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शिक्षा संस्थानों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा समय की माँग : डॉ अवधेश प्रताप यादव, प्रमुख सचिव

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 बैंगलुरु। वर्तमान अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगी काल में युवाओं को प्रगति के लिए गुणवत्तायुक्त उच्च शिक्षा समय की माँग है तथा बैंगलुरु स्थित एसईए  इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी संस्थान इस दिशा में विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से उच्च शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। यह उद्ग़ार बैंगलुरु प्रवास के समय डॉ अवधेश प्रताप सिंह यादव, प्रमुख सचिव  मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा एसईए  इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में आयोजित सम्मान कार्यक्रम में व्यक्त किये गये।  इस अवसर पर कर्नाटक विधान परिषद सदस्य एवं अध्यक्ष कर्नाटक राज्य यादव महासभा  श्री डी टी श्रीनिवास, श्रीमती पूर्णिमा, पूर्व विधायक, एडवोकेट श्रीनिवासुलु व अन्य पदाधिकारियों द्वारा डॉ अवधेश प्रताप सिंह यादव का परंपरागत शैली में आत्मीय सम्मान किया गया। सम्मान कार्यक्रम उपरांत डॉ अवधेश प्रताप सिंह यादव द्वारा संस्थान के परिसर एवं ईशा फाउंडेशन आदि योगी सन्निधि  का अवलोकन किया गया। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya...

भारत की लोक और जनजातीय भाषाएँ, साहित्य और संस्कृति के संरक्षण और व्याख्या पर दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी सम्पन्न

निजता के वृत्त को तोड़ कर  जो समाज में विलीन हो, वह लोक है – कला मनीषी श्री उपाध्याय   संजा लोकोत्सव 2025 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय लोक साहित्य महोत्सव में पद्मश्री भेरूसिंह चौहान लोक गंधर्व उपाधि से सम्मानित   Ujjain | हिंदी पखवाड़े के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन एवं   प्रतिष्ठित संस्था प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा संजा लोकोत्सव  2025 के अंतर्गत दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश एवं पर्यटन विभाग, मध्यप्रदेश के सहयोग से आयोजित किया गया। दूसरे दिन रविवार को अंतरराष्ट्रीय लोक साहित्य महोत्सव के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत की लोक और जनजातीय भाषाएँ, साहित्य और संस्कृति : संरक्षण, व्याख्या और प्रासंगिकता पर तीन सत्रों में विद्वानों के व्याख्यान और शोध पत्रों की प्रस्तुति हुईं। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि वरिष्ठ कला मनीषी श्री नर्मदाप्रसाद उपाध्याय इंदौर थे। विभिन्न सत्रों में नेपाल से आए विद्वान डॉ अंजनीकुमार झा, पद्मश्री कालूराम बामनिया, डॉ पूरन सहगल, ...

दसवां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस : आयुर्वेद जन-जन के लिए, पृथ्वी के कल्याण के लिए

प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी दसवां राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस भव्यता के साथ मनाया जाएगा। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने घोषणा की है कि अब से प्रतिवर्ष राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस 23 सितंबर को मनाया जाएगा। खगोलविदों के अनुसार, 23 सितंबर को दिन और रात बराबर होते हैं। यह तिथि शरद विषुवत (Autumnal Equinox) की होती है, जो प्रकृति में संतुलन का प्रतीक मानी जाती है। यह संतुलन आयुर्वेद के मूल सिद्धांत— शरीर, मन और आत्मा के बीच सामंजस्य—से गहराई से मेल खाता है। यही प्राकृतिक संतुलन एवं समरसता आयुर्वेद के दर्शन का आधार है। पूर्व में प्रतिवर्ष धनतेरस की तिथि को आयुर्वेद दिवस मनाने की परंपरा थी। किंतु, तिथि की अनिश्चितता के कारण राष्ट्रीय व वैश्विक स्तर पर इस दिन आयोजन करना कठिन होता था। उदाहरण के तौर पर, आगामी दशक में धनतेरस की तिथि 15 अक्टूबर से 12 नवंबर के बीच परिवर्तित होती रहेगी। इस अस्थिरता को ध्यान में रखते हुए, केंद्र सरकार ने 27 मार्च 2025 को जारी अधिसूचना के माध्यम से यह घोषणा की कि अब से प्रतिवर्ष 23 सितंबर को ही आयुर्वेद दिवस मनाया जाएगा। यह तिथि स्थिर है और अंतरराष्ट्रीय स्त...

जो प्रमाण वेद और शास्त्र नहीं दे सकते वे प्रमाण लोक देता है- पद्मश्री डॉ दाधीच

लोक ने अपनी भाषा, शब्दावली और व्याकरण से  भाषाओं को समृद्ध बनाया है – कुलपति प्रो नन्दकिशोर पांडेय   अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ भारत की लोक और जनजातीय भाषाएँ, साहित्य और संस्कृति: संरक्षण, व्याख्या और प्रासंगिकता पर मंथन संजा लोकोत्सव 2025 के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय लोक साहित्य महोत्सव में हुआ पद्मश्री से सम्मानित चार विभूतियों का सम्मान और पांच ग्रन्थों का लोकार्पण Ujjain | हिंदी पखवाड़े के अवसर पर सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय उज्जैन एवं   प्रतिष्ठित संस्था प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था, उज्जैन द्वारा संजा लोकोत्सव  2025 के अंतर्गत दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार, नई दिल्ली, संस्कृति विभाग, मध्यप्रदेश शासन एवं पर्यटन विभाग, मध्यप्रदेश शासन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है। पहले दिन शनिवार को अंतरराष्ट्रीय लोक साहित्य महोत्सव के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत की लोक और जनजातीय भाषाएँ, साहित्य और संस्कृति : संरक्षण, व्याख्या और प्रासंगिकता पर गहन मंथन हुआ। कार्यक्रम के प्रमुख अतिथि विख्यात नृत्य गुरु एव...

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