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Showing posts from July, 2025

प्रशिक्षणार्थी उप जिलाध्यक्षों ने विधानसभा का भ्रमण किया

माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिया मार्गदर्शन   🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल। आर सी वी पी प्रशासन एवं प्रबंधन अकादमी भोपाल में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे उप जिलाध्यक्षों ने गुरुवार, 31 जुलाई 2025 को मध्यप्रदेश विधानसभा का भ्रमण किया और विधानसभा की कार्यवाही देखी। इस अवसर पर माननीय विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उप जिलाध्यक्षों से भेंट की और उनका मार्गदर्शन किया। श्री तोमर ने अपने संबोधन में कहा कि, एक प्रशासनिक अधिकारी के रूप में आपकी प्राथमिकता काम का समय पर निराकरण होना चाहिए। उप जिलाध्यक्षों को अपने शुरुआती करियर में चुनौतीपूर्ण और फील्ड के काम को प्राथमिकता देना चाहिए। श्री तोमर ने कहा कि, आप लोगों के पास आम जनता, गरीब, किसान अपनी समस्याओं को ले कर आयेंगे, आप की प्राथमिकता उनका निराकरण होना चाहिए। श्री तोमर ने  उप जिलाध्यक्षों से जनता से जुड़ कर और वहां से फीडबैक लेने पर भी बल दिया। उन्होंने अधिक से अधिक अध्ययन पर भी जोर दिया। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ● सम्पादक, बेख़बरों की खबर ●...

संतुलन की दुनिया में आगे ले जाते हैं गोस्वामी तुलसीदास – कुलपति प्रो लोहनी

विक्रम विश्वविद्यालय में गोस्वामी तुलसीदास जयंती एवं मुंशी प्रेमचंद जयंती पर हुआ अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका अक्षरवार्ता और कृष्ण बसन्ती का हुआ लोकार्पण विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला में मध्य प्रदेश लेखक संघ एवं राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के सहयोग से विश्ववन्द्य  गोस्वामी तुलसीदास जयंती एवं मुंशी प्रेमचंद जयंती के अवसर पर  गोस्वामी तुलसीदास एवं मुंशी प्रेमचंद: साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक सन्दर्भों में विषय पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 31 जुलाई, गुरुवार को मध्याह्न में किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय हल्द्वानी के कुलपति प्रो नवीनचन्द्र लोहनी, ओस्लो नॉर्वे से श्री सुरेश चंद्र शुक्ल शरद आलोक, विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो हरिमोहन बुधौलिया, फिलाडेल्फिया, यूएसए से डॉ मीरा सिंह, प्रो गीता नायक, प्रो जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ सोमदत्त काशीनाथ, मॉरीशस, डॉ प्रभु चौधरी सहित अनेक सुधी साहित्यकार और संस्कृतिकर्म...

श्रीकृष्ण नगरी में दीक्षारंभ उत्सव: प्रबंधन और सृजनात्मकता का अद्वितीय समागम

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में मैत्रीय मिलन दीक्षारंभ श्रृंखला का आयोजन उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान द्वारा  "मैत्रीय मिलन दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला"  के अंतर्गत  "श्रावण संवाद"  कार्यक्रम का प्रथम चरण अत्यंत गरिमा एवं उत्साह के साथ आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम  श्रीकृष्ण नगरी  के सांस्कृतिक एवं बौद्धिक परंपरा को प्रतिबिंबित करता हुआ,  प्रबंधन, सृजनात्मकता और युवा कौशल विकास  के समागम का मंच बनकर उभरा। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु  प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज  ने की। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में इस श्रृंखला को एक  अनूठा और प्रेरणास्पद आयोजन  बताया तथा विद्यार्थियों को कौशल विकास और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में सजग प्रयास करने का आव्हान किया। निदेशक  प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता  ने स्वागत वक्तव्य देते हुए अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया एवं इस पहल की महत्ता को रेखांकित किया। विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित  कॉर्पोरेट जगत...

