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धन्वंतरी आयुर्वेद चिकित्सालय की टीम ने पंचक्रोशी यात्रियों को निशुल्क औषधियों का वितरण किया

  उज्जैन । जिला उज्जैन में प्रारंभ हुई पंचक्रोशी यात्रा के प्रथम दिन चिमनगंज मंडी स्थित धन्वंतरी आयुर्वेद चिकित्सालय की टीम ने निशुल्क औषधियों का वितरण किया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ जेपी चौरसिया ने बताया कि पंचक्रोशी यात्रा के प्रथम दिन चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ ओपी शर्मा एवं आरएमओ डॉ हेमंत मालवीय के आदेशानुसार निशुल्क औषधियों के वितरण कार्य हेतु स्वयं डॉक्टर ओपी शर्मा एवं डॉ प्रकाश जोशी, पीजी स्कॉलर डॉश्वेता ओझा ,डॉ शिवानी रघुवंशी डॉ राहुल अग्रवाल,श्री अरुण सोलंकी, श्री रविशंकर कौशल, दीप्ति त्रिवेदी की टीम ने पंचक्रोशी यात्रियों को दर्द निवारक तेल, आई ड्रॉप एवं पैरों में लगाने हेतु मलहम आदि अन्य निशुल्क आयुर्वेद दवाइयों का वितरण किया। धन्वंतरी आयुर्वेद चिकित्सालय की टीम हर वर्ष पंचक्रोशी यात्रा में निशुल्क औषधियों का वितरण के का पुण्य कार्य करती आ रही है। अगले 5 दिनों तक चिकित्सालय की अलग-अलग टीम द्वारा इसी तरह निशुल्क औषधि वितरण का कार्य किया जावेगा। उक्त जानकारी मीडिया प्रभारी डॉ प्रकाश जोशी ने दी ।

विश्व मानवतावादी डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती समारोह हिंदी भवन जयपुर में संपन्न

उज्जैन । राष्ट्रीय शिक्षक संघ चेतना उज्जैन एवं हिंदी प्रचार प्रसार संस्थान जयपुर के संयुक्त आयोजन में डॉ भीमराव अंबेडकर जी की जयंती के उपलक्ष में "विश्व मानवतावादी डॉ आंबेडकर" विषय पर हिंदी भवन जयपुर में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी के मुख्य अतिथि हिंदी प्रचार प्रसार संस्थान के अध्यक्ष डॉ अखिल शुक्ला अधिवक्ता ने कहा की न्यायविद संविधान शिल्पी बाबा साहब अंबेडकर जी की मानवतावादी सोच का दर्शन संविधान में प्रदत अनुच्छेद 14 से 32 तक मिले अधिकारों का अध्ययन करने पर स्पष्टतः मालूम पड़ जाता है। शुक्ला ने कहा कि बाबा साहब शिक्षा को शेरनी के दूध के समान मानते थे उनका मानना था की शिक्षित होने पर ही अधिकारों की रक्षा के लिए शेर की तरह दहाड़ा जा सकता है। बाबा साहब समाज को सदैव शिक्षित रहने, अन्याय के खिलाफ संघर्षरत रहने व सामूहिक रहने का संदेश देते थे। मुख्य वक्ता उज्जैन से पधारे राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के राष्ट्रीय महासचिव डॉ प्रभु चौधरी ने कहा कि डॉ अंबेडकर जी पर विशेष व्यक्तियों की प्रेरणा और संपर्क का प्रभाव था,जिसमें गौतम बुद्ध,संत कबीर,महात्मा ज्योतिबा फूले आ

