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विक्रम विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव पर्व के अंतर्गत डॉ एस.आर.रंगनाथन का जन्मदिन मनाया गया

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के पुस्तकालय विज्ञान अध्ययनशाला एवं महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय उज्जैन द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की शृंखला में महाराजा जीवाजीराव पुस्तकालय उज्जैन के सेमिनार हॉल में डॉ.एस.आर.रंगनाथन के 130 वें जन्म दिवस एवं आजादी के अमृत महोत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा दीप प्रज्वलित कर सरस्वती पूजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा विद्यार्थी जीवन में लाइब्रेरी के महत्व को समझाते हुए हर विद्यार्थी के जीवन में लाइब्रेरी से गहरे संबंधों पर प्रकाश डाला। बी.लिब.आई.एससी. के छात्र चयन तिवारी द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. अखिलेश पांडेय, कुलसचिव डॉ. प्रशांत पुराणिक , पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ संदीप तिवारी ,पुस्तकालय विज्ञान अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डॉ.राज बोरिया, डॉ. सोनल सिंह, डॉ. कमल बुनकर, डॉ. कौशिक बोस एवं बड़ी संख्या में छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों को कुलपति प्रोफेसर पांडेय ने करवाया मशरुम जैव विविधता का अध्ययन

उज्जैन । प्राणिकी एवं जैव प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में अध्ययनरत जैव प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय परिसर में मशरूम जैव विविधता का अध्ययन कुलपति प्रो पांडेय द्वारा करवाया गया । विद्यार्थियों को मशरूम का आवास , पारिस्थितिकी वृद्धि हेतु उचित वातावरण ,पहचानने के लक्षण तथा उनके उपयोग की जानकारी प्रदान की गई। विद्यार्थियों को मशरूम को फोटोग्राफ , लक्षण तथा उनके माइसीलियम की संरचना आदि को प्रायोगिक रिकॉर्ड में लिखने के लिए निर्देशित किया गया। प्राचीन काल से मशरूम को जंगलों से एकत्र कर उसका उपयोग दवाइयों तथा भोजन के रूप में किए जाने का प्रचलन रहा है। धीरे-धीरे मशरूम की खेती तथा उसका व्यवसायिक उपयोग विश्व के अधिकांश देशों में प्रारंभ हुआ। भारत में सभी प्रकार की जलवायु एवं व्यर्थ कृषि अवशेष पूरे वर्ष उपलब्ध रहते हैं , इसलिए यहां पर पूरे वर्ष मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है । भारत में मशरूम की बढ़ती मांग के कारण उसकी खेती भी देशभर में कई जगह की जाती है। सामान्यतः भारत में पाए जाने वाले मशरूम में सफेद बटन, ऑयस्टर, मिल्की, क्रेमिनि, शिटाके तथा पोर्टोबेलो प्रजातियां प्रमुख है।

पलायन और विस्थापन की पीड़ा हृदय विदारक होती है - श्री सी. पी. शर्मा

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर कार्यक्रम भोपाल। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है। इस संदर्भ में एनआईटीटीटीआर, भोपाल में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उन परिवारों ने अपने संस्मरण साझा किये जिन्होंने बिभाजन का दर्द झेला था। श्रीमती शोभा लेखवानी ने कहा कि उनके दादा-दादी, नाना-नानी विभाजन के चश्मदीद गवाह थे। उन्हें आज़ादी की खुशी के साथ दर्द मिला था जो सिन्ध प्रांत से आकर अपने ही देश में शरणार्थी बन गये थे। उन्होंने उनकी दर्दनाक कहानी सुनाई जिससे सभागार में उपस्थित लोगों की आंखे नम हो गयी। निटर, भोपाल के पूर्व प्राध्यापक प्रो. जी. टी. लाला जिनका परिवार आजादी के बाद सिंध से विस्थापित हुआ था ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि उनका परिवार भी पाकिस्तान छोड़कर भारत आया था। पूरे देश में अफरातफरी का माहौल था। हिंदू, मुस्लिम और सिख समुदाय के लोग अपने सुरक्षित भविष्य की तलाश में बॉर्डर क्रॉस कर रहे थे। बड़ी मुश्किल से जान बचाकर यह परिवार जहाज के द्वारा बॉम्बे पहुंचा फिर बैतूल आकर अपनी जीविका के लिए संघर्ष किय

