🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
भोपाल । 25 जून, 2025 को स्थान - मऊ गांव (जिला राजगढ़) में डीबीटी किसान हब परियोजना के अंतर्गत सीआईएई भोपाल (केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल) से आए वैज्ञानिक डॉ. दुष्यंत सिंह, डॉ. दीपक थोरात तथा परियोजना के कर्मचारी इंजी. राहुल विश्वकर्मा और इंजी. ज्ञानेंद्र ठाकुर ने राजगढ़ जिले के मऊ सारंगपुर, चतुरखेड़ी और ग्वाडा गांव का दौरा किया।
वैज्ञानिकों ने किसानों को उन्नत कृषि तकनीकों की जानकारी दी। उन्होंने किसानों को बताया कि, सोयाबीन की खेती में ब्रॉड बेड फरो (BBF) तकनीक अपनानी चाहिए, जिससे ज्यादा बारिश की स्थिति में जल निकासी और कम बारिश की स्थिति में मिट्टी में नमी बनी रहती है, जिससे फसल की पैदावार बेहतर होती है। उन्होंने यह भी आग्रह किया कि, सोयाबीन फसल कटाई के बाद नरवाई न जलाएं, बल्कि उसे खेत में छोड़कर जैविक खाद के रूप में प्रयोग करें। इसके साथ ही उन्हें नरवाई प्रबंधन की आवश्यक मशीनों की जानकारी उपलब्ध कराई।
उन्होंने बताया कि, किसान पारंपरिक रूप से प्रति एकड़ 60-80 किलो सोयाबीन बीज का उपयोग करते हैं, जिससे फसल अत्यधिक घनी हो जाती है। इसका परिणाम यह होता है कि खेत में खरपतवार की अधिकता, पौधों में प्रतिस्पर्धा तथा छिड़काव और निराई में कठिनाई उत्पन्न होती है।
वैज्ञानिकों ने किसानो को प्रति एकड़ 30-35 किलो सोयाबीन के उन्नत किस्मों के बीज उपयोग करने की कि सलाह दी। इससे न केवल उत्पादन बेहतर होगा, बल्कि फसल प्रबंधन भी सरल हो जाएगा। वैज्ञानिकों ने किसानों को सोयाबीन के पोषण और स्वास्थ्य लाभों की जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में किसानों को उन्नत बीज, खाद, और खरपतवार नाशक दवाओं का वितरण भी किया गया।
इस कार्यक्रम मे बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया एवं इसके संचालन मे सीआईएई भोपाल से कस्टम हायरिंग प्रशिक्षण प्राप्त मऊ गांव के प्रगतिशील किसान एवं एफपीओ के संचालक श्री श्याम सिंह राजपूत का भी सहयोग प्राप्त हुआ ।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य था – किसानों को उन्नत तकनीकों से जोड़ना, उनकी आय और उत्पादन में वृद्धि करना तथा खेती को टिकाऊ बनाना।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
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