मनोरंजन की आड़ में समाज पर प्रहार - प्रफुल्ल केतकर उज्जैन । प्रज्ञा प्रवाह मालवा प्रांत द्वारा ‘पॉप कल्चर एस अ बैटलफील्ड’ विषय पर, कालिदास संस्कृत अकादमी, उज्जैन में युवा संवाद का कार्यक्रम आयोजित किया गया। संवाद के मुख्य वक्ता एवं ऑर्गेनाइजर पत्रिका के संपादक प्रफुल्ल केतकर ने कहा कि, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को आधार बनाकर एवं तथाकथित मनोरंजन की आड़ लेकर, समाज एवं परिवार व्यवस्था को दो धड़ों में बांटने का कुत्सित प्रयास किया जा रहा है। सिनेमा, टी.वी. सीरीज़, ओ.टी.टी. प्लेटफॉर्म्स, स्टैंड अप कॉमेडी एवं सोशल मीडिया के माध्यम से ऐसे कंटेंट को भी प्रसारित किया जा रहा है जिससे योजनाबद्ध तरीके से निरंतर समाज व्यवस्था पर प्रहार हो सके। केतकर ने कहा कि भारतीय संविधान में वर्णित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता असीमित नहीं है, बल्कि यह स्वतंत्रता उचित प्रतिबंधों से सीमित है। अर्थात् भारतीय संविधान के अंतर्गत स्वतंत्रता का अधिकार है, स्वच्छंदता का नहीं। कलात्मक अभिव्यक्ति के नाम पर बंदूकें लहराते हुए गाने के चलचित्र समाज में गुंडागिर्दी एवं आपराधिक मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं, जो अनुचित है। संवाद...