तिरंगे के रंग में रंगा निटर भोपाल कैंपस

एनआईटीटीटीआर भोपाल कैंपस में तिरंगा रैली निकली भोपाल। “आज़ादी का अमृत महोत्सव" के अवसर पर निटर भोपाल कैंपस में तिरंगा रैली निकाली गयी इस रैली में निटर के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी सहित संस्थान परिवार के सदस्यों एवं बच्चों ने उत्साह के साथ सहभागिता की।  इस अवसर पर प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने संकाय सदस्यों, अधिकारियों, कर्मचारियों व उनके परिवारों को आज़ादी की 75वीं वर्षगांठ पर हर घर तिरंगा अभियान को सफल बनाने एवं इसमे भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि हर घर तिरंगा अभियान राष्ट्रप्रेम का एक अनूठा यज्ञ है, तिरंगे को गर्व और गौरव से फहराएं।

मिलेटस को अपने आहार में शामिल करके हम सशक्त भारत का निर्माण कर सकते है: डॉ. राज भंडारी ; भारतीय ज्ञान परंपरा को तथ्यों के साथ सामने लाकर नई पीढ़ी को जागरूक करना होगा: प्रो. सी. सी. त्रिपाठी

मिलेटस को अपने आहार में शामिल करके हम सशक्त भारत का निर्माण कर सकते है: डॉ. राज भंडारी भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी द्वारा "आज़ादी का अमृत महोत्सव" के अवसर पर व्याख्यान माला की शुरुआत की गयी है । इसी श्रृंखला में तृतीय व्याख्यान माला में वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ और राष्ट्रीय मिलेटस टास्क फोर्स के सदस्य डॉ. राज भंडारी ने "न्यूट्रिशन सिक्योरिटी विथ मिलेटस" पर एक व्याख्यान दिया। इस व्याख्यान में डॉ. भंडारी ने मिलेट्स के न्यूट्रिशन से संबंधित विभिन्न तथ्यों को वैज्ञानिक शोध के आधार पर प्रस्तुत किया।  उन्होंने कहा कि मोटे अनाज को अपने आहार में शामिल करके हम सशक्त भारत का निर्माण कर सकते है। भारतीय किसान यदि मोटे अनाज को खेती में शामिल करें तो पर्यावरण भी सुरक्षित और संरक्षित रहेगा। भारतीय ज्ञान परंपरा को तथ्यों के साथ सामने लाकर नई पीढ़ी को जागरूक करना होगा: प्रो. सी. सी. त्रिपाठी निटर के निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने रोचक उदाहरणों के माध्यम से बताया की हमारे पूर्वज किस तरह अपने खानपान एवं रहन सहन से स्वस्थ रहा करते थे। भारतीय परंपरा

फार्मेसी संस्थान में अरावली रिजन की प्राकृतिक एव स्वदेशी औषधियों के विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान का आयोजन

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में दिनांक 08.08.2022 को भूपाल नोबल विश्वविद्यालय, उदयपूर राजस्थान से पधारे प्रो. यूवराज सिंह सारंगदेवत सर के द्वारा अरावली की पहाड़ियों में पाये जाने वाली विभिन्न प्रकार की प्राकृतिक जड़ीबूटीयों एवं औषधियां एवं उनका महत्व तथा इन ओषधियों का दूसरी पैथियों में उपयोग में लाये जाने वाली औषधियों के साथ तुलनात्मक अध्ययन विषय पर महत्वपूर्ण व्याख्यान आयोजित हुआ। जिसमें स्वदेशी औषधियों पर हो रहे शोध के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारीयां छात्रों एवं शोधार्थियों के साथ में साझा की गई है। प्रो. सारंगदेवत सर पाँच वर्षों तक यूनिवर्सिटी ऑफ मिसराता लिबिया में कार्यरत रहे आपके द्वारा इंडिजिनस ड्रग्स (स्वदेशी औषधियां ) के विषय में राष्ट्रीय एवं अंतराष्ट्रीय शोध पत्रिकाओं में विभिन्न शोध पत्र प्रकाशित किये गये। आपके निर्देशन में दस से अधिक शोधार्थियों ने पीएचडी की है। वर्तमान में आप बी. एन. यूनिवर्सिटी, उदयपूर में फार्मेसी विषय के संकाय अध्यक्ष है व्याख्यान का संयोजन डा. दर्शन दुबे के द्वारा किया गया।  इस कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्थान के विभाग अध्यक्ष ड

फार्मेसी संस्थान में यूनिवर्सिटी ऑफ टोलेडो अमेरिका से आये प्रोफेसर का व्याख्यान एवं छात्रों से संवाद

