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ज्ञान और भाव आधारित के साथ कौशल आधारित और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों पर ध्यान दे कर विश्वविद्यालय की आय के स्रोत बढ़ाने का प्रयास करें - कुलपति प्रोफेसर पांडेय

विश्वविद्यालय के आगामी बजट को लेकर विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक सम्पन्न उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आगामी बजट को लेकर विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक का मुख्य उदेश्य विभागाध्यक्षों तथा शिक्षकों से आगामी बजट के लिए सुझाव लेना एवं विभागों के आय-व्यय का लेखा-जोखा लेना था। बैठक के प्रारम्भ में सभी विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग के आय-व्यय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए विभाग की भावी योजनाओं एवं पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने बजट की समीक्षा करते हुए विभागाध्यक्षों से आय बढ़ाने एवं व्यय कम करने के लिए आवश्यक सुझाव लिए। बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को समय के साथ प्रयोगधर्मी होना चाहिए अर्थात्, उन्हें नए-नए सार्थक प्रयोग कर विभागों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे स्वाभाविक तौर पर विभागों की आय में भी वृद्धि होगी। अपनी बात

एनआईटीटीटीआर भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस समारोह

भोपाल । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए सप्ताह भर के विशेष कार्यक्रम एनआईटीटीटीआर भोपाल में शुरू हुए। इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के लिए थीम “डिजिटऑल: लैंगिक समानता के लिए नवाचार और प्रौद्योगिकी” के अनरूप प्रोफेसर चंचल मेहरा द्वारा एक डिजिटल क्विज का आयोजन किया गया। इस अवसर पर श्रीमती वंदना त्रिपाठी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थीं। उन्होंने समाज के संवर्धन में महिलाओं की भूमिका के बारे में बात की और इस अवसर के लिए एक सार्थक स्व-लिखित कविता सुनाई। इसके अलावा एनआईटीटीटीआर भोपाल के सभागार में डॉ शिखा श्रीवास द्वारा होली के त्यौहार को उपलक्ष मे जैविक रंगों का उपयोग और तैयार करने का प्रदर्शन किया जो त्वचा और बालों के लिए सुरक्षित हैं। एनआईटीटीटीआर भोपाल के संकाय और कर्मचारियों ने अपने परिवार के महिला सदस्यों के साथ कार्यक्रमों में भाग लिया। कार्यक्रमों की संयोजक प्रोफेसर सूसन एस मैथ्यू थी और संचालन श्रीमती शोभा लेखवानी ने किया।

विक्रम विश्वविद्यालय के सत्ताईसवें दीक्षांत समारोह की तैयारियों को लेकर कुलपति प्रो पांडेय की अध्यक्षता में बैठक सम्पन्न

दीक्षान्त समारोह का आयोजन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा दिनांक 22 मार्च को उज्जैन में उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा तदनुसार दिनांक 22 मार्च 2023 को आयोजित सत्ताईसवें दीक्षान्त समारोह के आयोजन की तैयारियों के सम्बंध में कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में बैठक का आयोजन शुक्रवार दोपहर में शलाका दीर्घा सभागार में किया गया। इस बैठक में उन्होंने समारोह आयोजन के विभिन्न दायित्वों से जुड़ी समितियों के संयोजकों और सदस्यों को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि इस महत्त्वपूर्ण समारोह को गरिमामय ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए सभी अधिकारी, समितियों के संयोजक एवं सदस्यगण तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए तत्पर हों। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष डॉ एस के मिश्रा आदि सहित विभिन्न विभागाध्यक्ष, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारीगण उपस्थित थे। सत्ताईसवें दीक्षांत समारोह में वर्ष 2022 के पीएच डी एवं डी लिट उपाधि धारकों को डिग्री एवं 2022 की स्नातक परीक्षाओं की प्रावीण्य सू

लर्निंग एक यात्रा है मंजिल नहीं - श्री गिरीश चंद्र जोशी

भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल में आज़ादी के अमृत महोत्सव एवं जी -20 व्याख्यान माला की श्रंखला में श्री गिरीश चंद्र जोशी पूर्व निदेशक सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्द्र (सीसीआरटी) का व्याख्यान आयोजित किया गया। श्री जोशी ने इस अवसर पर कहा कि, भारत की संस्कृति ही भारत की महानता हैं। शिक्षण प्रशिक्षण पद्धति में भारतीय कल्चर की स्ट्रांग बॉन्डिंग होना चाहिए । उन्होंने कहा कि, हम सभी में लगातार पड़ने की आदत होना चाहिए। आज हमने पड़ना छोड़ दिया है। हम बातें तो बहुत करते हैं पर अपनी जड़ो एवं मूल्यों को न जानते हैं न मानते हैं। उन्होंने श्रोताओं से बहुत महत्वपूर्ण प्रश्न भी किये जैसे की भारत के साथ वर्ष क्यों जुड़ा हुआ है, भारतीय तिरंगे का संवैधानिक नाम क्या है, बिभिन्न शहरों के नाम का अर्थ एवं उनकी व्याख्या ,लर्निंग एक यात्रा है मंजिल नहीं जैसे मुद्दों पर बेबाकी से अपने विचार रखे। इस अवसर पर डॉ पारितोष जोशी ने भी अपने विचार रखे। निटर निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने श्री गिरीश चंद्र जोशी एवं डॉ पारितोष जोशी का सम्मान करते हए अपने सन्देश में कहा कि आज हमे अपनी जड़ों से जुड़ने एवं मूल्यों को समझन

