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विद्योत्तमा बालिका छात्रावास का औचक निरीक्षण किया कुलपति प्रो. पांडेय ने

छात्राओं का होगा निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण और मिलेगी योग की सुविधा उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा बालिका छात्रावास का औचक निरीक्षण किया एवं छात्राओं के निशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, हीमोग्लोबिन जाँच, योग और विभिन्न विषयों की कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु दिशा निर्देश दिए। विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पांडेय ने विक्रम विश्वविद्यालय के विद्योत्तमा बालिका छात्रावास का सांयकालीन औचक निरीक्षण किया एवं छात्राओं से संवाद करते हुए उनकी समस्याओं का निराकरण किया। छात्राओं से बातचीत करते हुए कुलपति जी ने छात्राओं को अच्छे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहने के लिये प्रेरित किया। कुलपति जी ने छात्राओं को बताया कि स्वर्णिम भविष्य के निर्माण में स्वस्थ मन और स्वस्थ शरीर होना बहुत आवश्यक है। इसी कड़ी में कुलपति जी द्वारा छात्रावास में नि:शुल्क स्वास्थ्य परीक्षण, हीमोग्लोबिन जाँच, योग एवं परस्पर सहयोग से विविध विषयों की कोचिंग की सुविधा उपलब्ध करवाने हेतु दिशा निर्देश दिए। कुलपति जी ने भा

विद्या के हित में किया दान सर्वश्रेष्ठ होता है - श्री खींची

नागदा - शहीद चंद्रशेखर आजाद जयंती के अवसर पर कन्या हाई स्कूल महिदपुर रोड में जैन सोशल ग्रुप की ओर से निर्धन विद्यार्थियों को अभ्यास पुस्तिकाओं का वितरण एवं वृक्षारोपण कार्यक्रम संपन्न हुआ। समारोह के मुख्य अतिथि संस्था के पूर्वशिक्षक श्री हिम्मत सिंह खींची ने कहा कि विद्या के लिए किया हुआ दान सर्वश्रेष्ठ दान होता है इसीलिए वस्त्र, भोजन के साथ ज्ञान के लिए समर्पण भाव से विद्यार्थियों को सहयोग करें जिससे उनकी आर्थिक कमी दूर होगी एवं वह अच्छी शिक्षा प्राप्त करेंगे साथ ही वे घर, परिवार, समाज एवं नगर का नाम रोशन करेंगे। जैन श्वेतांबर ग्रुप फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री राजेश कांठेड़ ने अध्यक्षता करते हुए अध्यक्षीय वक्तव्य में कहा कि हम निरंतर विद्यार्थियों, मुक बधिर एवं पशुओं के लिए कार्य कर रहे हैं जिसमें केवल जैन समाज का ही योगदान नहीं पूरे समाज का भी अपेक्षित सहयोग प्राप्त होता है इसीलिए देशहित में निर्धन लोगों के लिए एवं पशुओं, जानवरों के लिए निरंतर सेवा का प्रयास हमारा एकमात्र लक्ष्य है जिसके तहत गत 2 वर्षों में कोरोना समयावधि में ग्रुप के युवा सदस्यों द्वारा नगर में अनेक सेवा का

23 जुलाई से होगी दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी

शिक्षा में स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां और समाधान विषय पर होगा मंथन उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 23- 24 जुलाई को विक्रम कीर्ति मंदिर में होगा। शिक्षा की स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां और समाधान विषय पर देश और विदेश के विशेषज्ञ विद्वान व्याख्यान और शोध पत्रों का वाचन करेंगे । वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा व्यापार के रूप में स्थापित हो चुकी है। शिक्षा कुछ मात्रा में नौकरी तो दे रही है, किंतु संस्कार और चरित्र नहीं। छात्र शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत भी अपने आपको कौशल विहीन आत्मविश्वास से  शून्य और आसहाय अनुभव करता है । इन सब बातों को शिक्षा के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों ने भी अनुभव किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा , छात्रों के चरित्र, गुणों के विकास के साथ-साथ श्रेष्ठ नागरिकों के निर्माण पर का विशेष ध्यान रखा गया है। शिक्षा की स्वायत्तता शासन, विचारधारा,  शिक्षा संचालक, अभिभावक आदि के अनावश्यक हस्

आजादी के अमृत महोत्सव पर संचेतना सम्मान समारोह 31 जुलाई को होगा

नागदा - राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा भारत की आजादी के 75 वर्ष पूर्ण होने पर अमृत महोत्सव संचेतना सम्मान समारोह का आयोजन संस्था द्वारा गत वर्ष में आयोजित 200 आभासी संगोष्ठी के सफल संचालन को संचेतना महोत्सव के रूप में दिनांक 31 जुलाई 2022 रविवार को भारतीय ज्ञानपीठ महाविद्यालय उज्जैन में आयोजित किया जा रहा है।  यह जानकारी राष्ट्रीय महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने देते हुए बताया कि राष्ट्रीय संचेतना महोत्सव में राष्ट्रीय स्तर पर श्रेष्ठ कार्य करने वाले डॉ. शैलेंद्र कुमार शर्मा को श्रेष्ठ विचारक एवं श्रीमती सुवर्णा जाधव को श्रेष्ठ मार्गदर्शक एवं मुक्ता कोशिक को श्रेष्ठ प्रवक्ता तथा डॉ सुनीता मंडल को श्रेष्ठ संयोजक के रूप में अभिनंदन पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा ।   इस अवसर पर राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी में कालजयी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की वर्तमान में प्रासंगिकता के संदर्भ में अतिथियों एवं विशिष्ट वक्ताओं की उपस्थिति में संपन्न होगी समारोह में उपस्थित समस्त प्रतिभागियों को सम्मान पत्र प्रदान कर सम्मानित किया जाएगा । समारोह में विशिष्ट सम्मान से श्री विनोद कुमार दुबे एवं श्री राज

प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में प्रारम्भ हुए कई रोजगारपरक पाठ्यक्रम

उज्जैन। बदलते परिवेश एवं बदलती हुई परिस्थितियों में स्थानीय और अन्तराष्ट्रीय स्तर की ज़रूरतों के अनुरूप पाठ्यकर्मो का संचालन, उसमे संशोधन तथा विद्यार्थियों द्वारा रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों का चयन बहुत आवश्यक है। इसी दिशा में सार्थक प्रयास करते हुए विक्रम विश्वविद्यालय ने पिछले डेढ़ वर्ष में कुल लगभग दो सौ नवीन पाठ्यक्रम प्रारम्भ किए हैं। उनके सहित वर्तमान में 243 पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहे हैं। इन पाठ्यक्रमों से विद्यार्थियों के कौशल विकास के साथ-साथ रोजगार प्राप्त करने की संभावनाओं में वृद्धि होगी। प्राणिकी एवं जैवप्रौद्योगिकी अध्ययनशाला, विक्रम विश्वविद्यालय का प्राचीनतम एवं उच्च शोध केंद्र है। जो सन 1962 में विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं प्रोफेसर डॉ हरस्वरूप जी द्वारा प्रारम्भ किया गया था। इस विभाग में कई पाठ्यक्रम, बी. एससी. ऑनर्स बायोटेक्नोलॉजी, एम. एससी. प्राणी विज्ञान, एम. एससी. जैवप्रौद्योगिकी, पी. एच. डी. प्राणिकी   जावेप्रौद्योगिकी, डिप्लोमा इन एक्वाकल्चर टेक्नोलॉजी, वर्मीकम्पोस्टिंग, फिश प्रोडक्शन टेक्नोलॉजी, डेयरी टेक्नोलॉजी  आदि पूर्व से संचालित हैं।  इस वर्ष विभाग द्वारा

भारत का स्वाधीनता संग्राम विश्व के अब तक के सबसे महान और गौरवशाली संघर्षों में से एक - प्रो. सी. सी. त्रिपाठी

भोपाल। एनआईटीटीटीआर भोपाल में आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के अंतर्गत देश के प्रमुख हिन्दी साहित्यकारों का संक्षिप्त जीवन परिचय का तस्वीरों के साथ अनवारण किया गया । इस अवसर पर निदेशक प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने कहा की स्वतंत्रता के इस महायज्ञ में कवियों, साहित्यकारों और लेखकों का महत्वपूर्ण योगदान हे उन्होंने आम जनता में राष्ट्रप्रेम की भावना जगाने तथा उन्हें स्वाधीनता आन्दोलन का हिस्सा बनने हेतु प्रेरित किया । माखनलाल चतुर्वेदी की श्रेष्ठ कविता 'मुझे तोड़ लेना वनमाली उस पथ पर तुम देना फेंक, मैथिलीशरण गुप्त की कविता 'हे मातृभूमि', दुष्यंत कुमार की गजल 'हो गई है पीर पर्वत सी पिघलनी चाहिए, प्रेमचंद की रंगभूमि, कर्मभूमि उपन्यास हो या भारतेंदु हरिश्चंद्र का भारत दर्शन या जयशंकर प्रसाद का चन्द्रगुप्त- सभी देश प्रेम की भावना से भरी पड़ी हैं । रामधारी सिंह दिनकर ने अपनी कविता से देशप्रेम की ऐसी अलख जगाई कि लोग घरों से बाहर निकल आये और स्वतंत्रता आन्दोलन में हिस्सा लिया । प्रो. सी. सी. त्रिपाठी ने 'आज़ादी का अमृत महोत्सव' का महत्व बताते हुए कहा की भारत का स्वाधीनता सं

मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर की टीम द्वारा आयुर्वेद महाविद्यालय का किया निरीक्षण

उज्जैन। शासकीय धन्वन्तरि आयुर्वेद चिकित्सा महाविद्यालय उज्जैन के प्रधानाचार्य डॉ. जे.पी. चौरसिया ने बताया कि मध्यप्रदेष आयुर्विज्ञान विष्वविद्यालय, जबलपुर के डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा, इंदौर, डॉ. आर.के. गुप्ता एवं डॉ. पंकज मिश्रा, जबलपुर द्वारा महाविद्यालय के सभी 14 विभागों एवं चिकित्सालय में समस्त ओ.पी.डी. के साथ ही पी.जी. की मान्यता के अंतर्गत प्रसूति तंत्र एवं स्त्री रोग विभाग, पंचकर्म चिकित्सा इकाई का भी निरीक्षण किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालयीन चिकित्सालय अधीक्षक ओ.पी. शर्मा, वरिष्ठ प्रोफेसर डॉ. ओ. पी. व्यास, डॉ. सिद्धेश्वर सतुआ, डॉ. नृपेन्द्र मिश्रा, डॉ. वेदप्रकाश व्यास, डॉ. सुनीता डीराम, डॉ. नरेश जैन, डॉ. रामतीर्थ शर्मा, डॉ. आशीष शर्मा, जोगेन्द्रर कौर छाबड़ा, डॉ. गीता जाटवा, डॉ. अनुभा जैन, डॉ. जितेन्द्र जैन, डॉ. मुकेश गुप्ता, डॉ. कीर्ति कुमार अखण्ड, डॉ. वंदना सराफ आदि महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। निरीक्षण दल द्वारा संतोष व्यक्त करते हुए महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के कार्यों की प्रशंसा भी की साथ ही स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम की मान्यता मध्य

