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विक्रम संवत को राष्ट्रीय संवत् के रूप में स्वीकार करने के लिए प्रस्ताव सर्वानुमति से पारित

ग्राम डोंगला में 21 जून को होने वाली विशिष्ट खगोलीय परिघटना का अवलोकन किया विशेषज्ञों ने, जब छाया ने भी साथ छोड़ दिया डोंगला वेधशाला में संवत् प्रवर्तक विक्रमादित्य और वृहत्तर भारत पर केंद्रित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का समापन हुआ उज्जैन। विक्रमादित्य शोध पीठ, उज्जैन द्वारा इतिहास संकलन योजना, नई दिल्ली, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन तथा मैपकास्ट, भोपाल के सहयोग से आयोजित त्रिदिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी एवं विचार समागम का समापन महिदपुर के समीप स्थित डोंगला ग्राम स्थित प्रसिद्ध वराहमिहिर वेधशाला में हुआ। संगोष्ठी में विक्रमादित्य के समय की काल गणना और विक्रम संवत पर देश के विभिन्न भागों से पधारे विद्वानों द्वारा  शोध पत्रों का वाचन किया गया। अध्यक्षता वरिष्ठ पुराविद डॉ जगताप पी डी, नागपुर ने की। कार्यक्रम में वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ राजेश शर्मा, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्राध्यापक डॉ अर्चना शुक्ला, नई दिल्ली, वरिष्ठ मुद्राशास्त्री डॉ आर सी ठाकुर, डॉ रमेश पंड्या, डॉ भगवतीलाल राजपुरोहित, डॉ सर्वेश्वर शर्मा आदि ने विषय से जुड़े विभिन्न पहलुओ

शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय, उज्जैन आयुर्वेद महाविद्यालय में मनाया गया आठवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस

उज्जैन । शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि "मानवता के लिए योग" थीम पर आधारित आठवां अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस का आयोजन 21 जून को शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद महाविद्यालय मंगलनाथ मार्ग उज्जैन में निर्धारित समय पर शासकीय प्रोटोकॉल के अंतर्गत किया गया।  महाविद्यालय के स्वस्थवृत एवं योग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार निमजे एवं असिस्टेण्ट प्रोफेसर डॉ. निरंजन सराफ के निर्देशन में महाविद्यालय के सभी प्राध्यापकों, छात्र-छात्राओं एवं समस्त स्टाफ द्वारा योगाभ्यास किया गया।  संस्था के प्रधानाचार्य डॉ. जे. पी. चौरसिया ने अपने प्रभाषण में आरोग्य जीवन हेतु योग के महत्व को बताया। योगाभ्यास के उपरांत हिमालया ड्रग कंपनी द्वारा महाविद्यालय के बीएएमएस अंतिम वर्ष के परिणाम की प्रावीण्य सूची में प्रथम स्थान प्राप्त करने पर डॉ. आकांक्षा सूर्यवंशी को "जीवक" अवार्ड एवं द्वितीय स्थान प्राप्त करने पर डॅ. शिवानी प्रजापति को "आयुर्विशारद " अवार्ड से सम्मानित किया एवं इंटर्नशिप कर रहे इंटर्न डॉक्टर्स को प्रैक्टिस कि

साधारण सभा का आयोजन 26 जून को अनेक निर्णयो पर विचार विमर्श होगा

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के 20 वाॅ वर्ष का राष्ट्रीय अधिवेशन में साधारण सभा का आयोजन 26 जून रविवार सायं 5 बजे आभासी रूप से होगी। यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति ने देते हुए बताया कि साधारण सभा के अध्यक्षता शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री ब्रजकिशोर शर्मा करेंगे। अधिवेशन में मार्गदर्शन राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, श्रीमती सुवर्णा जाधव, डॉ. जी.डी. अग्रवाल, डॉ. शहाबुद्दीन शेख, डॉ. हरिसिंह पाल, श्री अनिल ओझा, डॉ. अनसूया अग्रवाल, डॉ. मुक्ता कौशिक, डॉ. शिवा लोहारिया, डॉ. रश्मि चौबे आदि करेंगे। साधारण सभा के प्रमुख बिन्दु गत वर्ष 2021-22 का आय-व्यय अनुमोदन, गत वर्ष का वार्षिक प्रतिवेदन, आगामी वर्ष का बजट प्रस्ताव, ठहराव एवं आगामी कार्यक्रमो का निर्धारण योजना राष्ट्रीय कार्यकारिणी पुनर्गठन तथा संचेतना समाचार पत्र के सम्पादक मण्डल का पुनर्गठन एवम अन्य विषय अध्यक्ष महोदय की अनुमति से पटल पर रखे जायेंगे। राष्ट्रीय अधिवेशन में समस्त राष्ट्रीय एवं प्रदेश पदाधिकारियों से उपस्थिति की अपील डॉ. प्रभु चौधरी, ज्योति जलज, हेमलता तोमर, कैलाश

विक्रम विश्वविद्यालय में होगा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास

उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2022 को प्रातः 6:00 बजे से योग प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कार्यक्रम होगा। इस अवसर पर प्रातः 6:00 बजे से माननीय मुख्यमंत्री जी का एवं प्रातः 6:40 से माननीय प्रधानमंत्री जी का उद्बोधन ऑनलाइन स्क्रीन पर प्रसारित किया जाएगा। डॉ एस के मिश्रा, विभागाध्यक्ष, योग केन्द्र-दर्शनशास्त्र अध्ययशाला, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन ने जानकारी देते हुए बताया कि, समस्त शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों एवं विद्यार्थियों से प्रातः 5:30 माधव भवन स्थित मुख्य प्रशासनिक भवन परिसर में योगाभ्यास हेतु उपस्थित होने का अनुरोध विश्वविद्यालय प्रशासन ने किया है।

भारत का संवत् विक्रम संवत् हो ऐसी गूंज उठी आवाज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर

उज्जैन । विक्रमादित्य शोध पीठ द्वारा इतिहास संकलन योजना, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन और मैपकास्ट, भोपाल के सहयोग से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में विक्रमादित्य की ऐतिहासिकता, पुरा सामग्री, लोक साक्ष्य और वैश्विक प्रभाव से जुड़े विविध पक्षों पर गहन मंथन हुआ। संगोष्ठी में द्वितीय दिवस पर हुए तीन सत्रों में सम्मिलित विद्वानों द्वारा अनेक शोध पत्रों का वाचन एवं व्याख्यान दिए गए। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलानुशासक डॉ. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने उल्लेखित किया कि विक्रमादित्य एक ऐतिहासिक चरित्र है, जो शास्त्रों से लेकर लोक तक प्रसिद्ध है। वे राम-कृष्ण के पश्चात सबसे ज्यादा लोक जीवन में प्रसिद्ध हैं। आपने बताया कि सोमदेव के ग्रंथों में दो भिन्न भिन्न विक्रमादित्य की जानकारी उल्लेखित है। विक्रमादित्य के संबंध में विभिन्न लोक अंचलों में महत्वपूर्ण लोक कथा, गाथा और किंवदंतियों प्रचलित हैं, जिनके माध्यम से अनेक ऐतिहासिक तथ्य उद्घाटित होते हैं। लोक अनुश्रुतियों के अनुसार विक्रमादित्य अद्वितीय हैं, जिनके सिंहासन पर कोई दूसरा नहीं बैठ पाया। उनके जाने के बाद वह सिंहासन कांत

विक्रम विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस संस्था के मध्य एम ओ यू पर हस्ताक्षर किए गए

उज्जैन। हार्टफुलनेस संस्था के अध्यक्ष श्री कमलेश डी पटेल उर्फ दाजी का मध्य प्रदेश प्रवास के दौरान उज्जैन में आगमन हुआ। उन्होंने विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलसचिव डाॅ प्रशांत पुराणिक द्वारा प्रेषित अनुरोध को सहर्ष स्वीकार किया। इस अवसर पर विक्रम विश्वविद्यालय एवं हार्टफुलनेस संस्था के मध्य एक एम ओ यू पर श्री कमलेश पटेल एवं विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय द्वारा हस्ताक्षर किए गए।  हार्टफुलनेस संस्था युवाओं के व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास पर बल देते हुए उनमें समाज के प्रति दायित्व बोध एवं वैश्विक शांति और बंधुत्व भाव के लिए विद्यार्थियों को मार्गदर्शन देने के लिए प्रयासरत है। इस संस्था द्वारा विश्व के सौ से अधिक देशों में निःशुल्क कार्य किया जा रहा है।  व्यक्तित्व  विकास के लिए हार्टफुलनेस एनेबल्ड लीडरशिप मास्टरी कार्यक्रम  हेतु अनेक विशेषज्ञों की एक राष्ट्रीय समिति  द्वारा विशिष्ट विषयवस्तु रोचक गतिविधियों के रूप में तैयार की गई है और स्वैच्छिक रूप से सेवाएं देने वाले कार्यकर्ताओं को सुनियोजित  प्रशिक्षण दिया गया है। यह प्रशिक्षक गत दो वर्षों में ऑनलाइन मा

योग - देवता बनने का मार्ग

योग को हम केवल आसन-प्राणायाम के रूप में जानते हैं। हम योग के विषय में केवल इतना ही जानते हैं कि आसन एवं प्राणायाम द्वारा हम अपने शरीर एवं मन को स्वस्थ रखते हैं। वास्तव में योग इंद्रियों एवं मन पर पूर्ण नियंत्रण की विद्या है। जब तक व्यक्ति का मन अस्थिर होता है वह शांति नहीं पाता। मनुष्य अस्थिर मन की स्थिति में यह सोच ही नहीं पाता कि वह स्वस्थ है या नहीं, खुश है या नहीं, सुखी है या नहीं। अत: योग वह मार्ग है जो क्रमश: शरीर, इंद्रिय एवं मन पर नियंत्रण की ओर अग्रसर करता है। हम सामान्य बोलचाल की भाषा में कहते हैं हम योग करते हैं वस्तुत: आप योग नहीं करते क्योंकि योग का अर्थ भगवत गीता में कार्य में कुशलता है एवं समस्त दुखों से निवृत्त हो जाता है। महर्षि पतंजलि ने मन को पूर्ण रूप से नियंत्रित करना योग कहा है। हम योग के अंग केवल आसन एवं प्राणायाम करते हैं वह भी कुशलता से नहीं करते क्योंकि यदि आप पूर्ण कुशलता से आसन एवं प्राणायाम ही करने लगेंगे तो हम सभी रोगों एवं सभी दुखों से काफी हद तक मुक्त हो जाएंगे। योग का अर्थ हमारी जैविक शक्ति अर्थात् आत्मा का ईश्वरीय शक्ति या ब्रह्माण्ड की ऊर्जा के सा

