शैक्षणिक तौर वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित एवं विश्व में सबसे बड़े विश्वविद्यालय, इन्दिरा गॉंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित लगभग सवा दो सौ अकादमिक पाठ्यक्रमों में अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ है, जो पूरी तरह से ऑनलॉइन है। प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी दुनिया के किसी स्थान से आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर आसानी से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलॉइन ही प्रवेश शुल्क जमाकर देश के प्रतिष्ठित तथा नैक द्वारा सर्वोच्च ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर अपना भविष्य संवार सकते हैं।
इग्नू के अध्ययन केन्द्र (1516) विक्रम विश्वविद्यालय स्थित सुमन मानविकी भवन के समन्वय डॉ सत्येन्द्र किशोर मिश्रा ने बताया कि विगत लगभग बीस वर्षों से संचालित लगभग तीस पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त शैक्षणिक सत्र 2022 से पच्चीस से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा के कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को अध्ययन केन्द्र इसी सत्र से एक्टिवेट कराने जा रहा है।
सत्र 2022 से जहां एक ओर पुस्तकालय विज्ञान, एमसीए, इतिहास, संस्कृत, ज्योतिष, मनोविज्ञान, दर्शनशास्त्र, समाजकार्य में नये स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम आरम्भ हो रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ स्नातक पाठ्यक्रम बी.लिब., बीसीए, तथा बीएसडब्लू पाठ्यक्रम भी एक्टिवेट होने जा रहे हैं। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की मंशा को ध्यान में रखते हुए कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को एक्टिवेट कराया जा रहा है जिसमें प्रमुख हैं रिटेलिंग, हार्टिकल्चर एवं थिएटर आर्टस् में डिप्लोमा, एप्लाइड सांख्यिकी, साईबर लॉ, मेण्टल हेल्थ, प्रि-प्राईमरी शिक्षा,डेवेलपमेण्ट स्टडीज तथा इंटरनेशनल विजनेस ऑपरेशन में पी जी डिप्लोमा पाठ्यक्रम प्रारम्भ हो रहे हैं। इनके अतिरिक्त जीएसटी, अम्बेडकर स्टडीज, योग, आर्गेनिक फार्मिंग एवं ट्राइबल स्टीज जैसे महत्वपूर्ण विषयों में सर्टिफिकेट कोर्स प्रारम्भ हो रहे हैं। इन प्रयासों से विद्यार्थियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विभिन्न क्रेडिट के पाठ्यक्रम पूरा कर सकेंगे तथा अपने एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट में जमा कर सकेंगे। साथ ही इग्नू के कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थी तथा कामकाजी नागरिक अपनी क्षमता में सुधार करने में कामयाब होंगे। इग्नू अध्ययन केन्द्र का प्रयास है कि तमाम पाठ्यक्रम इच्छुक विद्यार्थियों तक पहॅुंच सके तथा वे अपने वर्तमान अध्ययन अथवा कामकाज को संभालने के साथ-साथ वे अपना अकादमिक उन्नयन भी बगैर किसी किसी समस्या के कर सकें। भविष्य में विद्यार्थियों की जरूरतों को घ्यान में रखते हुए और भी पाठ्यक्रम चालू करने की योजना भी प्रस्तावित है।
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