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Showing posts from September, 2025

विधायिका के कार्यकरण से भिज्ञ रहें युवा : डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा

🙏 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया 🙏  भोपाल। प्रतिज्ञा समाजसेवा कल्याण समिति भोपाल द्वारा संचालित प्रतिज्ञा आई.ए.एस. अकादमी में अध्यतयनरत आर्थिक रूप से असहाय छात्र-छात्राओं को डॉ. अवधेश प्रताप सिंह, प्रमुख सचिव, मध्यप्रदेश विधान सभा द्वारा संबोधित किया गया। अध्ययन प्रवास के तहत विधान सभा परिसर पहुँचे करीब नब्बे छात्र-छात्राओं को प्रमुख सचिव, विधान सभा द्वारा विधायिका की प्रक्रिया, विधि निर्माण, सभा समितियों एवं विधान सभा के सदस्यों द्वारा लोक महत्व के विषय विधान सभा में चर्चाकर आमजन को राहत प्रदान करने संबंधी जानकारी देकर ज्ञानवर्द्धन किया गया।  प्रमुख सचिव डॉ. सिंह ने छात्र-छात्राओं का उत्सा्हवर्द्धन करते हुये कहा कि, आप सभी युवा हमारे देश का भविष्य हैं, हरेक जागरूक युवा एवं नागरिक को विधायी प्रक्रिया की जानकारी होना चाहिए। युवा जागरूता के साथ राजपत्र में प्रकाशित विधेयक का अध्ययन कर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुद्ढ़ बनाने में योगदान दे सकते हैं। उन्होंने आवाह्न किया कि, मनोबल ऊँचा रख सतत् मेहनत के बल पर युवा किसी भी लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं।  इस अवसर पर आई.ए.एस. अका...

"निर्णय करे, नो नहीं" – कुलगुरु प्रो. अर्पण भारद्वाज का युवाओं को प्रेरणादायी संदेश

पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला का आयोजन उज्जैन। पं. जवाहरलाल नेहरू व्यवसाय प्रबंधन संस्थान, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन में श्री गणेश व्याख्यानमाला सह दीक्षारंभ उत्सव श्रृंखला प्रसंग-7 का आयोजन प्रेरणादायक और मार्गदर्शक विचारों के आदान-प्रदान के साथ सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर कुलगुरु प्रो. डॉ. अर्पण भारद्वाज ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए नई पीढ़ी के प्रबंध विद्यार्थियों को सशक्त संदेश दिया – "निर्णय करे, नो नहीं"। प्रो. भारद्वाज ने अपने संबोधन में कहा कि आज की प्रबंध की नई पीढ़ी को निर्णय लेने की क्षमता विकसित करनी चाहिए और इस प्रतिष्ठित विभाग में आयोजित इस सामयिक प्रेरक प्रसंग श्रृंखला का भरपूर लाभ उठाना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों को अपने अधिकतम ज्ञान स्त्रोतों के दोहन हेतु प्रेरित किया और कहा कि यह मंच विद्यार्थियों के लिए स्वयं को विकसित करने का एक स्वर्णिम अवसर है। इस अवसर पर विशेष अभिप्रेरक वक्ता के रूप में एसबीआई लाइफ समूह के वरिष्ठ प्रशिक्षण प्रबंधक एवं संस्थान के पूर्व छात्...

विक्रम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में विभिन्न पाठ्यक्रमों में प्रवेश तिथि में वृद्धि की गई

Ujjain | विक्रम विश्वविद्यालय में शैक्षणिक सत्र 2025-26 में स्नातक, स्नातकोत्तर, प्रमाण पत्र, डिप्लोमा पी.जी. डिप्लोमा प्रथम वर्ष सेमेस्टर में सीयूईटी एवं सीधे प्रवेश हेतु रिक्त सीटों, स्नातकोत्तर एक वर्षीय पाठ्‌यक्रम (प्रथम वर्ष / सेमेस्टर), फार्मेसी अध्ययनशाला के अंतर्गत डिप्लोमा इन फार्मेसी, विधि अध्ययनशाला में संचालित पाठ्यक्रमों एवं बी.टेक. डेयरी टेक्नालॉजी (प्रथम वर्ष सेमेस्टर) हेतु प्रवेश की तिथि में वृद्धि की जाकर प्रवेश की तिथि दिनांक 6 सितंबर 2025 निर्धारित की गई है।  प्रवेश के इच्छुक विद्यार्थी विस्तृत जानकारी के लिए संबंधित अध्ययनशाला, संस्थान एवं विभाग से सम्पर्क स्थापित कर सकते हैं। पाठ्यक्रमों में प्रवेश हेतु विद्यार्थी एमपी ऑनलाईन के माध्यम से प्रवेश एवं शुल्क जमा करा सकेंगे। प्रथम वर्ष / सेमेस्टर में प्रवेशित विद्यार्थी दिनांक 6 सितंबर 2025 तक एमपी ऑनलाईन के माध्यम से शुल्क जमा कर सकेंगे। इस आशय की अधिसूचना विक्रम विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ अनिल कुमार शर्मा द्वारा जारी की गई है।

एनआईटीटीटीआर भोपाल में “भारतीय ज्ञान परंपरा” पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन

जो मूल है वही बहुमूल्य है: डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी  ज्ञान वैश्विक हो सकता है लेकिन शिक्षा राष्ट्र के अनुरूप ही होना चाहिए: डॉ. अवनीश भटनागर सही आचरण ही समाज को संगठित रखेगा: डॉ. उत्तम द्विवेदी Bhopal | एनआईटीटीटीआर भोपाल में उच्च शिक्षा विभाग मध्य प्रदेश के शासकीय महाविद्यालयों में पदस्थ प्राध्यापकों हेतु भारतीय ज्ञान परम्परा पर चल रहे प्रशिक्षण कार्यक्रमों की श्रृंखला में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस व्याख्यान के मुख्य वक्ता डॉ. अवनीश भटनागर, डॉ. ललित बिहारी गोस्वामी एवं डॉ. उत्तम द्विवेदी थे।  कार्यक्रम के मुख्य वक्ता श्री अवनीश भटनागर ने भारतीय शिक्षा दर्शन की अवधारणा को विस्तार से प्रस्तुत करते हुए बताया कि शिक्षा केवल सूचना देना नहीं, बल्कि एक समग्र व्यक्तित्व निर्माण की प्रक्रिया है। श्री भटनागर ने शिक्षकों को ‘टीचिंग के मूलमंत्र’ भी दिए और कहा कि शिक्षक का उद्देश्य केवल पढ़ाना नहीं, बल्कि जीवन मूल्यों का संवाहक बनना होना चाहिए।  दूसरे वक्ता प्रो. ललित बिहारी गोस्वामी ने कहा कि जो मूल है वही बहुमूल्य है। भारत में ज्ञान के प्रति अनुराग या साक्षात्कार ...

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