Skip to main content

Posts

भौतिक के साथ आध्यात्मिक उपलब्धियां उन्नत राष्ट्र निर्माण में साधक बनें - प्रो. रजनीश शुक्ल

इंदौर । मूल्यनिष्ठ मीडिया वहीं है जो लोगों को शांति और संतुष्टता देता है। जो सूचनायें बेचैनी देती है और शांति छिनने की कोशिष करती है, वे मूल्य नहीं है। राष्ट्र निर्माण में मीडिया की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है इसलिये संचार माध्यमों को बहुत सजग और सचेत होकर समाज में अपसंस्कृति के प्रचार को रोकने के लिये हस्तक्षेप करना चाहिये। उक्त विचार आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के इंदौर जोन के पूर्व निदेषक तथा ब्रह्माकुमारीज मीडिया प्रभाग के अध्यक्ष रहे ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी की 7वीं पुण्य स्मृति के उपलक्ष्य में  आयोजित "राष्ट्र निर्माण और मीडिया" विषय पर  ज्ञानशिखर में आयोजित मीडिया परिसंवाद में मुख्य अतिथि महात्मागाँधी अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दी विश्व विद्यालय वर्धा के कुलपति प्रो. रजनीश शुक्ल ने कहे । उन्होंने आगे कहा कि मूल्यों से समृद्ध हमारी भारतीय प्राचीन परंपरा रही है। उसी राह पर चल मनुष्यों को मूल्यांे से जोड़गें तो राष्ट्र बनेगा । भौतिक के साथ आध्यात्मिक उपलधियां उन्नत राष्ट्र निर्माण में बाधक नहीं साधक बने। परिसंवाद में अध्यक्षता करते हुए मध्यप्रदेश साहित्

विश्व डायबिटीज डे पर आयुर्वेद चिकित्सा का दृष्टिकोण

डायबिटीज आमतौर पर प्रमेह अथवा शक्कर की बीमारी के नाम से जाना जाता है। यह पाचन प्रक्रिया में उत्पन्न विकृति के कारण होने वाली बीमारी है यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को हो सकती है । भारत में डायबिटीज के करीब 77 मिलियन मरीज हैं ,इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन की रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक भारत में  प्रमेह मरीजों की संख्या 101 मिलियन हो सकती है। विकासशील देशों में शहरीकरण से लोगों की जीवनशैली भी बदल रही है ,एक ही जगह बैठकर अधिक समय तक काम करना ,व्यायाम का अभाव ,आहार की बदलती आदतें, तथा बढ़ा हुआ मानसिक तनाव इन सब कारणों से बड़ा मोटापा कोलेस्ट्रोल तथा रक्तभार बीपी उत्पन्न होते हैं । ऐसे रोगियों में प्रमेह रोग होने की संभावना अधिक होती है।   डायबिटीज क्या है? डायबिटीज शरीर के रक्त में असामान्य से अधिक बढ़ी हुई शर्करा को कहते हैं अपर्याप्त इंसुलिन के उत्पादन के कारण होता है, टाइप 2 डायबिटीज अक्सर उम्र दराज लोगों में देखा जाता है यह डायबिटीज का सबसे आम प्रकार है । डायबिटीज होने के क्या कारण हैं ? 1. आहार - मीठे रस वाले पदार्थों का अधिक मात्रा में और अनियमित सेवन करना, दूध व दूध से बने पदार्थों का अ

महामना पं मदनमोहन मालवीय जी का योगदान अविस्मरणीय है

 पुण्यतिथि पर महामना मालवीय जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के अकादमिक परिसर में स्थित भारतरत्न महामना पंडित मदनमोहन मालवीय की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की गई। 12 नवंबर को उनकी पुण्यतिथि पर सुमन मानविकी भवन परिसर स्थित महामना मालवीय जी की प्रतिमा के समक्ष उनका पुण्य स्मरण करते हुए उनके विविधमुखी व्यक्तित्व एवं योगदान पर परिचर्चा हुई। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, विख्यात मुद्राशास्त्री डॉ आर सी ठाकुर, राजनीति विज्ञान अध्ययनशाला की विभागाध्यक्ष प्रो दीपिका गुप्ता, प्रो गीता नायक, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ डी डी बेदिया, डॉ संग्राम भूषण, डॉ प्रतिष्ठा शर्मा, डॉ रमण सोलंकी, डॉ अजय शर्मा, डॉ जितेश पोरवाल, डॉ दीपा द्विवेदी, श्रीमती हीना तिवारी आदि सहित अनेक शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों ने महामना पं मालवीय जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं पुष्पांजलि अर्पित की।  कार्यक्रम में कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने संबोधित करते हुए कहा कि महामना पंडित मदनमोहन मालवीय का भारतीय स्

शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने हेतु आगे आएँ शिक्षक - कुलपति प्रो पाण्डेय

शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि के लिए विशेष संवाद बैठक सम्पन्न उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने सुमन मानविकी भवन में संचालित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों एवं शिक्षकों को मार्गदर्शित करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने हेतु निर्देशित किया। मानविकी भवन पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने शैक्षणिक गुणवत्ता वृद्धि के लिए विशेष संवाद बैठक को सम्बोधित करते हुए सुमन मानविकी में संचालित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों और शिक्षकों से चर्चा करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया। शिक्षकों के साथ संवाद करते हुए माननीय कुलपति प्रो पांडेय ने कहा कि प्रत्येक शिक्षक को शोध एवं अनुसन्धान को बढ़ावा देते हुए हर वर्ष कम से कम दो शोध पत्र प्रकाशित करना चाहिए।  मानविकी भवन पहुंचे विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने सुमन मानविकी में संचालित विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्षों और शिक्षकों से चर्चा करते हुए शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए उन्हें निर्देशित किया। शिक्षकों से  वार्तालाप करते हुए उन

मध्यप्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार कटिबद्ध : डॉ मोहन यादव

34वी राष्ट्रीय जीत कुनेडो चैंपियनशिप उज्जैन। मध्यप्रदेश में खेलों व खिलाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश सरकार ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। देश में  मध्यप्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है जहां विभिन्न खेलों की शासकीय एकेडमिया राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय  खिलाड़ियों को तैयार करने का कार्य कर रही है जिसके परिणाम निकट भविष्य में देखने को मिलने लगेंगे। उक्त उद्गार मध्यप्रदेश शासन के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. मोहन यादव ने क्षीरसागर  इनडोर स्टेडियम में आयोजित 34 वी. राष्ट्रीय जीत कुनेडो चैंपियनशिप के उद्घाटन अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में व्यक्त किए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए पूर्व मंत्री एवं विधायक पारस जैन ने कहा कि उज्जैन भारत के पारंपरिक खेलों का गढ़ रहा है। उज्जैन ही वह शहर है जहां से पारंपरिक खेलों को अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली है। इस अवसर पर ऑल इंडिया जीत कुनेडो फाउंडेशन के सचिव सागरमल गुप्ता एवं मार्गदर्शक श्री सुमित गौहर विशेष अतिथि के रुप में उपस्थित थे। चैंपियनशिप में देश के 18 राज्यों के 350 से अधिक खिलाडी एवं अधिकारी शिरकत कर रहे है। प्रारंभ में अतिथियों ने शक्ति

टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में " टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग  कार्यान्वयन और परिणाम" पर एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस कॉन्क्लेव में 18 विभिन्न देशों के अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभागी मौजूद थे। प्रतिभागियों ने उनके देश द्वारा अपनाई गई सर्वोत्तम प्रथाओं, योग्यता ढांचे, सेक्टर कौशल परिषदों, राष्ट्रीय व्यावसायिक मानकों, टीवीईटी प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, टीवीईटी के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, नौकरी की भूमिका, मॉडल पाठ्यक्रम, टीवीईटी रणनीतियों, पहल, और परिणामों पर विचार-विमर्श करते हुए प्रस्तुत करना स्थिरता के लिए टीवीईटी में सिफारिशें आदि पर अपने विचार प्रस्तुत किये। उनकी प्रस्तुति में प्रासंगिक डेटा जैसे कि सरकार का टेक्निकल एंड वोकेशनल एजुकेशन एंड ट्रेनिंग में कार्यान्वयन और परिणामों के संबंध में पहल और नीतिगत घोषणाएं शामिल थी। कार्यक्रम का संचालन प्रो. अंजना तिवारी ने किया एवं डॉ. निशीथ दुबे, अंतर्राष्ट्रीय कॉन्क्लेव के समन्वयक थे।

वेबसाइट विकास प्रशिक्षण का आयोजन

उज्जैन। भौतिकी अध्ययनशाला में फिजिक्स क्लब तथा site99.in के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 9/11/22 से 10/11/22 तक दो दिवसीय 'वेबसाईट विकास प्रशिक्षण' का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्र-छात्राओं को वेब डिजाइनिंग का प्रशिक्षण देकर रोजगार के अवसर प्रदान करना था जिससे कि छात्र अपने शिक्षण के साथ-साथ स्वरोजगार के क्षेत्र में भी जानकारी प्राप्त कर सके।  इस दो दिवसीय कार्यशाला के माध्यम से छात्रों में लर्न बाय अर्न के तर्ज पर कार्य किए जा सकते हैं इसकी भी जानकारी दी।   कार्यक्रम का आयोजन विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ.स्वाति दुबे की अध्यक्षता में किया गया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं प्रशिक्षक के रूप में श्री महेंद्र वर्मा जी, site99.in के संस्थापक उपस्थित रहे। कार्यक्रम समन्वयक के रूप में डॉ.निश्छल यादव ने छात्रों को इस कार्यशाला की महत्ता पर प्रकाश डाला एवं स्वरोजगार के क्षेत्र में इसकी उपयोगिता की जानकारी दी। दो दिवसीय वेबसाइट मेकिंग प्रशिक्षण में विभाग के लगभग 50 विद्यार्थियों ने सफलता पूर्ण प्रशिक्षण लिया एवम सर्टिफिकेट प्राप्त किया।  इस कार्यक्रम को सफल बना

अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत अंतर विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद, राज्य स्तरीय हिंदी वाद-विवाद एवं कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता संपन्न

पाणिनि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पुरस्कार बटोरे उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत अंतर विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद, राज्य स्तरीय हिंदी वाद-विवाद एवं कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता सम्पन्न हुईं। इन स्पर्धाओं के विजेता विद्यार्थियों को कालिदास समारोह के समापन अवसर पर दिनांक 10 नवंबर की दोपहर 4:00 बजे पुरस्कृत किया जाएगा।  अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन  का विषय था कालिदासस्य काव्येषु राजवैभववर्णनम् । सन्दृश्यते यथा स्पष्टं न तथा लोकजीवनम्। इसमें महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री अक्षत जोशी ने जीवाजीराव सिंधिया स्वर्ण पदक, धर्मेन्द्र मणि एवं कालिदास समिति प्रथम पुरस्कार 4000/- रु. का नगद अर्जित किया। द्वितीय स्थान पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के श्री हिमांशु अयाचित ने जीवाजीराव सिंधिया रजत पदक, हसनात कुरेशी एवं कालिदास समिति पुरस्कार 3000/- रु. नगद प्राप्त किया। तृतीय स्थान पर महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री आभाष शर्मा ने कालिदास समिति कांस्य पदक, ईशानरत्नम् एवं कालिदास समिति पुरस्

कु. देवयानी गौड़ बेस्ट एसप्रिंग कथक आर्टिस्ट अवार्ड से सम्मानित

उज्जैन। विख्यात संस्थान प्रयास इंटरटेनमेंट द्वारा इंटरनेशनल अचिवर्स अवार्ड 2022 का मुख्य आयोजन गोंदिया (महाराष्ट्र) में किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित प्रसिध्द बॉलीवुड ऐक्ट्रेस सुधा चंद्रन जी के हाथो उज्जैन की बाल कलाकार कु. देवयानी गौड़ को बेस्ट एसप्रिंग कथक आर्टिस्ट के अवार्ड से सम्मानित किया गया ।  देवयानी सुविख्यात अंतरराष्ट्रीय कथक नृत्यांगना डॉ खुशबू पांचाल जी की शिष्या हैं एवं विगत 5 वर्ष से उनसे शास्त्रीय नृत्य की शिक्षा ले रही हैं। देवयानी पहले भी कई  बड़े मंचों पर अपनी प्रस्तुति दे चुकी है। देवयानी ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी गुरु डॉ खुशबू पांचाल जी और अपने माता-पिता राजेंद्र सिंह गौड़, अमिता गौड़, निवासी गणेश नगर आगर रोड को दिया ।

