ज्ञान और भाव आधारित के साथ कौशल आधारित और रोजगारपरक पाठ्यक्रमों पर ध्यान दे कर विश्वविद्यालय की आय के स्रोत बढ़ाने का प्रयास करें - कुलपति प्रोफेसर पांडेय
विश्वविद्यालय के आगामी बजट को लेकर विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक सम्पन्न
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय की अध्यक्षता में आगामी बजट को लेकर विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों के साथ समीक्षा बैठक संपन्न हुई। बैठक का मुख्य उदेश्य विभागाध्यक्षों तथा शिक्षकों से आगामी बजट के लिए सुझाव लेना एवं विभागों के आय-व्यय का लेखा-जोखा लेना था। बैठक के प्रारम्भ में सभी विभागाध्यक्षों ने अपने-अपने विभाग के आय-व्यय का विस्तृत विवरण प्रस्तुत करते हुए विभाग की भावी योजनाओं एवं पाठ्यक्रमों की जानकारी प्रदान की। कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने बजट की समीक्षा करते हुए विभागाध्यक्षों से आय बढ़ाने एवं व्यय कम करने के लिए आवश्यक सुझाव लिए। बैठक को सम्बोधित करते हुए माननीय कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों को समय के साथ प्रयोगधर्मी होना चाहिए अर्थात्, उन्हें नए-नए सार्थक प्रयोग कर विभागों में शिक्षा की गुणवत्ता एवं विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। इससे स्वाभाविक तौर पर विभागों की आय में भी वृद्धि होगी। अपनी बात को बढ़ाते हुए कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि विक्रम विश्वविद्यालय में गत वर्षों में कई ज्ञान और भाव आधारित के साथ कौशल आधारित एवं रोजगारपरक पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए गए हैं, जिन पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। उन पाठ्यक्रमों की उपयोगिता से सम्बंधित जानकारी विद्यार्थियों तक पहुंचाकर उनमें विद्यार्थियों की संख्या को बढ़ाया जा सकता है, इससे विभाग स्वयं भी लाभान्वित होंगे। बैठक को सम्बोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक ने कहा कि छात्रवृति एवं विद्यार्थियों के हित से जुड़े सभी कार्य प्राथमिकता से पूरे होने चाहिए और विश्वविद्यालय का परम दायित्व विद्यार्थियों का हित संरक्षित करना है। बैठक में विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष एवं शिक्षकगण उपस्थित थे। बैठक में आभार डॉ सत्येंद्र किशोर मिश्रा, संकायाध्यक्ष, विद्यार्थी कल्याण विभाग ने माना।
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