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों द्वारा रचित महत्वपूर्ण पुस्तक इम्मुनोटेक्नीकस का विमोचन सम्पन्न

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा रचित पुस्तक इम्मुनोटेक्नीकस का विमोचन हुआ प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा रचित पुस्तक "इम्मुनोटेक्नीकस" का विमोचन किया गया। विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त लर्निंग रिसोर्सेज उपलब्ध कराना यू जी सी के दिशानिर्देशों के अंतर्गत समस्त शिक्षकों का कर्त्तव्य है। विक्रम विश्वविद्यालय में पिछले दो वर्षों से प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के आगमन के पश्चात उनकी प्रेरणा से अनेक शिक्षकों के द्वारा लगातार विभिन्न पुस्तके एवं शोध पत्रों के प्रकाशन किया जाना शैक्षणिक गुणवत्ता का एक परिचायक है। इसी तारतम्य में प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा इम्मुनोलॉजी की विस्तृत एवं उपयोगी जानकारी प्रदान करने हेतु क्रमशः तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की गई जिसमे फंडामेंटल्स ऑफ़ इम्मुनोलॉजी, एडवांस इम्मुनोलॉजी एवं इम्मुनोटेक्निक्स शामिल हैं। आज इम्मुनोलॉजी की तीसरी पुस्तक " इम्मुनोटेक्नीकस क

विक्रम विश्वविद्यालय और वन विभाग के मध्य द्विपक्षीय समझौता - एम.ओ. यू. संपन्न

सांस्कृतिक वन की स्थापना की जाएगी उज्जैन । भौतिकी अध्ययनशाला में विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं वन विभाग, उज्जैन द्वारा सांस्कृतिक वन की स्थापना एवं द्विपक्षीय समझौते - एम.ओ. यू. पर हस्ताक्षर किया गया। दिनांक 1 मार्च 2023 को भौतिकी अध्ययनशाला में विक्रम विश्वविद्यालय एवं वन विभाग, उज्जैन द्वारा सांस्कृतिक वन की स्थापना एवं द्विपक्षीय समझौते (एम. ओ. यू.) पर हस्ताक्षर किये गए। अध्यक्षीय उद्बोधन में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि सांस्कृतिक वन विकसित करने की संकल्प विद्यार्थियों के अध्ययन एवं अनुसन्धान के लिए उपयोगी होगी। वही दूसरी ओर उज्जैन क्षेत्र की जैव-विविधता के विकास को गति प्रदान करने का काम करेगी। सांस्कृतिक वन में रोपित किये जाने वाले पौधों में अनेक प्रकार के औषधीय अल्कालानोइड्स प्राप्त करते हुए ड्रग्स विकास को गति प्रदान करेगा। सांस्कृतिक वन की संकल्पना, अध्यात्म, इतिहास, संस्कृति के विद्यार्थियों के साथ-साथ विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी होगा। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि श्री मनोज अग्रवाल मुख्य वन संरक

शासकीय धन्वन्तरि महाविद्यालयीन चिकित्सालय में चल रहे शोध कार्य

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालयीन चिकित्सालय चिमनगंज थाने के पीछे कायचिकित्सा स्नातकोत्तर विभाग के डॉ. ओ. पी. व्यास (विभागाध्यक्ष), डॉ. नरेश जैन के निर्देशन में कक्ष क्रमांक 18 डॉ. निमिना नाणु द्वारा संधिवात (घुटने का दर्द), कक्ष क्रमांक 18 डॉ. प्रीति परमार द्वारा स्थौल्य (मोटापा), कक्ष क्रमांक 27 डॉ. निकिता जमादारी द्वारा उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure) में शोध कार्य किये जा रहे है । इन शोध कार्यो के अंतर्गत रोगियों की निःशुल्क जाँच परीक्षण (एक्स-रे, ब्लड टेस्ट आदि) एवं निः शुल्क औषधि वितरण किये जा रहे है । अतः आम जनता से अपील है उक्त शोध कार्य का लाभ लेवें। उक्त जानकारी प्रभारी प्रधानाचार्य डॉ. ओ. पी. व्यास, मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी द्वारा जनहित में जारी किया जा रहा है।

