शिक्षा में स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां और समाधान विषय पर होगा मंथन
उज्जैन। विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन एवं शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, नई दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन 23- 24 जुलाई को विक्रम कीर्ति मंदिर में होगा। शिक्षा की स्वायत्तता और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 : चुनौतियां और समाधान विषय पर देश और विदेश के विशेषज्ञ विद्वान व्याख्यान और शोध पत्रों का वाचन करेंगे । वर्तमान शिक्षा व्यवस्था में शिक्षा व्यापार के रूप में स्थापित हो चुकी है। शिक्षा कुछ मात्रा में नौकरी तो दे रही है, किंतु संस्कार और चरित्र नहीं। छात्र शिक्षा प्राप्त करने के उपरांत भी अपने आपको कौशल विहीन आत्मविश्वास से शून्य और आसहाय अनुभव करता है । इन सब बातों को शिक्षा के साथ-साथ समाज के अन्य वर्गों ने भी अनुभव किया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भारतीय ज्ञान परंपरा , छात्रों के चरित्र, गुणों के विकास के साथ-साथ श्रेष्ठ नागरिकों के निर्माण पर का विशेष ध्यान रखा गया है। शिक्षा की स्वायत्तता शासन, विचारधारा, शिक्षा संचालक, अभिभावक आदि के अनावश्यक हस्तक्षेप से मुक्त होने की अवधारणा को रेखांकित करती है। इन सभी पहलुओं पर मंथन करने के लिए आज से अंतरराष्ट्रीय दो दिवसीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है ।
यह जानकारी देते हुए संगोष्ठी के संयोजक डा. दीनदयाल बेदिया ने बताया कि संगोष्ठी का शुभारंभ 23 जुलाई को प्रातः 10:30 बजे विक्रम कीर्ति मंदिर में उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में होगा। अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पांडेय करेंगे। विशेष अतिथि इंदिरा गांधी मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नागेश्वर राव होंगे। मुख्य वक्ता मध्यप्रदेश हिंदी ग्रंथ अकादमी के निदेशक श्री अशोक कडेल रहेंगे । विषय प्रवर्तक शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास के शिक्षा में स्वायत्तता के राष्ट्रीय संयोजक डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवाल होंगे। आयोजन समिति के अध्यक्ष एवं कुलसचिव डॉ प्रशांत पुराणिक ने बताया कि दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में 5 सत्रों में देश एवं विदेश के अनेक विद्वान और विषय विशेषज्ञ प्रतिभागिता करेंगे।
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