में गहरी मानवीयता है – शशिमोहन श्रीवास्तव  प्रेमचंद का साहित्य : समकालीन वैश्विक संदर्भ में पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न   प्रेमचंद जयंती पर 31 जुलाई 2023 को हुआ प्रेमचंद के अवदान पर मंथन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला तथा प्रेमचंद सृजन पीठ, उज्जैन के संयुक्त तत्वावधान में 31 जुलाई को  अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन वाग्देवी भवन में किया गया। यह संगोष्ठी प्रेमचंद का साहित्य : समकालीन वैश्विक संदर्भ में विषय पर केंद्रित थी।  आयोजन के प्रमुख अतिथि पूर्व जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री शशिमोहन श्रीवास्तव एवं ओस्लो, नॉर्वे के वरिष्ठ साहित्यकार श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक थे। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। आयोजन में फिलाडेल्फिया, यूएसए की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ मीरा सिंह, प्रो हरिमोहन बुधौलिया, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, श्री संतोष सुपेकर, श्री जीवन सिंह ठाकुर, देवास आदि ने प्रकाश डाला।  पूर्व जिला एव

कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद्र संपूर्ण विश्व के साथ जोड़ते हैं - प्रो. शर्मा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में 254वी आभासी संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय- उपन्यास कथा सम्राट - मुंशी प्रेमचंद और समाज की चुनौतियां गोष्ठी में मुख्य वक्ता प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ,  हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासन,  विक्रम विश्वविद्यालय,  उज्जैन ने अपना मंतव्य देते हुए कहा कि- प्रेमचंद से जुड़ना लोकतंत्र से जुड़ना है। संवैधानिक मूल्यों के साथ खड़ा होना है। समारोह के अध्यक्ष डॉ. शहावुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख ने अध्यक्षीय भाषण में कहा- प्रेमचंद्र सच्ची भारतीयता की पहचान हैं। विशिष्ट वक्ता राष्ट्रीय मार्गदर्शक डॉ . हरि सिंह पाल  महामंत्री नागरी लिपि परिषद, दिल्ली ने कहा-  प्रेमचंद्र का साहित्य कालजई साहित्य है।   राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बृजकिशोर शर्मा , पूर्वशिक्षा अधिकारीने कहा- कफन कहानी के माध्यम से सारे आदर्शों पर कफन डाल उन्होंने कहा जीवन का आदर्श कुछ और ही है। मुख्य अतिथि डॉ रजनी गुप्त सरकारी बैंक में पूर्व मुख्य प्रबंधक,  लखनऊ ने कहा-  प्रेमचंद्र प्रेम को संयम और कर्तव्य परायणता की ओर ले जाते हैं। अरुणा शराफ,  इंदौर ने कहा- समाज सुधारक और यथार्थवादी विचारक

डॉ वेद प्रकाश व्यास का विदाई एवं सम्मान समारोह संपन्न

उज्जैन। दिनांक 31 जुलाई 2023 सोमवार को मंगलनाथ मार्ग स्थित शासकीय धन्वंतरि आयुर्वेद महाविद्यालय में महाविद्यालय के बाल रोग विभाग के विभागाध्यक्ष  वरिष्ठ प्रोफेसर परम पूज्य आदरणीय डॉ वेदप्रकाश व्यास जी का सेवानिवृति दिवस के दिन  विदाई एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया।  संस्था के प्राचार्य डॉ जे पी चौरसिया ने बताया कि विदाई समारोह में समस्त महाविद्यालय के अध्यापक,कर्मचारी एवं छात्र छात्राओं ने अपने वक्तव्य, गीत,काव्य रचनाओं द्वारा माननीय व्यास सर को भाव भीनी विदाई दी। कार्यक्रम का शुभारंभ धन्वंतरि वंदना एवं छात्र छात्राओं प्रगति शर्मा,वेणु ताई,आदित्य शुक्ला,भूपेश भास्कर द्वारा स्वागत गीत से किया गया। आदरणीय व्यास जी के 62 वर्ष के सफल जीवन एवं 40 वर्ष से अधिक शासकीय सेवा के दौरान उपलब्धियों तथा आयुर्वेद,बाल रोग उत्थान हेतु दिए गए अपूर्णीय योगदान को याद किया गया। महाविद्यालय को ऊंचाइयों तक ले जाने में डॉ वेद प्रकाश व्यास के मूली योगदान का जिक्र हुआ तो समस्त महाविद्यालय के सदस्यों का हृदय गदगद हो गया।  इस दौरान डॉ वेद प्रकाश व्यास की धर्मपत्नी श्रीमती ऊषा व्यास,सुपुत्र श्री वेदांत व्यास एव

