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जी 20 में भारत की अध्यक्षता के अवसर पर व्याख्यान, भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता आयोजित

विक्रम विश्वविद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रम सुर सरिता का आयोजन सम्पन्न उज्जैन । विदेश मंत्रालय, भारत सरकार के सौजन्य से विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली, संयुक्त तत्वावधान में जी 20 में भारत की अध्यक्षता के अवसर पर व्याख्यान, भाषण एवं निबंध प्रतियोगिता के साथ सुर सरिता का आयोजन दिनांक 27 फरवरी को हुआ। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सौजन्य से विदेशी छात्रों को भारत की सांस्कृतिक विविधता से अवगत कराने हेतु सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय स्तर की गायिका डॉक्टर आभा चौरसिया तथा डॉ विभा चौरसिया, इंदौर ने गायन की मनमोहक प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के उद्घाटन में अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने विदेशी छात्रों को भारत की संस्कृति तथा सभ्यता से अवगत कराने हेतु ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् भारत का आदर्श सूत्र रहा है। भारत द्वारा जी 20 की अध्यक्षता से एक नए युग का आरंभ हो गया है। कुलपति जी ने तंजानिया के छात्र होना मे

राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निटर की अभिनव पहल

भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल का एप्लाइड साइंस बिभाग देश क़े प्रमुख प्राचीन एवं आधुनिक भारतीय वैज्ञानिकों एवं गणितज्ञों क़े जीवन एवं उनके द्वारा की गयी महवपूर्ण अनुसन्धान कार्य को संकलित करेगा। निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी क़े अनुसार भारतीय प्राचीन वैज्ञानिकों एवं उनके अनुसन्धान कार्य जो आधुनिक युग की खोजों का आधार बने के बारे मे आज भी हम बहुत कम जानते है। निटर परिसर में शीघ्र ही देश क़े इन सभी वैज्ञानिकों क़े अतुल्य योगदान को सहेजा जायेगा जिससे देश भर से आने वाले शिक्षकों एवं विद्यार्थियों तक समृद्ध भारतीय ज्ञान परंपरा पहुँच सके । आज जब हम इन सभी क़े बारे पढ़ते हैं तो हम स्वयं अपने इतिहास पर गौरवान्वित एवं आश्चर्यचकित भी होते हैं। एप्लाइड साइंस बिभाग क़े हेड प्रो पी क़े पुरोहित क़े अनुसार इन वैज्ञानिकों क़े अनुसन्धान एवं जीवन दर्शन पर एक स्थायी दीर्घा का निर्माण किया जा रहा हे उनमे प्रमुखतः भास्कराचार्य, आर्यभट्ट, श्रीनिवास रामानुजन, बौधायन, वराहमिहिर, श्रीधराचार्य, महर्षि नागार्जुन, आचार्य सुश्रुत,महर्षि कणाद, ऋषि पतंजलि, ऋषि ब्रह्मगुप्त, डॉ शांति स्वरुप भटनागर, महर्षि चरक, महर्षि व

शैक्षणिक संस्थानों का सर्वांगीण विकास आपसी ताल-मेल और संसाधनों के आदान प्रदान से संभव- कुलपति प्रोफेसर पांडेय

  उज्जैन। दिनांक 26 फरवरी 2013 को विक्रम विश्वविद्यालय और शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा के मध्य एम.ओ.यू. संपन्न हुआ, जिसमें दोनों संस्थानों के मध्य छात्र विनिमयन कार्यक्रम, संगोष्ठी और शिक्षा को लाभान्वित करने वाले माध्यमों की निरंतरता बनाये रखना तय किया गया। दिनांक 26 फरवरी 2013 को विक्रम विश्वविद्यालय और शासकीय कन्या महाविद्यालय रीवा के मध्य एमओयू संपन्न हुआ, जिसमें दोनों संस्थानों के मध्य छात्र विनिमयन कार्यक्रम, संगोष्ठी और शिक्षा को लाभान्वित करने वाले माध्यमों की निरंतरता बनाये रखना तय किया गया। छात्र विनिमयन के तहत विश्वविद्यालय में आईं रीवा महाविद्यालय की छात्राओं  को सम्बोधित करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहां कि विक्रम विश्वविद्यालय का सृजन-जगतगुरु श्री कृष्ण के यशस्वी आचार्य महर्षि सान्दीपनि और सम्राट विक्रमादित्य की कर्मभूमि उज्जैन के इस विद्यानगरी के वैभव को पुनः प्रतिष्ठापित करने के उद्देश्य से 1956 में हुआ था और यह मध्यप्रदेश के सबसे प्रसिद्ध एवं प्राचीनतम विश्वविद्यालयों में से एक है। यह विश्वविद्यालय प्राकृतिक सुन्दरता से समृद्

प्लास्टिक स्वयं में एक समस्या नहीं, उसका दुरुपयोग और यथोचित प्रबंधन का अभाव एक समस्या है - कुलपति प्रो पांडेय

