दीक्षांत समारोह के लिए बनाई गई उज्जयिनी की शैक्षिक विरासत से जुड़ी बृहद् रंगोली ने मोहा उपस्थित जनों को
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अट्ठाइसवें दीक्षांत समारोह के अवसर पर उज्जयिनी की शैक्षणिक विरासत से जुड़ी मनमोहन रंगोली ने सैकड़ों की संख्या में उपस्थित जनों को सम्मोहित किया। चैत्र शुक्ल प्रतिपदा गुड़ी पड़वा के अवसर पर भारतीय नववर्ष, विक्रम संवत 2081 के प्रथम दिवस 9 अप्रैल को उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय का 28 वाँ दीक्षांत समारोह आयोजित किया गया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ललित कला अध्ययनशाला के कलाकार विद्यार्थियों ने महर्षि सांदीपनि के आश्रम में अध्ययन रत श्रीकृष्ण, सुदामा और बलराम का चित्रण मनोहारी रंगोली के माध्यम से किया। महामहिम राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने इस मनमोहक रंगोली की सराहना करते हुए कलाकारों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि इस नगरी के विद्या के प्रति समर्पण को यह रंगोली याद दिलाती है।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि भारत मौसम विज्ञान विभाग, भारत सरकार के महानिदेशक डॉ मृत्यंजय महापात्र, पद्मश्री डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु डॉ अखिलेश कुमार पाण्डेय, कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा, कुलानुशासक डॉ शैलेन्द्र कुमार शर्मा, ललित कला विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ जगदीश चन्द्र शर्मा उपस्थित थे।
एक सौ स्क्वेयर फीट से बड़ी इस रंगोली का सृजन ललित कला विभाग के कला गुरु डॉ लक्ष्मीनारायण सिंहरोडिया और डॉ महिमा मरमट के मार्गदर्शन में किया गया। इस भव्य रंगोली का निर्माण विद्यार्थी कलाकारों द्वारा 24 घंटों में किया गया, जिसमें उन्होंने श्री कृष्ण जी, सुदामा जी और बलराम जी को अपने गुरु सांदीपनि जी से शिक्षा प्राप्त करते हुए दिखाया है।
इस भव्य कलाकृति को जिन कलाकार विद्यार्थियों ने बनाया है उनके नाम हैं – लक्ष्मी कुशवाह, नंदिनी प्रजापति, पंकज सेहरा, मुकुल सिंह, अक्षित शर्मा, जगबंधु महतो और जीत डे। यह रंगोली दीक्षांत समारोह के अवसर पर प्रमुख आकर्षण और चर्चा का केंद्र रही। इस भव्य समारोह में सम्मिलित हुए सैकड़ों लोग ने रंगोली के समक्ष खड़े होकर फोटोशूट करवाए। विशिष्ट अतिथियों, गणमान्य व्यक्तियों एवं समारोह में शामिल लोगों ने रंगोली की सराहना की और विद्यार्थियों को बधाई दी।
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