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सभी श्रेणी की कर प्रणाली को सरल और सुगम बनाने का साल रहा-2019

विशेष लेख भोपाल : सोमवार, जनवरी 6, 2020, 12:34 IST राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में सभी श्रेणी के करदाताओं के लिये कर प्रणाली को सरल और सुगम बनाया है। अब कम्प्यूटर प्रणाली से जीएसटी सिस्टम में पंजीयन की कार्यवाही की जा रही है। जीएसटी में अनिवार्य पंजीयन के लिये एक जुलाई 2019 से करदाताओं की वार्षिक टर्नओव्हर सीमा को 20 लाख से बढ़ाकर 40 लाख किया गया। वेट अधिनियम में 2,90,457 पंजीबद्ध करदाता एक जुलाई 2017 को जीएसटी में माइग्रेट हुए थे। इनकी संख्या बढ़कर अब 4 लाख 17 हजार से ज्यादा हो गई है। अप्रैल 2019 के बाद से अब तक जीएसटी में 41 हजार 136 नये पंजीयन जारी किये गये। कम्पोजिशन की सुविधा सालाना डेढ़ करोड़ तक टर्नओव्हर वाले छोटे निर्माता करदाताओं को कम्पोजिशन की सुविधा का विकल्प दिया गया, जिसमें उन्हें हिसाब रखने से छूट दी गई। त्रैमासिक कर चुकाने और वार्षिक विवरणी की सुविधा देने के लिये जीएसटी के नियमों में जरूरी बदलाव किये गये। सभी करदाताओं को प्रतिमाह वापसी के आवेदन करने की सुविधा दी गई। अब करदाता गलती से कर की राशि किसी अन्य हेड में जमा होने पर वापसी के लिये स्वयं ही उसे सही हेड में ट्रांसफर क

ई-गवर्नेंस सिस्टम से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था

विशेष लेख   भोपाल : रविवार, जनवरी 5, 2020, 17:24 IST प्रदेश में यातायात और पविहन व्यवस्था को सुदृढ़ और जनोपयोगी बनाने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ई-गवर्नेंस सिस्टम लागू किया। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी, अवैध परिवहन पर नियन्त्रण और परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आने लगा है इस नवाचार के लिये प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर 'स्कॉच' अवार्ड से सम्मानित किया गया। परिवहन राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि        राज्य सरकार ने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में कसावट लाकर राजस्व को भी बढ़ाया। इसके परिणामस्वरूप पिछले साल परिवहन राजस्व संग्रहण में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर तक 1782 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ और वर्ष 2019-20 में नवम्बर माह तक 1918.14 करोड़ परिवहन राजस्व संग्रहण हुआ। बकाया राजस्व की वसूली के लिये 5 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम आयु वाले परिवहन वाहनों को क्रमबद्ध तरीके से छूट प्रदान की गई। महिलाओं और महाविद्यालयीन छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस राज्य सरकार ने वचन पत्र के अनुसार बीते एक वर्ष में महाविद्यालयी छात्रा

गाँधी जी की छिन्दवाड़ा यात्रा का स्मृति दिवस-6 जनवरी 2020

विशेष लेख गाँधी जी के ऐतिहासिक छिंदवाड़ा भाषण की 99वीं वर्षगाँठ भोपाल : रविवार, जनवरी 5, 2020, 18:09 IST   'मुझे यह बताते हुए गर्व है कि मेरे दादाजी महात्मा गाँधी से मिले थे और उस समय के राजनैतिक परिदृश्य पर उनसे बातचीत की थी। यह कहते हुए नितिन त्रिवेदी गर्व से भर उठते हैं। नितिन छिंदवाड़ा जिले के पोला ग्राउंड इलाके में प्रिंटिंग प्रेस चलाते हैं। उनके पिता देवेंद्र गोविंदराम त्रिवेदी ने इसकी शुरुआत की थी। नितिन त्रिवेदी ने अपने पिता से बहुत सुना कि कैसे उनके दादा गोविंदराम त्रिवेदी महात्मा गाँधी के आह्वान पर कांग्रेस में शामिल हुए। उनके दादा नामी वकील थे। नितिन ने अपने पिता से सुनी हुई उन बातों को साझा किया, जिनमें वे बताते थे कि किस तरह से गोविंदराम त्रिवेदी ने गाँधी जी से एक चाँदी की प्लेट 501 रुपये में खरीदी थी। गाँधी जी 1933 में दूसरी बार छिंदवाड़ा आये थे। वे स्वतंत्रता आंदोलन के समर्थन में धन जुटा रहे थे। उन्होंने चांदी की प्लेट नीलाम कर दी। नीलामी की कीमत सबसे कम 11 रुपये आंकी गई थी, लेकिन गोविंद राम त्रिवेदी ने इस महान कार्य के लिए इस प्लेट को 501 रुपये में खरीदा। गाँधी जी के क