धरती और मनुष्य के लिए नवजीवन का संचार करती है पावस ऋतु - प्रो शर्मा

पावस ऋतु और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय  संगोष्ठी सम्पन्न नागरी लिपि परिषद् ,  मध्य प्रदेश एवं राष्ट्रीय  शिक्षक संचेतना,  उज्जैन के तत्वावधान में पावस ऋतु और पर्यावरण संरक्षण पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय  संगोष्ठी  एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा थे।  कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि नागरी लिपि परिषद नई दिल्ली के महामंत्री डॉ हरिसिंह पाल, डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे, श्री सुरेशचंद्र शुक्ल शरद आलोक ओस्लो नॉर्वे, श्रीमती सुवर्णा जाधव, पुणे थीं।  मुख्य वक्ता विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष  प्रो शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि अपने ढंग के अनूठे ग्रह पृथ्वी को उसका अनुपम रूप वर्षा ने ही दिया है। पावस ऋतु अनेक सहस्राब्दियों से मनुष्य और प्रकृति को नवजीवन देती आ रही है। सावन आते - आते नई उम्मीदों को लिए किसानों के साथ वनांचलों में रहने वाले विभिन्न समुदाय के लोगों का मन आनन्दित होने लगता है। वर्षा के दौरान ही तरह - तरह के लोक साहित्य के उद्भव और प्रसार का मौका मिला, ज

मालवा के प्रमुख खाद्य पदार्थों के संरक्षण एवं उनसे बनने वाले प्रोडक्ट को तैयार करने की विधियाँ का शिक्षण फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला में जारी

उज्‍जैन । विक्रम विश्वविद्यालय की खाद्य प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विगत सत्र से स्नातक में बीएससी ऑनर्स एवं स्नातकोत्तर एमएससी नवीन पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई है। फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डा सुधीर कुमार जैन ने बताया कि मालवा कृषि प्रधान होने के कारण प्रमुख उत्पाद, जैसे फल, सब्जियाँ एवं दूध का उत्पादन सबसे अधिक होता है। फूड टेक्नोलॉजी में उपरोक्त सभी का संरक्षण एवं उनसे बनने वाले प्रोडक्ट को तैयार करने की विधियां जैसे प्रोसेसिंग, प्रिजरवेशन, केनिंग या पेकिंग की विधियां प्रोडक्ट का क्वालिटी कन्ट्रोल एवं इसमें उत्पन्न सूक्ष्म जीवाणुओं का, जिससे कि खाद्य पदार्थ सड़ जाते हैं, विभिन्न प्रकार से परीक्षण , खाद्य पदार्थो एवं मिल्क एवं मिल्क पदार्थो मे मिलावट एवं उसका परीक्षण, जल का केमिकल एवं सूक्ष्मजीवों का परीक्षण इत्यादि का अध्ययन एवं प्रयोग सिखाया जाता है। एमएससी करने के बाद विद्यार्थियों को अनेक सरकारी उपक्रम, प्रायवेट उपक्रम, एमएनसी, किसान, मेगी, पारले, ब्रिटानिया,अमूल डेरी, सांची दुग्ध, आर्मी में फूड वैज्ञानिक, अनेको उपक्रमों में नौकरी की अपार संभावनाएँ हैं।

मोदी@20 ड्रीम्स मीट्स डिलीवरी पुस्तक पर राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि के रूप में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय ने की सहभागिता

गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय, बिलासपुर में 20 जुलाई को मोदी@20 ड्रीम्स मीट्स डिलीवरी पुस्तक पर केंद्रित राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। उक्त संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो अखिलेश कुमार पाण्डेय थे। विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रोफेसर नीलाम्बरी, पूर्व कुलपति सौराष्ट्र विश्वविद्यालय राजकोट थीं। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति, गुरु घासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर ने की। संगोष्ठी में देश के विभिन्न लेखकों द्वारा श्री मोदी जी के अवदान पर लिखी पुस्तकों के आधार पर उनके द्वारा देश की प्रगति हेतु किये गए उत्कृष्ट कार्यो पर विचार-विमर्श किया गया। गुरु घासीदास केंद्रीय विश्वविद्यालय द्वारा 20 जुलाई को मोदी @ 20 ड्रीम्स मीट्स डिलीवरी विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश की गणमान्य हस्तियों द्वारा लिखित पुस्तकों के आधार पर भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी के भारत के विकास एवं सशक्त राष्ट्र के रूप में किये जा रहे प्रयासों पर गहन चर्चा की गई। मोदी@20

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