Skip to main content

Posts

छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, साहित्य और परंपराएं पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन हुआ

अत्यंत समृद्ध हैं छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत और परम्पराएँ – कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा  भारत के सांस्कृतिक मानचित्र पर है छत्तीसगढ़ का विशेष स्थान - प्राचार्य प्रो (डॉ) अनुसूया अग्रवाल वरिष्ठ लोक संस्कृति मनीषी डॉ अनसूया अग्रवाल, छत्तीसगढ़ का हुआ सारस्वत सम्मान देश की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति, साहित्य और परंपराएं पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजन की मुख्य अतिथि प्राचार्य डॉ अनसूया अग्रवाल, राजसमुन्द छत्तीसगढ़ थीं। मुख्य वक्ता सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, विशिष्ट अतिथि श्री हरेराम वाजपेयी अध्यक्ष हिन्दी परिवार इन्दौर, राष्ट्रीय संयोजक श्री पदमचंद गांधी जयपुर, राष्ट्रीय संगठन महामंत्री डॉ प्रभु चौधरी ने विषय के विविध पक्षों पर विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी में वरिष्ठ लोक संस्कृति मनीषी डॉ अनसूया अग्रवाल, छत्तीसगढ़ के जन्मदिवस के अवसर पर उनका सारस्वत सम्मान किया गया। मुख्य वक्ता प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा उज्जैन ने कहा कि छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक विरासत औ...

बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल का संघर्षमयी जीवन युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायी: विधानसभा अध्यक्ष श्री तोमर

विधानसभा अध्यक्ष ने धरम सागर तालाब परिसर में किया महाराजा छत्रसाल की अष्टधातु की प्रतिमा का अनावरण 🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। बुंदेल केसरी महाराजा छत्रसाल की राजधानी एवं हीरा, तालाब और मंदिरों की नगरी पन्ना में प्राचीन व ऐतिहासिक धरम सागर तालाब के किनारे छत्रसाल जी की प्रतिमा का अनावरण गौरवशाली क्षण है। इस गरिमामयी कार्यक्रम में नगरवासी भी साक्षी बनकर उत्साहित हैं। मध्यप्रदेश के ऐतिहासिक स्थान के रूप में मान्यता प्राप्त पन्ना भगवान श्री जुगल किशोर की पावन स्थली तथा महाराजा छत्रसाल के गुरु प्राणनाथ की तपस्थली भी है। यह बात विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर ने शनिवार को पन्ना नगर के धरम सागर तालाब परिसर में महाराजा छत्रसाल की अष्टधातु की प्रतिमा के अनावरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि की हैसियत से कही। उन्होंने उपस्थितजनों को बधाई व शुभकामनाएं दीं। इस मौके पर विस अध्यक्ष का तलवार एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर आत्मीय स्वागत किया गया। विस अध्यक्ष श्री तोमर ने कहा कि, बुन्देलखण्ड महाराजा छत्रसाल की कर्मभूमि रहा है। भारत के कण कण में शंकर की भंाति पन्ना के कण कण में हीरा की किवदंती...

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में ‘‘स्वर्णप्राशन कार्यक्रम” सोमवार, 8 दिसंबर को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चैरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत  8//12/2025 सोमवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा।  बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें। प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रू. 50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है।  उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चैरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

डॉ. अम्बेडकर चिन्तन के विविध आयाम और उनकी प्रासंगिकता विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी महापरिनिर्वाण दिवस पर सम्पन्न

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना की 278वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी डॉ. अम्बेडकर चिन्तन के विविध आयाम और उनकी प्रासंगिकता विषय पर वक्ताओं ने अपने विचार संविधान निर्माता के महा परिनिर्वाण दिवस पर व्यक्त किये। राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य वक्ता एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने सम्बोधन में कहा कि - डॉ. अम्बेडकर सामाजिक न्याय के पुरोधा के रूप में जाने जाते है। भारत में सामाजिक न्याय की बात की जाय तो वो वर्षो पहले प्रारम्भ हो गई थी। कबीर, रविदास, चोखेमाला, ज्योतिबा फूले, सावित्री बाई फूले, रानाडे, बाबासाहेब अम्बेडकर, संत गाडगे आदि सभी ने समाज को एकरस बनाने का अथक प्रयास किया। डॉ. अम्बेडकर और सामिजिक न्याय को समझने से पूर्व सामाजिक न्याय है क्या इसको समझते है- अगर सामान्य अर्थो में देखे तो सामाजिक न्याय समाज के अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़े वर्गो मजदूरों तथा महिलाओं को समाज में बराबरी का हक मिले इसे ही सामाजिक न्याय कहा जाता है सामाजिक न्याय शब्द सर्वप्रथम सन् 1840 में सिसली के पादरी द्वारा प्रयोग में लाया गया था। 19वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में जब सामाजिक न्याय शब्द प्रसिद्ध हुआ तो सबसे पहल...

विश्व मृदा दिवस पर उज्जैन में बहुस्तरीय आयोजन, प्रो. मेहता ने बताई मिट्टी की अहमियत

“स्वस्थ शहरों के लिए स्वस्थ मृदा” थीम पर छात्रों ने जाना मृदा संरक्षण का महत्व धरती की त्वचा मिट्टी के गहरे राज़ - प्रो मेहता उज्जैन। 5 दिसंबर 2025 को विश्व मृदा दिवस के अवसर पर उज्जैन स्थित मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला में “स्वस्थ शहरों के लिए स्वस्थ मृदा” थीम पर विविध चरणों में बहुस्तरीय आयोजन किया गया। कार्यक्रम में सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान के निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने कहा कि धरती की त्वचा कही जाने वाली मिट्टी अपने भीतर अनगिनत रहस्य समेटे हुए है। उन्होंने बताया कि एक चम्मच मिट्टी में पृथ्वी के कुल इंसानों से ज़्यादा जीव—बैक्टीरिया, कवक और कीड़े पाए जाते हैं। एक इंच मिट्टी बनने में जहां 500 साल लग जाते हैं, वहीं एक इंच मिट्टी खोने में एक मिनट भी नहीं लगता। उन्होंने मिट्टी को प्राकृतिक स्पंज बताते हुए कहा कि यह पानी सोखकर बाढ़ को रोकती है, पानी को फिल्टर करती है, पौधों को आवश्यक खनिज और पोषक तत्व प्रदान करती है जो हमारे भोजन का आधार हैं। साथ ही यह कार्बन डाइऑक्साइड सोखकर जलवायु परिवर्तन से लड़ने में भी महत्वपूर्ण भ...

विश्व में हो रहे ब्रह्मांडीय परिवर्तनों को समझने में महत्वपूर्ण सहायता कर रहे हैं गणित के विभिन्न स्वरूप

तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आईसीएमएसएएसए 2025 ICMSASA-2025 का भव्य समापन हुआ अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में कॉस्मोलॉजी और विज्ञान के नए आयामों पर हुआ मंथन, 90 शोध पत्र प्रस्तुत Ujjain | तीन दिवसीय इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आईसीएमएसएएसए 2025 - ICMSASA-2025 का गरिमामय समापन संपन्न हुआ। इस अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में देश-विदेश के सुप्रसिद्द वैज्ञानिकों, गणितज्ञों और शोधकर्ताओं ने भाग लिया और विज्ञान के बदलते स्वरूप पर अपने विचार साझा किए। समापन समारोह में साउथ अफ्रीका की प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. निरूपा भीष्म मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं। विशिष्ट अतिथि अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक डॉ. अरुण भीष्म, दक्षिण अफ्रीका, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे। अध्यक्षता पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो व्ही एच बादशाह ने की। अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी की उपलब्धियां पर विभागाध्यक्ष एवं मुख्य समन्वयक प्रोफेसर संदीप कुमार तिवारी ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम में गणितज्ञ एवं लेखिका डॉक्टर सुमन जैन द्वारा भगवान महावीर के सिद्धांतों पर केंद्रित पुस्तक का लोकार्पण अतिथियों द्वारा किया गया। कार्यक्रम की अ...

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में विश्व दिव्यांगजन दिवस पर ‘सशक्तिकरण संवाद’ सम्पन्न

अपराजित योद्धाओं के सम्मान हेतु जेएनआईबीएम में विशेष समारोह का आयोजन उज्जैन। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय, उज्जैन में विश्व दिव्यांगजन दिवस के अवसर पर पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान (जेएनआईबीएम) द्वारा सशक्तिकरण संवाद एवं दिव्यांग अपराजित योद्धा सम्मान संवाद का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के माननीय कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज ने अपने शुभकामना संदेश में संस्थान के इस सामयिक नवाचार परिसंवाद आयोजन की सराहना करते हुए अपराजित योद्धाओं के योगदान को रेखांकित किया। उन्होंने जेएनआईबीएम के नवाचारों को संयुक्त राष्ट्र संघ के सस्टेनेबल डेवलेपमेंट गोल्स से जोड़ते हुए सामाजिक समावेशन और सामुदायिक स्तर पर संबंधित पहलुओं पर प्रकाश डाला। वर्ष 2025 के विश्व दिव्यांगजन दिवस की थीम “सामाजिक प्रगति को आगे बढ़ाने के लिए दिव्यांग-सम्मिलित समाजों का निर्माण” पर केंद्रित रही। कुलगुरु प्रो. भारद्वाज ने इस संदेश को रेखांकित करते हुए कहा कि दिव्यांगजन की समावेशिता के बिना कोई भी समाज वास्तविक विकास हासिल नहीं कर सकता। उन्होंने समान अधिकारों के संरक्षण और दिव्यांगजन...

गणित समीकरण का खेल नहीं वरन संपूर्ण ब्रह्मांड की भाषा है - अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञ प्रो. अरुण भीष्म

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में आईसीएमएसएएसए 2025 (ICMSASA-2025) का भव्य शुभारंभ हुआ; विद्वानों ने गणित और विज्ञान को बताया भविष्य का आधार उज्जैन। सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आज द्वितीय इंटरनेशनल मैथेमैटिक्स, साइंस,  एप्लाइड साइंस एंड देइर ऍप्लिकेशन - आईसीएमएसएएसए 2025 (ICMSASA - 2025) का भव्य उद्घाटन संस्थान के विश्वकर्मन सभागार में संपन्न हुआ। इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में देश-विदेश के प्रसिद्ध गणितज्ञ और वैज्ञानिक विषय क्षेत्र के विभिन्न पक्षों पर मंथन करेंगे। ​ कार्यक्रम के प्रारम्भ में मां वाग्देवी की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन और माल्यार्पण के साथ सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि अंतर्राष्ट्रीय गणितज्ञ प्रो. अरुण भीष्म, दक्षिण अफ्रीका, विशिष्ट अतिथि प्रो. वी के गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक, मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग इंदौर और कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो संदीप तिवारी ने किया। मुख्य अतिथि अंतरराष्ट्रीय गणितज्ञ प्रो. अरुण भीष्म, जुजुलैण्ड यूनिवर्...

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार