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पं. मोरेश्वर शास्त्री द्वारा महाकवि कालिदास पर किये शोध एवं तिथि निर्धारण को नमन करता हूँ - प्रो. त्रिपाठी

महाकवि कालिदास जयंती समारोह संपन्न उज्जैन।  पं. मोरेश्वर शास्त्री समिति द्वारा महाकवि कालिदास जयन्ती का आयोजन महाकाल लोक स्थित त्रिवेणी संग्रहालय में किया गया ।  कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ.केदारनारायण जी जोशी ने कहा कि पं. मोरेश्वर शास्त्री ने काल गणना एवं महाकवि के काव्य ग्रंथों के आधार पर ही जन्मतिथि निर्धारण की हैं ।  कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि के रूप में बोलते हुए विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि पं. मोरेश्वर शास्त्री ने महाकवि कालिदास का जन्म नाम चंद्रचूड़ बताया जो शोध ग्रंथ कालिदास अकादमी में सुरक्षित हैlन महाकवि कालिदास का उज्जैन से अनुराग सुप्रसिद्ध है। पंडित मोरेश्वर शास्त्री ने उनके जीवन से जुड़े महत्वपूर्ण प्रसंग और स्थलों का अध्ययन कर विद्वानों को अवगत कराया। कालिदास के साहित्य में मालवा क्षेत्र और उज्जैन के पर्यावरण और संस्कृति का मनोहारी चित्रण मिलता है, उसके आधार पर पर्यटन और विकास की भावी दिशा मिलती है।  विशेष आमंत्रित अतिथि डॉ उपेंद्र भार्गव ने कहा कि पं. मोरेश्वर शास्त्री ज...

मऊ, सारंगपुर, चतुरखेड़ी, ग्वाडा गांव में डीबीटी किसान हब परियोजना के अंतर्गत वैज्ञानिकों का दौरा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल । 25 जून, 2025 को स्थान - मऊ गांव (जिला राजगढ़) में डीबीटी किसान हब परियोजना के अंतर्गत सीआईएई भोपाल (केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल) से आए वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत सिंह, डॉ. दीपक थोरात  तथा परियोजना के कर्मचारी इंजी. राहुल विश्वकर्मा और इंजी. ज्ञानेंद्र ठाकुर ने राजगढ़ जिले के मऊ सारंगपुर, चतुरखेड़ी और ग्वाडा गांव का दौरा किया। वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि, सोयाबीन की खेती में ब्रॉड बेड फरो (BBF) तकनीक अपनानी चाहिए, जिससे ज्यादा बारिश की स्थिति में जल निकासी और कम बारिश की स्थिति में मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे फसल की पैदावार बेहतर होती है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि, सोयाबीन फसल कटाई के बाद नरवाई न जलाएं, बल्कि उसे खेत में छोड़कर जैविक खाद के रूप में प्रयोग करें। इसके साथ ही उन्हें नरवाई प्रबंधन की आवश्यक मशीनों की जानकारी उपलब्ध कराई।  उन्होंने बताया कि, किसान पारंपरिक रूप से प्रति एकड़ 60-80 किलो सोयाबीन बीज का उपयोग करते हैं, जिससे फसल अत्यधिक घनी हो जाती ह...

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग में मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव डॉ. अवधेश प्रताप सिंह ने किए दर्शन

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 पुणे। मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा द्वारा आयोजित संसद तथा राज्य विधान मंडलों की प्राक्कलन समितियों के राष्ट्रीय सम्मेलन के उपरांत, मध्यप्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव डॉ. अवधेश प्रताप सिंह जी ने सपरिवार सहित प्रशासन के साथ बुधवार, 25 जून, 2025 को पुणे के समीप स्थित ज्योतिर्लिंग श्री भीमाशंकर मंदिर में अलौकिक दर्शन किए। ✍  राधेश्याम चौऋषिया  Radheshyam Chourasiya Radheshyam Chourasiya II ● सम्पादक, बेख़बरों की खबर ● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन ● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश ● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक ● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति "बेख़बरों की खबर" फेसबुक पेज... Bekhabaron Ki Khabar - बेख़बरों की खबर "बेख़बरों की खबर" न्यूज़ पोर्टल/वेबसाइट... 👇 https://www.bkknews.page "बेख़बरों की खबर" ई-मैगजीन पढ़ने के लिए नीचे दी गई लिंक पर क्लिक करें... https://www.readwhere.com/publi.../6480/Bekhabaron-Ki-Khabar 🚩🚩🚩🚩 आभार, धन्यवाद, साद...

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