राष्ट्रवाणी के साथ राष्ट्रीयता का विकास कर रही हैं हिंदी सेवी संस्थाएं और पत्र - पत्रिकाएं - प्रो. शर्मा
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में हुआ स्वैच्छिक हिंदी सेवी संस्थाओं और पत्र-पत्रिकाओं की भूमिका पर मंथन
डॉ. शेख शहनाज ने काशी नागरी प्रचारिणी सभा का उद्देश्य बताया और कहा कि केंद्रीय संस्थाओं द्वारा साहित्य के सभी अंगों की को उन्नत किया जा रहा है ।उन्होंने हिंदी सेवा की दृष्टि से गांधी जी को याद किया और राष्ट्रभाषा प्रचार समिति वर्धा द्वारा राष्ट्रभाषा के प्रचार प्रसार में योगदान को रेखांकित किया।
छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय पाठक बिलासपुर ने कहा कि अनेक संस्थाएं भाषा के प्रचार प्रसार में सहयोगी हैं। सामाजिक , सांस्कृतिक, आर्थिक, धार्मिक सभी क्षेत्रों में उन्नति के लिए कई संस्थाएं भारतेंदु जी के समय स्थापित हुईं। उन्होंने स्त्री एवं वंचित वर्ग के उत्थान आदि के लिए भी कार्य किए। साहित्य और साहित्यकार को मंच देने में पत्र-पत्रिकाएं महत्वपूर्ण कार्य करती हैं। माधवराव सप्रे जी ने पत्रिका के माध्यम से खंडन मंडन समीक्षात्मक पद्धति की शुरुआत की थी।
डॉ अरुणा शुक्ला ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार भाषा विभाग के अधीन संस्थाएं कई पुरस्कार प्रदान करती हैं। विभिन्न योजनाओं के लिए अनुदान प्रदान किया जाता है।
कार्यक्रम में साहित्यकार डॉ परबीन बाला, पटियाला, पंजाब को उनके जन्मदिवस पर सारस्वत सम्मान से सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन डॉ.मुक्ता कान्हा कौशिक रायपुर ने किया।
कार्यक्रम की शुरुआत डॉ. रश्मि चौबे , मुख्य महासचिव महिला इकाई, गाजियाबाद द्वारा सरस्वती वंदना से की गई । स्वागत भाषण संस्था महासचिव डॉ. प्रभु चौधरी के द्वारा दिया गया और उन्होंने राष्ट्रीय महिला दिवस की बधाई दी । प्रस्तावना डॉ. रोहिणी डाबरे ने दी और आभार व्यक्त डॉ परबीन बाला, पटियाला पंजाब ने व्यक्त किया। कार्यक्रम में अन्य अनेक गणमान्यजन उपस्थित रहे।
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