बुनकरों और शिल्पियों के कारोबार को मिली नई पहचान

विशेष लेख भोपाल : शनिवार, जनवरी 4, 2020, 12:09 IST प्रदेश में कुटीर और ग्रामोद्योग को आर्थिक रूप से सशक्त और लोकप्रिय बनाने के लिये राज्य सरकार ने सत्ता संभालते ही शिल्पियों, ग्रामीण कारीगरों और हुनरमंद कलाकारों को प्रोत्साहित करना शुरू किया। शिल्प कलाओं से जुड़े ग्रामीण कई वर्षों से जीविका में कोई नया आयाम नहीं जुड़ने से निराश और हताश थे। सरकार ने इन्हें बढ़ावा देकर आर्थिक रूप से मजबूत बनाने की पहल की।पिछले एक वर्ष में राज्य सरकार ने अपने वचन-पत्र के कुटीर एवं ग्रामोद्योग संबंधी सात वचन पूरे किये हैं। शेष सात वचन पूरा करने की कार्यवाही शुरू की गई है। प्रदेश में हाथकरघा, हस्तशिल्प एवं माटी कला शिल्प के उत्कृष्ट शिल्पियों को प्रतिवर्ष पुरस्कार दिए जाना शुरू किया गया है। पुरस्कार राशि को दोगुना कर क्रमश: एक लाख, 50 हजार, 25 हजार के स्थान पर 2 लाख, एक लाख और 50 हजार रूपए के प्रथम, द्वितीय और तृतीय पुरस्कार देने का निर्णय क्रियान्वित किया गया। मृगनयनी विक्रय केन्द्रों से जुड़े राष्ट्रीय फैशन संस्थान के विद्यार्थी राज्य सरकार ने कार्यकाल के पहले साल में ही मृगनयनी एम्पोरियम से राष्ट्रीय फैशन सं

चुनौतीपूर्ण आर्थिक परिदृश्य में कुशल वित्तीय प्रबंधन

विशेष लेख भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 3, 2020, 12:09 IST मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ की अगुआई में बनी राज्य सरकार पर प्रदेश की जनता से किए गए वादों को पूरा करने की जिम्मेदारी पहले दिन से ही रही है। किसानों, आदिवासियों, कर्मचारियों, युवाओं सहित सभी लोग प्रदेश में इस बदलाव को आशा और अपेक्षा की नजर से देख रहे थे। सरकार ने आते ही मिली वित्तीय रिक्तता, आर्थिक मंदी जैसी विषम परिस्थिति और वित्तीय मामलों में केन्द्र सरकार के असहयोगी रवैये से जन अपेक्षाओं पर पूरा उतरना नई सरकार के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। नई सरकार के सामने राज्य के सामाजिक, आर्थिक और भौतिक ढांचे को अधिक मजबूत बनाने का मुख्य लक्ष्य था। यह सब सशक्त आर्थिक आधार और बेहतर वित्तीय प्रबंधन के बिना संभव नहीं था। राज्य सरकार ने इस परिस्थिति से निपटने के लिये बेहतर वित्तीय प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। इससे शासकीय विभागों को अनिवार्य व्ययों के लिए निरंतर राशि उपलब्ध कराना संभव हुआ। प्रदेश की उन्नति और सबके हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के क्रम में सर्वोच्च प्राथमिकता हमारी अर्थ-व्यवस्था के प्रमुख आधार किसान को दी गई। जय किसान फसल ऋण माफी योजना