नागरी लिपि हिंदी मानकीकरण का वैज्ञानिक पहलू पर संगोष्ठी सम्पन्न

नागरी लिपि हिंदी मानकीकरण का वैज्ञानिक पहलू विषयक वेब संगोष्ठी आज अपने उद्देश्य को प्राप्त करने में सफल रही। डॉ प्रेमचंद्र पातंजलि जी की अध्यक्षता, डॉ हरिसिंह पाल जी के सानिध्य, और डॉ मोहन बहुगुणा जी के कुशल संचालन में संपन्न आज की वेब संगोष्ठी में देश-विदेश के अनेक विद्वानों के शामिल होने से यह एक अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी बन गई। चर्चा सत्र के प्रथम वक्ता डॉ उमाकांत खुबालकर जी ने नागरी लिपि परिषद की स्थापना वर्ष और उद्देश्यों तथा प्रगति पर प्रकाश डालते हुए सांस्थानिक रूप से नागरी के पक्ष में घटी घटनाओं की भी चर्चा की। प्रोफ़ेसर वी रा जगन्नाथन ने मुख्य वक्ता के रूप में बहुत ही प्रभावशाली वक्तव्य दिया। उन्होंने नागरी लिपि के प्रयोग में हो रही आम असावधानियों पर प्रकाश डालते हुए इसके मानकीकरण के लिए हिंदी में एक अधिकरण स्थापित किए जाने की आवश्यकता बताई। उन्होंने तमिल, तेलुगू, मलयालम आदि भाषाओं और उनकी लिपियों से हिंदी देवनागरी की तुलना करते हुए अनेक महत्वपूर्ण तथ्यों की तरफ ध्यान आकृष्ट किया। अनुस्वार, पंचम वर्ण, आनुनासिक्य ध्वनि, संयुक्त व्यंजन के प्रयोग संबंधी भ्रांतियों का निवारण करते ह

साइंटिफिक तकनीकों का उपयोग कर शोध कार्य को उच्च स्तरीय शोध पत्रिका में प्रकाशित करवा सकते हैं - डॉ उपाध्याय

उज्जैन। कृषि विज्ञान अध्ययनशाला में शुक्रवार को फैकल्टी एनरिचमेंट प्रोग्राम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम के अंतर्गत जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व संकाय अध्यक्ष एवं वर्तमान में मेडिकैप्स विश्वविद्यालय, इंदौर के कृषि संकाय अध्यक्ष प्रो एस डी उपाध्याय ने सॉफ्ट स्किल्स इन साइंटिफिक टेक्निकल राइटिंग विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि शोध कार्य को अच्छी रेटिंग वाले जर्नल्स में प्रकाशित करने के लिए किन-किन तकनीकों की आवश्यकता होती है। डॉ उपाध्याय ने शोध लेखन के विभिन्न चरणों को विस्तृत रूप से समझाया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सांख्यिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ राजेश टेलर ने की l डॉ टेलर ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में विभाग के शिक्षकों को शोध पत्र लिखने और उन्हें विश्व स्तरीय जर्नल्स में प्रकाशित करने पर जोर दिया। इस व्याख्यान के मुख्य अतिथि के रूप में गणित अध्ययन शाला के विभागाध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ पुष्पेंद्र सिंह घोष ने किया तथा आभार डॉ शोभा मालवीय ने व्यक्त किया। इस अवसर पर डॉ उमा पाटीदार, डॉ मोनू विश्वकर्मा, डॉ प्रभु दयाल पंवार, डॉ रुच

राष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक उत्पाद बनाने के लिए रणनीतिक अनुसंधान गतिविधियों, प्रोजेक्ट निर्माण तथा अनुसंधान में जुटें युवा – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन 28 जुलाई को सम्पन्न   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं वनस्पति अध्ययनशाला में किया गया।  विक्रम विश्वविद्यालय एवं डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के संयुक्त तत्वावधान से एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन दिनांक 28 जुलाई 2023 को विक्रम विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं वनस्पति अध्ययनशाला में किया गया। डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी, भारत सरकार नई दिल्ली द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं प्रौद्योगिकी और वनस्पति एवं पर्यावरण प्रबंधन अध्ययनशाला के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 28 जुलाई 2023 को वनस्पति एवं पर्यावरण अध्ययनशाला में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका विषय बायोइंटरप्रीनर्शिप, इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी एंड टेक्नोलॉजी मैनेजमेंट इन लाइफ साइंस था। इस कार्यशाला में अनेक महाविद्यालय तथा विश्वविद्यालय की विभिन्न अध्ययनशालाओं

जी 20 सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढ कर महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव

सुदूर अतीत से भारत दुनिया भर को नई दिशा देता आ रहा - उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव विक्रम विश्वविद्यालय में जी 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम 28 जुलाई 2023 को सम्पन्न उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा विदेश मंत्रालय, भारत सरकार एवं एससीआईएबी- अविष्का काउंसिल ऑफ इंडस्ट्रियल एंड एलाइड बायो साइंसेज, नोएडा के सौजन्य से जी 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत दिनांक 28 जुलाई 2023 को डॉ. मोहन यादव, माननीय उच्च शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश शासन के मुख्य आतिथ्य में स्वर्ण जयंती सभागार में व्याख्यान आयोजित किया गया। अध्यक्षता कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम में प्रोफेसर एमिरटस एवं पूर्व राजदूत श्री जे. एस. मुकुल का विशिष्ट उद्बोधन हुआ। विशिष्ट अतिथि देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के प्रो कन्हैया आहूजा थे। मुख्य अतिथि उच्च शिक्षा मंत्री, मध्यप्रदेश शासन डॉ मोहन यादव जी ने कहा कि सुदूर अतीत से भारत दुनिया भर को नई दिशा देता आ रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पनाएँ आज विश्व पटल पर साकार हो रही हैं। उनके नेतृत्व में आज भारत को जी 20 की अध्यक्षता

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