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"सर्व समस्याओं का समाधान निमानता" विषय पर ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शिवरात्रि महा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित

उज्जैन । ऋषि नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में शिवरात्रि महा महोत्सव का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया है। जिसमें जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना में शिवरात्रि का महत्व विषय रखा गया है। आज 11 फरवरी का विषय रहा " सर्व समस्याओं का समाधान निमानता " जिसमें अतिथि के रूप में श्री सुलभ शांति गुरु जी , श्री राम कथा व्यास महंत डॉ रामेश्वर दास जी, अध्यक्ष रामा दल, अखाड़ा परिषद उज्जैन तथा भ्राता राजेंद्र जैन  , राजयोगिनी ब्रह्मकुमारी ऊषा दीदी जी , उज्जैन संभाग की प्रभारी शामिल रही। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन तथा शिव भक्ति पर आधारित नृत्य के माध्यम से किया गया। आज के कार्यक्रम की प्रमुख वक्ता ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने आज का विषय सर्वे समस्याओं का समाधान पर प्रकाश डाला। आपने बताया अगर हमें जीवन में निमानता का गुण धारण करना है सर्वप्रथम अपने मन में अच्छे संकल्पों को निर्माण रचना करनी होगी। परमपिता परमात्मा शिव तो सभी गुणों शक्तियों की खान है। ब्रह्माकुमारी राजीव उषा दीदी जी ने शिवरात्रि का अध्यात्मिक रहस्य बताते हुए सभी को शिवरात्रि की शुभकामनाएं दी। इ

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिव दर्शन धाम में शिवरात्रि महोत्सव का आयोजन

उज्जैन। ऋषि नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के शिव दर्शन धाम में शिवरात्रि का भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गयाहै जिसका विषय जीवन मूल्यों की पुनस्थापना में शिवजयंती का महत्व, प्रांगण को फूलों स्लोगन झंडा लाइट से सजाया गया है। इस कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण केन्द्र, 18 फीट शिवलिंग, शिव दर्शन आध्यात्मिक चित्र प्रदर्शनी, राजयोग अनुभूति शिव भक्ति पर आधारित नृत्य, जीवन मूल्यों की पुनस्थापना में शिव जयंती (शिवरात्रि) का महत्व पर व्याख्यान, सामूहिक शिव आरती रहेगा। कार्यक्रम दिनांक 11 फरवरी शनिवार से 19 फरवरी रविवार तक चलेगा। प्रत्येक दिन अलग अलग विषय पर व्याख्यान रहेगा । जिसका समय प्रतिदिन संध्या 6:00 से 9:00 तक रहेगा, स्थान ब्रह्माकुमारी शिवदर्शन धाम परिसर वेदनगर पर रहेगा भक्त गण से निवेदन है कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंच कर कार्यक्रम को सफल बनाये ।

विक्रम विश्वविद्यालय में 15 फरवरी 2023 को होगा कैंपस ड्राइव

15 से ज्यादा कंपनियों में मिलेंगे सैकड़ों जॉब अवसर एवं करियर मार्गदर्शन   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय में दिनांक 15 फरवरी 2023 को विश्वविद्यालय अध्ययनशालाओं एवं संस्थानों में अध्ययनरत एवं पूर्व विद्यार्थियों के लिए कैंपस ड्राइव का आयोजन प्राणिकी एवम जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में किया जा रहा है। इस कैंपस ड्राइव में 15 से ज्यादा कंपनी सैकड़ों जॉब अवसर करियर मार्गदर्शन प्रदान करेंगी। कैम्पस ड्राइव में सभी विषय के ग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट, डिप्लोमा एवं सर्टिफिकेट पाठ्यक्रम में अध्ययनरत एवं पूर्व विद्यार्थियों को रोजगार के अवसर एवं करियर मार्गदर्शन प्राप्त होगा। उद्घाटन समारोह आयोजन कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में किया जाएगा।  कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय विद्यार्थियों को रोजगार दिलाने के तत्पर है और विगत वर्षों में सतत रूप से इस तरह के आयोजन कर रहा है। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पौराणिक  ने अधिक से अधिक विद्यार्थियों को इस महत्त्वपूर्ण कैंपस ड्राइव में भागीदारी कर लाभान्वित होने के लिए प्रेरित किया।

