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ई-गवर्नेंस सिस्टम से बेहतर हुई यातायात एवं परिवहन व्यवस्था

विशेष लेख


 


भोपाल : रविवार, जनवरी 5, 2020, 17:24 IST

प्रदेश में यातायात और पविहन व्यवस्था को सुदृढ़ और जनोपयोगी बनाने के लिये राज्य सरकार ने वर्ष 2019 में ई-गवर्नेंस सिस्टम लागू किया। इससे सड़क दुर्घटनाओं में कमी, अवैध परिवहन पर नियन्त्रण और परिवहन विभाग की कार्य-प्रणाली में बड़े पैमाने पर बदलाव नजर आने लगा है इस नवाचार के लिये प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर 'स्कॉच' अवार्ड से सम्मानित किया गया।


परिवहन राजस्व में 8 प्रतिशत की वृद्धि


       राज्य सरकार ने परिवहन विभाग की कार्यप्रणाली में कसावट लाकर राजस्व को भी बढ़ाया। इसके परिणामस्वरूप पिछले साल परिवहन राजस्व संग्रहण में करीब 8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वर्ष 2018-19 में माह नवम्बर तक 1782 करोड़ राजस्व प्राप्त हुआ और वर्ष 2019-20 में नवम्बर माह तक 1918.14 करोड़ परिवहन राजस्व संग्रहण हुआ। बकाया राजस्व की वसूली के लिये 5 वर्ष से अधिक और 50 वर्ष से कम आयु वाले परिवहन वाहनों को क्रमबद्ध तरीके से छूट प्रदान की गई।


महिलाओं और महाविद्यालयीन छात्राओं को नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस


राज्य सरकार ने वचन पत्र के अनुसार बीते एक वर्ष में महाविद्यालयी छात्राओं को 65 हजार नि:शुल्क ड्रायविंग लायसेंस वितरित किये। दिव्यांग हितेषी मानकों के अनुरूप जून 2019 में परिवहन विभाग की नई वेबसाइट लांच कर उसे लाईव किया गया। महिलाओं को निःशुल्क एक लाख 11 हजार 898 लर्निंग लायसेंस जारी किये गये, जो गत वर्ष जारी लायसेंस की तुलना में 15 प्रतिशत अधिक थे। देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्रीमती इंदिरा गाँधी के जन्म-दिवस 19 नवम्बर 2019 से प्रियदर्शिनी दिवस पर महिलाओं के लिये एक साल तक निश्चित अवधि के अंतर से त्रैमासिक निःशुल्क शिविर लगाने का निर्णय ले कर उसका क्रियान्वयन शुरू किया गया।


       प्रदेश में पीपीपी मोड पर ऑटोमेटेड ड्रायविंग टेस्टिंग ट्रेक स्थापित करने का निर्णय लिया गया। इसे परियोजना का स्वरूप दिया गया। इसके संचालन के लिये सीआईआरटी को तकनीकी कंसलटेंट नियुक्त कर परियोजना पर कार्य शुरू किया गया। प्रारम्भिक तौर पर 10 संभागीय परिवहन कार्यालयों में पीपीपी मोड ऑटोमेटेड फिटनेस एवं सर्टिफिकेशन सेन्टर की स्थापना की जा रही है।


जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम


सुगम और सहज लोक परिवहन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिये परमिट जारी होने के बाद आर.टी.ओ. द्वारा प्रति हस्ताक्षर किये जाने की दूरी को 25 किलोमीटर से बढ़ाकर 250 किलोमीटर कर दिया गया है। लोक परिवहन एवं वाणिज्यिक वाहनों में जीपीएस बेस्ड व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम लगवाना अनिवार्य कर दिया गया है। इसकी मॉनिटरिंग के लिए कंट्रोल एंड कमांड सेंटर की स्थापना की जा रही है। पीयूसी सेंटर के लिए प्रदेश में एकीकृत वेब एप्लीकेशन की व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिये अन्य राज्यों में प्रदेश में संचालित व्यवस्था का अध्ययन कर उन संस्थाओं के प्रस्तुतीकरण का परीक्षण कर आगामी कार्यवाही की जाएगी।


एग्रीगेटर पॉलिसी


       प्रदेश में मैक्सी-कैब, मोटर कैब, आटो-रिक्शा और मोटर-साईकिल को भाड़े पर देने के लिये एग्रीगेटर पॉलिसी जारी की गई। विद्यार्थियों के लिये सुरक्षित परिवहन सुनिश्चित करने के उद्देश्य से शैक्षणिक वाहनों के लिये नियंत्रण एवं विनियमन योजना-2019 शुरू की गई।  बैटरी चलित वाहनों पर एक समान 4 प्रतिशत कर की नीति निर्धारित की गई। राज्य सरकार ने ग्वालियर व्यापार मेले में 2018-19 में गैर परिवहन यानों तथा छोटे परिवहन यानों को जीवनकाल-कर में 50 प्रतिशत की छूट प्रदान की गई। एक अन्य आदेश के अनुसार बकाया राजस्व की वसूली के  लिए ऐसे व्यवसायिक वाहनों के करों में छूट प्रदान की गई जिनकी आयु 5 वर्ष से अधिक और 20 वर्ष से कम हो, क्रमबद्ध तरीके से छूट दी गई।    


 


मुकेश दुबे

Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर


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