24वीं वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप : उज्जैन की चार्वी मेहता को शतरंज के दोनों फॉर्मेट क्लासिकल एवं रैपिड चेस में कांस्य पदक

उज्जैन । गोवा में 22 से 30 जुलाई तक सम्पन्न 24वीं वर्ल्ड आई. पी. सी. ए. इंडिविजुअल चेस चैंपियनशिप 2025 के अंतिम दिन भारतीय टीम की उदीयमान खिलाड़ी उज्जैन निवासी चार्वी मेहता ने शतरंज के क्लासिकल एवं रैपिड दोनों फॉर्मेट में कांस्य पदक प्राप्त कर भारत को अंतरराष्ट्रीय पटल पर गौरवान्वित किया। चार्वी ने इस चैंपियनशिप में रैपिड फॉर्मेट में 20 वर्ष से कम आयु समूह में विश्व में तृतीय स्थान प्राप्त कर कांस्य पदक प्राप्त किया। इस आयु समूह में स्वर्ण पदक पर रसियन खिलाड़ी निकित्सकय वरवरा एवं रजत पदक पर कजाकिस्तान की कांबरोवा एंजाइम ने कब्जा जमाया। वहीं चेस के क्लासिकल फॉर्मेट में व्हीलचेयर कैटेगरी में स्वर्ण पदक रसियन खिलाडी खालीपोवका लाडा, रजत पदक वियतनाम की ट्रेन थी बिच थूय एवं कांस्य पदक भारत की चार्वी मेहता ने प्राप्त किया। यह जानकारी उज्जयिनी शतरंज संघ के अध्यक्ष संदीप कुलश्रेष्ठ एवं सचिव महावीर जैन ने देते हुए बताया कि, समापन एवं पुरस्कार वितरण समारोह के मुख्य अतिथि गोवा के मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत एवं विशिष्ट अतिथि कैबिनेट मंत्री सुभाष देसाई के कर कमलों से खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया ...

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के विभिन्न पाठ्यक्रमों में रिक्त सीटों पर प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर दिनांक 14 अगस्त 2025 निर्धारित

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा  शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक, स्नातकोत्तर, प्रमाण पत्र, डिप्लोमा, पी.जी. डिप्लोमा के प्रथम वर्ष या प्रथम सेमेस्टर में सीयूईटी एवं सीधे प्रवेश हेतु रिक्त सीटों, स्नातकोत्तर 1 वर्षीय पाठ्यक्रम, फार्मेसी अध्ययनशाला के अंतर्गत बी फार्मा लैटरल एंट्री  एवं डिप्लोमा इन फार्मेसी पाठ्यक्रम तथा विधि अध्ययनशाला में संचालित पाठ्यक्रमों हेतु प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश की तिथि दिनांक 14 अगस्त 2025 निर्धारित की गई है।  प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला, संस्थान या विभाग से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश फॉर्म एवं शुल्क जमा करा सकेंगे। विस्तृत जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की वेबसाइट का अवलोकन किया जा सकता है। इस आशय की अधिसूचना दिनांक 30 जुलाई 2025 को कुलसचिव विक्रम विश्वविद्यालय के हस्ताक्षर से जारी की गई है।

कालजयी है प्रेमचंद का कथा साहित्य – प्रो शर्मा

नॉर्वे से अंतरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान 2025 अर्पित प्रेमचंद जयंती के अवसर पर नॉर्वे से अन्तरराष्ट्रीय प्रेमचंद सम्मान डिजिटल मंच से भारतीय- नार्वेजीय सूचना एवं सांस्कृतिक फोरम के अध्यक्ष सुरेश चन्द्र शुक्ल 'शरद आलोक' और पूर्व कुलपति डॉ. निर्मला एस. मौर्य ने प्रदान किए।  मुख्य अतिथि नोबल पुरस्कार से अलंकृत कैलाश सत्यार्थी एवं मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे। श्री सत्यार्थी ने अपने वक्तव्य में लेखकों को प्रेमचंद की तरह देश-दुनिया की समस्याओं को हल करने के लिए नेतृत्व करने का आह्वान किया।   मुख्य वक्ता प्रो. शैलेन्द्र कुमार शर्मा ने कहा कि प्रेमचंद का कथा साहित्य कालजयी है। वे अपनी सर्जना और विचारों के साथ वर्तमान विश्व के संघर्षों और चुनौतियों के बीच पथप्रदर्शक बने हुए हैं। किसान जीवन की दृष्टि से अगर प्रेमचन्द के कथा साहित्य को पुन: देखा जाए तो कई अर्थों में प्रेमचन्द अपने समय से आगे दिखाई देते हैं। किसान, स्त्री और वंचित वर्ग के जीवन के यथार्थ चित्रण में वे साहित्य जगत में अद्वितीय दिखाई देते हैं। हाल के दशकों में उभरे ...

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