जबलपुर के हितकारिणी महाविद्यालय में प्लास्टिक उपयोग एवं दुरुपयोग विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित जबलपुर के हितकारिणी महाविद्यालय में प्लास्टिक उपयोग एवं दुरुपयोग विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किये गए। अपने वक्तव्य में कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि भारत से एक साल में लगभग 3.3 मैट्रिक मिलियन टन प्लास्टिक वेस्ट जनरेट होता है, रोज लगभग 9,200 टन प्लास्टिक वेस्ट जनरेट होता है। अतः भारत में प्लास्टिक वेस्ट का प्रबंधन एक अत्यंत गंभीर और महत्वपूर्ण विषय है। अपनी बात को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि प्लास्टिक, उत्पादों को पानी और नमी से बचाता है, वह हल्का होता है, अधिक टिकाऊ और कई विकल्पों की तुलना में अधिक सस्ता होता है। इसीलिए यह कहना अनुचित नहीं होगा कि प्लास्टिक स्वयं में एक समस्या नहीं है, बल्कि उसका दुरुपयोग और उसके यथोचित प्रबंधन का अभाव एक समस्या है। अगर आबादी द्वारा फेंके जाने वाले कचरे का निस

राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह 5 मार्च को इंदौर में होगा

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अंतर्गत छठवां राष्ट्रीय मातृशक्ति सम्मान समारोह का आयोजन राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना द्वारा आगामी 5 मार्च रविवार को दोपहर में श्री मध्य भारत हिंदी साहित्य समिति, 11 रविंद्र नाथ टैगोर मार्ग के शिवाजी भवन इन्दौर में आयोजित किया जा रहा है । यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि राष्ट्रीय नारी शक्ति का सम्मान राष्ट्र का सम्मान होता है इसीलिए प्रतिवर्ष इंदौर से प्रारंभ होकर देश के प्रमुख शहरों दिल्ली, जयपुर, पुणे, मुंबई, झाबुआ आदि स्थानों पर संस्था द्वारा भव्य समारोह आयोजित किए गए हैं । इस वर्ष का समारोह में राष्ट्रीय संगोष्ठी नारी कल आज और कल विषय पर विद्वान वक्ता एवं अतिथि विचार व्यक्त करेंगे। समारोह में प्रमुख रूप से श्रीमती सुमित्रा महाजन पूर्व लोकसभा अध्यक्ष एवं इंदौर से लगातार सांसद रही मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है साथ ही संपूर्ण देश से 75 साहित्यकार विद्वान समाजसेवी महिला शक्ति को सम्मान हेतु चयनित किया गया है जिनको इंदौर के माननीय सांसद श्री शंकर लालवानी जी के मुख्य आतिथ्य में अतिथियों एवं संस्था के पदाधिक

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूलभावना एवं सिद्धान्तों के अनुरूप पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं अद्यतन किया जाएगा - कुलपति प्रो पांडेय

स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यचर्या तथा क्रेडिट फ्रेमवर्क पर महत्वपूर्ण बैठक संपन्न विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के परिपालन में जारी स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यचर्या तथा क्रेडिट फ्रेमवर्क को विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में लागू करवाने के संबंध में कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में संकायाध्यक्षों, अध्ययन मण्डल के अध्यक्षों, विभागाध्यक्षों तथा अधिकारियों की बैठक दिनांक 24 फरवरी को माधव भवन स्थित शलाका दीर्घा सभागार में आयोजित की गयी। बैठक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा जारी स्नातक कार्यक्रमों के लिए पाठ्यचर्या तथा क्रेडिट फ्रेमवर्क पर बिन्दुवार विचार-विमर्श हुआ। कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विगत वर्ष से लागू राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के पाठ्यक्रमों को पाठ्यचर्या तथा क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुरूप बनाने का परामर्श दिया। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मूलभावना एवं सिद्धान्तों के अनुरूप पाठ्यक्रमों का निर्माण एवं उन्हें अद्यतन किया जाएगा। बैठक में पाठ्यचर्या तथा क्रेडिट फ्रेम

इंटरनेट ऑफ थिंग्स भविष्य की तकनीक- रघुराम भट्ट

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप का आयोजन इंटरनेट ऑफ थिंग्स के उपयोग से भविष्य में अनेक अविष्कार संभव हो सकेंगे। आज भी स्मार्ट सिटी, खेती, मेडिकल, मौसम इत्यादि क्षेत्रो में इंटरनेट ऑफ थिंग्स के कारण अत्यधिक सुविधाजनक तकनीकें एवं अनुप्रयोग उपयोग में आ रहे हैं। इन आविष्कारों के कारण मानव जीवन को सुगम एवं सुविधजनक बनाने में आसानी हो रही है। उक्त विचार इंटरिंसिक मुख्य तकनीकी अधिकारी श्री रघुराम भट्ट ने इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप में रखे। इंटरनेट ऑफ थिंग्स वर्कशॉप का आयोजन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कंप्यूटर विज्ञान संस्थान द्वारा किया गया। वर्कशॉप के प्रारंभिक सत्र में संस्थान के निदेशक डॉ उमेश कुमार सिंह ने वर्कशॉप एवं इंटरनेट ऑफ थिंग्स के बारे में जानकारी प्रदान की। द्वितीय सत्र में श्री रघुराम भट्ट एवं श्री आनंद पाटीदार ने विभिन्न हार्डवेयर एवं सेंसर के माध्यम से आईओटी के विभिन्न आयामों को विस्तार से समझाया। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी श्री शेखर दिसावल ने किया। वर्कशॉप में संस्थान के शिक्षक एवं छात्र बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। इस अवसर पर

बी एससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित

विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की बी एससी ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला की बी एससी (ऑनर्स ) बायोटेक्नोलॉजी की छात्राओं कुमारी चारवी मदान एवं कुमारी हर्षिता पांडेय का शोध पत्र यू. जी. सी. मान्य जर्नल में प्रकाशित हुआ है। गौरतलब है कि प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के छात्र पिछले एक वर्ष से अधिक समय से अलग-अलग प्रकार के हर्बल उत्पाद विकसित कर रहे हैं, जिनमें हर्बल क्रीम, हर्बल चाय, टोनर, हर्बल सैनिटाइज़र एवं हर्बल चॉकलेट शामिल है। हाल ही में इन छात्रों ने गुड़हल (चाइना रोज) का इस्तेमाल कर एक हर्बल चॉकलेट का निर्मल किया है एवं उससे जुड़ा शोध पत्र यू जी सी मान्य जर्नल इंडियन जर्नल ऑफ़ साइंटिफिक रिसर्च में प्रकाशित किया है। छात्राओं ने यह कार्य विभाग के शिक्षक डॉ अरविन्द शुक्ल एवं डॉ शिवि भसीन के मार्गदर्शन में किया है। उन्होंने इस कार्य को विस्तार से समझाते हुए बताया कि छात्रों द्वारा ऐसी हर्बल चॉकलेट का निर्माण किया गया है, जो

अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखे - डॉ सी. सी. त्रिपाठी

केंद्र सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए एनआईटीटीटीआर भोपाल में ई-वेस्ट पर कार्यशाला भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल ने ई-कचरा प्रबंधन पर एक दिवसीय हिंदी कार्यशाला का आयोजन किया, जिसमें केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के 22 प्रतिभागियों ने भाग लिया। एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने केंद्र सरकार के विभिन्न संगठनों के प्रतिभागियों को संयुक्त प्रयासों के माध्यम से समाज की बेहतरी में योगदान करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा की अपनी लर्निंग को स्वयं तक सीमित न रखते हुए समाज को जागरूक करने का भी प्रयास करें। स्वच्छ भारत अभियान में अपना योगदान देते हुए जीरो वेस्ट कैंपस बनाने का विचार धरातल पर कार्यान्वित होते हुए दिखे। डॉ सी.सी. त्रिपाठी ने प्रतिभागियों को हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार की दिशा में काम करने के लिए आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हमें अन्य क्षेत्रीय भाषाओँ को सीखने का भी प्रयास करना चाहिए। डॉ. पी.के. पुरोहित ने कहा कि ई-कचरा हमारे पर्यावरण के लिए एक बड़े खतरे के रूप में उभर रहा हे इसलिए इनका वैज्ञानिक तरीके से रीसायकल करना बहुत महत्वपूर्ण है।

विक्रम विश्वविद्यालय में 17 लाख रुपये की लागत से होगा सर्कल के पोल - फेंसिंग और वृक्षारोपण का कार्य

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की शान समझे जाने वाले सर्कल, जो कि शहर के स्वास्थ्यप्रेमियों एवं विश्वविद्यालय के शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के मॉर्निंग और इवनिंग वाक के लिये मशहूर है, के आस-पास पोल - फेंसिंग और वृक्षारोपण का कार्य माननीय उच्च शिक्षा मंत्री डा मोहन यादव के प्रयासों से एवं कार्यपरिषद सदस्य एडव्होकेट संजय नाहर की अनुशंसा पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा एवं कार्यपरिषद सदस्यों द्वारा वन विभाग से करवाये जाने हेतु स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अंतर्गत 600 मीटर रेडियस की गोलाई में सीमेंट पोल, फेंसिंग कार्य तथा बृहद् वृक्षारोपण एवं मियावाकी का कार्य किया जाएगा। इसकी अनुमानित लागत 17 लाख रुपये है। उक्त कार्य का भूमिपूजन कार्यपरिषद् सदस्य संजय नाहर द्वारा किया गया एवं पूजन विधान पं. सर्वेश्वर शर्मा द्वारा कराया गया। इस अवसर पर डा किरण बिसेन, वन मंडलाधिकारी उज्जैन, कुलसचिव प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक शैलेन्द्र कुमार शर्मा, डॉ शिवी भसीन, वन विभाग के कर्मचारी, विक्रम विश्वविद्यालय के अधिकारी, कर्मचारी आदि उपस्थित थे। इससे

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