विषय क्षेत्र के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से संपर्क में रहना विद्यार्थियों के ज्ञान की उन्नति के लिए लाभकारी - कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय में शीघ्र ही लाइफ साइंस एवं फॉरेंसिक साइंस : संभावनाएं एवं चुनौतियां विषय पर होगा राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय और राज्य फॉरेंसिक साइंस प्रयोगशाला, जबलपुर से पधारीं डॉ दीप्ति श्रीवास्तव के बीच लाइफ साइंस और फॉरेंसिक साइंस के क्षेत्र में आज के समय में प्रयोग में लाई जाने वाली तकनीक जैसे डी. एन. ए. फिंगर प्रिंटिंग, डी. एन. ए. आइसोलेशन आदि पर चर्चा हुई। इन तकनीकों का सैद्धांतिक और प्रायोगिक उपयोग विद्यार्थियों को सीखने हेतु शीघ्र ही “लाइफ साइंस एवं फॉरेंसिक साइंस संभावनाएं एवं चुनौतियां” विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन करने का निर्णय भी लिया गया। दिनांक 10 फरवरी 2023 को विश्वविद्यालय में हुई संवाद बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि अपने विषय के वरिष्ठ वैज्ञानिकों से संपर्क में रहना विद्यार्थियों के ज्ञान की उन्नति के लिए लाभकारी होता है। अतः विश्वविद्यालय सदैव यही प्रयास करता है कि ऐसे लोगों का विद्यार्थियों से अधिक से अधिक संपर्क कराया जाए। कुलपति

उच्च स्तर के शोध पत्र लिखना सीखें विद्यार्थी – कुलपति प्रो पांडेय

  कुलपति प्रो पांडेय ने प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के पुस्तकालय को पुस्तकें एवं शोध पत्रिकाएँ अर्पित की उज्जैन। प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों के अध्ययन एवं शोध के लिए विभागीय पुस्तकालय में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा अनेक पुस्तकें एवं शोध पत्रिकाएं अर्पित की गईं। आयोजन में कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर विशेष रूप से उपस्थित थे। प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों के अध्ययन के लिए विभागीय पुस्तकालय में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा अनेक पुस्तकें एवं शोध पत्रिकाएं दान किये गए। उपरोक्त पुस्तकें जैवप्रौद्योगिकी के साथ-साथ जीव विज्ञान के संकाय के विभिन्न क्षेत्रो में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होंगी। विभाग को पुस्तकें अर्पित करते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि विद्यार्थी उच्च स्तर के शोध पत्र लिखना सीखें। इसके लिए आवश्यक है कि वे अधिक से अधिक शोध पत्रिकाओं का अध्ययन करें। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस बदलते हुए समय में जहाँ इंटरनेट से

बौद्धिक संपदा अधिकार के संबंध में व्यापक जागरूकता जरूरी - श्री दुबे

विक्रम विश्वविद्यालय में आईपीआर अवेरनेस प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ विशेष व्याख्यान उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजिनियरिंग एण्ड टेक्नोलाजी एवं राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा जागरूकता मिशन (एनआईपीएएम) द्वारा संयुक्त रूप से इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स - आईपीआर अवेरनेस प्रोग्राम के अंतर्गत विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस आयोजन का लक्ष्य आईपीआर के मुख्य उद्देश्य और आवश्यकता के बारे में शिक्षकों एवं छात्रों को जानकारी देना था। व्याख्यान कार्यक्रम में आईपीआर के एग्जामिनर ऑफिसर श्री हर्ष दुबे, मुंबई विशेषज्ञ वक्ता के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम में कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा एवं एसओईटी के निदेशक डॉ डी डी बेदिया ने भी विचार व्यक्त किए।  विशेषज्ञ वक्ता श्री हर्ष दुबे, मुंबई ने इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी राइट्स (आईपीआर) के बारे में शिक्षकों व स्टूडेंट्स को पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जब कोई व्यक्ति किसी काम को मूल रूप से तैयार करता है, भौ

निशुल्क दमा रोग आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर

उज्जैन। शासकीय धन्वंतरी आयुर्वेद चिकित्सालय चिमनगंज मंडी आगर रोड उज्जैन में दिनांक 10 एवं 11 फरवरी को निशुल्क दमा रोग आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर का आयोजन प्रातः 9:00 से 12:00 बजे के मध्य किया जा रहा है।  चिकित्सालय के कक्ष क्रमांक 54 स्वस्थवृत्त विभाग के अंतर्गत उक्त चिकित्सा शिविर का आयोजन किया जा रहा है। अतः दमा रोग से पीड़ित इस निशुल्क चिकित्सा शिविर का लाभ ले सकते हैं इस चिकित्सा शिविर में आयुर्वेदिक औषधियों के साथ-साथ आयुर्वेदिक धूमपान आदि के द्वारा चिकित्सा की जाएगी । उक्त जानकारी प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. ओ. पी. व्यास तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

