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आंबेडकर का बचपन

  जिसे अपने कष्टों से मुक्ति चाहिए उसे लड़ना होगा। और जिसे लड़ना है, उसे पढ़ना होगा। क्योंकि विज्ञान के बिना लड़ोंगे तो हार जाओगे। यह है बाबा साहेब आंबेडकर के विचार, जिन्होंने दुनिया भर के उत्पीड़ितों, दलितों, पिछड़ों को जीत का एक मंत्र दिया, आजाद भारत के संविधान की रचना की। इस महान क्रांतिकारी में यह हिम्मत कहां से पैदा हुई? किन परिस्थितियों में जूझकर वह तपे, पले, बढ़े? और किन कठिनाइयों और यातनाओं के दौर से गुजरे कि सारी दुनिया के उत्पीड़ितों, दलितों, कमजोरों और वंचितों की आवाज और उनके मसीहा बन गए। उन्होंने भारत के एक ऐसे ग्रंथ की रचना कर डाली जिसमें समूचे समाज के लिए अमन, भाई-चारा, न्याय, समानता, सामाजिकता, शांति, प्रेम, समता, और देश प्रेम के सूत्र पिरो दिए। भारत के संविधान की रचना कर डाली, जिसकी प्रस्तावना ही.... हम भारत के लोग... से आरंभ होती है। दलित, वंचित और पिछड़ी जातियों के उत्थान और सहायता करने के संकल्प के यह बीज किसी भी इंसान में बचपन में ही मौजूद रहते हैं। विकट और विषम परिस्थितियां उन्हें और मजबूत करती रहती हैं। मैंने इसी विचार को केंद्र में रख कर बाबा साहेब के बचपन की घटनाओं क

इग्नू में शैक्षणिक सत्र 2022-23 हेतु प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ

शैक्षणिक तौर वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित एवं विश्व में सबसे बड़े विश्वविद्यालय, इन्दिरा गॉंधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा संचालित लगभग सवा दो सौ अकादमिक पाठ्यक्रमों में अकादमिक सत्र 2022-23 के लिए प्रवेश प्रक्रिया प्रारम्भ है, जो पूरी तरह से ऑनलॉइन है। प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी दुनिया के किसी स्थान से आवश्यक दस्तावेजों को अपलोड कर आसानी से प्रवेश प्राप्त कर सकते हैं। ऑनलॉइन ही प्रवेश शुल्क जमाकर देश के प्रतिष्ठित तथा नैक द्वारा सर्वोच्च ग्रेड प्राप्त विश्वविद्यालय में प्रवेश प्राप्त कर अपना भविष्य संवार सकते हैं।  इग्नू के अध्ययन केन्द्र (1516) विक्रम विश्वविद्यालय स्थित सुमन मानविकी भवन के समन्वय डॉ सत्येन्द्र किशोर मिश्रा ने बताया कि विगत लगभग बीस वर्षों से संचालित लगभग तीस पाठ्यक्रमों के अतिरिक्त शैक्षणिक सत्र 2022 से पच्चीस से अधिक स्नातक, स्नातकोत्तर, सर्टिफिकेट एवं डिप्लोमा के कौशल विकास एवं रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों को अध्ययन केन्द्र इसी सत्र से एक्टिवेट कराने जा रहा है।  सत्र 2022 से जहां एक ओर पुस्तकालय विज्ञान, एमसीए, इतिहास, संस्कृत, ज्योतिष, मनोविज्ञान, दर्शनशा

राष्ट्रवाणी के साथ राष्ट्रीयता का विकास कर रही हैं हिंदी सेवी संस्थाएं और पत्र - पत्रिकाएं - प्रो. शर्मा

  अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ स्वैच्छिक हिंदी सेवी संस्थाओं और पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका पर मंथन राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसका विषय था भारत की स्वैच्छिक हिंदी सेवी संस्थाओं और पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका : उपलब्धि और सम्भावनाएँ। इस आयोजन में विक्रम विश्वविद्यालय , उज्जैन के कुलानुशासक एवं हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना मंतव्य देते हुए कहा कि अगर हिंदी को विश्वव्यापी बनाना है तो हिंदी को कम्प्यूटर एवं संचार प्रौद्योगिकी से जोड़ कर कार्य करना होगा। इससे रोजगार सृजन के अवसर प्रदान किए जा सकेंगे। स्वैच्छिक हिंदी संस्थाओं और पत्र-पत्रिकाओं ने राष्ट्रीय चेतना के प्रसार और स्वाधीनता आंदोलन में योगदान देने के साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में निवासरत हिंदीतर भाषियों को हिंदी के साथ जोड़ने में अविस्मरणीय भूमिका निभाई। उन्होंने राष्ट्रवाणी के प्रचार प्रसार के साथ देश के सांस्कृतिक एकीकरण में अपना अविस्मरणीय योगदान दिया। हिंदी भाषा शिक्षण, अनुसंधान, पत्रकारिता, दृश्य श्रव्य माध्यम लेखन, अनुवाद आ

