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श्रीकृष्ण नगरी में दीक्षारंभ उत्सव: प्रबंधन और सृजनात्मकता का अद्वितीय समागम

विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में मैत्रीय मिलन दीक्षारंभ श्रृंखला का आयोजन

उज्जैन : विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के पंडित जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंध संस्थान द्वारा "मैत्रीय मिलन दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला" के अंतर्गत "श्रावण संवाद" कार्यक्रम का प्रथम चरण अत्यंत गरिमा एवं उत्साह के साथ आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम श्रीकृष्ण नगरी के सांस्कृतिक एवं बौद्धिक परंपरा को प्रतिबिंबित करता हुआ, प्रबंधन, सृजनात्मकता और युवा कौशल विकास के समागम का मंच बनकर उभरा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने की। उन्होंने अपने शुभकामना संदेश में इस श्रृंखला को एक अनूठा और प्रेरणास्पद आयोजन बताया तथा विद्यार्थियों को कौशल विकास और सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) की दिशा में सजग प्रयास करने का आव्हान किया। निदेशक प्रो. डॉ. धर्मेंद्र मेहता ने स्वागत वक्तव्य देते हुए अतिथियों का परिचय प्रस्तुत किया एवं इस पहल की महत्ता को रेखांकित किया।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित कॉर्पोरेट जगत एवं क्रिएटिविटी वर्ल्ड के प्रतिष्ठित हस्ताक्षर इंजीनियर पुनीत भटनागर को "सारस्वत सम्मान" प्रदान किया गया। प्रो. भारद्वाज एवं प्रो. मेहता द्वारा संयुक्त रूप से यह सम्मान प्रदान कर विश्वविद्यालय के छात्रों को प्रबंधन शिक्षा के साथ सृजनात्मकता की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश दिया गया।

कार्यक्रम में "शैवतत्व में सृजनात्मकता – प्रबंधकीय दृष्टिकोण" विषय पर दीक्षारंभ बीज वक्तव्य प्रस्तुत करते हुए पुनीत भटनागर ने छात्रों को रचनात्मक सोच, नवाचार और व्यावसायिक दृष्टिकोण में संतुलन स्थापित करने की प्रेरणा दी।

युवा वैज्ञानिकों और अनुभवी वक्ताओं की सहभागिता ने बढ़ाया आयोजन का गौरव

बैंकिंग, उद्यमिता, और योजनाओं पर सारगर्भित संवाद; विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण की दिशा में प्रेरक पहल

कार्यक्रम में विशेष रूप से डॉ. श्रेया गेहलोत, जो कि क्वींस यूनिवर्सिटी (नॉर्दर्न आयरलैंड), गांधीनगर कैंपस की प्रतिनिधि हैं तथा आईआईएम अहमदाबाद एवं आईज़र भोपाल की एलुमिनी हैं, ने भी उपस्थित होकर विद्यार्थियों को शुभकामनाएं एवं आशीर्वाद संदेश प्रदान किया।

उल्लेखनीय अतिथि श्री एस.एस. नारंग, सेवानिवृत्त वरिष्ठ बैंक अधिकारी एवं परिवर्तन संस्था के अध्यक्ष ने अपने चार दशकों के बैंकिंग अनुभव साझा करते हुए सामाजिक वित्तीय समावेशन को व्यक्तित्व विकास से जोड़ने की बात की। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री सृजन योजना, मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना एवं युवा उद्यमी योजना की जानकारी देते हुए उन्हें इन योजनाओं से लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।

प्रश्नोत्तर सत्र के उपरांत विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार शर्मा, संकाय अध्यक्ष प्रो. डॉ. कामरान सुल्तान, कार्य परिषद सदस्य प्रो. डॉ. दीपक गुप्ताप्रो. डॉ. डी.डी. बेदियाडॉ. सचिन रायश्री राकेश खोती एवं श्री गोविंद तोमर ने आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए इसे विद्यार्थियों के लिए प्रेरणादायक बताया।

कार्यक्रम संचालन एवं आभार प्रदर्शन डॉ. नयनतारा डामोर द्वारा किया गया। आयोजन में शोधार्थी वसीम खानअजय जायसवाल, एमबीए द्वितीय सेमेस्टर की ख्याति शर्मा और पंकज मेहा शर्मा का विशेष सहयोग रहा।

अंत में प्रो. डॉ. दीपक गुप्ताप्रो. डॉ. कामरान सुल्तानप्रो. डॉ. डी.डी. बेदिया एवं डॉ. नयनतारा डामोर ने अपने आशीर्वचन में प्रो. मेहता की इस सामयिक एवं प्रेरक पहल की सराहना करते हुए उपस्थित विद्यार्थियों से स्वयं की रुचि के अनुसार विषय चयन और कौशल विकास के संकल्प को आत्मसात करने की प्रेरणा दी।

यह आयोजन न केवल शिक्षा और सृजन का संगम रहा, बल्कि नई पीढ़ी के प्रबंधक और उद्यमियों को रचनात्मकता और सामाजिक चेतना के साथ आगे बढ़ने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।

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