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय के फार्मेसी संस्थान में अमेरिका से पधारे डॉ. अमित तिवारी सर के द्वारा भारत और अमेरिका में फार्मेसी विषय के क्षेत्र में हो रहे विभिन्न शोध नवाचार एवं औषधियों के गुणवत्ता उन्नयन विषय पर छात्रों से महत्वपूर्ण संवाद आयोजित किया गया। डॉ. अमित तिवारी सर ने सेंट जोन्स यूनिवर्सिटी न्यूयार्क से एम.एस., पीएचडी किया है एवं विगत कई वर्षो से यूनिवर्सिटी आफ टोलेडो में फार्माकोलोजी एवं क्लीनिकल थैराप्यूटिक्स विषय के प्रोफेसर एवं रिर्सचर के रूप में कार्यरत है। आपके द्वारा कैंसर की बीमारी एवं उसके ईलाज में उपयोग में आने वाली नई तकनीकों के विषय पर विभीन्न शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय जनरल में प्रकाशित किये गये हैं फार्मेसी संस्थान के विभागाध्यक्ष डॉ. कमलेश दशोरा सर के द्वारा स्वागत भाषण दिया गया एवं इस कार्यक्रम के अतिथी एवं विशेष अतिथी के विभीन्न शोध कार्यों से अवगत कराया। इस संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथी के रूप में राजीव गाँधी प्रोधोगिकी विश्वविद्यालय, भोपाल के पूर्व कुलपति प्रो. पियूष त्रिवेदी सर के द्वारा भी छात्रों से संवाद किया गया। प्रो. त्रिवेदी सर आठ वर्षों तक राजी

विक्रम विश्वविद्यालय एवं वन विभाग उज्जैन के संयुक्त प्रयास से मियावाकी तकनीक द्वारा शहरी वनरोपण की संकल्पना

पौधरोपण तथा शहरी वनीकरण के लिए वन विभाग और विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा किया जाएगा एम. ओ. यू. उज्जैन । कम समय में हरियाली एवं नगरीय वनीकरण हेतु जापानी मियावाकी तकनीक महत्वपूर्ण है। उज्जैन वन मण्डल द्वारा शहर के कई स्थानों में इस विधि द्वारा पौधरोपण किया गया है। विक्रम विश्वविद्यालय एवं वनमण्डल, उज्जैन के संयुक्त प्रयास से विश्वविद्यालय परिसर एवं शहर के अन्य स्थानों पर इस तकनीक का उपयोग करते हुए वनरोपण की संकल्पना को पूर्ण किया जाएगा। विश्वविद्यालय में अध्ययनरत विद्यार्थियों व शोधार्थियों के लिए यह तकनीक जैव विविधता, पौधरोपण, अपशिष्ट जैवोपचारण, समस्याग्रस्त मिट्टी एवं जलभराव के उपचार तथा प्रबन्धन के क्षेत्र में अध्ययन एवं अनुसंधान के लिए उपयोगी है। भविष्य में वन विभाग, उज्जैन एवं विक्रम विश्वविद्यालय द्वारा पौधरोपण तथा शहरी वनीकरण के लिए द्विपक्षीय सहमति (एम. ओ. यू) की जाएगी। जैव विविधता का मानव जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है, जिसके बिना पृथ्वी पर मानव जीवन असंभव है। औद्योगिकीकरण, शहरीकरण, अनियंत्रित विकास, प्राकृतिक संसाधनों का मनुष्य द्वारा अति दोहन, पर्यावरण प्रदूषण व वैश्विक

नशे से आज़ादी : युवा संवाद कार्यक्रम हुआ विक्रम विश्वविद्यालय में

उज्जैन । नशे से आज़ादी : युवा संवाद कार्यक्रम में विक्रम विश्वविद्यालय के समाजशास्त्र एवं समाज कार्य अध्ययनशाला एवं सामजिक न्याय एवं निशक्तजन कल्याण विभाग उज्जैन के सयुंक्त तत्वावधान 5 अगस्त 2022 को केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा आयोजित कार्यक्रम में सहभागिता की। केंद्रीय मंत्री श्री वीरेंद्र खटीक ने कहा पूरा देश नशे के विरोध में आंदोलन कर रहा है। युवाओं को नशे से बचाने के लिए विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। समाजशास्त्र अध्ययनशाला तथा सामाजिक न्याय विभाग के संयुक्त तत्वावधान में गुरुवार की सुबह विक्रम विश्वविद्यालय की शलाका दीर्घा सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित विद्यार्थियों को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री श्री खटीक ने कहा मध्यप्रदेश अच्छा काम कर रहा है और विश्वविद्यालय की इसमें सकारात्मक भूमिका रही है । अध्यक्ष कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा विक्रम विश्वविद्यालय ने पूरे राज्य में नशा मुक्ति पर सर्वाधिक कार्य किया है। आगे भी भारत सरकार के अभियान को

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