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विक्रम विश्वविद्यालय के प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन

  बायोलॉजी से बायोटेक्नोलॉजी विषय पर व्याख्यान होगा 10 जून को उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय की प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में दिनांक 10 जून 2022 को मध्याह्न 12 बजे विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन रखा गया है, जिसमें हैदराबाद की उस्मानिया विश्वविद्यालय के प्राध्यापक प्रोफेसर सी. मनोहराचारी छात्रों को "बायोलॉजी से बायोटेक्नोलॉजी" विषय पर व्याख्यान देंगे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे। प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा दिनांक 10 जून 2022 को विशिष्ट व्याख्यान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उस्मानिया विश्वविद्यालय, हैदराबाद के प्रोफेसर सी. मनोहराचारी द्वारा छात्रों को "बायोलॉजी से बायोटेक्नोलॉजी" विषय पर विशिष्ट व्याख्यान दिया जायेगा। प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ सलिल सिंह ने बताया कि प्रो मनोजचIरी वर्त्तमान में नेशनल साइंस अकादमी में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप में पदस्थ है। पूर्व में यह ओरिएण्टल विश्वविद्यालय इंदौर के कुलपति रह चुके है। कार्यक्रम के आयोजक सच

संचेतना समाचार संत कबीरदास विशेषांक का इन्दौर में विमोचन होगा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना का मुख पत्र संचेतना समाचार के संत कबीरदास विशेषांक प्रकाशन संत कबीर जयंती पर किया गया। जिसका विमोचन हिन्दी परिवार इन्दौर के राष्ट्रीय समारोह अवसर पर अतिथियों एवं पदाधिकारियो की उपस्थिति में आगामी 12 जून को श्री मध्यभारत हिन्दी साहित्य समिति के शिवाजी भवन इन्दौर में होगा। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव एवं सम्पादक डॉ. प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि संचेतना समाचार पत्र गत वर्ष से प्रारंभ किया गया जिसके प्रवेशांक का विमोचन विँक्रम विश्वविद्यालय कुलपति डॉ. अखिलेश पाण्डेय, कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा, प्रधान सम्पादक श्री हरेराम वाजपेयी, सम्पादक डॉ. प्रभु चौधरी की उपस्थिति में किया गया। संचेतना समाचार मासिक नियमित प्रकाशित किया जा रहा है। संत कबीरदास विशेषांक को महामहिम राज्यपाल कर्नाटक डॉ. थावरचंद गेहलोत, राष्ट्रीय महामंत्री नागरी लिपि परिषद् नई दिल्ली डॉ. हरिसिंह पाल की बधाई शुभकामनाएं प्राप्त हो रही है। विशेषांक में संत कबीरदासजी पर आलेख, गीत, कविता एवं गत वर्षो के समारोह के समाचार च

डॉ. आशीष मेहता खेलो इंडिया में तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित

उज्जैन। खेल मंत्रालय,भारत सरकार द्वारा आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम हेतु वाणिज्य अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय में कार्यरत इंटरनेशनल अंपायर डॉ आशीष मेहता को मल्लखंब के तकनीकी विशेषज्ञ के रूप में आमंत्रित किया है। चैंपियनशिप 8 जून से 12 जून तक पंचकूला, हरियाणा में आयोजित की गई। यह जानकारी राष्ट्रीय खिलाड़ी श्री मनोहर सिंह डोडिया ने देते हुए बताया कि, चैंपियनशिप में देश की श्रेष्ठ चयनित टीमें हिस्सा लेंगी। उल्लेखनीय है कि, डॉ. मेहता 150 से अधिक अंतरराष्ट्रीय, राष्ट्रीय एवं राज्य स्पर्धाओं में अंपायर की भूमिका निभा चुके हैं। इन्हें मध्यप्रदेश शासन द्वारा राज्य के सर्वोच्च खेल अलंकरण विक्रम अवार्ड एवं शिखर अलंकरण विश्वामित्र अवार्ड सहित देशभर में कई विशिष्ट पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया है। डॉ मेहता की इस उपलब्धि पर विभागाध्यक्ष डॉ एस. के. मिश्रा, डॉ एस. के. भारल, डॉ नागेश पाराशर, डॉ रुचिका खंडेलवाल, डॉ नेहा माथुर, डॉ अनुभा गुप्ता, डॉ परिमिता सिंह, डॉ कायनात तवर ने शुभकामनाएं देकर बधाई दी।

ब्रह्माकुमारी में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के तहत 5 जून पर्यावरण दिवस पर कल्पतरू प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया

उज्जैन। ऋषि नगर स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय शिव दर्शन धाम के प्रांगण में आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर के तहत 5 जून पर्यावरण दिवस पर कल्पतरू प्रोजेक्ट का उद्घाटन किया गया इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 5 जून से 25 अगस्त तक प्रतेक सेवा केंद्र को 75 पेड़ लगाने हैं और उनकी देखभाल 75 दिन तक करना है जिसमें 40 लाख लोग हिस्सा लेंगे तथा कल्पतरु एप के द्वारा अपने पौधे का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन करेंगे तो हर दिन के लिए पोधो की देखरेख का गाइडेंस मिलेगा।इस प्रोग्राम में डॉक्टर विमल गर्ग जी ,(पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष), एस एस नारंग जी सदस्य पर्यावरण संरक्षण समिति, सोनू गहलोत पूर्व सभापति नगर पालिका निगम उज्जैन, नरेश पाल सिंह तोमर (मूंदड़ा वेल फेयर सोसाइटी), ओम जायसवाल (आदि फाउंडेशन )तथा सुमन वर्मा (सुमन बहुउद्देशीय सामाजिक एवं सांस्कृतिक संगठन ) राजयोगिनी ब्रम्हाकुमारी उषा दीदी जी उज्जैन केंद्रीय निर्देशिका व ब्रम्हाकुमारी मंजू दीदी शामिल थे। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के माध्यम से किया गया । डॉ विमल गर्ग जी पर्यावरण संरक्षण समिति के अध्यक्ष ने कहा

पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्व

  प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में पर्यावरण संरक्षण का संकल्प किया गया उज्जैन । विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के अवसर पर प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला द्वारा पर्यावरण संरक्षण का संकल्प प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों, तथा शोधकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। पर्यावरण दिवस के अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों तथा कर्मचारियों द्वारा परिसर की साफ-सफाई एवं पौधों को जल द्वारा सिंचाई कार्य तथा पर्यावरण संरक्षण के महत्त्व पर प्रकाश डाला गया। हमारे चारों ओर स्थित प्राकृतिक परिवेश जैसे वायु, जल, मृदा, वनस्पति, जीव-जंतु आदि सभी पर्यावरण के घटक हैं तथा इनसे मिलकर पर्यावरण की रचना होती है। पर्यावरण को ही वृहत्तर अवधारणा के रूप पारिस्थिकी की संज्ञा दी जाती है। औद्योगिक क्रांति के परिणामस्वरूप संम्पूर्ण विश्व में विकास की ऐसी दौड़ शुरू हुई कि पर्यावरण को व्यापक पैमानों पर नष्ट किया जाने लगा। बड़ी-बड़ी नदियों, घाटी परियोजनाएं, जंगल का कटाव, जीवाश्म ईंध

विश्व पर्यावरण दिवस पर प्राणवायु अभियान का शुभारंभ

विक्रम विश्वविद्यालय के एसओईटी परिसर में हुआ सघन वृक्षारोपण उज्जैन । आज वृक्षमित्र सेवा समिति द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस के शुभ अवसर पर सतत प्राणवायु अभियान का शुभारंभ हुआ । आज स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग स्टडीज, विक्रम विश्वविद्यालय परिसर में श्री अनिल जी फिरोजिया माननीय सांसद महोदय के करकमलों से मंत्रोच्चार के साथ त्रिवेणी एवं फलदार पोधो रोपण कर यह अभियान का शुभारंभ हुआ । इसके पूर्व समिति अध्यक्ष श्री अजय भातखंडे ने संस्था परिचय देते हुए बताया कि अभी तक लगभग 10,000 पौधे वृक्षमित्रों ने लगाए है और हर संडे दो घंटे पर्यावरण के लिए इस स्लोगन के साथ सतत पौध रोपण और संवर्धन का कार्य समिति सदस्य कर रहे है । आज बड़ी संख्या में वृक्षमित्रों ने उपस्थित होकर बड़, पीपल, नीम, करंज, मौलश्री, बादाम, गुलमोहर, करंज इत्यादि के पौधे रोपे । यूथ होस्टल ऑफ इंडिया, लायंस क्लब उज्जैन विंग, स्वस्तिक हेंडीक्राफ्ट के साथी गण उपस्थित थे । इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेन्द्र कुमार शर्मा, एसओईटी के डायरेक्टर डॉ. गणपत अहिरवार, डॉ कमलेश दशोर

प्राचीन ज्ञान परंपरा को वैज्ञानिक कसौटी के साथ जोड़ने की आवश्यकता

विक्रम विश्वविद्यालय में हुआ अनुसंधान की प्रणालियाँ और उनकी नई संभावनाओं पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला एवं गांधी अध्ययन केंद्र की ओर से अनुसंधान की प्रणालियाँ और उनकी नई संभावनाओं पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि अटलबिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय, भोपाल के कुलपति प्रो खेमसिंह डहेरिया थे। आयोजन की अध्यक्षता कुलपति प्रोफ़ेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा आदि ने विषय के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने कहा कि वर्तमान समाज और परिवेश की समस्याओं के अध्ययन के साथ उनका समाधान अनुसंधान का लक्ष्य होना चाहिए। अनुसंधान कार्य को महत्त्वपूर्ण बनाने के लिए शोधार्थियों को बंद कमरों से बाहर आना होगा। आज भी ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी अनेक समस्याएं हैं, जिनसे मुक्ति के लिए साहित्यकार और शोधकर्ता समाज का मार्गदर्शन कर सकते हैं। ह

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