Skip to main content

Posts

Showing posts with the label क्षेत्रीय

परीक्षा को समय पर करवाना और परिणाम को समय पर घोषित करना विश्वविद्यालय की सबसे बड़ी प्राथमिकता है - प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलगुरु, विक्रम विश्वविद्यालय

विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का किया निरीक्षण उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलगुरु प्रोफेसर अखिलेश कुमार पाण्डेय ने दिनांक 15 अप्रैल 2024 को विक्रम विश्वविद्यालय के विभिन्न परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण किया।  कुलगुरु प्रो पांडेय ने परीक्षाओं का निरीक्षण करते हुए कहा कि परीक्षा का संचालन एवं परिणाम की घोषणा समय पर करवाना विश्वविद्यालयों को प्राथमिकता है। अपनी बात को बढ़ाते हुए कुलगुरु जी ने कहा कि इस समय संपूर्ण विश्वविद्यालय परिक्षेत्र में परीक्षाओं का संचालन हो रहा है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय के शिक्षकों और विश्वविद्यालय के शिक्षा, अधिकारियों और कर्मचारियों का यह प्रमुख दायित्व है कि वे सामूहिक टीम भावना से परीक्षाओं को सफल बनाने का प्रयास करें।  विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा ने बताया कि कुलगुरु जी ने विक्रम विश्वविद्यालय के सुमन मानविकी भवन परीक्षा केंद्र एवं माधव कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की परीक्षाओं का निरीक्षण किया।  उनके साथ माधव महाविद्यालय के

विक्रम विश्वविद्यालय और भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के मध्य परस्पर अकादमिक सहयोग एवं अनुसंधान परियोजना के लिये एमओयू किया गया

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन और भारत सरकार के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के अधीन भारत मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के मध्य परस्पर अकादमिक सहयोग एवं अनुसंधान परियोजना के लिये एमओयू किया गया।  इस एमओयू से भूगर्भ विज्ञान, कम्प्यूटर विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान एवं  प्रबन्धन विषय के विद्यार्थी और शोधकर्ताओं को भारत मौसम विज्ञान विभाग में उपलब्ध आंकड़ों का उपयोग कर अध्ययन एवं अनुसंधान परियोजनाओं को आधार मिलेगा। साथ ही भविष्य में मौसम में होने वाले परिवर्तन के संबंध में महत्वपूर्ण तथ्य एवं सूचनाएँ प्राप्त होंगी। इस महत्वपूर्ण एमओयू पर भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र और विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने साइन किए। इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ क्षमाशील मिश्रा, डॉ गणपत अहिरवार आदि उपस्थित थे।  इस अवसर पर महानिदेशक डॉ मृत्यंजय महापात्र एवं कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि इस महत्वपूर्ण एमओयू के माध्यम से  विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के शिक्षक, शोधकर्ता और विद्य

धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय में "स्वर्णप्राशन कार्यक्रम" 16 अप्रैल को आयोजित होगा

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि चिकित्सालय के शिशु एवं बालरोग विभाग के अंतर्गत 16 अप्रैल 2024 मंगलवार को जन्म से लेकर 10 वर्ष तक के बच्चों को स्वर्णप्राशन कराया जाएगा। बाल रोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. गीता जाटव ने बताया कि शिशु के बुद्धि व बलवर्धन तथा रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिये एवं बार-बार होने वाले संक्रामक रोगों से बचाव के लिए अपने बच्चों का स्वर्णप्राशन अवश्य करावें । प्रत्येक बालक/बालिका का रजिस्ट्रेशन शुल्क रू.50/- निर्धारित है। आयुर्वेद के ग्रन्थों में बच्चो के स्वास्थ्य संवर्धन के लिये स्वर्णप्राशन का अत्यधिक महत्व बताया गया है। चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. ओ. पी. शर्मा तथा आर. एम. ओ. डॉ. हेमन्त मालवीय ने जानकारी दी कि चिकित्सालय के शिशु रोग विभाग में शिशुओं तथा बालक-बालिकाओं को प्रातः 10:00 बजे से स्वर्णप्राशन कराया जायेगा । उक्त जानकारी प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया तथा मीडिया प्रभारी डॉ. प्रकाश जोशी ने दी।

विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों का गुजरात के अडानी ग्रुप में इंडस्ट्रियल विजिट

विजिट से पहले कुलपति जी का विद्यार्थियों को मार्गदर्शन उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के आईआईपीएस एमबीए फाइनेंस, एचआर, मार्केटिंग एवं अर्थशास्त्र विभाग के 52 छात्र-छात्राओं समेत 4 शिक्षकों का दल इंडस्ट्रियल विजिट पर गुजरात मुंद्रा अडानी ग्रुप में 23 अप्रैल 2024 की शाम विक्रम यूनिवर्सिटी गेस्ट हाउस से प्रस्थान करेगा। इस हेतु 13 अप्रैल को अर्थशास्त्र विभाग में विद्यार्थियों के मार्गदर्शन हेतु मीटिंग रखी गई जिसमें विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश कुमार पाण्डेय द्वारा विद्यार्थियों का मार्गदर्शन करते हुए बताया कि, प्रत्येक मनुष्य के जीवन में अनेक ऐसे अवसर आते हैं जिनसे वह लाभ उठा सकता है परंतु कुछ लोग अच्छे और उचित अवसर को पहचानने में सक्षम नहीं होते हैं, ठीक अवसर को भली भांति पहचानना और उससे उचित लाभ उठाना जिन्हें आता है, जीवन में सफल वही होते हैं। जिन विद्यार्थियों को यह अवसर मिला है, वे उसका अच्छे से लाभ ले, नई चीजों को सीखे । विश्वविद्यालय की कुलानुशासक डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा द्वारा विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति से हमेशा जुड़े रहने एवं सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ते रहने क

सामूहिक गणगौर पूजन किया गया

उज्जैन। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महिला प्रकोष्ठ द्वारा सामूहिक गणगौर पूजन किया गया। इस दिन होली के दूसरे दिन से प्रारंभ हुआ गवर पूजन का समापन किया जाता है। 16वे दिन गवर माता की पुजा की जाती है। इस अवसर पर सभी महिलाओं द्वारा क्षीरसागर कुण्ड पर जा कर गवर माता को पानी पिलाया गया, सभी ने सामुहिक पुजन किया और ढोल धमाकों के साथ नृत्य करके सामूहिक रूप से गणगौर तीज का व्रत पूरा किया गया ।  समाज की महिलाएं उपस्थित थीं। श्रीमती राजकुमारी ठाकुर, श्रीमती अनीता नरूका, श्रीमती नेहा ठाकुर, श्रीमती मेघा नरूका, विजया चुंडावत, शोभा पवार, सोनल चुंडावत ,रानू पवार, गीता पवार, आदि उपस्थित थे। यह जानकारी शहर कार्यकारिणी अध्यक्ष ममता गौंड द्वारा दी गई।

डॉ प्रभु चौधरी को विक्रम संवत लेख पर नवरात्र साहित्य सम्मान

हिंदी परिवार इंदौर इकाई उज्जैन के संयोजक डॉ प्रभु चौधरी, महासचिव, राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, उज्जैन को हिन्दू नववर्ष नवरात्रि गुड़ी पड़वा एवं महाराजा विक्रमादित्य के सन्दर्भ में प्रकाशित आलेख विजय का प्रतीक विक्रम संवत को प्रथम पुरस्कार विजेता घोषित किया। संस्था संस्कार संस्कृति नयी दिल्ली ने डॉ प्रभु चौधरी को नवरात्र साहित्य सम्मान 2024 का अभिनन्दन पत्र प्रदान किया गया है। डॉ चौधरी को राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के डॉ शैलेंद्र कुमार शर्मा कुलानुशासक विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन,  राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बृजकिशोर शर्मा, मार्गदर्शक श्री हरेराम वाजपेई इन्दौर, डॉ हरिसिंह पाल महामंत्री नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली, श्रीमती सुवर्णा जाधव राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष पुणे ,डॉ अरुणा शुक्ला नांदेड़ एवं डॉ अनसूया अग्रवाल महासमुंद राष्ट्रीय संयोजक , डॉ शिवा लोहारिया जयपुर, राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला इकाई डॉ रश्मि चौबे, राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष महिला इकाई गाजियाबाद डॉ अरुणा सराफ, इंदौर प्रदेश महासचिव श्रीमती संगीता केसवानी, इन्दौर राष्ट्रीय सचिव शैली भागवत, राष्ट्रीय संयुक्त सचिव डॉ कृष्णा जोशी ,प