संस्थाएं राष्ट्रवाणी के साथ-साथ राष्ट्रीयता का विकास कर रही हैं - प्रो. शर्मा

  राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में आभासीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय - "अखिल भारतीय हिंदी समर्थक साहित्यिक संस्थाएं और पत्र-पत्रिकाओं के प्रकाशन के संदर्भ में" इस आयोजन में प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, हिंदी विभागाध्यक्ष, विक्रम विश्वविद्यालय , उज्जैन ने मुख्य वक्ता के रूप में अपना मंतव्य देते हुए कहा कि,- अगर हिंदी को विश्वव्यापी बनाना है तो, हिंदी को कम्प्यूटर से जोड़ कर कार्य करना होगा। जिससे रोजगार सृजन का अवसर प्रदान किया जा सके। मुख्य अतिथि - श्री शरद चन्द्र शुक्ल , ओस्लो , नार्वे ने कहा कि - पत्रकारिता वही है जो , नई जानकारी लेकर आए। स्वयं सूचना एकत्रित करें । परोसी गई सूचनाओं पर विश्वास ना करें । भारत हिन्दी को राष्ट्रभाषा बनाने के लिए हम भी संयुक्त राष्ट्र संघ के रेडियो को सुनें। कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ. शहावुद्दीन नियाज़ मोहम्मद शेख , राष्ट्रीय संयोजक राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना, पुणे, महाराष्ट्र ने कहा कि, दो प्रकार की संस्थाएं हिंदी प्रचार प्रसार के लिए कार्य कर रही हैं। कुछ सरकारी अनुदान पर हैं। कुछ अपने बलबूते पर कार्य कर रही

सदियों पहले पर्यावरण और प्राणियों के संरक्षण का संदेश दिया लोक देवता श्री देवनारायण ने- प्रो शर्मा

लोक देवता श्री देवनारायण प्रकृति, प्राणी और संस्कृति के संदर्भ में पर केंद्रित अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी संपन्न प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना के तत्वावधान में अंतरराष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन किया गया ।  यह संगोष्ठी लोक देवता श्री देवनारायण प्रकृति, प्राणी और संस्कृति के संदर्भ में पर केंद्रित थी। आयोजन के मुख्य अतिथि विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के कला संकायाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा, प्रमुख वक्ता डॉ. देवनारायण गुर्जर, जयपुर, गोपाल बघेल मधु कनाडा, मोहनलाल वर्मा, डॉ.हरिसिंह पाल,  नई दिल्ली, श्री बृजकिशोर शर्मा उज्जैन, डॉक्टर शहाबुद्दीन नियाज मोहम्मद शेख, पुणे, श्री राकेश छोकर, झुंझुनू, डॉ प्रभु चौधरी आदि थे। विक्रम विश्वविद्यालय,  उज्जैन के हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने कहा कि लोक देवता देवनारायण जी से जुड़ना  व्यापक विश्व चेतना से जुड़ना है। उन्होंने सदियों पहले पर्यावरण और प्राणियों के संरक्षण का संदेश दिया। उनकी सूक्ष्म चेतना सभी में समाहित है। वे आज भी जाग्रत देवता हैं।  पीड़ित व्यक्ति की अंतर्मन की पुकार को सुनते हैं। विभिन्न पशुपा

HIGHLIGHTS OF THE UNION BUDGET 2022-23

 Delhi The Union Budget seeks to complement macro-economic level growth with a focus on micro-economic level all inclusive welfare. The Union Minister for Finance & Corporate Affairs, Smt Nirmala Sitharaman tabled the Union Budget 2022-23 in Parliament today. The key highlights of the budget are as follows:   PART A India’s economic growth estimated at  9.2%  to be the highest among all large economies. 60 lakh new jobs  to be created under the productivity linked incentive scheme in 14 sectors. PLI Schemes have the potential to create an  additional production of Rs 30 lakh crore. Entering Amrit Kaal, the 25 year long lead up to India @100, the budget provides impetus for growth along  four priorities :   PM GatiShakti Inclusive Development Productivity Enhancement & Investment, Sunrise opportunities, Energy Transition, and Climate Action. Financing of investments PM GatiShakti The seven engines that drive PM GatiShakti are  Roads, Railways, Airports, Ports, Mass Transport, Wa

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