उज्जैन । अर्थशास्त्र अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में बजट परिचर्चा 2023 का आयोजन किया गया। इस परिचर्चा को सम्बोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय जी ने कहा कि "वर्तमान समय में इस नवीन बजट के माध्यम से हमारा देश अमृतकाल के लक्ष्यों को प्राप्त कर सकता है"। जिला उद्योग व्यापार केन्द्र उज्जैन के महाप्रबंधक श्री आर. के. दुबेजी ने बतलाया कि "नए बजट में MSME'S के विकास के लिए अनेकों प्रभावशाली कदम उठाए गए है जिनके माध्यम से देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा दिया जा सकता है।"
सेडमेप के जिला समन्वयक श्री प्रमेश मिश्रा जी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों के रोजगार तथा उनकी उद्यमिता के महत्व को रखांकित किया उनके अनुसार यदि विद्यार्थी जीवन से ही रोजगार पर शिक्षा उपलब्ध करवा दी जाए तो बेरोजगारी की समस्या उत्पन्न ही नहीं होगी। इस विशेष अवसर पर जिला उद्योग एवं व्यापार केन्द्र उज्जैन तथा विक्रम विश्वविद्यालय के मध्य एक MOU भी किया गया है।
बजट परिचर्चा के अतिथि वक्ता एवं म.प्र. ग्रामीण बैंक के मुख्य प्रबंधक श्री ऋषि कुमार जी ने बतलाया कि नए बजट में बैंकिंग व्यवस्था से सुदृढ़ बनाने के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं।
उज्जैन नगर के सुप्रतिष्ठित CA श्री मनीष परमार के अनुसार नए बजट में कर व्यवस्था को आसान एवं प्रभावशाली बनाने के लिए विभिन्न प्रावधान किए गए हैं जिनका लाभ भविष्य में आयकरदाताओं को मिल सकता है।
नए बजट के माध्यम से महिलाओं के विकास के विभिन्न आयामों को शा. महाविद्यालय महिदपुर की सहायक प्राध्यापक डॉ. रीना अध्वर्यु ने प्रभावशाली रूप से प्रस्तुत किया उनके अनुसार नए बजट में वित्त मंत्री जी ने विभिन्न एसी योजनाओं को महिला विकास का आधार बनाया है जिनके आधार से महिलाएँ आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती है।
भारतीय अर्थ व्यवस्था के समग्र विकास के लिए शहरी विकास के साथ-साथ ग्रामीण विकास पर भी विशेष रूप से ध्यान दिया जाना चाहिए यह विचार अक्षत इंटरनेशनल स्कूल के निर्देशक श्री राहुल पंड्याजी के द्वारा प्रस्तुत किए उनके अनुसार जब तक बजट में ग्रामीण विकास एवं ग्रामीण रोजगार को पर्याप्त महत्व नहीं दिया जाएगा तब तक भारतीय अर्थव्यवस्था का विकास पूर्ण नहीं हो सकता है।
बजट परिचर्चा 2023 के तहत स्वागत भाषण देते विभागाध्यक्ष डॉ. एस. के. मिश्राजी ने कहा कि बजट हमारी राजकोषीय नीति का सशक्त आधार है अतः बजट निर्माण एवं उसका परिपालन करना हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है।
अर्थशास्त्र अध्ययनशाला की छात्रा कु. उमा शुक्ला ने इस अवसर पर बजट परंपरा में परिवर्तन विषय पर अपने उद्गार व्यक्त किए उनके अनुसार प्राचीन समय में बनाए जाने वाले बजट एवं नवीन बजट के स्वरूप में समय के साथ परिवर्तन आया है जो कि सुखद एवं सकारात्मक है।
बजट परिचर्चा का संचालन डॉ. धर्मेन्द्र सिंह के द्वारा किया गया तथा आभार श्री जितेश पोरवाल के द्वारा व्यक्त किया गया इस अवसर पर विशेष रूप से डॉ. संग्रामभूषण, डॉ. दीपा द्विवेदी, डॉ. कानियामेडा, डॉ. नलिन सिंह पंवार, श्री अंकित सिंह बिसेन, श्री मयंक शुक्ला सहित विद्यार्थीगण उपस्थित रहे।
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