गौंड एवं उरांव जनजातीय कला के उत्कृष्ट कलाकारों का सम्मान किया गया

जनजातीय कला कार्यशाला 3 से 9 अप्रैल 2024 तक संपन्न, गौंड एवं उरांव चित्रकला का प्रशिक्षण दिया गया  उज्जैन। कालिदास संस्कृत अकादमी  म. प्र. संस्कृति परिषद द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और शासकीय स्नातकोत्तर कन्या महाविद्यालय, उज्जैन के सहयोग से विद्यार्थी कलाकारों को देश की दो प्रमुख कला शैलियों का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यशाला में गौंड शैली की कलाकार श्रीमती रजनी धुर्वे एवं श्रीमती गायत्री मरावी एवं उरांव शैली की जनजातीय कलाकार श्रीमती आग्नेश केरकेट्टा ने जनजातीय कला रूपों का गहन प्रशिक्षण दिया। कार्यशाला के अंतिम दिन सभी कलाकारों के कार्य का अवलोकन किया गया।  साथ ही प्रशिक्षकों और कलाकारों को प्रोत्साहन किया गया। समापन समारोह में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु अखिलेश कुमार पाण्डेय, विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शेलेंद्र कुमार शर्मा, कालिदास संस्कृत अकादेमी की उपनिदेशक डॉ योगेश्वरी फिरोजिया, ललित कला अध्ययनशाला के अध्यक्ष डॉ जगदीश चन्द्र शर्मा ने सम्बोधित किया। अतिथियों द्वारा गौंड शैली की कलाकार श्रीमती रजनी धुर्वे एवं श्रीमती गायत्री मरावी एवं उरांव शैली की जनजातीय क

ललित कला के विद्यार्थियों द्वारा बनाई गई रंगोली को महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने सराहा

दीक्षांत समारोह के लिए बनाई गई उज्जयिनी की शैक्षिक विरासत से जुड़ी बृहद् रंगोली ने मोहा उपस्थित जनों को उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अट्ठाइसवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर उज्जयिनी की शैक्षणिक विरासत से जुड़ी मनमोहन रंगोली ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जनों को सम्मोहित किया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा के अवसर पर भारतीय नववर्ष, विक्रम संवत 2081 के प्रथम दिवस 9 अप्रैल को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का 28 वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।  इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ललित कला अध्ययनशाला के कलाकार विद्यार्थियों ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम में अध्ययन रत श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम का चित्रण मनोहारी रंगोली के माध्यम से किया। महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इस मनमोहक रंगोली की सराहना करते हुए कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस नगरी के विद्या के प्रति समर्पण को यह रंगोली याद दिलाती है। इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्यंजय महापात्र, पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अखिलेश कुमार पा

डॉ. अंकिता शर्मा को शोध उपाधि प्रदान की गई

उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के 28 वें दीक्षांत समारोह में महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल एवं माननीय कुलगुरु प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा डॉ. अंकिता शर्मा को शोध उपाधि प्रदान की गई। डॉ. अंकिता शर्मा ने अपना शोध कार्य, विषय "ए स्टडी ऑफ एम्प्लॉयी सेटिस्फेक्शन एंड रिटेंशन इन गवर्नमेंट एंड प्राइवेट कॉलेजेस ऑफ मध्यप्रदेश" प्रो. डी. डी. बेदिया, प्रबंध संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय के निर्देशन में पूर्ण किया। समारोह में शिक्षा की उच्चतम उपाधि प्राप्त करने पर सभी शिक्षकों एवं परिवार के सदस्यों ने बधाईयाँ दी।

दीक्षित विद्यार्थी अपने ज्ञान और संस्कारों से गरीबों और वंचितों के सेवा कार्यों में सहभागिता करें : राज्यपाल श्री पटेल

राज्यपाल श्री पटेल ने दीक्षित विद्यार्थियों को उपाधि प्रमाण पत्र प्रदान किए  विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन का 28 वां दीक्षांत समारोह सम्पन्न   उज्जैन। 09 अप्रैल, 2024। राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षित विद्यार्थियों से कहा है कि अपने ज्ञान और संस्कारों से गरीबों और वंचितों के सेवा कार्यों में सहभागिता करें। अपने कर्तव्यों के पालन से समाज को प्रेरित करें। आप सभी महान विभूति महाराजा विक्रमादित्य जिन्होंने आक्रांताओं को परास्त किया और विभिन्न क्षेत्रों के विलक्षण विद्वानों को संरक्षण दिया था, जो विरासत के वाहक हैं। ऐसे महान शासक के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय के छात्र होने के नाते आप सबका यह दायित्व है कि प्राचीन और अद्यतन ज्ञान-विज्ञान की विविध शाखाओं के अध्ययन-अध्यापन और अनुसंधान में सहभागी बने। अपने ओज, शक्ति और सामर्थ्य से देश के नवजागरण, उत्कर्ष, गौरवशाली अतीत और परंपराओं को पुनर्स्थापित कर, भारत को विश्वगुरु के रूप में स्थापित करें।   राज्यपाल श्री पटेल आज चैत्र शुक्ल प्रतिपदा विक्रम संवत 2081 , 9 अप्रैल को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में आयोजित 28व

दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि से अलंकृत होंगे उप पुलिस अधीक्षक- लोकायुक्त डॉ बसन्त श्रीवास्तव

