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अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत अंतर विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद, राज्य स्तरीय हिंदी वाद-विवाद एवं कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता संपन्न

पाणिनि विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पुरस्कार बटोरे

उज्जैन। अखिल भारतीय कालिदास समारोह के अंतर्गत अंतर विश्वविद्यालयीन संस्कृत वाद-विवाद, राज्य स्तरीय हिंदी वाद-विवाद एवं कालिदास काव्य पाठ प्रतियोगिता सम्पन्न हुईं। इन स्पर्धाओं के विजेता विद्यार्थियों को कालिदास समारोह के समापन अवसर पर दिनांक 10 नवंबर की दोपहर 4:00 बजे पुरस्कृत किया जाएगा।  अन्तर्विश्वविद्यालयीन संस्कृत वादविवाद प्रतियोगिता का आयोजन  का विषय था कालिदासस्य काव्येषु राजवैभववर्णनम् । सन्दृश्यते यथा स्पष्टं न तथा लोकजीवनम्। इसमें महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री अक्षत जोशी ने जीवाजीराव सिंधिया स्वर्ण पदक, धर्मेन्द्र मणि एवं कालिदास समिति प्रथम पुरस्कार 4000/- रु. का नगद अर्जित किया। द्वितीय स्थान पर हैदराबाद विश्वविद्यालय के श्री हिमांशु अयाचित ने जीवाजीराव सिंधिया रजत पदक, हसनात कुरेशी एवं कालिदास समिति पुरस्कार 3000/- रु. नगद प्राप्त किया। तृतीय स्थान पर महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री आभाष शर्मा ने कालिदास समिति कांस्य पदक, ईशानरत्नम् एवं कालिदास समिति पुरस्कार 2000/- रु. प्राप्त किया। राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के श्री डी. तेजकुमार को चतुर्थ स्थान प्राप्त करने पर ब्रह्मानन्द शुक्ल एवं कालिदास समिति प्रोत्साहन पुरस्कार 1000/- रु. नगद प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, तिरुपति के श्री जी. सुरेश कुमार को पंचम पुरस्कार स्वरूप ब्रह्मानन्द शुक्ल एवं कालिदास समिति प्रोत्साहन 1000/- रु. नगद प्राप्त हुए। रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय, जबलपुर की कु. अपूर्वा गुप्ता को षष्ठ पुरस्कार स्वरूप ब्रह्मानन्द शुक्ल एवं कालिदास समिति प्रोत्साहन पुरस्कार 1000/- रु. नगद प्राप्त हुए। रानी दुर्गावती विश्विद्यालय, जबलपुर की कु. आर्या तिवारी को सप्तम पुरस्कार प्राप्त करने पर 1000/- रु. नगद ब्रह्मानन्द शुक्ल एवं कालिदास समिति प्रोत्साहन पुरस्कार मिला। महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री आभाष शर्मा एवं श्री अक्षत जोशी के दल को श्रीमती गंगादेवी दुबे स्मृति आवर्तक रजत वैजयन्ती पुरस्कार प्राप्त हुआ। इस अवसर पर अध्यक्षता जयपुर के डॉ. राजेन्द्र मिश्र ने की। निर्णायक मण्डल में डॉ शशिभूषण मिश्र, कोलकाता, श्री धर्मेन्द्र सिंहदेव, पुरी एवं डॉ. सरोज कौशल, जोधपुर थीं। अतिथियों का स्वागत कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा एवं प्रभारी निदेशक डॉ. सन्तोष पण्ड्या ने किया। संस्कृत वादविवाद प्रतियोगिता का संचालन डॉ. महेन्द्र पण्ड्या ने किया।

अ.भा. कालिदास समारोह के अंतर्गत विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कालिदास समिति द्वारा आयोजित अंतर्महाविद्यालयीन काव्यपाठ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसका विषय था ‘मालविकाग्निमित्रम् से अपनी रुचि अनुसार चयनित श्लोक’। काव्यपाठ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन की छात्रा कु. प्रिया जोशी ने प्राप्त किया। पुरस्कार स्वरूप कमलेश मिश्र स्मृति एवं कालिदास समिति  3000/- रु. नगद अर्जित किए। द्वितीय स्थान पर महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन की कु. दामिनी मोरे रहीं। इन्हें पुरस्कार स्वरूप मधुरिका गिरीशचन्द्र त्रिवेदी स्मृति एवं कालिदास समिति 2000/- रु. नगद राशि प्रदान की जाएगी। तृतीय स्थान पर महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन के श्री स्वस्तिक शर्मा रहे। इन्हें संकर्षण व्यास समृति एवं कालिदास समिति 1400/- रु. नगद पुरस्कार प्रदान किया जाएगा। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कु. आरती एवं देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर की कु. निर्जरा यादव को प्रोत्साहन पुरस्कार स्वरूप कालिदास पुरस्कार एवं कालिदास समिति 800/- रु. नगद पृथक्-पृथक् प्राप्त होंगे। स्वर्गीय श्री संकर्षण व्यास आवर्तक रजत फलक स्वरूप ट्रॉफी महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय, उज्जैन की कु. प्रिया जोशी एंव कु. दामिनी मौर्य को प्राप्त हुई। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की संस्कृत अध्ययनशाला की छात्रा कु. आरती शर्मा एवं कु. सलोनी पंवार को स्वर्गीय श्री अनन्तनारायण पुरोहित आवर्तक फलक पुरस्कार स्वरूप ट्रॉफी प्राप्त हुई। काव्यपाठ प्रतियोगिता की अध्यक्षता संस्कृतज्ञ प्रो. अजिता त्रिवेदी, उज्जैन ने की। निर्णायक मण्डल में थे डॉ ब्रजेन्द्र सिंहदेव, हरिद्वार, डॉ. निलिम्प त्रिपाठी, भोपाल एवं डॉ. कृपाशंकर शर्मा, भोपाल। संचालन डॉ. पांखुरी वक्त जोशी, उज्जैन ने किया। प्रारम्भ में स्वागत प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा एवं प्रभारी निदेशक डॉ. सन्तोष पण्ड्या ने किया।

दिनांक 9 नवम्बर को दोपहर 2ः00 बजे कालिदास समिति की ओर से अंतर्महाविद्यालयीन हिन्दी वादविवाद प्रतियोगिता आयोजित की गई, जिसका विषय था ‘महाकवि कालिदास की रचनाओं में राजवैभव का स्पष्ट वर्णन हुआ है लोकजीवन का नहीं’। इस सत्र की अध्यक्षता प्रो. देवकरण शर्मा, उज्जैन ने की तथा निर्णायक डॉ. सरोज कौशल, जोधपुर, डॉ. रमेशचन्द्र चतुर्वेदी, बड़नगर (गुज.) तथा डॉ. अनीता, आगरा थीं। इस प्रतियोगिता में डॉ. चुन्नीलाल बुधोलिया प्रथम पुरस्कार रु. 3000/- कु. निजला यादव देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इन्दौर ने प्राप्त किया। डॉ. देवेन्द्र मिश्र स्मृति द्वितीय पुरस्कार  रु. 2000/- कु. आकांक्षा त्रिवेदी विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने प्राप्त किया। डॉ. देवेन्द्र मिश्र स्मृति तृतीय पुरस्कार रु. 1000/- कु. अपूर्वा गुप्ता जीवाजीराव विश्वविद्यालय, जबलपुर ने प्राप्त किया। कालिदास समिति द्वारा दो प्रतिभागियों को (प्रत्येक 800/- रु) के नगद पुरस्कार कु. आर्यिका खरया एवं विक्रम विश्वविद्यालय की कु. सलोनी पंवार ने प्राप्त किया। सर्वाधिक अंकों के आधार पर विमलचन्द्र सेठिया आवर्तक रजत फलक देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कु. निर्जरा यादव एवं कु. आर्यिका खरया ने प्राप्त किया। व्यक्तिगत सर्वाधिक महिला प्रतिभागी प्रतिनिधि छात्रा कु. रश्मि सेठिया रजत पदक पुरस्कार देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इन्दौर की छात्रा कु. निर्जरा यादव ने प्राप्त किया। महिला प्रतिभागियों में सर्वाधिक अंकों के आधार पर कुु. रश्मि सेठिया स्मृति आवर्तक रजत फलक पुरस्कार विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की छात्रा कु. अंकिता शर्मा एवं कु. आकांक्षा त्रिवेदी ने प्राप्त किया। 

अतिथियों का स्वागत कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्रकुमार शर्मा एवं कालिदास संस्कृत अकादमी के प्रभारी निदेशक डॉ. सन्तोष पण्ड्या, उपनिदेशक डॉ. योगेश्वरी फिरोेजिया तथा डॉ. रमण सोलंकी ने किया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की कालिदास समिति के सचिव प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कृतज्ञता ज्ञापन की। कार्यक्रम का संचालन श्री अशोक वक्त जोशी, उज्जैन ने किया।

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