डॉ. एम.एल. जाट, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग एवं महानिदेशक, भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली का भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान, भोपाल का भ्रमण
🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏
भोपाल। दिनांक 25.05.2025 को डॉ. एम.एल. जाट, सचिव, कृषि अनुसंधान और शिक्षा विभाग एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , नई दिल्ली ने भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि यांत्रिकी संस्थान, नबीबाग, बैरसिया रोड, भोपाल का भ्रमण किया। उन्होंने संस्थान की विभिन्न प्रयोगशालाओं का अवलोकन किया एवं हाल ही में विकसित की गई तकनीकों और उत्पादों का प्रदर्शन देखा। डॉ. जाट ने संबंधित प्रयोगशालाओं में कार्यरत वैज्ञानिकों से संवाद किया और उन्हें किसानों के लिए उपयोगी तकनीकों के विकास हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया।
इस अवसर पर उनके साथ डॉ. ए.के. नायक, उप महानिदेशक (प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन), भा.कृ.अनु.प., नई दिल्ली; डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, अटारी, जबलपुर; डॉ. एम. मोहंती, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-मृदा विज्ञान संस्थान तथा डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि यांत्रिकी संस्थान, भोपाल भी उपस्थित थे।
बाद में, महानिदेशक महोदय ने संस्थान के सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों के साथ एक संवाद बैठक की अध्यक्षता की। अपने संबोधन में उन्होंने "मांग आधारित" तकनीकों के विकास पर बल दिया। उन्होंने स्पष्ट किया कि मांग आधारित तकनीक का अर्थ है ऐसी तकनीक जो किसानों द्वारा माँगी गई हो या जिसकी उन्हें आवश्यकता हो। उन्होंने बताया कि इस पहल को सशक्त करने हेतु माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री द्वारा "विकसित कृषि संकल्प यात्रा 2025" का शुभारंभ दिनांक 29 मई से 12 जून 2025 तक किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य किसानों और वैज्ञानिकों के बीच संवाद स्थापित करना है।
उन्होंने वैज्ञानिक समुदाय से आग्रह किया कि वे कृषि की जटिल समस्याओं को बहुविषयक दृष्टिकोण से हल करें। आवश्यक विषयों के वैज्ञानिक एकजुट होकर मिलकर कार्य करें, जिससे जटिल समस्याओं का समाधान संभव हो सके। उन्होंने विशेषकर पर्वतीय कृषि, विशिष्ट कृषि क्षेत्रों आदि के लिए किफायती यांत्रिकी समाधानों के विकास की आवश्यकता पर बल दिया।
उप महानिदेशक डॉ. ए.के. नायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि कृषि यंत्र ऐसे हों जिन्हें महिलाएं, वृद्ध किसान एवं युवा आसानी एवं सुरक्षित रूप से संचालित कर सकें। उन्होंने क्षेत्र विशेष की आवश्यकताओं के अनुसार समाधान प्रस्तुत करने पर बल दिया।
डॉ. एस.आर.के. सिंह, निदेशक, अटारी, जबलपुर ने अपने क्षेत्र (मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़) में विकसित कृषि संकल्प यात्रा की रूपरेखा प्रस्तुत की।
डॉ. सी.आर. मेहता, निदेशक, भा.कृ.अनु.प.-केन्द्रीय कृषि यांत्रिकी संस्थान, भोपाल ने संस्थान की पिछले एक वर्ष की प्रमुख उपलब्धियों की जानकारी दी, जिनमें सेंसर आधारित यंत्र, मानव रहित यान प्रौद्योगिकी, बाजरा एवं सोयाबीन आधारित उत्पाद, व्यावसायिकीकृत उपकरण आदि शामिल हैं। उन्होंने बताया कि संस्थान भा.कृ.अनु.प.-भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत तीन शाखाओं में एमटेक एवं पीएचडी डिग्री कार्यक्रम संचालित कर रहा है।
हर वर्ष संस्थान एवं एआईसीआरपी केंद्रों द्वारा फरवरी-मार्च माह में "प्रदर्शन मेला" आयोजित किया जाता है, जिसमें 1.5 लाख से अधिक किसान भाग लेते हैं।
अंत में, धन्यवाद प्रस्ताव के साथ बैठक का समापन हुआ।
✍ राधेश्याम चौऋषिया
● सम्पादक, बेख़बरों की खबर
● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन
● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक
● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति
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