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विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ विशिष्ट परिसंवाद

अहम् का विगलन होते ही मनुष्य में करुणा, दया और प्रेम का जन्म होता है – वरिष्ठ समाजसेवी डॉ पटेल

जी-20 में भारत की अध्यक्षता के माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश संपूर्ण विश्व तक पहुंचेगा – कुलपति प्रो पांडेय

विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत हुआ विशिष्ट परिसंवाद
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर 12 अप्रैल को हुआ विशिष्ट व्याख्यान

उज्जैन विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में जी - 20 यूनिवर्सिटी कनेक्ट प्रोग्राम के अंतर्गत विशिष्ट परिसंवाद का आयोजन 12 अप्रैल 2023, बुधवार को दोपहर में विक्रम विश्वविद्यालय के शलाका दीर्घा सभागार में सम्पन्न हुआ। जी-20 में भारत की अध्यक्षता के गौरवपूर्ण अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं के मध्य जागरूकता बढ़ाई गई। इस अवसर पर वरिष्ठ शिक्षाविद्, लेखक एवं समाजसेवी डॉ मफतलाल पटेल, अहमदाबाद ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : जीवन मूल्य और मनोविज्ञान पर विशिष्ट व्याख्यान दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। विशिष्ट अतिथि सेवाधाम, उज्जैन के संस्थापक एवं प्रसिद्ध समाजसेवी श्री सुधीरभाई गोयल, अचला एजुकेशन फाउंडेशन ट्रस्ट अहमदाबाद के श्री दधीचि ठाकर, कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक, कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने परिसंवाद में विचार व्यक्त किए।

कार्यक्रम में विशिष्ट व्याख्यान देते हुए वरिष्ठ शिक्षाविद एवं समाजसेवी डॉक्टर मफतलाल पटेल, अहमदाबाद में कहा कि जन्म से मृत्यु के बीच का समय जीवन है, जिसे हमें ईश्वर ने दिया है। जीवन में हमें क्या करना है, उसका निर्णय करते हुए अपना आदर्श बनाना चाहिए। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की संकल्पना से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के माध्यम से मूल्य आधारित शिक्षा को महत्व मिल रहा है। कोई भी मनुष्य यदि अपने ध्येय को निश्चित कर लेता है और समस्त प्रयत्न उसकी प्राप्ति में लगा देता है, उसे सफलता अवश्य मिलती है। मनोविज्ञान की दृष्टि में सभी मनुष्यों में अहम् है। अहम् का विगलन होते ही मनुष्य में करुणा, दया और प्रेम का जन्म होता है, जिसे भारत में सदियों से महत्वपूर्ण माना गया है। सच्चा प्रेम, सेवा और करुणा जीवन के सबसे मूल्यवान तत्व हैं। यदि आप अन्य लोगों की मदद करेंगे तो उससे सुखी बनेंगे। विद्यार्थियों को जागृत करने का दायित्व शिक्षक का है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति देशहित की भावना से भरे शिक्षकों को तैयार करने पर बल देती है।


कुलपति प्रोफेसर अखिलेश कुमार पांडेय ने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि युवा पीढ़ी मानवता के हित में संकल्पबद्ध हों। नर की सेवा नारायण की सेवा है। प्रकृति और संस्कृति के सम्मिलन और सामंजस्य से विश्व में सकारात्मक परिवर्तन होगा। असंतुलन से समस्या उत्पन्न होती है। जी-20 में भारत की अध्यक्षता एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसके माध्यम से वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश संपूर्ण विश्व तक पहुंचेगा।

सेवाधाम के संस्थापक वरिष्ठ समाजसेवी श्री सुधीर भाई गोयल ने कहा कि सेवाधाम आज देश के प्रमुख लोक कल्याण के केंद्रों में स्थान रखता है। गुजरात सेवा भूमि है, वह आत्मीयता और पवित्रता की भूमि है। डॉक्टर मफतलाल पटेल उस भूमि के अद्वितीय रत्न हैं।

कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने कहा कि जी 20 के माध्यम से एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य का सूत्र वाक्य संपूर्ण विश्व में भारत की पहचान बन रहा है। वैश्वीकरण के दौर में हमारी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए भी यह अवसर महत्वपूर्ण सिद्ध होगा।

कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा ने कहा कि जी 20 में भारत की अध्यक्षता एक ऐतिहासिक क्षण है। इससे सभी की भलाई के लिए व्यावहारिक वैश्विक समाधान ढूंढ कर भारत अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके माध्यम से समावेशिता के भारतीय दर्शन की गूंज पूरे विश्व में व्याप्त होगी। भारत की जी 20 की अध्यक्षता एकता की सार्वभौमिक भावना को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है।

कार्यक्रम में सेवाधाम एवं विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन द्वारा वरिष्ठ शिक्षाविद, समाजसेवी एवं लेखक डॉ मफतलाल पटेल को शॉल, प्रशस्ति पत्र एवं स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्राट विक्रमादित्य कर्मयोगी राष्ट्रीय सम्मान से अलंकृत किया गया। इस अवसर पर अचला एजुकेशन फाउंडेशन ट्रस्ट, अहमदाबाद की ओर से प्रकाशित डॉक्टर मफतलाल पटेल अभिनंदन ग्रंथ एवं उनके द्वारा लिखित महत्वपूर्ण पुस्तकों की प्रति ट्रस्ट की ओर से विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय को अर्पित की गई।

अचला एजुकेशन फाउंडेशन ट्रस्ट, अहमदाबाद के श्री दधीचि ठाकुर ने समाजसेवी डॉ मफतलाल पटेल के व्यक्तित्व, कृतित्व और चिंतन पर प्रकाश डाला। प्रारंभ में स्वागत भाषण विद्यार्थी कल्याण संकायाध्यक्ष प्रो सत्येंद्र किशोर मिश्रा ने दिया। प्रारम्भ में अतिथियों ने वाग्देवी के चित्र पर माल्यार्पण किया।
कार्यक्रम का संयोजन कुलानुशासक प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने किया। आभार प्रदर्शन विक्रम विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष डॉ कनिया मेड़ा ने किया।
कार्यक्रम में प्रो उमा शर्मा, प्रो अनिल कुमार जैन, प्रो ज्योति उपाध्याय, प्रो कमलेश दशोरा, डॉ संग्राम भूषण, डॉ अजय शर्मा, डॉ दीपा द्विवेदी, डॉ राजेश चौहान, डॉ शिवी भसीन, डॉ बिंदु पंवार, डॉ आलोक गोयल, श्री कमल जोशी आदि सहित अनेक प्रबुद्धजनों, शिक्षकों, शोधार्थियों और विद्यार्थियों ने सहभागिता की।

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