विपुल ज्ञाननिधि है कालिदास का साहित्य

शोध संगोष्ठी के अंतिम सत्र में प्रस्तुत हुए अनेक महत्त्वपूर्ण शोध-पत्र उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय की कालिदास समिति द्वारा आयोजित राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के चतुर्थ सत्र की अध्यक्षता  म.प्र. साहित्य अकादमी, भोपाल के निदेशक डॉ. विकास दवे ने की। सारस्वत अतिथि वरिष्ठ विद्वान् प्रो. केदारनारायण जोशी, प्रो. जयप्रकाश नारायण द्विवेदी, द्वारिका, प्रो. भगवत्शरण शुक्ल, वाराणसी, प्रो. सरोज कौशल, जोधपुर, डॉ. पंकज भांबुरकर, पुणे  थे। इस सत्र में देश के विभिन्न भागों से आए अनेक शोध अध्येताओं ने अपने शोध-पत्रों का वाचन किया। शोध संगोष्ठी की संकल्पना कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने प्रस्तुत की। उन्होंने कहा कि कालिदास का साहित्य विपुल ज्ञाननिधि है। उसके विविध पक्षों का मंथन करने के लिए युवा शोधार्थी आगे आएँ।  सारस्वत अतिथि प्रो. केदारनारायण जोशी, उज्जैन ने कहा कि कालिदास के अभिज्ञान शाकुंतल के माध्यम से संपूर्ण विश्व को संस्कृत साहित्य की महिमा ज्ञात हुई। कालिदास साहित्य पर भारतीय और पाश्चात्य मानदंडों से व्यापक समीक्षा हुई है। अध्यक्षीय उद

मानवता को आलोकित करने का महान कार्य किया है गुरु नानक देव जी ने - प्रो शर्मा

गुरु नानक जयंती पर हुआ राष्ट्रीय परिसंवाद   उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के गुरुनानक अध्ययन पीठ एवं हिंदी अध्ययनशाला द्वारा गुरु नानक जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय परिसंवाद का आयोजन किया गया। यह परिसंवाद गुरु नानक देव जी का सार्वभौमिक संदेश विषय पर अभिकेंद्रित था। कार्यक्रम में उपस्थित जनों ने गुरु नानक देव जी के चित्र एवं गुरु ग्रंथ साहिब पर पुष्पांजलि अर्पित की। परिसंवाद को संबोधित करते हुए हिंदी विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि भारत में सामाजिक जकड़न और जड़ता को दूर करने तथा मानवता को आलोकित करने का कार्य गुरुनानक जी ने किया। भारतीय सांस्कृतिक आकाश पर सूर्य की भांति गुरुनानक जी प्रकट हुए। गुरुनानक देव जी ने अनेक सदियों से सभी क्षेत्रों में व्याप्त अंधकार को काटकर उजाला फैलाया था। तत्कालीन समाज, धर्म एवं राजनीति की विसंगतियों को हटाने का उन्होंने सार्थक प्रयास किया, जो आज भी प्रेरणादायी है। उन्होंने गुरुनानक को विश्व मानवता का पर्याय बताया है। प्रो गीता नायक ने कहा कि गुरुनानक द्वारा प्रवर्तित सिक्ख धर्म पहला ऐसा धर्म है जिसने ग्रंथ को ही गुरु मान लिया

डॉ अनुपमा राजोरिया की पुस्तक फेमनिन सेंसिबिलिटी ऑफ शेक्सपियर एंड कालिदास का विमोचन सम्पन्न

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह में राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी के अवसर पर डॉ अनुपमा राजोरिया, इंदौर की पुस्तक फेमिनाइन सेंसिबिलिटी ऑफ शेक्सपियर एंड कालिदास का विमोचन सम्पन्न हुआ।  इस अवसर पर मुख्य अतिथि पूर्व कुलपति, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन प्रो. रामराजेश मिश्र, प्रो. बालकृष्ण शर्मा, पूर्व कुलपति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, प्रो. बसन्तकुमार भट्ट अहमदाबाद, विशेष अतिथि डॉ. अनिल प्रताप गिरि, आगरा, डॉ प्रशांत पुराणिक कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय, कालिदास समिति विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के सचिव प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा ने लेखिका को बधाई दी।

मध्यप्रदेश समाचार

देश समाचार