विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षण प्रदान करें और उन्हें इस शिक्षा का उपयोग कर धन अर्जित करने योग्य बनाना विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व - कुलपति प्रो पाण्डेय
विक्रम विश्वविद्यालय की वनस्पति और जैव- प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विद्यार्थियों ने स्वयं मशरूम का उत्पादन और उसका विक्रय कर धन अर्जित किया
उज्जैन। गत चार वर्षों से विक्रम विश्वविद्यालय में कौशल आधारित पाठ्यक्रमों को शुरुआत की गई है। विक्रम विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा कई महत्वपूर्ण उत्पाद बनाए गए है। इसी क्रम में हाल ही में विक्रम विश्वविद्यालय के जैव प्रौद्योगिकी और वानस्पतिक विद्यार्थियों द्वारा वनस्पति अध्ययनशाला के शिक्षकों डॉक्टर निहाल सिंह एवं डॉक्टर जगदीश शर्मा के निर्देशन में वनस्पति अध्ययनशाला में मशरूम का उत्पादन किया। इसके बाद बी एस सी प्रथम वर्ष जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने इस मशरूम का विक्रय कर धन अर्जित किया।
विद्यार्थियों के इस महत्वपूर्ण प्रयास पर कुलपति जी ने कहा कि विद्यार्थियों को कौशल आधारित शिक्षण प्रदान कर उन्हें इस शिक्षा का उपयोग कर धन अर्जित करने योग्य बनाना ही विश्वविद्यालयों का महत्वपूर्ण दायित्व है। उन्होंने कहा कि यह हर्ष का विषय है कि विद्यार्थी ऐसे कौशल आधारित पाठ्यक्रमों को सीख रहे हैं और उनसे धन अर्जित करने का प्रयास भी कर रहे हैं। इस अवसर पर वनस्पति विज्ञान और प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष प्रोफेसर डी एम कुमावत और डॉक्टर सलिल सिंह ने कहा कि विद्यार्थियों ने यू जी सी की लर्न बाई अर्न स्कीम के तहत मशरूम बेच कर धन अर्जित किया है, जो विभाग एवं विश्वविद्यालय के लिए गर्व की बात है।
इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉक्टर अनिल शर्मा, कुलानुशासक प्रोफेसर शैलेंद्र कुमार शर्मा सहित प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला एवं वनस्पति अध्ययनशाला के शिक्षकों और कर्मचारी ने विद्यार्थियों को बधाई दी।
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