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प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों द्वारा रचित महत्वपूर्ण पुस्तक इम्मुनोटेक्नीकस का विमोचन सम्पन्न

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा रचित पुस्तक इम्मुनोटेक्नीकस का विमोचन हुआ

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा रचित पुस्तक "इम्मुनोटेक्नीकस" का विमोचन किया गया। विद्यार्थियों के लिए उपयुक्त लर्निंग रिसोर्सेज उपलब्ध कराना यू जी सी के दिशानिर्देशों के अंतर्गत समस्त शिक्षकों का कर्त्तव्य है। विक्रम विश्वविद्यालय में पिछले दो वर्षों से प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय के आगमन के पश्चात उनकी प्रेरणा से अनेक शिक्षकों के द्वारा लगातार विभिन्न पुस्तके एवं शोध पत्रों के प्रकाशन किया जाना शैक्षणिक गुणवत्ता का एक परिचायक है।

इसी तारतम्य में प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के शिक्षक डॉ शिवि भसीन एवं डॉ अरविन्द शुक्ल द्वारा इम्मुनोलॉजी की विस्तृत एवं उपयोगी जानकारी प्रदान करने हेतु क्रमशः तीन महत्वपूर्ण पुस्तकों की रचना की गई जिसमे फंडामेंटल्स ऑफ़ इम्मुनोलॉजी, एडवांस इम्मुनोलॉजी एवं इम्मुनोटेक्निक्स शामिल हैं। आज इम्मुनोलॉजी की तीसरी पुस्तक " इम्मुनोटेक्नीकस का विमोचन प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय (कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय) की अध्यक्षता, श्री मनोज अग्रवाल (मुख्य वन संरक्षक उज्जैन संभाग) के मुख्य आतिथ्य, डॉ किरण बिसेन (वन मंडलाधिकारी उज्जैन), प्रोफेसर अर्पण भारतद्वाज (अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा मध्य प्रदेश शासन) प्रोफेसर प्रशांत पुराणिक कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय, प्रोफेसर शैलेन्द्र कुमार शर्मा , कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय, प्रोफेसर डी ऍम कुमावत डीन जीव विज्ञान संकाय के विशिष्ट आतिथ्य और डॉ सलिल सिंह विभागाध्यक्ष प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की विशिष्ट उपस्थिति में किया गया।


इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि विश्वविद्यालय के शिक्षकगण अधिक से अधिक पुस्तकें एवं शोध पत्रों का प्रकाशन करते हुए विश्वविद्यालय कि शैक्षणिक एवं शोध गुणवत्ता को बनाये रखने का प्रयास करें। इसके अवसर पर डॉ एस के मिश्रा, डीन विद्यार्थी कल्याण संकाय, डॉ स्वाति दुबे, डॉ संदीप तिवारी, डॉ गणपत अहिरवार, डॉ सलिल सिंह, डॉ निश्छल यादव, डॉ गरिमा शर्मा, डॉ जगदीश शर्मा, डॉ निहाल सिंह, डॉ मुकेश वाणी, डॉ शीतल चौहान, डॉ पूर्णिमा त्रिपाठी, डॉ आशितोष पाटीदार, भौतिकी अध्ययनशाला एवं कृषि अध्ययनशाला के समस्त शिक्षक गण ने पुस्तक के लेखकों को बधाई दी।

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