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मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पाँच मामलों में लिया संज्ञान

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग के माननीय सदस्‍य डॉ. श्री अवधेश प्रताप सिंह ने शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 को विगत दिवसों के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाशित प्रथम दृष्टया मानव अधिकार उल्लंघन के  ''पांच मामलों में''  संज्ञान लेकर संबंधितों से जवाब मांगा है।     फुटपाथ , सड़क पर अस्थाई दुकानें.... पैदल चलना मुश्किल....             भोपाल शहर के मुख्य बाजार न्यू मार्केट , चौक बाजार और 10 नंबर मार्केट में  अतिक्रमण बड़ी समस्या बन चुका है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बाजारों के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर अस्थाई दुकानों द्वारा कब्जा हो गया है , जिससे वहां आने वाले लोगों और ग्राहकों को आवाजाही करने में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मामले में संज्ञान लेकर मध्‍यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने  आयुक्‍त , नगर निगम, भोपाल से मामले की जांच कराकर की गई कार्यवाही का प्रतिवेदन दो सप्‍ताह में मांगा है।   खेत पर सिंचाई करने गये किसान की करंट लगने से हु...

भा. कृ. अ. प-केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान भोपाल द्वारा “प्याज का वैज्ञानिक भंडारण व मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली का प्रदर्शन” विषय पर एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान द्वारा मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली के प्रदर्शन के ऊपर दिनांक 21/11/2025 को ग्राम झरखेड़ा, जिला सीहोर में सीहोर फॉर्मर प्रोड्यूसर कंपनी के साथ एक दिवसीय कृषक प्रशिक्षण आयोजित किया गया। कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान के वैज्ञानिक उपस्थित रहे और प्याज के वैज्ञानिक भंडारण के तरीके के बारे में किसानों को अवगत कराया। प्रशिक्षण में लगभग 100 किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के दौरान डॉ. आदिनाथ काटे ने  सी .आई. ए. ई .मॉड्यूलर प्याज भंडारण प्रणाली के बारे में बताया। डॉ. दिलीप पवार ने फल सब्जी के ऊपर प्रसंस्करण के महत्व बताया और उसके तकनीकी के बारे में जानकारी दी।  डॉ. एस मंगराज, प्रभागाध्यक्ष कृषि उत्पाद प्रसंस्करण प्रभाग, केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल कार्यक्रम के अध्यक्ष रहे। अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने प्याज के भंडारण के महत्व बताते हुए जानकारी दी कि इस तरह की भंडारण प्रणाली किसानों तक पहुँचाना बहुत जरूरी हैं। उन्होंने अपने अध्यक्षीय भाषण में संस्थान एवं प्रभाग में विकसित ...

संरक्षण कृषि की दिशा में प्रभावी कदम: स्लिट-टिल ड्रिल द्वारा नो-टिलेज एवं अवशेष-संरक्षण आधारित गेहूँ बुवाई का सफल प्रदर्शन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। भोपाल के खजूरी और बिनापुर गाँवों में स्लिट-टिल ड्रिल द्वारा नो-टिलेज और अवशेष-संरक्षण आधारित गेहूँ बुवाई का सफल प्रदर्शन किया गया। इस तकनीक की खासियत यह है कि इसमें खेत को दोबारा नहीं जोता जाता और धान की बची पराली को जलाने की आवश्यकता नहीं पड़ती। इससे मिट्टी की नमी बनी रहती है, पर्यावरण को कम नुकसान पहुंचता है और डीजल की अच्छी बचत होती है। इस प्रदर्शन के लिए खजूरी गाँव के प्रहलाद मालवीय, नारायण सिंह और बलकिशन साहू तथा बिनापुर गांव के महेश कुमार और भगवान सिंह मेन्ना—कुल पाँच किसानों—के खेत चुने गए। प्रत्येक किसान के एक एकड़ खेत में गेहूँ की किस्म लोक -१  को स्लिट-टिल ड्रिल मशीन से सीधे बोया गया। मशीन ने धान के अवशेषों के बीच एक पतली स्लिट बनाकर बीज को सही गहराई और उचित दूरी पर जमा किया, जिससे बुवाई तेज, सरल और सटीक ढंग से पूरी हुई। किसानों ने बताया कि यह तरीका कम खर्च वाला, कम मेहनत वाला और व्यावहारिक है। जुताई न करने से समय और डीजल दोनों की बचत हुई, मजदूरी की आवश्यकता कम पड़ी और अवशेषों के बावजूद मशीन ने बिना रुकावट उत्कृष्ट कार्य किय...

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