धन्वन्तरि चिकित्सालय में स्वर्णप्राशन

उज्जैन शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत "पुष्य नक्षत्र" दिनांक 04/03/2023 शनिवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। इस स्वर्णप्राशन कार्यक्रम की प्रभारी अधिकारी एवं शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. गीता ने विस्तार से  बताते हुये कहा कि शासन के निर्देशानुसार अब भविष्य में भी स्वर्णप्राशन कार्यक्रम हर माह होगा। आयुर्वेद विशेषज्ञों की देखरेख में प्रतिदिन भी स्वर्णप्राशन कराने से शारीरिक एवं मानसिक विकास हेतु  अपेक्षित लाभ प्राप्त किया जा सकता है। गौरतलब है कि स्वर्णप्राशन में दिये जाने वाली औषधियां बच्चों के बुद्धि, बल और आयु को बढ़ाते हैं तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाकर शिशु को बार-बार बीमार होने से बचाते हैं। वर्तमान आधुनिक युग में आम जनता का विश्वास आयुर्वेद के प्रति बढ़ रहा है। विभागाध्यक्ष एवं शिशु रोग विषेषज्ञ डॉ. वेदप्रकाश व्यास ने माता-पिता एवं अभिभावकों से अपील की है कि शिशु के स्वास्थ्य संवर्धन हेतु शिशु को प्रतिमाह स्वर्णप्राषन अवष्य क

रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला में नेट, सेट और गेट के लिए रणनीति एवं प्लानिंग पर राष्ट्रीय कार्यशाला आयोजित

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की रसायन एवं जैव रसायन अध्ययन शाला में दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका उद्देश्य कार्यशाला का आयोजन राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय प्रतियोगी परीक्षाएं (नेट, सेट और गेट) तथा तथा साथ ही असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्तियों में सफलता के लिए रणनीति एवं प्लानिंग रहा। यह कार्यशाला कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय के निर्देशन में आयोजित की गई । उद्घाटन सत्र में डॉ. उमा शर्मा, आचार्य एवं अध्यक्ष, रसायन एवं जैव रसायन अध्ययनशाला ने कार्यशाला की रूपरेखा रखी। उन्होंने बताया कि भविष्य में भी छात्र हित में रोजगारपरक एवं शैक्षणिक आयोजनों की योजना है। कार्यक्रम की मुख्य विशेषता – सभी वक्ता नेट, गेट उत्तीर्ण कर चुके है, उनके द्वारा मार्गदर्शन उपलब्ध करवाना रहा। मुख्य अतिथि डॉ. बालकृष्ण शर्मा, पूर्व कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय ने अपने उद्बोधन में बताया कि यह नवाचार आगामी परीक्षाओं एवं रोजगार के लिए प्रतियोगितओं को तैयार के लिए में अद्वितीय माध्यम होगा। डॉ स्वाति दुबे, अध्यक्ष भौतिकी अध्ययनशाला ने छात्रों में सफलता के लिए किन गुणों का होना आवश्यक

भौतिकी अध्ययनशाला में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर व्याख्यान एवं अकादमिक भ्रमण का आयोजन

उज्जैन । आज दिनांक 28 फरवरी 2023 को भौतिकी अध्ययन शाला , विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में फिजिक्स क्लब के तत्वावधान में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का आरंभ विद्या की देवी माँ सरस्वती को नमन कर दीप प्रज्वलन के साथ किया गया । विभाग के छात्र चंदू बटरेड्डी द्वारा सर सी. वी. रमन के जीवन और उनकी उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। विभागाध्यक्ष डॉ स्वाति दुबे ने कहा कि नवाचार, अनुसंधान, आविष्कार मानवता के विकास में सहायक होते हैं, अतः विद्यार्थियों को सदैव समाज के कल्याण के लिए चिन्तनशील रहना चाहिए। उन्होंने छात्रों से विक्रम महोत्सव के बारे में जानकारी साझा की तथा सम्राट विक्रमादित्य के नवरत्नों में से एक आचार्य वराहमिहिर के खगोल विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान पर चर्चा की। इस अवसर पर आचार्य वराहमिहिर के मूर्तिशिल्प पर माल्यार्पण किया गया। इस कार्यक्रम का सफल संचालन वैष्णवी यादव द्वारा किया गया । \ भौतिकी अध्ययनशाला में कार्यक्रम के पश्चात विभाग के सभी छात्र छात्राओं के लिए एस ओ ई टी - स्कूल आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में अकादमिक भ्रमण का आयोजन किया गय

शिक्षा में भारतीय ज्ञान - विज्ञान को पढाया जाना अत्यंत आवश्यक - कुलपति प्रो पांडेय

वैश्विक नेतृत्व और रोजगार कौशल के लिए विज्ञान पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - 28 फरवरी 2023 के अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय, भोपाल में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किए गए थे। दिनांक 28 फरवरी 2023 राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसका विषय था वैश्विक नेतृत्व और रोजगार कौशल के लिए विज्ञान। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि उज्जैन संस्कृति और कला की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण है। उज्जैन शिक्षा की भी नगरी है। यहीं पर सांदीपनि आश्रम में भगवान कृष्ण ने 16 कलाओं और 64 विद्याओं को सीखा था। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में उज्जैन ही वह स्थान है जो सूर्य के ठीक नीचे स्थित है। यहां पर वेधशाला भी है। उन्होंने कहा कि प्राचीन काल में भारत विश्व गुरु था और यहां पर नालंदा और तक्षशिला जैसे विश्वविद्यालय हुआ करते थे। बाद में मुगलो

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