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अंतर विद्यालय शतरंज स्पर्धा का समापन एवं पुरस्कार वितरण संपन्न

हरमन, हुसैन एवं लोहिताक्ष ने बाजी मारी उज्जैन। उज्जैन डिस्ट्रिक्ट चेस कॉरपोरेशन एसोसिएशन की अगुवाई में बुद्धि बल चेस अकादमी द्वारा आयोजित अंतर विद्यालयीन शतरंज स्पर्धा का समापन एवं पुरस्कार वितरण कार्यक्रम महाराजा इंटरनेशनल स्कूल के प्राचार्य आर. यू. खान के मुख्य आतिथ्य एवं कवि, गीतकार एवं पत्रकार श्री नरेंद्र सिंह बेस "अकेला" के विशिष्ट आतिथ्य व अयोजन समिति अध्यक्ष श्रीमती मानसी शर्मा की अध्यक्षता में किया गया। इस अवसर पर इंटरनेशनल मल्लखंभ अंपायर डॉ. आशीष मेहता एवं वरिष्ठ शतरंज खिलाड़ी इंजीनियर आंशिक सेठी विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत प्रतियोगिता संचालक श्रीमती प्रभा सिंह कुशवाह, श्रीमती तरुश्री मेहता, डॉ दीपाली कुलकर्णी, शुभम कुशवाह, रोहित परमार एवं श्रीमती रश्मि जैन ने किया। प्रतियोगिता का विस्तृत प्रतिवेदन राजेश सिंह कुशवाह ने प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन आयोजन सचिव डॉ विभा सिंह तोमर ने किया एवं आभार श्री नीरज सिंह कुशवाह ने व्यक्त किया। प्रतियोगिता के विस्तृत परिणाम इस प्रकार है--- बालक कनिष्ठ वर्ग प्रथम हरमन पॉल-पोदार स्कूल,द्

अंतर विद्यालयीन शतरंज प्रतियोगिता संपन्न

 अंतर विद्यालयीन शतरंज प्रतियोगिता संपन्न  बालिका वर्ग में सिया, अंतरा एवं निष्ठा ने बाजी मारी   उज्जैन। उज्जैन जिला शतरंज संघ की अगुआई में बुद्धि बल चेस अकादमी द्वारा आयोजित अंतर विद्यालयीन शतरंज स्पर्धा का उद्घाटन वरिष्ठ आर्बिटर नीरज सिंह कुशवाह एवं नेशनल आर्बिटल श्रीकांत बागड़ी के मुख्य आतिथ्य में किया गया। इस अवसर पर डिप्टी आर्बिटर नितेश जैन, निखिल महाजन व प्रिंस विल्सन विशेष रूप से उपस्थित थे। प्रतियोगिता में विभिन्न विद्यालयों के 300 से अधिक बालक-बालिकाओं ने प्रतिभागिता की। प्रारंभ में अतिथियों ने बुद्धि एवं बल के देवता बजरंगबली के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलित कर स्पर्धा का उद्घाटन किया। अतिथियों का स्वागत प्रतियोगिता संचालक श्रीमती प्रभा सिंह कुशवाह, शुभम कुशवाह, रोहित परमार, तरूश्री मेहता, डॉ दीपाली कुलकर्णी ने किया। बालिका वर्ग कनिष्ठ समूह  में प्रथम सिया सिंह कुशवाह,द्वितीय चार्वी मेहता एवं तृतीय अपूर्वा गेहलोत, जूनियर वर्ग में प्रथम अंतरा टंडन, द्वितीय नकिया भावतीवाला, तृतीय ट्विंकल अजमेरी एवं सीनियर बालिका वर्ग में प्रथम निष्ठा कुशवाह,द्वितीय स्नेहा लुल्ला एवं

विक्रम विश्वविद्यालय के जैव-प्रौद्योगिकी के विद्यार्थियों ने कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय के साथ बबूल के पौधे से 10 किलो वजन के मशरूम अध्ययन और संकलन