डॉ बी आर अंबेडकर को जानने से ही सामाजिक समरसता आएगी - श्री सी पी शर्मा

भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल में डॉ बी आर अंबेडकर की जयंती एवं स्थापना दिवस समापन समारोह के अवसर पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री सी पी शर्मा चैयरमेन बीओजी ने इस अवसर पर कहा कि डॉ बी आर अंबेडकर जी को ज्यादा से ज्यादा पढ़े एवं उनके बारे में जाने तभी सामाजिक समरसता एवं समानता आएगी। उनका व्यक्तित्व एवं कृतित्व बहुत व्यापक हे। डॉ बी आर अंबेडकर पोलिटिकल डेमोक्रेसी की जगह सोशल डेमोक्रेसी को ज्यादा महत्त्व देते थे। श्री शर्मा ने इस अवसर पर डॉ अंबेडकर के जीवन पर वर्ष भर व्याख्यान आयोजित किये जाने के भी निर्देश दिए। कार्यक्रम के विशेष अथिति डॉ खेमसिंह डेहरिया कुलपति अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय ने कहा कि भारतीय संबिधान के शिल्पकार ही नहीं वरन स्वतंत्रता , समता बंधुता के लिए संघर्ष करने बाले व्यक्तित्व थे। उन्होंने समाज सुधार राष्ट्रीयता , प्रभुता एवं अखंडता का भी सन्देश दिया। वे कबीरदास , महात्मा ज्योतिबा फुले एवं गौतम बुद्ध से प्रभाबित थे । उन्होंने समाज के सभी वर्गों के लिए विशेष्कर महिला सुधार हेतु भी कार्य किये। निटर निदेशक प्रो. सी.सी.

भारत में विज्ञान की परम्परा प्राचीन से आधुनिक काल तक उज्जवल रही है - डॉ सदानंद दामोदर सप्रे

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल अपनी स्थापना के ५९ वर्ष मना रहा है। स्थापना दिवस समारोह  के अवसर पर डॉ  सदानंद दामोदर सप्रे रिटायर्ड प्रोफेसर मैनिट का भारत में विज्ञान की उज्जवल  परम्परा (प्राचीन से आधुनिक काल तक) विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। डॉ  सदानंद दामोदर सप्रे  ने इस अवसर पर कहा कि भारत की प्राचीन वैज्ञानिक महान उपलब्धियों को छात्रों को बताने से उनका माइंडसेट चेंज होता है एवं कॉन्फिडेंस बढ़ता है की  हमारे देश की साइंस एन्ड टेक्नॉलजी प्राचीन काल से ही उन्नत रही है हम किसी मामले में पश्चिमी देशो से पीछे कभी नहीं थे न ही आज हैं। छात्रों को विषय की सतही जानकारी देने की जगह विषय की गहराई में ले जाना चाहिए तभी ज्ञान प्राप्त होता है। हमें छात्रों के सामने  वही  जानकारी रखना चाहिए जिसके अकाट्य प्रमाण उपलब्ध  हैं। पश्चिमी देशों से पूर्व  भारद्वाज संहिता में विमान विद्या की पूरी जानकारी उपलब्ध थी। भारत का स्वाभाव है कि जो उपलब्धि प्राप्त करते हैं विश्व  के साथ साँझा  भी करते हैं। भारत  का   विश्वास   बांटने में होता हैं। कोरोना काल की भारत निर्मित वैक्सीन को १०० से अधिक देशो को उपलब्ध क

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ विशिष्ट परिसंवाद

अहम् का विगलन होते ही मनुष्य में करुणा, दया और प्रेम का जन्म होता है – वरिष्ठ समाजसेवी डॉ पटेल जी-20 में भारत की अध्यक्षता के माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश संपूर्ण विश्व तक पहुंचेगा – कुलपति प्रो पांडेय विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ विशिष्ट परिसंवाद राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर 12 अप्रैल को हुआ विशिष्ट व्याख्यान उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत विशिष्ट परिसंवाद का आयोजन 12 अप्रैल 2023, बुधवार को दोपहर में विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा सभागार में सम्पन्न हुआ। जी-20 में भारत की अध्यक्षता के गौरवपूर्ण अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं के मध्य जागरूकता बढ़ाई गई। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद्, लेखक एवं समाजसेवी डॉ मफतलाल पटेल, अहमदाबाद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर विशिष्ट व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि सेवाधाम

डॉ. अम्बेडकर जयंती समारोह में डॉ. चौधरी मुख्य वक्ता होंगे

नागदा - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना उज्जैन के राष्ट्रीय महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी को डॉ. भीमराव अम्बेडकर जयंती 14 अप्रेल को जयपुर में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी विश्व मानवतावादी डॉ. अम्बेडकर जी के संदर्भ में राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना इकाई राजस्थान एवं हिन्दी भवन, हिन्दी प्रचार प्रसार संस्थान जयपुर में आयोजित समारोह में मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित किया है। यह जानकारी देते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता सुन्दरलाल जोशी सूरज ने बताया कि डॉ. चौधरी जो कि भारत सरकार के डॉ. अम्बेडकर प्रतिष्ठान की मासिक पत्रिका सामाजिक न्यास संदेश के सम्पादक सदस्य होकर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयो में आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठियों में प्रमुख वक्ता के रूप में व्याख्यान एवं मार्गदर्शन प्रदान किया है। डॉ. चौधरी को राष्ट्रीय अध्यक्ष ब्रजकिशोर शर्मा, राष्ट्रीय मार्गदर्शक हरेराम वाजपेयी, राष्ट्रीय संरक्षक डॉ. शैलेन्द्रकुमार शर्मा, राष्ट्रीय मार्गशर्दक डॉ. हरिसिंह पाल, डॉ. शहबुद्दीन शेख, वरिष्ठ उपाध्यक्ष डॉ. जी.डी. अग्रवाल, डॉ. अनसूया अग्रवाल, सुवर्णा जाधव, डॉ. सुनीता मंडल, डॉ. दीपिका सुतोदिया, डॉ. चेतना उपाधाय, अनि

स्कूल संचालक व प्राचार्य छात्रों को किसी एक दुकान या विक्रेता से पुस्तकें, कापियां, यूनिफार्म खरीदने के लिये मजबूर नहीं कर सकेंगे, कलेक्टर ने धारा-144 के तहत आदेश जारी किये

उज्जैन। जिले के स्कूल संचालक, प्राचार्य अब छात्रों को किसी एक दुकान या विक्रेता से पुस्तकें, कापियां, यूनिफार्म, जूते, टाई आदि खरीदने के लिये मजबूर नहीं कर सकेंगे। कलेक्टर ने दण्ड प्रक्रिया संहिता-1973 की धारा-144(1)(2) के तहत स्कूल संचालकों, प्रकाशकों एवं विक्रेताओं के एकाधिकार को खत्म करने हेतु प्रतिबंधात्मक आदेश जारी कर दिये हैं। आदेश का उल्लंघन करने वाले व्यक्ति, संस्था, आयोजक के विरूद्ध भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा-188 के तहत दण्डात्मक कार्यवाही की जायेगी। आदेशों की अवहेलना किये जाने पर शाला के प्राचार्य, संचालक के साथ ही शाला प्रबंधन बोर्ड के सभी संचालक भी दोषी माने जायेंगे। कलेक्टर द्वारा जारी किये गये आदेश के तहत सभी स्कूल संचालकों एवं प्राचार्य को निर्देश दिये गये हैं कि वे अनिवार्य पुस्तकों की सूची विद्यालय के परीक्षा परिणाम के पूर्व स्कूल की वेब साइट पर अनिवार्य रूप से अपलोड करें व सार्वजनिक स्थानों पर चस्पा करें। साथ ही पुस्तकों की सूची की एक प्रति अभिभावकों को प्रवेश के समय अथवा परीक्षा परिणाम के समय उपलब्ध करवायें। अभिभावकों को सूचीबद्ध पुस्तकें परीक्षा परिणाम अथवा

आयुर्वेद चिकित्सा द्वारा ‘‘बंध्यत्व" में सफल चिकित्सा संभव - प्रो. एस सतुआ

बंधत्व निवारण विषय पर आयुर्वेद महाविद्यालय में हुआ सेमिनार का आयोजन   उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय के प्रधानाचार्य एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ. जे. पी. चौरसिया ने बताया कि महाविद्यालय में चरक फार्मा कम्पनी के द्वारा दिनांक 10/04/2023 को "बंध्यत्व" इनफर्टिलिटी विषय पर एक सेमिनार आयोजित किया गया जिसमें महाविद्यालय के समस्त छात्र/छात्राऐं एवं चिकित्सक उपस्थित रहे। चरक फार्मा की ओर से सहयोगी श्री जितेन्द्र मनेरिया, श्री विकास जिंदल, श्री अमजद मंसूरी, मेडिकल टीम सेमिनार में उपस्थित रहे साथ ही कंपनी के उत्पाद के बारे में विस्तार से बताया।   उक्त आयोजन में प्रो. डॉ. सिद्धेश्वर सतुआ, विभागाध्यक्ष प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग द्वारा ‘‘ बंध्यत्व‘‘ में आयुर्वेद चिकित्सा का महत्व विषय पर व्याख्यान दिया गया। आयुर्वेद चिकित्सा के द्वारा ‘‘ बंध्यत्व‘‘ में कैसे सफल चिकित्सा की जा सकती है, इस बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सालय को प्रदेश का ‘‘ बंध्यत्व‘‘ के लिये सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में शासन द्वारा चिन्हित किया गया ह

मानस शिरोमणि डॉ. मेहता सम्मानित

उज्जैन। विगत दिवस श्री भानु भदौरिया के संयोजन में आयोजित 108 अखंड रामायण पाठ की पूर्णाहुति पर आयोजित नगर भोज में मानसश्री एवं नागर गौरव डॉ. नरेन्द्र कुमार मेहता का सम्मान किया गया। डॉ. मेहता के श्री राम कथाओं के विभिन्न पक्षों पर अविरल शोध कार्य एवं प्रकाशन के लिए "विश्व विख्यात डॉ. हनुमान",दंदरौआ सरकार के प्रमुख श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर रामदास महाराज, (डॉक्टर हनुमान दंदरौआ सरकार धाम) द्वारा प्रसिद्ध राष्ट्रीय कथा वाचक पं. मिश्रा की उपस्थिति में किया गया।  इस अवसर पर रामचरित मानस शोध- साहित्य लेखन कार्य में सदैव संलग्न रहने वाली डॉ. मेहता की जीवन संगिनी डॉ. श्रीमती शारदा मेहता भी उपस्थित थी। दंदरौआ सरकार धाम, उजड़ खेड़ा हनुमान मंदिर के पास आयोजित इस पूर्णाहुति- नगर भोज कार्यक्रम में वयोवृद्ध मेहता दंपति ने महाराज श्री से  स्नेह-आशीर्वाद प्राप्त किया।

एक महान भारतीय परम्परा के उत्तराधिकारी होने पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करें - पद्मश्री डॉ कपिल तिवारी

भोपाल । एनआईटीटीटीआर भोपाल अपनी स्थापना के ५९ वर्ष मना रहा हे। स्थापना दिवस समारोह के अवसर पर मध्य प्रदेश आदिवासी लोक कला अकादमी के पूर्व निर्देशक पद्मश्री डॉ कपिल तिवारी का "भारतीय ज्ञान परम्परा संस्क्रति और कला" विषय पर व्याख्यान आयोजित किया गया। डॉ कपिल तिवारी ने इस अवसर पर कहा की हमने अपने पुरखों की आँखों से भारतीय ज्ञान को देखा हे एवं समझा हे। आज अवस्य्क्ता इस ज्ञान को सहेजने की हे। हमें अपने स्वर्णिम अतीत पर गर्व करना चाहिए। हम सभी एक महान परम्परा के उत्तराधिकारी होने पर स्वयं को गौरवान्वित महसूस करें। भारतीय लोग आज भी अपनी परंपरा और मूल्यों को बनाए हुए हैं। डॉ. कपिल तिवारी ने कहा कि भारतीय ज्ञान की परंपरा सनातन है, और सनातन वो है जो अपने को हर पल नया करता है। भारतीय संस्कृति और परंपरा अपनी एक अलग पहचान और अनूठापन लेकर पुरे विश्व में जानी जाती हैं। भारतीय दृष्टिकोण से ही ज्ञान परंपरा का अध्ययन कर हम एक बार फिर विश्व गुरु बन सकते हैं। निटर निदेशक प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने कहा की हमें भारतीय ज्ञान की परंपरा को आधार बनाकर शिक्षा को छात्रों तक ले जाना चाहिए

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