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मालवा के प्रमुख खाद्य पदार्थों के संरक्षण एवं उनसे बनने वाले प्रोडक्ट को तैयार करने की विधियाँ का शिक्षण फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला में जारी


उज्‍जैन । विक्रम विश्वविद्यालय की खाद्य प्रौद्योगिकी अध्ययनशाला में विगत सत्र से स्नातक में बीएससी ऑनर्स एवं स्नातकोत्तर एमएससी नवीन पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई है। फूड टेक्नोलॉजी अध्ययनशाला के विभागाध्यक्ष डा सुधीर कुमार जैन ने बताया कि मालवा कृषि प्रधान होने के कारण प्रमुख उत्पाद, जैसे फल, सब्जियाँ एवं दूध का उत्पादन सबसे अधिक होता है। फूड टेक्नोलॉजी में उपरोक्त सभी का संरक्षण एवं उनसे बनने वाले प्रोडक्ट को तैयार करने की विधियां जैसे प्रोसेसिंग, प्रिजरवेशन, केनिंग या पेकिंग की विधियां प्रोडक्ट का क्वालिटी कन्ट्रोल एवं इसमें उत्पन्न सूक्ष्म जीवाणुओं का, जिससे कि खाद्य पदार्थ सड़ जाते हैं, विभिन्न प्रकार से परीक्षण , खाद्य पदार्थो एवं मिल्क एवं मिल्क पदार्थो मे मिलावट एवं उसका परीक्षण, जल का केमिकल एवं सूक्ष्मजीवों का परीक्षण इत्यादि का अध्ययन एवं प्रयोग सिखाया जाता है।

एमएससी करने के बाद विद्यार्थियों को अनेक सरकारी उपक्रम, प्रायवेट उपक्रम, एमएनसी, किसान, मेगी, पारले, ब्रिटानिया,अमूल डेरी, सांची दुग्ध, आर्मी में फूड वैज्ञानिक, अनेको उपक्रमों में नौकरी की अपार संभावनाएँ हैं। उपर्युक्त के अलावा पाठ्यक्रम पूर्ण कर स्वयं का स्वरोजगार स्थापित कर सकते है माननीय प्रधानमंत्री, माननीय मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश शासन के माननीय उच्च शिक्षा मंत्री की मंशानुसार एवं विक्रम विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रोफेसर डा अखिलेश कुमार पांडेय की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से यहां पर मालवा प्रांत के उत्पादकों द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन आधुनिक पद्धति से बढ़ाने के लिए शिक्षण - प्रशिक्षण किया जाएगा। खाद्य पदार्थों जैसे बेकरी, कन्फेक्शनरी न्यूट्रास्यूटिकल उत्पादन का पाठ्यक्रम के दौरान प्रशिक्षण दिया जाता है।

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