इग्नू में शैक्षणिक सत्र 2022-23 हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ

शैक्षणिक तौर वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित एवं विश्व में सबसे बड़े विश्वविद्यालय, इन्दिरा गॉंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित लगभग सवा दो सौ अकादमिक पाठ्यक्रमों में अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ है, जो पूरी तरह से ऑनलॉइन है। प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी दुनिया के किसी स्थान से आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर आसानी से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलॉइन ही प्रवेश शुल्क जमाकर देश के प्रतिष्ठित तथा नैक द्वारा सर्वोच्च ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर अपना भविष्य संवार सकते हैं।  इग्नू के अध्ययन केन्द्र (1516) विक्रम विश्वविद्यालय स्थित सुमन मानविकी भवन के समन्वय डॉ सत्येन्द्र किशोर मिश्रा ने बताया कि विगत लगभग बीस वर्षों से संचालित लगभग तीस पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त शैक्षणिक सत्र 2022 से पच्चीस से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा के कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को अध्ययन केन्द्र इसी सत्र से एक्टिवेट कराने जा रहा है।  सत्र 2022 से जहां एक ओर पुस्तकालय विज्ञान, एमसीए, इतिहास, संस्कृत, ज्योतिष, मनोविज्ञान, दर्शनशा

सुखद भविष्य के लिए करें बचत का अलग-अलग क्षेत्रों में इन्वेस्टमेंट

सुखद भविष्य के लिए करें बचत का अलग-अलग क्षेत्रों में इन्वेस्टमेंट फाइनेंशियल लिटरेसी पर हुआ महत्त्वपूर्ण संगोष्ठी का आयोजन   उज्जैन। स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, एसओईटी, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन एवं एस वी वेल्थ पार्टनर दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में एक फाइनेंशियल लिटरेसी पर ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय  ने की। कार्यक्रम के संयोजक डॉ गणपत अहिरवार डायरेक्टर स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी थे। प्रमुख वक्ता  फाइनेंशियल प्लानर श्री शमशेर सिंह थे। साथ ही समस्त प्रोफेसर फैकल्टी एवं छात्र छात्र छात्राएं ऑनलाइन संगोष्ठी के माध्यम से जुड़े । श्री शमशेर सिंह जी के द्वारा बताया गया कि छात्र जीवन से ही किस तरह से हम अपनी आय को मैनेज कर सकते हैं और भविष्य के लिए एक सुनिश्चित आय बचत के रूप में जमा की जा सकती है। उन्होंने कहा कि जैसे ही हम अपने कैरियर की शुरुआत करते हैं तभी से हमें अपनी आय का कुछ हिस्सा अपने आने वाले कल के लिए बचा कर रखना है। सुखद भविष्य के लिए बचत करने की आदत डालनी चाहिए। बचत

संत श्री कबीर दास जयंती समारोह में साहित्य श्री सम्मान पत्र दिए

राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना,उज्जैन एवं कांनफ्लुएंस कॉलेज ऑफ हायर एजुकेशन,राजनांदगांव छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय "संत श्री कबीर दास जी की वर्तमान मे प्रासंगिकता के सन्दर्भ मे था । इस संगोष्ठी के मुख्य अतिथि डॉ. परदेशी राम वर्मा वरिष्ठ साहित्यकार एवं डॉ विनय कुमार पाठक पूर्व अघ्यक्ष राजभाषा आयोग रहे। मुख्य अतिथि डॉक्टर परदेशी राम वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी कबीर की तरह के संत हुए हैं। गुरु घासीदास जैसे संतों का उदाहरण उन्होंने दियाविशिष्ट अतिथि डॉ विनय कुमार पाठक ने कहा कि छत्तीसगढ़ में दामाखेड़ा कबीरधाम यह ऐसे क्षेत्र हैं जहां कबीरपंथी ओं कबीर के अनुयायियों का श्रद्धा केंद्र है।जहां हर बरस मेले लगते हैं और कबीर पंक्तियों का जमावड़ा होता है। मुख्य वक्ता डॉ मुक्ता कौशिक,राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता ने कहा कि कबीर दास जी 15 वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे। वे हिंदी साहित्य के भक्ति कालीन युग में परमेश्वर की भक्ति के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरे।विशेष अतिथि डॉ सोनाली,समाज सेविका, भिलाई ने कहा

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