महिला-बाल विकास के कामों को गति देने का साल रहा-2019

मध्यप्रदेश विशेष लेख भोपाल : गुरूवार, जनवरी 2, 2020, 12:37 IST राज्य शासन ने महिलाओं और खास कर बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य तथा पोषण व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिये पिछले एक साल में महत्वपूर्ण निर्णय लिये और उन्हें लागू किया। साथ ही नवाचारों को भी प्राथमिकता दी गयी। नयी बाल संरक्षण नीति का निर्धारण शुरू किया गया। राज्य के किशोर न्याय नियम बनाकर प्रचलन में लाये गये। समेकित बाल संरक्षण योजना में 11 नई संस्थाएँ स्वीकृत की गईं। अटल बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन में अति कम एवं कम वजन के बच्चों के परिवारों को सोयाबड़ी का प्रदाय शुरू किया गया। तीन से छह वर्ष तक के बच्चों को चप्पल प्रदाय की गई। बाल भिक्षावृत्ति को रोकने के लिए भोपाल संभाग से 'खुशहाल नौनिहाल' अभियान शुरू किया गया। आँगनवाड़ी सेवाओं के सुचारु संचालन और वहाँ गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए व्हॉट्सअप नंबर 8305101188 पर शिकायत निवारण व्यवस्था लागू की गई। बाल शिक्षा केन्द्र राज्य सरकार ने प्रत्येक विकासखण्ड के एक ऑगनवाड़ी केन्द्र को बाल शिक्षा केन्द्र के रूप में विकसित करने की शुरूआत की है। पहले चरण में 313 ऑगनवाड़ी में बाल शिक्षा केन्

ग्रामों में सुद्दढ अधोसंरचना से समृद्ध मानव विकास का लक्ष्य

विशेष लेख भोपाल : मंगलवार, दिसम्बर 31, 2019, 11:58 IST सदियों देश में सबसे महत्वपूर्ण ईकाई ग्राम ही रहा है। भारत को गाँवों का देश कहा जाता है। हमारी 75 प्रतिशत आबादी या तो गाँव में ही निवास करती है या फिर ग्राम से सम्बन्धित है। हमारी अर्थव्यवस्था ग्रामीण अर्थव्यवस्था ही है। मध्यप्रदेश में ग्रामों को आर्थिक, सामाजिक, अधोसंरचना और स्वायत्ता के हिसाब से समृद्ध बनाने का काम किया गया है। देश में सर्वप्रथम पंचायतराज व्यवस्था को 73वें संविधान संशोधन विधि के माध्यम से ग्राम-पंचायतों को अपने विकास का कार्य स्वंय तय करने की जिम्मेदारी सौंपी गई, जो देश के इतिहास में सदैव मील के पत्थर के रूप में याद की जाती रहेगी। मध्यप्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद से पंचायतों को आर्थिक और अधिकारिता के दृष्टिकोण से समृद्ध बनाने का कार्य किया जा रहा है। क्योंकि राज्य सरकार का मानना है कि जब ग्राम समृद्ध होंगे तथा राज्य समृद्ध होगा। वर्तमान सरकार ने अपने पहले वार्षिक बजट में 25 हजार 15 करोड़ का प्रावधान ग्रामीण विकास और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए किया है। वित्त वर्ष की तीन-तिमाई पूरी होते-होते ग्राम विकास का रोड़

2019- विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों का वर्ष

विशेष लेख भोपाल : सोमवार, दिसम्बर 30, 2019, 17:17 IST मध्यप्रदेश के लोकोन्मुखी प्रशासनिक इतिहास में नि:संदेह, वर्ष 2019 विवेकपूर्ण और साहसिक निर्णयों तथा सार्थक आयोजनों के वर्ष के रूप में याद रखा जाएगा। मुख्यमंत्री के रूप में श्री कमल नाथ के नेतृत्व वाली नई सरकार ने 2 लाख रुपये तक के कृषि ऋण को माफ करने का अपना पहला साहसिक निर्णय लिया। नतीजतन, लगभग 20 लाख किसानों को अब तक राहत मिली और बाकी को राहत मिलना जारी है। यह एक बहुप्रतीक्षित निर्णय था। किसानों द्वारा की गई आत्म-हत्याओं के लिए मुख्य रूप से ऋणग्रस्तता और प्राकृतिक आपदाओं से फसलों की विफलता जैसे कारण बताए गए थे। प्रासंगिक राजस्व कानूनों के तहत किसानों को सामान्य प्रावधानों से अलग हटकर राहत की जरूरत महसूस की जा रही थी। सरकार ने तुरंत कृषि ऋणों को माफ करने का अपना पहला आदेश जारी कर अपने पहले वादे का सम्मान किया। खाली हो चुके सरकारी खजाने को देखते हुए निर्णय पर प्रारंभिक रूप से संदेह व्यक्त किया गया। यह प्रभावशाली शुरुआत थी।  इसके बाद विवेकपूर्ण  फैसलों की एक श्रृंखला-सी बन गई। शासन को मज़बूती देना और  नई चुनौतियों का सामना कर समाधान न

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