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नारी का सम्मान ईश्वर की सृष्टि का सम्मान है : बाजपेई

माँ अहिल्यादेवी राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह होगा 

नागदा - नारी का सम्मान ईश्वर की सृष्टि का सम्मान इसीलिए मातृशक्ति के रूप में देवियों की पूजा एवं आराधना की जाती हम सभी का दायित्व है कि नारी शक्ति को सम्मान प्रदान करें अंतराष्ट्रीय महिला दिवस के अन्तर्गत अहिल्यादेवी राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह के आयोजन संबंधी राष्ट्रीय पदाधिकारी की  बैठक में राष्ट्रीय मार्गदर्शक  राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना एवं  हिन्दी परिवार इन्दौर के अध्यक्ष हरेराम बाजपेई ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने कहा कि माँ को प्राप्त करने के लिये उँचे पहाड़ो पर चढ़ना पड़ता है वह मात्र रूप में शरीर में व्याप्त होती है। पूणे के डॉ. शहाबुद्दीन शेख ने कहा कि भारतीय नारी का सकारात्मक सोच ही उसकी शक्ति होती है। भारत की संस्कृति में नारी को हमेशा पूज्य माना गया है। उज्जैन के डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने कहा कि विश्व में भारत ही ऐसा देश है जहां नारी की पूजा होती है वह लोकधात्री होती है। कोलकाता की डॉ.  सुनीता मंडल ने कहा जहां ईश्वर नहीं पहुंच पाता वहां मां की शक्ति पहुंच जाती है। संस्था के महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने मातृशक्ति सम्मान संदर्भ में विस्तार से बताया और कहा कि इस वर्ष 2023 के राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान का 6वाँ वर्ष है जो इन्दौर से ही सन् 2018 में प्रारम्भ हुआ है। इस वर्ष माँ अहिल्यादेवी की नगरी में 5 मार्च को आयोजित किया जा रहा है। समारोह में 5 वरिष्ठ पदाधिकारियों ( महिला) को भारत माता राष्ट्ररत्न अलंकरण से सम्मान एवं 55 भारतभर से पधारने वाली महिलाओं को माँ अहिल्यादेवी राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान प्रदान किये जावेंगे। यह समारोह दि. 5 मार्च 2023 रविवार को इन्दौर के श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति में आयेजित होगा।

बैठक में सुझाव भी प्रदान किये गये जिसमें प्रमुख रूप से राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी.के. शर्मा, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष पुष्पा गरोठिया, डॉ. रश्मि चौबे, डॉ. शिवा लोहारिया, मणिमाला शर्मा, कल्पना शाह, प्रतिभासिंह, मनीषा खेडेकर, प्रगति बैरागी, शीतल राघव, डॉ. कृष्णा जोशी, संगीता केसवानी आदि ने उपस्थित होकर सुझाव दिये। आयोजन की विभिन्न समितियों का गठन भी हुआ। बैठक का संचालन संयोजक शैली भागवत ने किया एवं आभार डा अरूणा शराफ ने व्यक्त किया।

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