दवाइयों के विपरीत प्रभाव से बचाव के लिए जागरूकता आवश्यक - डॉ. अर्चना पांडे

रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला में ड्रग रिलीज पर हुआ व्याख्यान उज्जैन। केमिकल एसोसिएशन, रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में सागर विश्वविद्यालय की रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. अर्चना पांडे ने ड्रग रिलीज एवं डिसोल्यूशन विषय पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने जानकारी दी कि उनका इस संबंध में एक पेटेंट भी हाल ही में प्रकाशित हुआ है। डॉक्टर पांडे ने अपने व्याख्यान में बताया कि किस तरह दवाइयां एवं उनकी अतिरिक्त मात्रा शरीर पर विपरीत प्रभाव डालती है। उन्होंने प्रयोगों से सिद्ध करके बताया कि शरीर में पेरासिटामोल के अवशोषण को बदला जा सकता है। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि वे खुद भी जागरूक हों तथा अपने आसपास के लोगों को भी जागृत करें, जिससे कि दवाइयों के विपरीत प्रभावों से बचाव संभव है।  कार्यक्रम में विभाग की पूर्व विभागाध्यक्ष  प्रो. शुभा जैन एवं क्षेत्रीय अतिरिक्त संचालक महोदय डॉ. अर्पण भारद्वाज, विभागाध्यक्ष प्रो. उमा शर्मा सहित अन्य शिक्षक एवं छात्र छात्राएं उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मीनल छझलानी ने किया तथा आभार शोधार्थी श्वेता साहू ने माना।

कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे - श्री नाहर

कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे -  श्री नाहर उज्जैन। कृषि विज्ञान अध्ययनशाला में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कार्यपरिषद सदस्य श्री संजय नाहर द्वारा विद्यार्थियों से अध्ययनशाला के विकास हेतु चर्चा की गई। जिसमें उन्होंने आश्वस्त किया कि विक्रम विश्वविद्यालय में नव स्थापित कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के  विकास के लिए व्यापक प्रयास किए जाएंगे।   विद्यार्थियों ने अध्ययनशाला को विकसित करने हेतु विभिन्न सुझाव दिए। इनमें प्रयोगशाला का विकास, फील्ड एक्सपेरिमेंट, विभागीय पुस्तकालय, स्मार्ट क्लासरूम, एलईडी,  प्रोजेक्टर, पुनर्मूल्यांकन,  कंप्यूटर लैब की वैकल्पिक व्यवस्था, फीस किस्तों में जमा करवाने इत्यादि पर चर्चा हुई। श्री संजय नाहर ने उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा कृषि विज्ञान अध्ययनशाला के नए भवन हेतु ₹ 20 करोड़ की राशि को कार्यपरिषद् द्वारा अनुमोदित करवाने की जानकारी भी विद्यार्थियों को दी एवं विद्यार्थियों द्वारा दिए गए सुझावों पर विश्वविद्यालय द्वारा शीघ्र क्रियान्वयन किए जाने के लिए आश्वस्त किया। संवाद के दौरान  पुनर्मूल्यांकन,  फीस की किस्त, प

बजट परिचर्चा 2023 का आयोजन सम्पन्न

उज्जैन । अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में बजट परिचर्चा 2023 का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय जी ने कहा कि "वर्तमान समय में इस नवीन बजट के माध्यम से हमारा देश अमृतकाल के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है"। जिला उद्योग व्यापार केन्द्र उज्जैन के महाप्रबंधक श्री आर. के. दुबेजी ने बतलाया कि "नए बजट में MSME'S के विकास के लिए अनेकों प्रभावशाली कदम उठाए गए है जिनके माध्यम से देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।" सेडमेप के जिला समन्वयक श्री प्रमेश मिश्रा जी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों के रोजगार तथा उनकी उद्यमिता के महत्व को रखांकित किया उनके अनुसार यदि विद्यार्थी जीवन से ही रोजगार पर शिक्षा उपलब्ध करवा दी जाए तो बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी। इस विशेष अवसर पर जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र उज्जैन तथा विक्रम विश्वविद्यालय के मध्य एक MOU भी किया गया है। बजट परिचर्चा के अतिथि वक्ता एवं म.प्र. ग्रामीण बैंक के मुख्य प्रबंधक श्री ऋषि कुमार जी ने

