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इंडियन डेयरी एसोसिएशन एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के संदर्भ में बैठक सम्पन्न

उज्जैन। आज दिनांक 26 मई 2025 को विक्रम विश्वविद्यालय के कार्य परिषद कक्ष में एक बैठक का आयोजन किया गया, जो आगामी 4 एवं 5 जुलाई 2025 को इंडियन डेयरी एसोसिएशन एवं विक्रम विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में होने वाले दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के आयोजन के संदर्भ में की गई थी। संगोष्ठी में  मध्य प्रदेश में डेयरी विकास, संभावनाएं एवं चुनौतियां इस विषय पर विचार मंथन किया जाना है। आज आयोजित की गई इस बैठक में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रो अर्पण भारद्वाज की अध्यक्षता में आहूत की गई।   इस बैठक में इंडियन डेयरी एसोसिएशन के श्री सुभाष दुबे, श्री जे आर दारूवाला एवं श्री नंदन शर्मा आदि गणमान्य पदाधिकारी उपस्थित थे। साथ ही इस संगोष्ठी के संयोजक डॉ डी एम कुमावत सहित विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों की विभिन्न समितियों के सदस्य भी उपस्थित थे। बैठक में संगोष्ठी को सफल बनाने हेतु मुख्य बिंदुओं पर विचार रखे गए।  इस संगोष्ठी में दुग्ध उद्योग  से संबंधित लगभग समस्त आनुषंगिक संगठन उपस्थित रहेंगे। इस संगोष्ठी में कृषक डेयरी फार्म संचालक, कृषक उपकरण निर्माता, उपस्थित रहे...

जीवंत सांस्कृतिक कला है जादू : प्रो.संजय द्विवेदी

जादूगर ओपी शर्मा के शो के समापन समारोह में शामिल हुए आईआईएमसी के पूर्व महानिदेशक 🙏 राधेश्याम चौऋषिया 🙏 *भोपाल*। अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त जादूगर ओपी शर्मा द्वारा प्रस्तुत भव्य जादू शो का समापन भोपाल के भारत टाकीज में अत्यंत उत्साह और प्रशंसा के साथ संपन्न हुआ। भोपाल में 2 माह तक उन्होंने भोपालवासियों का अपनी जादूकला से मनोरंजन किया। अब वे जयपुर में अपनी प्रस्तुति के लिए राजस्थान रवाना हो गए हैं। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी ने शो के समापन अवसर पर कहा कि, जादू केवल भ्रम नहीं, बल्कि कल्पनाशक्ति, कौशल और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत रूप है। जादूगर ओपी शर्मा की जादू कला हमें केवल चकित नहीं करती, बल्कि यह सिखाती है कि कैसे परिश्रम, निरंतर अभ्यास और नवाचार के माध्यम से मनोरंजन को समाजसेवा का माध्यम बनाया जा सकता है। प्रो.द्विवेदी ने कहा कि, जादूगर ओपी शर्मा भारत के लोकप्रिय जादूगरों में से एक हैं। उनका जादू केवल मंच तक सीमित नहीं है, बल्कि वह सामाजिक संदेशों, देशभक्ति और मानवीय मूल्यों को भी अपनी प्रस्तुतियों में समाहि...

क्रांति संतों के द्वारा या स्त्रियों के द्वारा ही हो सकती है – डॉ. मोहन गुप्त

कवयित्री डॉ. ऊर्मि शर्मा की दो पुस्तकों का लोकार्पण हुआ  पिछले तेरह सौ वर्षों के हिन्दी साहित्य का अवलोकन कर डॉ. ऊर्मि शर्मा ने पुस्तकें लिखकर उपकार का कार्य किया है। क्रांति संतों के द्वारा या स्त्रियों के द्वारा ही हो सकती है और इन पुस्तकों में क्रांतिकारी स्त्री विमर्श है। ये पुस्तकें नई पीढ़ी के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। ये विचार मध्यप्रदेश लेखक संघ उज्जैन द्वारा, श्री राम जानकी मंदिर सभागृह में आयोजित, कवयित्री डॉ. ऊर्मि शर्मा की दो पुस्तकों, हिन्दी साहित्य के स्वर एवं मौन रहकर गूंजते हैं शब्द के लोकार्पण प्रसंग में पूर्व कुलपति डॉ. मोहन गुप्त ने प्रमुख अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में व्यक्त किये।  सारस्वत अतिथि पूर्व कुलपति डॉ. बालकृष्ण शर्मा ने कहा कि शब्द अनादि है, अनन्त है और शब्द ब्रह्म है और इन पुस्तकों की रचनाओं में ईश्वर तत्व और अक्षर तत्व है। विशेष अतिथि इग्नू, नई दिल्ली के पूर्व कुलपति प्रो. नागेश्वर राव ने कहा कि पुस्तकें अपने समयकाल और आवश्यकता के अनुसार समसामयिक होकर प्रासंगिक हैं।  विशिष्ट अतिथि मालवी साहित्यकार प्रो. शिव चौरसिया ने कहा कि ऊर्मि जी की प...

विकसित भारत संकल्प पद यात्रा एवं कृषक संगोष्ठी, ग्राम पंचायत भादकुई, सीहोर में सम्पन्न

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री माननीय श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में ग्राम पंचायत भादाकुई, सीहोर में विकसित भारत संकल्प पद यात्रा एवं कृषक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर किसानों एवं कृषि से जुड़े विभिन्न हितधारकों की उत्साहपूर्ण सहभागिता देखने को मिली। मुख्य अतिथियों में डॉ. एम.एल. जात (सचिव, डेयर एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प.), डॉ. ए.के. नायक (उप महानिदेशक, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन) एवं डॉ. सी.आर. मेहता (निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-सीआईएई, भोपाल) उपस्थित थे। माननीय केन्द्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार की किसान कल्याण हेतु प्रतिबद्धता दोहराई और आत्मनिर्भर ग्रामीण भारत के निर्माण हेतु वैज्ञानिकों व किसानों के मध्य संवाद को आवश्यक बताया। महानिदेशक डॉ. जाट ने टिकाऊ कृषि पद्धतियों और प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण की आवश्यकता पर बल दिया तथा बताया कि मध्यप्रदेश स्थित भा.कृ.अनु.प. संस्थानों के वैज्ञानिक खरीफ मौसम में सोयाबीन व धान की प्रमुख तकनीकों का प्रदर्शन करेंगे। डॉ. नायक ने किसान अनुकूल यंत्रों, प्रसंस्करण तकनीकों तथा वै...

शिक्षकों को सशक्त करने के प्रयास का सहभागी बनेगा हमारा संस्थान: प्रो. सी.सी. त्रिपाठी

  उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश के लिए अभिनव पहल  भोपाल। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान, (निटर )भोपाल द्वारा  उच्च शिक्षा विभाग के प्राध्यापकों , प्राचार्यों, पुस्तकालयाध्यक्षों एवं प्रयोगशाला तकनीशियनों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में  प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। निटर के डायरेक्टर प्रो. सी.सी. त्रिपाठी ने  कहा कि उच्च शिक्षा विभाग की दूरदर्शिता के फलस्वरूप इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों से  प्रदेश के शैक्षिक मानकों को सशक्त बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।  इन कार्यक्रमों से न केवल मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक सदस्यों की क्षमता में वृद्धि हो रही  है, बल्कि आधुनिक शैक्षणिक तकनीकों, गुणवत्ता के मानकों, डिजिटल लिटरेसी एवं शैक्षणिक नेतृत्व को अपनाने का मार्ग भी प्रशस्त हुआ है। आशा है कि भविष्य में भी ऐसे उपयोगी प्रशिक्षण कार्यक्रमों के आयोजन से प्रदेश के शिक्षकों को समयानुसार उन्नत और प्रभावशाली शिक्षण पद्धतियों से सशक्त किया जा सकेगा और हमारा संस्थान इस प्रयास का सहभा...

डॉ. एम.एल. जाट, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली का भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल का भ्रमण

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏 भोपाल। दिनांक 25.05.2025 को डॉ. एम.एल. जाट, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , नई दिल्ली ने भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि यांत्रिकी संस्थान, नबीबाग, बैरसिया रोड, भोपाल का भ्रमण किया। उन्होंने संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया एवं हाल ही में विकसित की गई तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन देखा। डॉ. जाट ने संबंधित प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों से संवाद किया और उन्हें किसानों के लिए उपयोगी तकनीकों के विकास हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया। इस अवसर पर उनके साथ डॉ. ए.के. नायक, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली; डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, अटारी, जबलपुर; डॉ. एम. मोहंती, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-मृदा विज्ञान संस्थान तथा डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि यांत्रिकी संस्थान, भोपाल भी उपस्थित थे। बाद में, महानिदेशक महोदय ने संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ एक संवाद बैठक की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने "मांग आधारित" तकनीकों के ...

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