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पेड़, पौधों एवं प्रकृति की पूजा माता-पिता की पूजा के समान है, प्रतिदिन वृक्ष पूजन का संकल्प लें विद्यार्थी- कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज

सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना के विद्यार्थियों द्वारा आंवला नवमी पर्व बनाया गया उज्जैन। आंवला नवमी का धार्मिक महत्व आंवले के पेड़ की पूजा करने और उसके नीचे भोजन करने से जुड़ा है, क्योंकि इसमें भगवान विष्णु का वास माना जाता है। पूरे भारत में आंवला नवमी का पर्व बड़े हर्षों उल्लास से मनाया जाता है। गुरुवार को आंवला नवमी के उपलक्ष्य पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के विद्यार्थियों द्वारा आंवला नवमी के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय स्थित आंवला वन में प्रकृति पूजन एवं आंवला के वृक्षों का पूजन किया।  इस अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अर्पण भारद्वाज ने कहा कि हमारी संस्कृति विज्ञान सम्मत है, आंवला के पेड़ों का बड़ा वैज्ञानिक महत्व हैं। इनसे निकलने वाली एंटीवायरल ऊर्जा और आंवले के औषधीय गुणों से रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न होती है और स्वास्थ्य में सुधार भी होता हैं। यह पर्व वैज्ञानिक और धार्मिक दोनों तरह से लाभकारी है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों द्वारा आंवला की सेवा की जाती है, उन्हों...

आँवला नवमी का महत्त्व एवं उसका आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से संबंध

भूमिका भारतवर्ष की सांस्कृतिक परंपरा में प्रकृति और स्वास्थ्य का अत्यंत गहन और आत्मीय संबंध रहा है। यहाँ प्रत्येक पर्व न केवल धार्मिक अनुष्ठान का प्रतीक है, बल्कि उसमें स्वास्थ्य, पर्यावरण, और अध्यात्म के गूढ़ संदेश छिपे हैं। ऐसा ही एक महत्वपूर्ण पर्व है “आँवला नवमी” — जिसे कार्तिक शुक्ल नवमी के दिन मनाया जाता है। इस दिन आँवला वृक्ष (आमलकी / Emblica officinalis) की पूजा की जाती है, जो न केवल धार्मिक दृष्टि से पवित्र है, बल्कि औषधीय दृष्टि से भी अनुपम है। आँवला नवमी का पर्व प्रकृति के प्रति कृतज्ञता, स्वास्थ्य के प्रति सजगता और आयुर्वेद के सिद्धांतों के अनुपालन का सुंदर उदाहरण है। धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्त्व पुराणों में वर्णित है कि जब भगवान विष्णु ने अमृत का सृजन किया, उसी समय आँवला वृक्ष का उद्भव हुआ। इसीलिए इसे अमृतफल कहा गया है। स्कन्द पुराण और पद्म पुराण में आँवला वृक्ष को भगवान विष्णु का प्रिय वृक्ष बताया गया है। इस दिन भक्तजन आँवला वृक्ष के नीचे पूजा-अर्चना करते हैं, वृक्ष की परिक्रमा करते हैं, दीपक जलाते हैं और आँवले के फल का सेवन प्रसाद के रूप में करते हैं। लोक आस्था के अन...

आंवला नवमी और आयुर्वेद

प्रतिवर्ष आंवला नवमी का त्योहार दीपावली के बाद कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को बड़े उत्साह से मनाया जाता है। आंवला नवमी को अक्षय नवमी भी कहा जाता है। अक्षय नवमी कूष्मांडा नवमी के नाम से भी जानी जाती है। आंवले का पर्यायवाची शब्द धात्री होता है इस आधार पर इसे धात्री नवमी भी कहते हैं।  धात्री का अर्थ है धारण करने वाली  , माता, धाय मां। आंवला धात्री के समान शारीरिक स्वास्थ्य के लिए पोषण दायक होता है इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजन कर परिवार की आरोग्यता  और समृद्धि की कामना की जाती है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला मधुर विपाक शीत वीर्य वाला होता है। आंवला गुण में गुरु भारीपन शीतलता प्रदायक होता है आंवले में पंच रस  नमक छोड़कर के पांचों रस होते हैं। आंवला त्रिदोषहर अर्थात यह तीनों दोषों को संतुलित करने का कार्य करता है।" आयुर्वेद के अनुसार वात , पित्त, कफ ये तीन दोष होते हैं। आयुर्वेद विशेषज्ञ की देखरेख में वात दोष के असंतुलन में एक चम्मच आंवला चूर्ण में दो चम्मच तिल का तेल मिलाकर, पित्त दोष विकृति में एक चम्मच सूखे आंवले के पाउडर चूर्ण में एक चम्मच घी मिलाकर उसके बाद...

आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह का स्कूल में आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल । आईसीएआर–केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (सीआईएई), भोपाल द्वारा सतर्कता जागरूकता सप्ताह के अंतर्गत 30 अक्टूबर, 2025 को ऑक्सफोर्ड कॉन्वेंट हायर सेकेंडरी स्कूल, कृषक नगर, करोंद, भोपाल में एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों एवं अभिभावकों में ईमानदारी, पारदर्शिता और नैतिक उत्तरदायित्व की भावना को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डॉ. एम. के. त्रिपाठी, प्रधान वैज्ञानिक, आईसीएआर–सीआईएई, भोपाल रहे। उन्होंने अपने संबोधन में दैनिक जीवन में ईमानदारी, नैतिक मूल्यों और सतर्कता के महत्व पर प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को सशक्त नैतिक चरित्र निर्माण हेतु प्रेरित किया। कार्यक्रम के अंतर्गत “ईमानदारी – भ्रष्टाचारमुक्त राष्ट्र की आधारशिला” विषय पर वाद-विवाद व्याख्यान का आयोजन भी   किया गया, जिसमें विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। लगभग 250 विद्यार्थी, शिक्षकगण एवं अभिभावक इस अवसर पर उपस्थित रहे। विद्यालय की प्राचार्या ने डॉ. त्रिपाठी का प्रेरणादायक व्याख्यान देने हेतु आभार व्यक्त कि...

मानव अधिकार आयोग के डॉ. अवधेश प्रताप सिंह ने 12 मामलों में लिया संज्ञान, संबंधित अधिकारियों से मांगी रिपोर्ट

     🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल । मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्य डॉ. श्री अवधेश प्रताप सिंह ने गुरुवार, 30 अक्टूबर 2025 को विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के  ''12  मामलों में ''  संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।   तीन साल से फाइलों में अटका सीबीआरएन चिकित्‍सा प्रबंधन केंद्र             भोपाल शहर में  गैस त्रासदी के चार दशक बीतने के बाद भी भोपाल केमिकल और रेडियालॉजिकल आपदा सुरक्षा कवच से वंचित होना पड़ रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार केंद्र सरकार ने ऐसी औद्योगिक घटनाओं के प्रबंधन के लिये देश का पहला केमिकल ,  बायोलॉजिकल ,  रेडियोलॉजिकल और न्‍यूक्लियर (सीबीआरएन) चिकित्‍सा प्रबंधन केंद्र बीएमएचआरसी में बनाने की घोषण की गई थी ,  लेकिन अफसरशाही के कारण पिछले तीन वषों से यह योजना फाइलों से बाहर नहीं निकल पाई है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने  निदेशक ,  भोपाल मेमोर...

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