कालियादेह महल क्षेत्र प्राचीन जल संरक्षण एवं पारिस्थिकीय अध्ययन हेतु उपयोगी – कुलपति प्रो पांडेय

  विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा जल संरक्षण की प्राचीन पद्धतियों एवं  पारिस्थितिकी का अध्ययन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अध्ययनरत विद्यार्थियों को जल संरक्षण की प्राचीन पद्धतियों, जल परीक्षण एवं पारिस्थितिकी अध्ययन हेतु स्थल अवलोकन के उद्देश्य से विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने, प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों के साथ कालियादेह महल पहुंच कर प्राचीन जल संरक्षण प्रणाली का अवलोकन किया तथा शिक्षकों को निर्देशित किया कि इस स्थल की पारिस्थितिकी एवं जल परीक्षण का अध्ययन विद्यार्थियों को कराया जाये।  भारत में जल संसाधनों के संरक्षण  का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन समय से ही देश में जल प्रबंधन एवं संरक्षण का इतिहास बहुत पुराना है। प्राचीन समय से ही देश में जल प्रबंधन एवं संरक्षण का कार्य किया जा रहा है। जल प्रबंधन का पहला प्रमाण सिंधु घाटी में खुदाई के दौरान मिला, धोलावीरा में अनेक इकाइयो के प्रमाण मिले हैं।  उपरोक्त ऐतिहासिक और पुरातात्विक प्रमाणों से स्पष्ट होता है कि देश के कई क्षेत्रों में चौथी शताब्दी से ही छोटे-

नारी का सम्मान ईश्वर की सृष्टि का सम्मान है : बाजपेई

माँ अहिल्यादेवी राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह होगा   नागदा - नारी का सम्मान ईश्वर की सृष्टि का सम्मान इसीलिए मातृशक्ति के रूप में देवियों की पूजा एवं आराधना की जाती हम सभी का दायित्व है कि नारी शक्ति को सम्मान प्रदान करें अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत अहिल्यादेवी राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह के आयोजन संबंधी राष्ट्रीय पदाधिकारी की  बैठक में राष्ट्रीय मार्गदर्शक  राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं  हिन्दी परिवार इन्दौर के अध्यक्ष हरेराम बाजपेई ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि माँ को प्राप्त करने के लिये उँचे पहाड़ो पर चढ़ना पड़ता है वह मात्र रूप में शरीर में व्याप्त होती है। पूणे के डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि भारतीय नारी का सकारात्मक सोच ही उसकी शक्ति होती है। भारत की संस्कृति में नारी को हमेशा पूज्य माना गया है। उज्जैन के डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने कहा कि विश्व में भारत ही ऐसा देश है जहां नारी की पूजा होती है वह लोकधात्री होती है। कोलकाता की डॉ.  सुनीता मंडल ने कहा जहां ईश्वर नहीं पहुंच पाता वहां मां की शक्ति पहुंच जाती है। संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने मातृशक्ति

अंतर्बाह्य सभी स्तरों पर मनुष्य को स्वतन्त्र करते हैं संत रविदास जी – प्रो शर्मा

सामाजिक क्रांति के अग्रदूत सन्त रविदास और आज का विश्व पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी संपन्न  देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा सामाजिक क्रांति के अग्रदूत संत रविदास और आज का विश्व विषय पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि पूर्व संभागायुक्त भोपाल डॉ अशोक कुमार भार्गव थे। मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा थे। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि नागरी लिपि परिषद, नई दिल्ली के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल, श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक, नॉर्वे एवं संस्था के महासचिव डॉ प्रभु चौधरी थे। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि सन्त रविदास जी अंतर्बाह्य सभी स्तरों पर मनुष्य को स्वतन्त्र करते हैं। उनका संघर्ष दोहरा था, एक तरफ वे बाह्याचारों और सामाजिक जड़ता से लड़ रहे थे तो दूसरी तरफ अंतर्मन के स्तर पर माया, ममता, अहं के जाल को तोड़ने की चेष्टा कर रहे थे। सन्त रैदास प्रभुरस में डूबे महान भक्त हैं। साथ ही समता, सदाचार और सद्भाव के

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