मशरुम की जैव-विविधता से सम्पन्न विश्वविद्यालय परिसर में हुआ नवाचार उज्‍जैन । प्राणिकी एवं जैव-प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला के बी. एससी. (ऑनर्स) बायोटेक्नोलॉजी के विद्यार्थियों ने कुलपति प्रोफेसर पाण्डेय के साथ देवास रोड एवं विश्वविद्यालय परिसर में मशरुम की इकोलॉजी का अध्ययन किया। लगभग 3-4 घंटे के अध्ययन में 6 से अधिक मसरूम की प्रजातियों को एकत्र किया जिसमे मशरुम जेनस की प्रजातियों की संख्या अधिक थी। गैनोडर्मा प्रजाति के मशरुम की लगभग 10 किलो वजन की एक कॉलोनी बबूल के पौधे से एकत्र की गई। विश्वविद्यालय परिसर में बबूल, बॉस, शीशम, बेर आदि के पौधो में विकसित हो रहे मशरुम की पहचान की गई जिनमे से कई प्रजातियां औषधीय एवं खाद्य पदार्थो के निर्माण हेतु उपयोगी है। प्राचीन काल से ही मशरुम का प्रयोग दवाई तथा भोजन के रूप में किया जा रहा है। भारत का जलवायु तथा यहाँ का प्राकृतिक एवं भौगोलिक संरचना ऐसी है की पूरे वर्ष यहाँ मशरुम का उत्पादन किया जा सकता है। भारत में सामान्यतः सफेद बटन, आयस्टर, मिल्की, कृमिनी, शिटाके तथा पोटोबैल्लो प्रजातियां प्रमुख हैं। मशरूम की विभिन्न प्रजातियां पेड़ों के साथ अलग-अलग सहजी

विश्वविद्यालय के गौरव को नए सिरे से स्थापित किया प्रो मिश्र ने – कुलपति प्रो पांडेय

आचार्यप्रवर पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र का सौप्रस्थानिक सारस्वत सम्मान सम्पन्न उज्जैन । विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन की हिंदी अध्ययनशाला, पत्रकारिता एवं जनसंचार अध्ययनशाला तथा गांधी अध्ययन केंद्र के संयुक्त तत्त्वावधान में प्रख्यात शिक्षाविद् आचार्यप्रवर, पूर्व कुलपति प्रो रामराजेश मिश्र के सौप्रस्थानिक सारस्वत सम्मान प्रसंग का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने की। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि महाराजा विक्रमादित्य शोध पीठ के निदेशक, स्वराज भवन संचालनालय, भोपाल के पूर्व संचालक श्रीराम तिवारी, पूर्व कार्यपरिषद् सदस्य, पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष, भारतीय जेसीज श्री रमेश साबू और कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक थे। कार्यक्रम में विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा, प्रो गीता नायक, पूर्व डीएसडब्ल्यू डॉ राकेश ढंड, डॉ जगदीश चंद्र शर्मा, डॉ पिलकेन्द्र अरोरा, डॉ प्रतिष्ठा शर्मा आदि ने प्रो मिश्र द्वारा किए गए अविस्मरणीय कार्यों और योगदान पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम में अतिथियों द्वारा पूर्व कुलपति प्रो मिश्र को सारस्वत सम्मान पत्र, शॉल, श्रीफल

अंतर विद्यालयीन शतरंज स्पर्धा 28 को

उज्जैन। उज्जैन जिला शतरंज संघ के तत्वावधान में बुद्धिबल चेस अकेडमी द्वारा विभिन्न आयु वर्ग की अन्तर विद्यालयीन शतरंज स्पर्धा 28 अगस्त और 4 सितम्बर  को दो चरणों में आयोजित की जायेगी।  अकेडमी के सचिव नीरज सिंह कुशवाह ने बताया कि स्पर्धा कालिदास मांटेसरी स्कूल, ऋषि नगर में  सुबह 9 बजे से प्रारंभ  होगी। प्रथम चरण में कक्षा 7वीं से 12वीं तक के प्रतिभागी प्रतियोगिता में अपने जौहर दिखाएंगे। स्पर्धा स्विस लीग पद्धति से 5 चक्रों खेली जाएगी। पुरस्कार वितरण शाम 6 बजे होगा। प्रत्येक वर्ग के विजेता खिलाड़ियों को पदक से सम्मानित किया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र दिए जाएंगे। इसी प्रकार द्वितीय चरण में 4 सितम्बर को पहली से 6टी तक के बच्चों के लिए  प्रतियोगिता आयोजित होगी। प्रतियोगिता स्थल पर इन्ट्री नहीं ली जाएगी। 