उज्जैन। वर्तमान में लोकायुक्त कार्यालय उज्जैन में उप पुलिस अधीक्षक के पद पर पदस्थ शोधार्थी डॉ बसंत श्रीवास्तव को महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में आयोजित अट्ठाइसवें दीक्षांत समारोह में पीएचडी उपाधि अर्पित करेंगे। उन्होंने लोक प्रशासन एवं राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की तत्कालीन अध्यक्ष एवं आचार्य डॉ निशा वशिष्ठ के निर्देशन में महत्वपूर्ण विषय ‘‘भारत के राज्यों के लोकायुक्त संगठन का तुलनात्मक अध्ययन’’ (मध्यप्रदेश व उत्तरप्रदेश के विशेष संदर्भ में) पर शोध कार्य किया है।  इनके द्वारा लोकायुक्त मध्यप्रदेश के अंतर्गत आने वाले 9 कार्यालयों एवं लोकायुक्त उत्तरप्रदेश का कार्यालय एवं महानिदेशक सतर्कता अधिष्ठान उत्तरप्रदेश के 15 कार्यालयों से डाटा एकत्रित कर एवं लोकायुक्त मध्यप्रदेश, उप लोकायुक्त मध्यप्रदेश एवं लोकायुक्त उत्तरप्रदेश, उप लोकायुक्त उत्तरप्रदेश, महानिदेशक लोकायुक्त मध्यप्रदेश, महानिदेशक सतर्कता अधिष्ठान उत्तरप्रदेश का साक्षात्कार लेकर एवं कार्यालय से आंकड़े एकत्रित कर एवं उक्त दोनों संगठनों के वार्षिक प्रतिवेदनों का अध्य

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन का अट्ठाईसवें दीक्षांत समारोह की चैत्र शुक्ल प्रतिपदा – गुड़ी पड़वा पर्व पर 9 अप्रैल को होगा, सोमवार को दो बार कराई गई रिहर्सल

समारोह में 182 विद्यार्थी भाग लेंगे, जिनमें 109 पीएचडी शोधकर्ता और 77 स्नातक एवं स्नातकोत्तर गोल्ड मेडल प्राप्तकर्ता विद्यार्थी सम्मिलित ललित कला के विद्यार्थी कलाकार रंगोली के माध्यम से चित्रित कर रहे हैं सांदीपनि आश्रम में अध्ययनरत श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम को उज्जैन। दीक्षांत समारोह का आयोजन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा, गुड़ी पड़वा, दिनांक 9 अप्रैल 2024 को प्रातः 10:30 बजे विश्वविद्यालय के प्रशासनिक भवन परिसर स्थित स्वर्ण जयंती सभागार में मध्यप्रदेश के महामहिम राज्यपाल एवं कुलाधिपति श्री मंगुभाई पटेल की अध्यक्षता में होगा। समारोह के मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय उपाध्याय दीक्षांत भाषण देंगे। विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ शिक्षाविद् एवं साहित्यकार पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित होंगे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय विद्यार्थियों को आशीर्वचन प्रदान करेंगे।   यह जानकारी देते हुए कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा ने बताया कि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अट्ठाईसवाँ दीक्षांत समारोह 9 अप्रैल, चैत्र शुक्ल प्रतिपदा- गुड़ी पड़वा के पावन पर्व पर आयोज

विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षण प्रदान करें और उन्हें इस शिक्षा का उपयोग कर धन अर्जित करने योग्य बनाना विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व - कुलपति प्रो पाण्डेय

विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति और जैव- प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने स्वयं मशरूम का उत्पादन और उसका विक्रय कर धन अर्जित किया उज्जैन। गत चार वर्षों से विक्रम विश्वविद्यालय में कौशल आधारित पाठ्यक्रमों को शुरुआत की गई है। विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा कई महत्वपूर्ण उत्पाद बनाए गए है। इसी क्रम में हाल ही में विक्रम विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी और वानस्पतिक विद्यार्थियों द्वारा वनस्पति अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉक्टर निहाल सिंह एवं डॉक्टर जगदीश शर्मा के निर्देशन में वनस्पति अध्ययनशाला में मशरूम का उत्पादन किया। इसके बाद बी एस सी प्रथम वर्ष जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने इस मशरूम का विक्रय कर धन अर्जित किया।  विद्यार्थियों के इस महत्वपूर्ण प्रयास पर कुलपति जी ने कहा कि विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षण प्रदान कर उन्हें इस शिक्षा का उपयोग कर धन अर्जित करने योग्य बनाना ही विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि विद्यार्थी ऐसे कौशल आधारित पाठ्यक्रमों को सीख रहे हैं और उनसे धन अर्जित करने का प्रयास भी कर रहे हैं

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार