उज्जैन। उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में स्थित स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (SOET) में इंटर्नल हैकथॉन का आयोजन किया गया। यह आयोजन भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के तहत होने वाले स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (ऐसआईएच) का एक हिस्सा था। इसका उद्देश्य छात्रों को नवाचार और समस्या-समाधान के लिए प्रोत्साहित करना था।
स्कूल ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अर्पण भारद्वाज और संस्थान के निदेशक डॉ. संदीप तिवारी ने किया। उन्होंने छात्रों के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन युवाओं को वास्तविक दुनिया की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करते हैं। डॉ. तिवारी ने प्रतिभागियों को शुभकामनाएं दीं और उन्हें अपने विचारों को मूर्त रूप देने के लिए प्रोत्साहित किया।
इस इंटर्नल हैकथॉन में कुल 10 टीमों ने भाग लिया। इन टीमों ने स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के विभिन्न विषयों से संबंधित प्रॉब्लम स्टेटमेंट और उनके संभावित समाधानों पर अपने प्रेजेंटेशन दिए। छात्रों ने अपने तकनीकी ज्ञान, रचनात्मकता और टीम वर्क का प्रदर्शन करते हुए जटिल समस्याओं के लिए अभिनव और व्यवहार्य समाधान प्रस्तुत किए। इन समाधानों में सामाजिक, आर्थिक और तकनीकी क्षेत्रों से जुड़ी कई चुनौतियाँ शामिल थीं, जैसे कि पर्यावरण संरक्षण, स्वास्थ्य सेवा, कृषि और शिक्षा।
इस सफल आयोजन में संस्थान के कई प्रमुख फैकल्टी सदस्यों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई और छात्रों का मार्गदर्शन किया। इनमें इंजी. आशीष सूर्यवंशी, इंजी. रघुनंदन सिंह बघेल, इंजी. राजेश चौहान, इंजी. सचिन सिरोनिया, इंजी. चेतन गुर्जर, इंजी. अमित ठाकुर, इंजी. खेमराज बैरागी, श्रीमती अमृता शुक्ला, इंजी. नेहा सिंह और इंजी. डी. पी. जायसवाल शामिल थे। इन शिक्षकों ने न केवल प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया बल्कि उनके प्रोजेक्ट्स का मूल्यांकन भी किया।
यह इंटर्नल हैकथॉन संस्थान के छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण अनुभव साबित हुआ। इसने उन्हें आगामी स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के लिए तैयार होने का अवसर दिया, जहाँ वे राष्ट्रीय स्तर पर अपने कौशल और विचारों का प्रदर्शन कर सकेंगे।


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