2 दिवसीय बैरवा समाज का सम्मेलन व पुरस्कार एवं सम्मान समारोह 17-18 सितम्बर को होगा

उज्जैन। अखिल भारतीय बैरवा क्रांति सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष महंत बालीनाथ सरस्वती (लालचन्द गोमे), प्रांतीय अध्यक्ष जयप्रकाश जाटवा, जिला अध्यक्ष राजेश शेरे (मण्डी गेट) ने एक संयुक्त प्रेस विज्ञप्ति में बताया कि बैरवा क्रांति सेना के तत्वावधान में दिनांक 17-18 सितम्बर को उज्जैन में दो दिवसीय बैरवा सम्मेलन व पुरस्कार एवं सम्मान समारोह आयोजित किया जा रहा है। सम्मेलन में विशेष तौर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री, संसदीय बोर्ड भाजपा के सदस्य सत्यनारायण जटिया, उज्जैन के संसद सदस्य अनिल फिरोजिया, उज्जैन के महापौर मुकेश टटवाल, राजस्थान के पूर्व विधायक एवं पूर्व संसदीय सचिव व भाजपा के प्रदेश मंत्री जितेन्द्र गोठवाल, बैरवा समाज के दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष कन्हैयालाल ठेकेदार एवं राजस्थान के बैरवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष विनोद बैरवा, गुजरात के बैरवा समाज के प्रदेश अध्यक्ष ज्योत्सना बेन, मध्यप्रदेश के संत बालीनाथ फाउण्डेशन के अध्यक्ष सीताराम जी मास्टर (श्योपुर), बैरवा क्रांति सेना के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष जीतमल बैरवा (राजस्थान), राजस्थान के संत बालीनाथ फाउण्डेशन के अध्यक्ष संजय बैरवा (पार्षद), संत बालीना

बायोटेक्नोलॉजी विषय में डिग्री लेने के उपरांत रोजगार की हैं असीम सम्भावनाएँ

जिज्ञासु, रोजगारपरक एवं रोजगारजनक विषय पढ़ने के इच्छुक विद्यार्थी बायोटेक्नोलॉजी विषय का अध्ययन कर बन सकते हैं बायोटेक्नोलॉजिस्ट, पाएंगे रोजगार के अपार अवसर उज्जैन। बायोटेक्नोलॉजी बायोलॉजी और टेक्नोलॉजी के संयोग से बना है। अर्थात बायोटेक्नोलॉजी विज्ञान की वह शाखा है जिसमे बायोलॉजी पर टेक्नीक का उपयोग किया जाता है। बायोटेक्नोलॉजी में समस्त जीव विज्ञान के विषय जैसे प्राणिविज्ञान, वनस्पति विज्ञान, जैव रसायन विज्ञान, पर्यावरण विज्ञान आदि का समन्वय होता है। बायोटेक्नोलॉजी में उपलब्ध पाठ्यक्रम : बायोटेक्नोलॉजी विषय का चयन आज के समय में कक्षा  दसवीं  के बाद ही  किया जा सकता, इस क्षेत्र में इसके उपरांत बी. एससी. (ओनर्स) बायोटेक्नोलॉजी, एम. एससी. बायोटेक्नोलॉजी एवं पीएच. डी. बायोटेक्नोलॉजी के पाठ्यक्रम उपलब्ध है। बायोटेक्नोलॉजी एक मास्टर विषय है इसलिए, किसी भी क्षेत्र में जैसे, वेटेनरी, मेडिकल, जैव रसायन, माइक्रोबायोलॉजी, फॉरेंसिक, प्राणीशात्र, वनस्पति शास्त्र, फ़ूड टेक्नोलॉजी आदि विषयो में भी स्नातकोत्तर करने के लिए स्वतंत्र होंगे तथा इन्ही क्षेत्रों में रोजगार भी प्राप्त कर सकते हैं। बायोट

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