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उपराष्ट्रपति ने जल संवर्धन और जल के बेहतर प्रबंधन के लिए देश में सबसे बेहतर काम के लिए मध्यप्रदेश को प्रथम पुरुस्कार से सम्मानित किया

मध्यप्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा जी ने राज्य की ओर से इस पुरुस्कार को गृहण किया

💧💧 द्वारा, राधेश्याम चौऋषिया, वरिष्ठ पत्रकार 💧💧

नई दिल्ली, शनिवार, 17 जून, 2023 । भारत के उपराष्ट्रपति  श्री जगदीप धनखड़ महोदय ने  मध्यप्रदेश राज्य को देश में जल संरक्षण, संवर्धन और मानव जीवन के लिए जल के उपयोग में सबसे बेहतर काम करने पर दिल्ली में आयोजित समारोह में प्रथम पुरुस्कार प्रदान किया  ।

जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा नई दिल्ली विज्ञान भवन में  आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय पुरुस्कार समारोह में  प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा जी ने राज्य की ओर से इस पुरुस्कार को गृहण किया।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्री विश्वेश्वर टुडू भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

मध्यप्रदेश द्वारा जल के क्षेत्र में किए गए अभूतपूर्व और अनुकरणीय कार्यों के कारण राज्य को “सर्वश्रेष्ठ राज्य” के “राष्ट्रीय जल पुरस्कार” से अलंकृत किया गया है । मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन श्री शिवराज सिंह चौहान की ओर से जल संसाधन एवं मत्स्य विकास तथा मछुआ कल्याण मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट व अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा जी द्वारा पुरस्कार ग्रहण किया गया ।

जल शक्ति मंत्रालय के द्वारा नई दिल्ली विज्ञान भवन में  आयोजित चतुर्थ राष्ट्रीय जल पुरुस्कार समारोह में माननीय उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ से प्रदेश के जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट और एसीएस श्री एस.एन. मिश्रा जी ने राज्य की ओर से इस पुरुस्कार को गृहण किया।

इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत, राज्य मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल, श्री विश्वेशर टुडू भी अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

मंत्री श्री सिलावट के साथ अपर मुख्य सचिव श्री एस.एन. मिश्रा, मोहनपुरा-कुंडालिया परियोजना से विकास राजोरिया, शुभंकर विश्वास एवं गरिमा अग्रवाल आदि उपस्थित रहे ।

इस अवसर जल संसाधन मंत्री श्री तुलसीराम सिलावट ने बताया कि,  प्रदेश के लाडले और किसान पुत्र मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में कृषि और किसान भाईयो के लिए विगत 18 वर्षो में मध्यप्रदेश में

ऐतिहासिक काम हुए हैं । सिंचाई का रकबा 7 लाख से बढ़कर 45 लाख हेक्टेयर हो गया है जिसे 2025 तक 65 लाख हैक्टेयर कर लिया जाएगा। जल प्रबंधन के क्षेत्र में मध्यप्रदेश ने हर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य किया है ।

 मंत्री श्री सिलावट ने कहा कि,  प्रदेश को यह अवार्ड जल संसाधनों के उत्कृष्ट प्रबंधन से जल क्षेत्र के समस्त भागो में  विशिष्ट कार्य हेतु प्राप्त हुआ है ।

सिंचाई क्षेत्र में विस्तार

गत 18 वर्षों में सिंचाई क्षेत्र में छह गुना की वृद्धि। वर्ष 2003-04  में सात लाख हेक्टेयर सिंचाई क्षमता को बढ़ाकर 45 लाख हेक्टेयर किया गया है एवं गत तीन वर्षों में छह लाख हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षेत्र विकसित कर कई लघु, मध्यम एवं वृहद परियोजना पूर्ण की गई है ।

जल उपयोग दक्षता उन्नयन

बाँध से सीधे खेतों तक भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से जल को पहुंचाए जाने का नवाचार जो कि प्रदेश के मोहनपुरा एवं कुंडालिया परियोजना (2 लाख पचासी हज़ार हेक्टेयर) के रूप में जल उपयोग दक्षता उन्नयन के क्षेत्र में अनुकरणीय सिंचाई परियोजना के रूप में स्थापित हो चुके हैं ।

जल जीवन मिशन

माननीय प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी "हर घर - नल से जल" के मिशन में मध्य प्रदेश द्वारा 3 वर्षों में 47 लाख घरों को अल्पावधि में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराया गया । वर्ष 2019 में केवल 13 लाख घरों तक नल से जल पहुँचा था जो कि आज 60 लाख से अधिक घरों में जल पहुँच चुका है ।

जल प्रणाली का संरक्षण

पुराने जल संरचनाओं का जीर्णोद्धार, भू-जल प्रबंधन, सीवेज प्रबंधन एवं जलक्षेत्र में सूचना एवं प्रौद्योगिकी का उच्चतम प्रयोग कर उन्नयन और जीवित किया गया ।

नदी कछार नियोजन एवं प्रबंधन के क्षेत्र में अभियंताओं की दक्षता से चंबल तथा सिंध नदी कछार प्रबंधन योजनाओं की परिकल्पना एवं क्रियान्वयन किया गया ।

✍ राधेश्याम चौऋषिया 

Radheshyam Chourasiya 

Radheshyam Chourasiya II 

● सम्पादक, बेख़बरों की खबर

● राज्य स्तरीय अधिमान्य पत्रकार, जनसम्पर्क विभाग, मध्यप्रदेश शासन

● राज्य मीडिया प्रभारी, भारत स्काउट एवं गाइड मध्यप्रदेश

● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक निर्णायक

● मध्यप्रदेश ब्यूरों प्रमुख, दैनिक मालव क्रान्ति

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